प्रोकेरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell and Eukaryotic cell)

answerduniya में आपका स्वागत है। क्या आप विज्ञान विषय के विद्यार्थी हैं या आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं जिसमे विज्ञान के प्रश्न आते हैं। अगर हाँ तो यह पोस्ट आपके लिए ही है, क्यूंकि इस पोस्ट में हम जंतु विज्ञान के एक महत्वपूर्ण प्रश्न  प्रोकेरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell and Eukaryotic cell) में अंतर के बारे में जानने  वाले हैं । 

(Difference between Prokaryotic cell and Eukaryotic cell)

प्रोकेरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell and Eukaryotic cell)

(1) प्रोकेरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell):- ये सरल रचना वाली कोशिकाएँ हैं जो मात्र एक कोशिका कला (Single cell membrane) से घिरी रहती है। चूँकि इसमें कोशिका कला के अतिरिक्त अन्य कोई कला (Membrane) नहीं होती, अत: इसमें नाभिक (Nucleus) तथा अन्य कोशिकांग (Cell  organelles), जैसे- माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria), गॉल्जी काय (Golgi body), अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum), क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast) एवं लाइसोसोम (Lysosome) आदि नहीं पाये जाते हैं। केन्द्रक पदार्थ डी.एन.ए. (D.N.A.) से निर्मित होता है। इसके चारों ओर न्यूक्लिओप्रोटीन (Nucleoprotein) का आवरण नहीं पाया जाता है। इसके न्यूक्लिओइड (Nucleoid) कहते है। केन्द्रक पदार्थ के चारों ओर केन्द्रक झिल्ली का अभाव होता है। केन्द्रिका (Nucleolus) तथा सूत्री उपकरण (Mitotic apparatus) का अभाव होता है। यह प्राय: कार्बोहाइड्रेट तथा अमीनो अम्लों द्वारा बनी कोशिका भित्ति (Cell wall) द्वारा घिरे रहते हैं। इनकी प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) से प्राय: मोजोसोम (Mesosome) नामक कुछ अन्तर्वेध (Intrusions) अन्दर की ओर निकले रहते हैं, जिनकी संरचना जटिल होती है। इनमें अमीबीय गति (Amoeboid movement) नहीं पाई जाती है। इसके अतिरिक्त सर्वव्यापी वितरण, शीघ्र वृद्धि, लघु पीढ़ी काल (Short generation period), जीव रासायनिक व्यापकता (Biochemical versatility) एवं जीन सम्बन्धी व्यापकता (Genic flexibility) इनके विशेष गुण हैं। इन कोशिकाओं में राइबोसोम छोटे माप 705 के होते हैं तथा कोशिका विभाजन के समय तर्कु (Spindle) नहीं बनता है। विकास के प्रमाणों से पता चलता है कि प्रोकेरियोटिक कोशिका से ही यूकेरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell) का उद्भव हुआ है। जीवाश्मों में प्रोकेरियोटिक कोशिका तीन अरब पूर्व भी पायी गयी है, जबकि यूकेरियोटिक का उद्भव लगभग एक अरब वर्ष पूर्व हुआ है। प्रोकेरियोटिक कोशिका तथा यूकेरियोटिक कोशिका में प्रमुख समानता यह है कि दोनों में जेनेटिक कोड (Genetic code) तथा प्रोटीन संश्लेषण (Protein synthesis) की क्रिया-विधि समान होती है। इसके अन्तर्गत जीवाणु कोशिका (Bacterial cell), नीले हरे शैवाल (Blue-green algae) तथा पी. पी. एल. ओ. (PPLO Pleuro Pneumonia like Organism) इत्यादि आते हैं।

जानें- शैवाल का  वर्गीकरण ( Shaival ka Vargikaran in Hindi)

(2) यूकेरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell):- ये कोशिकाएँ पूर्ण रूप से सुविकसित होती हैं अर्थात् इनमें केन्द्रक एवं कोशिकांग (Cell organelles) पाये जाते हैं। इस प्रकार की कोशिकाएँ जीवाणु तथा नीली-हरी शैवालों के अतिरिक्त प्राय: सभी जीवधारियों में पायी जाती हैं। केन्द्रक पदार्थ के चारों ओर निश्चित केन्द्रक झिल्ली होती है तथा कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) में माइटोकॉण्ड्रिया, क्लोरोप्लास्ट (Chloroplast), गॉल्जीकाय (Golgi body) एवं लाइसोसोम (Lysosome) आदि कोशिकांग (Organelles) होते हैं। इनके कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) में अमीबीय गति (Amoeboid movement) होती है। केन्द्रक (Nucleus) में केन्द्रिका (Nucleoli) होते हैं। एक से अधिक गुणसूत्र (Chromosome) में हिस्टोन पाया जाता है। इन कोशिकाओं के द्वारा सभी प्रकार की उपापचय क्रियाएं की जातीहैं तथा इनका स्वभाव सहयोगी होता है।

प्रोकेरियोटिक कोशिका और यूकेरियोटिक कोशिका में अंतर(Difference between Prokaryotic cell and Eukaryotic cell)

प्रोकेरियोटिक कोशिका (Prokaryotic cell)

1. यह प्रारम्भिक या आद्य (Primitive) कोशिका है।

2. इसकी कोशिका भित्ति (Cell wall) प्रोटीन एवं कार्बोहाइड्रेट की बनी होती है।

3. इसके कोशिकाद्रव्य में कोशिकांग (Organelles) का अभाव होता है।

4. इन कोशिकाओं में राइबोसोम 70S श्रेणी के होते हैं जो 50S एवं 30S सब यूनिटों (Subunit) के होते हैं।

5. इन कोशिकाओं में वास्तविक केन्द्रक नहीं होता केन्द्रक पदार्थ (क्रोमेटिन) स्वतन्त्र रूप से कोशिका द्रव्य में वितरित रहता है।

5. हिस्टोन (Histone) अनुपस्थित होता है।

7. न्यूक्लिओलस (Nucleolus) एवं सेन्ट्रियोल (Centriole) का अभाव होता है।

8. विभाजन के समय तर्कु (Spindle) नहीं बनता।

9. सूत्री विभाजन असूत्री विभाजन (Amitosis) द्वारा होता है।

10. श्वसनं एवं प्रकाश-संश्लेषण एन्जाइम प्लाज्मा झिल्ली में होते हैं।

11. सूत की लच्छी के समान केवल एक डी.एन.ए. का गुणसूत्र (Chromosome) बना होता है।

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यूकेरियोटिक कोशिका (Eukaryotic cell)

1. यह सुविकसित (Developed) कोशिका है।

2. इसकी कोशिका भित्ति प्राणियों की कोशिका में प्लाज्मा झिल्ली के रूप में पायी जाती है तथा पादप कोशिकाओं

में यह सेलूलोस (Cellulose) की बनी होती है।

3. इसके कोशिकाद्रव्य में एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम (Endoplasmic reticulum) माइटो काण्डूया। (Mitochondria) गाल्जी काय (Golgi body) लाइसोसोम (Lysosome) एवं प्लैस्टिड (Plastid) आदि होते हैं।

4. इन कोशिकाओं के राइबोसोम 80S श्रेणी के होते हैं तथा 60S एवं 40S सब यूनिटों के होते हैं।

5. इसमें केन्द्रक निश्चित स्थिति में होता है। इसके चारों ओर स्पष्ट केन्द्रक झिल्ली (Nuclear membrane) होती है। इस झिल्ली के अन्दर केन्द्रक पदार्थ होता है।

6. हिस्टोन (Histone) क्रोमेटिन पदार्थ का महत्वपूर्ण घटक है।

7. न्यूक्लिओलस एवं सेन्ट्रिओल पाये जाते हैं।

8. विभाजन के समय तर्कु (Spindle) बनता है।

9. कोशिका विभाजन सूत्री तथा अर्द्धसूत्री दोनों प्रकार से होता है।

10. श्वसन एवं प्रकाश-संश्लेषण एन्जाइम माइटोकॉण्ड्रिया एक क्लोरोप्लास्ट में होता है।

11. केन्द्रक में एक से अधिक गुणसूत्र होते हैं।

इस पोस्ट में हमने (Prokaryotic cell and Eukaryotic cell) के बारे में जाना। जो विभिन्न परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है ।

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सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)

इस लेख में हम सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)  के बारे में जानने वाले हैं। रसायन विज्ञान का यह एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिससे सम्बंधित प्रश्न अक्सर ऊच्चतर माध्यमिक की परीक्षाओं में पूछे जाते रहते हैं और सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)  से जुड़े प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)

सहसंयोजकता (Sahsanyojakata bandh siddhant) 

सहसंयोजकता- तत्वों के परमाणु अपने कुछ इलेक्ट्रॉनों का स्वयं के अन्य परमाणु या अन्य तत्व के परमाणु के इलेक्ट्रॉनों के साथ संयोजन कर अणु बनाते हैं। संयोग करने वाले परमाणुओं के मध्य परस्पर आकर्षण के कारण रासायनिक बन्ध बनता है और अणु को स्थायी विन्यास प्राप्त होता है। यह संयोजन उन परमाणुओं के इलेक्ट्रॉनों की परस्पर साझेदारी द्वारा सम्पन्न होता है। दोनों परमाणु समान संख्या में इलेक्ट्रॉन देकर उभयनिष्ठ इलेक्ट्रॉन युग्म बनाते हैं। यह प्रक्रिया सहसंयोजकता कहलाती है।

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संयोजकता वन्ध सिद्धान्त (Valence Bond Theory)

इसे परमाणु कक्षक सिद्धान्त (Atomic Orbital Theory) भी कहते हैं। इसे पहले हिटलर और लन्दन (Heitler and London) द्वारा प्रस्तावित किया गया, जिसमें सहसंयोजक बन्ध की प्रकृति को समझाया गया है। इस धारणा को अधिक विकसित कर पॉलिंग और स्लेटर (Pauling and Slater) ने सहसंयोजक बन्ध की दिशात्मक प्रवृत्ति को स्पष्ट किया। सिद्धान्तों का इस प्रकार मिला-जुला और सम्बन्धित रूप संयोजकता बन्ध सिद्धान्त' कहलाता है। इस सिद्धान्त की व्याख्या परमाणु कक्षकों के रेखीय संयोजन (Linear Combination of Atomic Orbitals or LCAO) के आधार पर की जाती है।

(अ) हिटलर-लन्दन सिद्धान्त- दो विपरीत चक्रण वाले (भिन्न परमाणु) अयुग्मित इलेक्ट्रॉन कक्षक एक-दूसरे से अतिव्यापन द्वारा बन्ध बनाते हैं। विपरीत चक्रण के कारण वे एक-दूसरे के चुम्बकीय क्षेत्र को निरस्त कर आपसी आकर्षण द्वारा इलेक्ट्रॉन युग्म बना लेते हैं। ये इलेक्ट्रॉन युग्म दोनों परमाणु नाभिकों से संबंधित रहते हैं। अतिव्यापन के कारण अधिकतम इलेक्ट्रॉन घनत्व दोनों नाभिकों के बीच में बनता है, जो दोनों नाभिकों को आकर्षण द्वारा वाँधे रखता है।

इस सिद्धान्त में बन्ध के दिशात्मक लक्षणों पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।

(ब) पॉलिंग-स्लेटर का सिद्धान्त- यह सिद्धान्त सन् 1932 में लीनस पॉलिंग तथा स्लेटर द्वारा दिया गया। इसे संयोजकता बन्ध सिद्धान्त कहते हैं। इसके अनुसार-

(1) दो परमाणुओं के बीच सहसंयोजक बन्ध का निर्माण उनके कक्षकों (Orbitals) के अतिव्यापन से होता है।

(2) बन्ध बनाने वाले परमाणुओं के बाह्य कक्षक में विपरीत चक्रण वाले इलेक्ट्रॉन रहते हैं। किसी परमाणु द्वारा बनाये गये सहसंयोजक बन्ध की संख्या, उसमें पाये जाने वाले अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या के बराबर होती है।

(3) अतिव्यापन के बाद अधिकतम इलेक्ट्रॉन घनत्व दोनों परमाणुओं के बीच रहता है। यह इलेक्ट्रॉन घनत्व ही दोनों नाभिकों को आकर्षण द्वारा बाँधे रखता है।

(4) सहसंयोजी बन्ध की शक्ति (Strength) अतिव्यापन में भाग लेने वाले दोनों परमाणु कक्षकों के अतिव्यापन के समानुपाती होती है।

(5) s- कक्षक चारों दिशाओं में बन्ध बना सकता है, किन्तु p. d और f-कक्षक केवल उन्हीं दिशाओं में बन्ध बनाते हैं, जिन अक्षों पर वे पहले से स्थित होते हैं।

(6) समाक्ष (Co-axial) अतिव्यापन से सिग्मा (G) बन्ध तथा पाश्र्वीय (Sidewise) अतिव्यापन से पाई (ग) वन्ध बनता है।

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संयोजकता वन्ध सिद्धान्त की सीमाएँ

सहसंयोजक बन्ध के इस पॉलिंग-स्लेटर सिद्धान्त से सहसंयोजक बन्ध की दिशा निर्धारित होकर पूर्व में अनुत्तरित कई प्रश्नों का समाधान हो जाता है। अतः यह सिद्धान्त व्यापक रूप से प्रयुक्त होता है, फिर भी इस सिद्धान्त में कुछ कमियाँ हैं। जैसे-

(i) उप-सहसंयोजक वन्ध (co-ordinate bond) बनना इस सिद्धान्त में निहित नहीं है। इस बन्ध निर्माण में इलेक्ट्रॉन युग्म, जो किसी एक परमाणु द्वारा ही दिया जाना चाहिए, आवश्यक है।

(ii) सहसंयोजक बन्ध के आयनिक गुण संयोजकता वन्ध सिद्धान्त से समझाये नहीं जा सकते।

(iii) संयोजकता वन्ध सिद्धान्त के अनुसार, अणु निर्माण के बाद अयुग्मित इलेक्ट्रॉन रहने की कोई सम्भावना नहीं है, क्योंकि विपरीत चक्रण युक्त इलेक्ट्रॉनों का युग्मन ही बन्ध निर्माण की अनिवार्यता है। इसके बाद भी O, अणु अनुचुम्बकीय गुण प्रदर्शित करता है तथा उसमें 2 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं, यह इस सिद्धान्त से स्पष्ट नहीं हो पाता है।

(iv) अनुनादी संकर जैसी संरचनाएँ संयोजकता बन्ध सिद्धान्त के द्वारा स्पष्ट नहीं है, जबकि रासायनिक गुणों को स्पष्ट करने हेतु अनुनादी संकर संरचना की आवश्यकता होती है तथा वर्तमान स्पेक्ट्रम व नवीनतम तकनीकी से अनुनादी संरचनाओं की उपस्थिति प्रमाणित होती है।

(v) इस सिद्धान्त के द्वारा H,* जैसे आयनों के बनने को नहीं समझाया जा सकता है।

(vi) यह सिद्धान्त इलेक्ट्रॉन न्यून यौगिकों, धातुओं तथा अधात्विक यौगिकों में बन्धन को स्पष्ट करने में असमर्थ है।

हाइड्रोजन अणु (H) का बनना

दो हाइड्रोजन परमाणुओं के मध्य ऽ-कक्षकों के अतिव्यापन से सहसंयोजक बन्ध बनकर H2 अणु बनता है। हाइड्रोजन परमाणु में 1s-कक्षक में एक इलेक्ट्रॉन होता है। दो परमाणुओं के कक्षक, अतिव्यापन करने से निकट आते हैं। उनकी स्थितिज ऊर्जा न्यूनतम हो जाने की स्थिति पर स्थायित्व आकर अणु बनता है। नाभिक इस सीमा में हटकर और पास-पास नहीं आ सकते क्योंकि तब नाभिकों के मध्य प्रतिकर्षण होने लगेगा। स्थायित्व की इस स्थिति में न्यूनतम ऊर्जा का मान बन्ध ऊर्जा। और नाभिकों के बीच की दूरी बन्ध लम्बाई कहलाती है, जो क्रमश: 103-2 किलो कैलोरी प्रति ग्राम अणु तथा 0-74A होती है। यह बन्ध 5-5 अतिव्यापन से बनता है और सिग्मा (6) बन्ध कहलाता है।

होटलर- लन्दन- सिद्धान्त के द्वारा समध्रुवीय (Homopolar) जैसे-H, का बनना भली-भाँति समझाया जा सकता है। यदि दो समान परमाणुओं (जैसे-H परमाणु) की अन्योन्य क्रिया ऊर्जा (interaction energy) को कई पदों में ज्ञात की जाये, तो यह मालूम होता है कि अत्यधिक दूरी पर संयोग नहीं होता और अत्यधिक निकट होने पर धनात्मक आवेश वाले दोनों हाइड्रोजन नाभिकों के पास होने पर प्रतिकर्षण बल उत्पन्न हो जाता है।  दो समान इलेक्ट्रॉनिक चक्रण वाले हाइड्रोजन परमाणुओं को पास लाने पर जो-जो ऊर्जा परिवर्तन होते हैं, वे वक्र में तथा असमान इलेक्ट्रॉनिक चक्रण वाले दो हाइड्रोजन परमाणुओं को पास लाने पर ऊर्जा परिवर्तन वक्र 2 में दर्शाये गये हैं। वक्रों से स्पष्ट है कि जब असमान चक्रण वाले हाइड्रोजन Y परमाणु पास आवे हैं, तो उनकी ऊर्जा में कमी होती है तथा यदि परमाणुओं के बीच की दूरी और भी कम की जाये, तो यह ऊर्जा पुनः बढ़ने लगती है। अतः यह स्पष्ट है कि परमाणुओं के मध्य एक निश्चित दूरी पर हो यह ऊर्जा न्यूनतम होती है।

हाइड्रोजन अणु की विघटन ऊर्जा (dissociation energy) 103.2 कि कैलोरी होती है। इससे यह भी स्पष्ट है कि दो परमाणुओं के बीच जब बन्ध बनता है (H2 अणु बनने में) तो इतनी हो ऊर्जा निकलती है, जिसका अर्थ है कि दो अलग- अलग परमाणुओं की सम्पूर्ण स्थितिज ऊर्जा की अपेक्षा हाइड्रोजन अणु की सम्पूर्ण स्थितिज ऊर्जा न्यून (low) होती है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि H2

Valence Bond Theory


अणु के बनने में ऊर्जा की कमी होती है। वक्र 2 का निम्निष्ठ (minima) यह प्रदर्शित करता है कि जब विपरीत इलेक्ट्रॉन चक्रण वाले दो हाइड्रोजन परमाणुओं को एक निश्चित दूरी तक पास लाया जाता है, तो उनके बीच बन्ध बनना सम्भव है।

इस लेख में हमने सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)  के बारे में जाना। जो परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक है।

उम्मीद करता हूँ कि सहसंयोजकता बंध सिद्धांत (Sahsanyojakata bandh siddhant)  का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा , अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इस लेख को शेयर अवश्य करें।

NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI pdf download

क्या आप NEET 2023  की तैयारी कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं। तो आपको इसके लिए अच्छी रणनीति तैयार करनी होगी। जिसमे आपको एक एक विषय को अलग अलग पड़ना पड़ेगा और फिर उसके बहुत सारे MCQ सोल्व करने होंगे जिससे आपकी तैयारी पुख्ता हो सके।  NEET की परीक्षा में PHYSICS से सम्बन्धित जिस प्रकार प्रश्न पूछे जाते हैं उनका कुछ नमूना इस पोस्ट में दिया जा रहा है। NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI 

NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI

NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI pdf download

प्रश्न:- यदि एक पेंचमापी की पिच 1.5 mm और वृत्तीय पैमाने पर 300 विभाजन हैं, तो निम्नलिखित में से कौन सा पाठ्यांक इस पेंचमापी से लिया जा सकता है?
उत्तर- 0.030000 m 

प्रश्न:- मापन की यथार्थता किससे निर्धारित होती है?
उत्तर- प्रतिशत त्रुटि

प्रश्न:- आवेश की विमा है-
उत्तर- TA

प्रश्न:- कुंडली के स्वप्रेरकत्व का मात्रक है-
उत्तर- हेनरी

प्रश्न:- जूल-सेकण्ड किसका मात्रक है?
उत्तर- कोणीय संवेग

प्रश्न:- पारसेक किसका मात्रक है?
उत्तर- दूरी

प्रश्न:- ऑर्स्टेड किसका मात्रक है?
उत्तर- चुंबकीय तीव्रता

प्रश्न:- एक सेकण्ड किसके बराबर है?
उत्तर- Cs घड़ी के 9192631770 आवर्तकाल 

प्रश्न:- किसी भी भौतिक राशि का परिमाण:
उत्तर- मापन की विधि पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न:- मात्रकों के संबंध में कौन-सा दूसरों से भिन्न है?
उत्तर- प्वासों अनुपात

प्रश्न:- नाभिकीय त्रिज्या को मापने के लिए कौन सा मात्रक सही है?
उत्तर- फर्मी

प्रश्न:- वोल्ट को दर्शाता है :
उत्तर- वाट/एम्पियर

प्रश्न:- भौतिक राशियों के युग्म (युग्मों) जिनकी विमाएँ समान नहीं हैं, 
उत्तर- प्लांक नियतांक और बल आघूर्ण

प्रश्न :- माक संख्या एक के बराबर होती है जब वस्तु का वेग बराबर होता है:
उत्तर- ध्वनि का वेग (332m/sec)

प्रश्न :-केल्विन पैमाने पर 0 अंश सेल्सियस का सही मान है।
उत्तर- 273.15 K

प्रश्न :-कैंडेला किसका मात्रक है?
उत्तर- ज्योति तीव्रता

प्रश्न :-यदि 97.52 को 2.54 से विभाजित किया गया है, तो सार्थक अंकों के पदों में सही परिणाम क्या है?
उत्तर- 38.4

प्रश्न :-शक्ति का मात्रक क्या है?
उत्तर- किलोवॉट

प्रश्न :-दो राशियों A और B की विमाएँ अलग-अलग हैं। नीचे दी गई गणितीय संक्रियाओं में कौन सी भौतिक रूप से सार्थक है?
उत्तर- A/B+

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NEET 2023 PHYSICS MCQ 

प्रश्न :- प्लांक नियतांक की विमा (मात्रक) क्या हैं?
उत्तर- कोणीय संवेग

प्रश्न :- द्रव्यमान और चाल के मापन में प्रतिशत त्रुटियां क्रमशः 2% और 3% हैं। द्रव्यमान और चाल के मापन द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा के आंकलन में अधिकतम त्रुटि कितनी होगी?
उत्तर- 8%

प्रश्न :- एक प्रयोग में एक सरल लोलक का दोलन काल क्रमशः 2.63 s, 2.56 s, 2.42 s, 2.71 s और 2.80 s के रूप में अंकित किया गया है। औसत निरपेक्ष त्रुटि है-
उत्तर- 0.11 s

प्रश्न :- CR की विमा है-
उत्तर- आवर्तकाल

प्रश्न :- पारसेक किसकी मापन इकाई है ?
उत्तर- खगोलीय दूरी

प्रश्न :- दिष्ट धारा की आवृत्ति …………….. है?
उत्तर- शून्य

प्रश्न :- इस्पात के गोले में पदार्थ की मात्रा उसका क्या होती है?
उत्तर- द्रव्यमान

प्रश्न :-क्वांटम सिद्धांत का सुझाव किसने दिया?
उत्तर- मैक्स प्लैन्क

प्रश्न :-परमाणु शक्ति संयंत्र किस सिद्धान्त पर काम करता है?
उत्तर- विखण्डन

प्रश्न :- ए.टी.एम. (ATM) का पूरा नाम है
उत्तर-ऑटोमैटिक टेलर मशीन

प्रश्न :-आवृत्ति मॉडुलेशन में क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-नियत आयाम

प्रश्न :- ट्रांजिस्टर के किसमें होने की अधिकांशत: संभावना होती है?
उत्तर-श्रव्य उपकरण

प्रश्न :- क्यूरी किसकी यूनिट है?
उत्तर- रेडियोधर्मिता

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NEET 2023 PHYSICS वन लाइनर

प्रश्न :- एक तारे की संहति (Mass) सूर्य की संहति से दोगुनी है, वह अन्तत: कैसे समाप्त होगा?
उत्तर- न्यूट्रॉन स्टार

प्रश्न :-रेडियोऐक्टिव सामग्री से उत्सर्जित बीटा किरणें क्या हैं?
उत्तर- केन्द्रक द्वारा उत्सर्जित आवेशित कण

प्रश्न :- एक नक्षत्र का रंग निर्भर करता है उसकी
उत्तर- पृष्ठीय ताप पर

प्रश्न :-. बिजली के हीटर में कौन-सी सामग्री प्रयुक्त होती है ?
उत्तर- नाइक्रोम

प्रश्न :-हाइड्रोफोन उपकरण किस में हुए परिवर्तन को दर्शाता है?
उत्तर- पानी के अंदर ध्वनि

प्रश्न:- उड़ान-अभिलेखी का तकनीकी नाम क्या है?
उत्तर- काला बक्सा

प्रश्न:- टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल में प्रयुक्त विद्युत चुंबकीय तरंगें कैसी होती हैं ?
उत्तर- अवरक्त

प्रश्न:-डायोड का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है ?
उत्तर- परिशोधन

प्रश्न:-जेट इंजन …………………. के संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
उत्तर- रैखिक संवेग

प्रश्न:-विद्युत चुंबक किससे बनती है?
उत्तर- नरम लोहा

प्रश्न:-उच्च वोल्टेज अनुप्रयोग के लिए किस प्रकार इंसुलेटर उपयोग किया जाता
उत्तर- निलंबन प्रकर

प्रश्न:-अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है कहलाती हैै |
उत्तर- समंजन

प्रश्न:-अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता हैः
उत्तर- पक्षमाभी (Ciliary)

प्रश्न:- लाल वर्ण के प्रकाश की तरंगदैधर्य नीले प्रकाश की अपेक्षा लगभग कितनी गुनी है|
उत्तर-1:8

प्रश्न:-सूर्य हमे वास्तविक सूर्योदय से लगभग कितने मिनिट पूर्व दिखाई देने लगता है?
उत्तर-2 मिनिट पूर्व

प्रश्न:-तारे टिमटिमाते क्यों प्रतीत होते है |
उत्तर-तारो के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण

प्रश्न:-इंद्रधनुष सदैव किस दिशा में बनता है |
उत्तर-सूर्य के विपरीत दिशा में

प्रश्न:-सुर्य का प्रकाश सात वेर्णो से मिलकर बना | यह विचार किस विज्ञानिक के दिमाग में आया |
उत्तर-न्यूटन

प्रश्न:-वह न्यनतम दुरी जिस पर रखी कोई वस्तु बिना किसी तनाब के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है|
उत्तर- 40 cm तक

प्रश्न:- रेटिना पर किसी वस्तु का उलटा तथा वास्त्विक प्रेतिबिबं बनाता है-
उत्तर- अभिनेत्र -लेंस

प्रश्न:-कोर्निया के पीछे एक सरचना होती है जिसे कहते है
उत्तर-परितारिका

प्रश्न:-नेत्र गोलक की आकृति लगभग गोलाकार होती है तथा इसका व्यास होता है
उत्तर- लगभग 2.3

प्रश्न:-प्रकाश एक पतली झिल्ली से होकर नेत्र मे प्रबेश क्ररता है इस झिली को कहते है |
उत्तर- कोर्निया

प्रश्न:-लेन्स कि क्षमता का SI मात्रक
उत्तर- डाइऑप्टर

प्रश्न:-लेन्स का केन्द्रिय विन्दु क्या कहलाता है ?
उत्तर- प्रकाशिक केन्द्र

प्रश्न:-किसी लेन्स मे बाहर की ओर उभ्ररे दो गोलिया पृष्ठ उसे कहते है-
उत्तर- दो- उतल लेन्स

प्रश्न:- दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम,जिसका एक या दोनो पृष्ठ गोलीय हो|
उत्तर- लेन्स

प्रश्न:-गोलिय शीशा कहलाता है
उत्तर- जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलिय है

प्रश्न:-ध्वनि की गति सबसे तेज किस माध्यम में चलती है?
उत्तर- ठोस

प्रश्न:-ध्वनि की प्रबलता है
उत्तर- ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप

प्रश्न:- ध्वनि की तीव्रता कहते हैं |
उत्तर- किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा

प्रश्न:-आवर्ती के SI मात्रक का नाम किसके सम्मान में रखा गया |
उत्तर- हैनरिच रुडोल्फ हर्ट्ज़

प्रश्न:-गतिज ऊर्जा किसे कहते है|
उत्तर- किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को

प्रश्न:-आइजक न्यूटन का जन्म कहाॅ हुआ था ?
उत्तर- इंग्लैंड में वूल्स्थोर्पे

प्रश्न:-आइजक न्यूटन ने गणित कि नई शाखा क़ी खोज क़ी | जिसे क्या कहते है ?
उत्तर- कलन

प्रश्न:-अनिश्चितता का सिद्धांत के अनुसार -
उत्तर- इलेक्ट्रोन की स्थिति और वेग का निर्धारण एक साथ नही होता

प्रश्न:-विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते है
उत्तर- जनित्र

प्रश्न:-टरबाइन की आवश्यक चाल को बनाए रखने के लिए पवन की चाल कितनी होनी चाहिए-
उत्तर- 15 km/h

प्रश्न:- चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक -
उत्तर- ओस्टर्ड

प्रश्न:- टंगस्टन का गलनांक कितनी डिग्री सेल्सियस है |
उत्तर- 3380

प्रश्न:-प्रतिरोधको को परस्पर सयोजित करने की दो विधियाँ है | वे कोनसी है|
उत्तर- क्षेणीक्रम सयोजन और पार्श्व क्रम संयोजन

प्रश्न:-प्रतिरोध का SI मात्रक है |
उत्तर- ओम

प्रश्न:-आवेग का विमीय सूत्र किसके विमीय सूत्र के समान है?
उत्तर- संवेग

प्रश्न:-आवेग का मात्रक है-
उत्तर- kg-m/s

प्रश्न:-कौन सा एक व्युत्पन्न मात्रक है?
उत्तर- आयतन का मात्रक

प्रश्न:-हर्ट्ज किसका मात्रक है?
उत्तर- आवृत्ति

प्रश्न:-किलोवॉट-घंटा मात्रक है-
उत्तर- ऊर्जा

प्रश्न:-पृष्ठ तनाव का SI मात्रक है-
उत्तर- न्यूटन/मीटर

प्रश्न:-फैरेड किसका मात्रक है?
उत्तर- आवेश

जानें- विज्ञान के प्रश्न उत्तर | Science questions answers in Hindi

NEET 2023 PHYSICS question ANSWER

प्रश्न:-"पास्कल-सेकेण्ड" किसकी विमा है?
उत्तर- श्यानता गुणांक 

प्रश्न:-सूर्य में ऊर्जा का निरन्तर सृजन किस कारण होता रहता है?
उत्तर- नाभिकीय संलयन 

प्रश्न:-आदर्श वोल्टमीटर की प्रतिरोधिता कितनी होती है?
उत्तर- असीमित

प्रश्न:- एक उड़ते हुए जेट में होती है।
उत्तर- गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा दोनों

प्रश्न:-जल विद्युत केंद्र में टर्बाइन किससे चलती है?
उत्तर- पानी के बहने से

प्रश्न:-विषम-मिश्रण से लोहे की परत को किस तकनीक से पृथक किया जा सकता है?
उत्तर- चुम्बकीकरण

प्रश्न:-p – तथा n – प्रकार के दो अर्धचालक, जब संपर्क में लाए जाते हैं, तो वे जो p-n संधि बनाते हैं, वह किस रूप में कार्य करती है?
उत्तर- दिष्टकारी

प्रश्न:- फ्लेमिंग के दाएँ हाथ के नियम का प्रयोग किसकी दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता है?
उत्तर- प्रेरित धारा

प्रश्न:-नॉट (Knot) एक माप है :
उत्तर- जलयान की गति का

प्रश्न:-न्यूक्लियर रिएक्टर में न्यूट्रॉन को किससे अवमंदित किया जाता है?
उत्तर- मॉडरेटर

प्रश्न:-कृत्रिम उपग्रह के जरिए संचार के लिए किन तरंगों का प्रयोग किया जाता
उत्तर- सूक्ष्म तरंगें

प्रश्न:-गामा किरणों से क्या हो सकता है?
उत्तर- जीन-म्यूटेशन

प्रश्न:-धारावाहक तार कैसा होता है?
उत्तर- न्यूट्रल

प्रश्न:-हमारी आकाशगंगा की आकृति है
उत्तर- स्पाइरल

प्रश्न:-तुल्यकाली उपग्रह के परिक्रमण की अवधि होती है:
उत्तर- 24 घंटे

प्रश्न:-रेडियो प्रसारण के संदर्भ में AM’का पूरा रूप क्या है ?
उत्तर- Amplitude Modulation

प्रश्न:-रेडियो की ट्यूनिंग के लिए प्रयुक्त घटना मूलत: एकहोता है।
उत्तर- संघनक

प्रश्न:-एक धातु के चालक का प्रतिरोध________ ।
उत्तर- उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है

प्रश्न:-सिलिकॉन किस प्रकार का पदार्थ है?
उत्तर- अर्द्धचालक

प्रश्न:-आवर्धक काँच में लेंस का प्रयोग होता है
उत्तर- उत्तल

प्रश्न:-भारत में किसने परमाणु अंतर्मुखी विस्फोट की तकनीकी (टेक्नोलॉजी) विकसित की थी?
उत्तर- डॉ. होमी जे. भाभा

प्रश्न:-न्यूटन–सेकेंड किसका मात्रक है?
उत्तर- संवेग

प्रश्न:-प्रकाश वर्ष किसका मात्रक है?
उत्तर- दूरी

प्रश्न:-वोल्ट/मीटर किसका मात्रक है?
उत्तर- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

प्रश्न:-प्रकाश की किरण की तरंगदैर्ध्य 0.00006 m, यह किसके बराबर है?
उत्तर- 60 माइक्रॉन

प्रश्न:-हेनरी/ओम को किसमें व्यक्त किया जा सकता है?
उत्तर- सेकण्ड

प्रश्न:-सर सी वी.रामन को वष॔ 1930 मे किस कार्य के लिए नोबेल पुरुस्कार मिला ?
उत्तर- रमन प्रभाव

प्रश्न:-हमारी मांसपेशिया के क्रियास्वरूप लगने बाले बल को कहते है ?
उत्तर- पेशीय बल

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