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जैव प्रौद्योगिकी- जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Biotechnology - Biology Terminology

जैव प्रौद्योगिकी- जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Biotechnology - Biology Terminology


नमस्कार,आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस  पोस्ट में आपको जैव प्रौद्योगिकी से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया जा रहा है । इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए जा रहे हैं। जैव प्रोद्योगिकी जीव विज्ञान की ही एक शाखा है जिसके अंतर्गत जीवाणुओं की ऊतक या कोशिका का उपयोग करके नए जीवों का उत्पादन किया जाता है। इन जीवों का उत्पादन सामान्य दाब, निम्न ताप एवं उदासीन नमी या जल में इन नए जीवों का उत्पादन होता है। अगर आप जैव प्रोद्योगिकी जिसे अंगेजी में Biotechnology कहा जाता है इस विषय में स्नातक की पढाई करना चाहते हैं तो आपको जैव प्रौद्योगिकी-पारिभाषिक शब्दावली (Biotechnology-Terminology) के बारे में जरुर जान लेना चाहिए।



Biotechnology - Biology Terminology

Jaiva Praudyogikee Paribhashik Shabdavali

1. जीन क्लोनिंग (Gene cloning) - पुनर्योगज D.N.A. के पोषक कोशिका में प्रवेश के बाद परपोषी कोशिका का संवर्धन जिससे वांछित जीन की भी क्लोनिंग होती है।

2. निवेशी निष्क्रियता (Insertional Inactivation) - रंग पैदा करने वाले जीन उत्पाद, जैसे- बीटा गैलेक्टो साइडेज को कोडित करने वाले जीन में वांछित जीन निवेशित कर पुनर्योगजों की पहचान करना।

3. लाइगेज (Ligase) - D.N.A. खण्डों को जोड़ने वाला एन्जाइम।

4. न्यूक्लिएज (Nuclease) - नाभिकीय अम्ल (DNA/ RNA) का पाचन करने वाला एन्जाइम।

5.ओरी (Ori) - प्लाज्मिड या वाहक का वह स्थल जहाँ से प्रतिकृतिकरण प्रारम्भ होता है।

6.प्लाज्मिड (Plasmid ) - जीवाणुओं के गुणसूत्रों से बाहर के गोलाकार स्व-प्रतिकृतिकरण करने वाले डी.एन.ए. अणु।

7.पुनर्योगज डी.एन.ए. तकनीक (Recombinant DNA Technology) - बाह्य या विजातीय डी.एन.ए. को दूसरे जीव के डी.एन.ए. से जोड़कर काइमेरिक डी. एन. ए. बनाने की प्रक्रिया या जेनेटिक इंजीनियरिंग।

8. पश्च विषाणु (Retro Virus) - आर.एन.ए. विषाणु जिनमें डी.एन.ए. निर्माण हेतु रिवर्स ट्रांसक्रिप्टेज एन्जाइम पाया जाता है।

9. वाहक / संवाहक (Vector) - डी.एन.ए. अणु जिसमें उचित पोषक कोशिका के अंदर प्रतिकृतिकरण की क्षमता होती है तथा जिसमें विजातीय डी.एन.ए. निवेशित (Insert) किया जा सकता है।

10. जी.एम.ओ. (GMO) - जेनेटिकली मॉडीफाइड आर्गेनिज्म या ट्रांसजेनिक जिनके जीनों में फेरबदल कर कोई कार्यशील विजातीय डी.एन.ए. प्रविष्ट करा दिया गया हो, जैसे बी.टी. पौधे।

12. जीन थेरेपी (Gene Therapy) - त्रुटिपूर्ण या विकारयुक्त जीन को सामान्य कार्यशील जीन द्वारा प्रतिस्थापित कर रोग - उपचार।

13. ह्यूम्यूलिन (Humulin) - यू. एस की एलि लिली कम्पनी द्वारा पुनर्योगज तकनीक से उत्पादित मानव इंसुलिन का ब्रांड नाम।

14.p 53 जीन (p53 जीन) - कोशिका विभाजन के नियन्त्रण के लिए यह जीन कोशिका चक्र को रोकती है।

15. पेटेन्ट (Patent) - सरकार द्वारा किसी वस्तु/प्रक्रिया के खोजकर्ता को दिया जाने वाला अधिकार जो अन्य व्यक्तियों को व्यावसायिक उपयोग से रोकता है।

16. खोजी (Probe) - न्यूक्लियोटाइड के छोटे 13-30 क्षारक युग्म लम्बे खण्ड है जो रेडियोएक्टिव अणुओं से चिन्हित करने पर पूरक खण्डों की पहचान हेतु प्रयोग किये जाते हैं।

17. प्रोइंसुलिन (Proinsulin) - इंसुलिन का पूर्ववर्ती अणु जिसमें एक अतिरिक्त C-पेप्टाइड होता है तथा इसके निकलने (प्रसंस्करण) से इंसुलिन बनता है।

18.जीन लाइब्रेरी (Gene library) - जीव के DNA के सभी जीनों को किसी वाहक के DNA के साथ समाकित करके क्लोनों का मिश्रण बना लेन।

19.DNA रिकॉम्बिनेंट तकनीक (DNA Recombinent Technology) - वह तकनीक जिसके अंतर्गत किसी मनचाहे DNA का कृत्रिम रूप से निर्माण करते है।

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20.ट्रांसफॉर्मेशन(Transformation) - जब किसी स्वतंत्र DNA को बैक्टीरियल सेल में स्थानान्तरित करने की क्रिया।

21.रोगी थेरैपी (Patient Therapy) - इस थेरैपी में प्रभावित ऊतक में स्वस्थ जीनों का प्रवेश करा दिया जाता है।

22.भ्रूण थेरैपी (Embryo Therapy) -इस थेरैपी में दोषी जीन का पता लग जाने पर ,जायगोट बनने के बाद भ्रूण की आनुवंशिक संरचना को बदला जाता है।

23.सोमोक्लोनल विभिन्नताए (Somoclonal Variation) - कृत्रिम संवर्धन माध्यम कोशिकाओं अथवा ऊतको में होने वाली आकस्मिक एवं प्राकृतिक विभिन्नताओ को ही सोमोक्लोनल विभिन्नताए कहते है

24. हैटरोकेरियान(Heterokaryon) - ऐसी कोशिकाए जिसमे दो भिन्न -भिन्न कोशिकाओ में नाभिक होता है।

25.संकर कोशिका (Hybrid Cell) - कोशिका - संयोजन से बने हैटरोकेरियान में अंततः समससूत्रण विभाजन से बने सेल को संकर कोशिका कहते है।

इस पोस्ट में हमने जैव प्रौद्योगिकी- जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Biotechnology - Biology Terminology के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में जैव प्रौद्योगिकी से जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते रहते हैं। 

उम्मीद करता हूँ कि जैव प्रौद्योगिकी-पारिभाषिक शब्दावली (Biotechnology Terminology) का यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगा ,अगर आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर अवश्य करें। धन्यवाद !!

सामान्य विज्ञान के प्रश्न-उत्तर | General Science Questions and Answers in Hindi

हमारे इर्दगिर्द जो घटित हो रहा है, उसके बारे में कि वह क्यों और कैसे होता है, विज्ञान हमें स्पष्ट एवं सुव्यवस्थित जानकारी देता है। क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर जानने के बाद कभी-कभी तो आश्चर्य होता है, क्योंकि तब हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि छोटी-सी दिखने वाली घटना के पीछे कितनी लंबी प्रक्रिया काम करती है। आगे दी जा रही जानकारी आपको जरूर हैरानी में डालेगी, ऐसा हमें विश्वास है।

विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर science questions in Hindi

निचे विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर है ऐसे सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी -कभी हमें नहीं पता होते तो आइये पढ़ते है कुछ ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर -

science questions in hindi

general science questions and answers in Hindi 

01-चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम क्यों हो जाता है?

उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इस कार्य के लिए पृथ्वी। कुछ बल लगाना पड़ता है। यही बल वस्तु का भार कहलाता है। जब कोई भी वस्तु चंद्रमा पर होती है, तो उसका भार चंद्रमा के आकर्षण बल पर निर्भर करता है। चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के आकर्षण बल का छठा भाग होता है। यही कारण है कि चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम अर्थात पृथ्वी पर वस्तु के भार का 1/6 भाग हो जाता है।

02-चलती बस से उतरते समय तुम आगे की ओर क्यों गिर पड़ते हो?

उत्तर :- जब तुम बस में बैठकर यात्रा कर रहे होते हो, तो तुम्हारा शरीर भी बस की गति के साथ-साथ गति-अवस्था में रहता है। बस के रुकने पर बस से उतरते समय जब तुम अपने पांव नीचे जमीन पर रखते हो, तो तुम्हारा निचला भाग विराम अवस्था में आ जाता है अर्थात स्थिर हो जाता है। दूसरी ओर, तुम्हारे शरीर का ऊपरी भाग गति-अवस्था में ही बना रहता है। बस, इसीलिए तुम आगे की ओर गिर पड़ते हो।

03-वृक्ष की शाखाओं को हिलाने पर फल जमीन पर ही गिरते हैं, ऊपर क्यों नहीं जाते?

उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल का नाम गुरुत्वाकर्षण भी है। चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी का आकर्षण बल छह गुना अधिक होता है।जब तुम वृक्ष की शाखाओं को हिलाते हो, तो फल शाखाओं से टूटकर अलग हो जाते हैं। इन फलों को पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण के कारण अपनी ओर खींच लेती है। ये फल ऊपर इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि चंद्रमा का आकर्षण - बल पृथ्वी से कम है तथा वह इसे प्रभावित नहीं कर पाता ।

04-खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन क्यों?

उत्तर :- संसार की प्रत्येक वस्तु अवस्था परिवर्तन (विराम से गति तथा गति से विराम में आना) का विरोध करती है, इस अवस्था परिवर्तन के विरोध करने के गुण को जड़त्व कहा जाता है। खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक का जड़त्व अधिक होता में है । किसी भी गति करती हुई वस्तु का जड़त्व जितना अधिक होगा, उसे रोकने के लिए तुम्हें उतना ही अधिक बल लगाना पड़ेगा। यही कारण है कि खाली ट्रक के बजाय सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन होता है ।

05-नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी में तुम आसानी से क्यों तैर सकते हो?

उत्तर :- किसी वस्तु के एकांक आयतन की संहति को उस वस्तु का घनत्व कहते हैं। नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी का घनत्व अधिक होता है। जब तुम समुद्र के पानी में तैर रहे होते हो, तो तुम्हारे द्वारा हटाए गए पानी का भार नदी में तैरने पर हटाए गए पानी के भार से ज्यादा होता है। अतः समुद्र के पानी में तुम्हारे भार में नदी की अपेक्षा अधिक कमी आ जाती है। दूसरी ओर, अधिक घनत्व के कारण से समुद्र के पानी में उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक लगता है जिससे तुम आसानी से तैर सकते हो ।

06-लोहे का बना हुआ जहाज पानी में तैरता है परंतु लोहे की सुई पानी में क्यों डूब जाती है?

उत्तर :- किसी भी वस्तु के पानी में तैरने के लिए यह जरूरी है कि उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके भार से अधिक हो । लोहे का बना हुआ जहाज जब पानी में चलता है, तो उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके (जहाज के) भार से अधिक होता है अतः जहाज पानी में तैरता है। दूसरी ओर, सुई पानी में डालने पर अपने भार से कम भार का ही पानी हटा पाती है अतः पानी में डूब जाती है।

07-पानी भरने से गुब्बारा क्यों फूल जाता है?

उत्तर :- किसी वस्तु गुब्बारे में पानी भरने पर उसकी सतह पर यही बल कार्य करता है जिसके कारण गुब्बारा फूल जाता है। जैसे-जैसे तुम गुब्बारे में अधिक पानी डालते हो, गुब्बारा और अधिक फूलता जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि प्रणोद बढ़ जाता है क्योंकि यह द्रव की ऊंचाई पर निर्भर करता है।

08-नमकीन पानी में अंडा क्यों तैरता है?

उत्तर :- आमतौर पर पानी का घनत्व कम होता है किंतु नमक मिलाते ही पानी का घनत्व बढ़ जाता है। जब घनत्व बढ़ जाएगा, तब उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक हो जाता है। इसी कारण से नमकीन पानी में अंडा तैरता रहता है ।

09-रेगिस्तान में ऊंट आसानी से क्यों चल सकता है?

उत्तर :- ऊंट के पैर नीचे से चौड़े होते हैं जिससे पैरों का क्षेत्रफल अधिक होता है। इस वजह से जमीन पर प्रभावित क्षेत्रफल बढ़ जाता है तथा दबाव कम होने के कारण ही ऊंट रेगिस्तान में रेत पर आसानी से चल पाता है।

10-तुम पानी में सिर या पैर के बल ही छलांग क्यों लगाते हो?

उत्तर :- जब कोई वस्तु द्रव में डाली जाती है, तो द्रव उस वस्तु पर ऊपर की ओर उत्प्लावन-बल लगाता है। अतः जब तुम सिर या पैर के बल पानी में छलांग लगाते हो, तो पानी का उत्प्लावन-बल तुम्हारे सिर या पैरों पर ऊपर की ओर लगता है। यदि तुम पानी के समानांतर छलांग लगाओगे, तो यह बल शरीर पर लगेगा जिससे शरीर को चोट लगने की आशंका रहती ।

11-बर्फ पानी में क्यों तैरती है?

उत्तर :- बर्फ ठोस है, फिर भी वह पानी में तैरती है । है न, अचरज की बात। तो, सुनो! बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। जब बर्फ को पानी में डाला जाता है, तो वह कुछ पानी हटाती है। इस पानी के आयतन का भार बर्फ के भार से अधिक होता है। इसीलिए बर्फ पानी में तैरती हैं।

12-गरम चाय या दूध डालने से कभी-कभी कांच का गिलास टूट क्यों जाता है?

उत्तर :- जब तुम गिलास में गरम चाय या दूध डालते हो, तो गिलास का भीतरी तल उष्मा ग्रहण करके फैल जाता है। इसके विपरीत गिलास के बाहर के भाग का ताप भीतरी भाग से कम होने के कारण उसमें फैलाव नहीं या कम होता है। दोनों तलों में ताप के इस अंतर के कारण ही कभी-कभी कांच का गिलास टूट जाता है।

13-रेल की पटरियों में जोड़ों के बीच खाली स्थान क्यों छोड़ा जाता है?

उत्तर :- रेलगाड़ी जब पटरी पर चलती है, तो पहियों तथा पटरी के बीच में एक. प्रकार का घर्षण होता है । इस घर्षण से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिसके कारण रेल की पटरी फैलती है । पटरी के इस फैलाव के लिए स्थान देने के उद्देश्य से ही कहीं-कहीं खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि स्थान नहीं छोड़ा जाएगा, तो पटरी के फैलाव से वह टेढ़ी-मेढ़ी हो जाएगी और रेलगाड़ी पटरी से उतर जाएगी ।

14-बोतल को गरम करने पर फंसी हुई डाट आसानी से बाहर क्यों निकल जाती है?

उत्तर :- ऊष्मा प्रदान करने से वस्तु में प्रसार होता है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके जब कांच की बोतल को गरम किया जाता है, तो उसमें प्रसार हो जाता है। प्रसार के कारण ही बोतल के मुंह में फंसी डाट आसानी से बाहर निकल जाती है।

15-थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी क्यों रहती है?

थर्मस बोतल कांच की बनी होती है और कांच उष्मा का कुचालक होता है। कुचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें से उष्मा-चालन आसानी से नहीं होता। कांच की बोतल की दोनों दीवारों के बीच निर्वात (बिना वायु का स्थान) होने से उष्मा बोतल के अंदर की दीवार से बाहर नहीं आ पाती। इसके अतिरिक्त बोतल की चमकदार बाहरी दीवारें उष्मा की विकिरण किरणों को परावर्तित करके बाहरी सतह पर ही रोक लेती हैं। अत : थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी रहती है।

16-खाना पकाने के बरतन नीचे से काले और ऊपर से चमकदार क्यों होते हैं?

उत्तर :- काली वस्तु उष्मा को जल्दी से सोख लेती है। अतः खाना पकाने के बरतनों के पेंदे काले रखे जाते हैं ताकि बरतन अधिक उष्मा को सोखकर शीघ्र खाना पका दें । बरतनों की ऊपरी सतह चमकदार इसलिए रखी जाती है ताकि बरतनों में से उष्मा का स्थानांतरण न हो सके।

17-बर्फ को बोरी या बुरादे में ही क्यों रखते हैं?

उत्तर :- बोरी और बुरादे में तमाम छिद्र होते हैं और उन छिद्रों में वायु भरी रहती है । वायु उष्मा की कुचालक होती है जो बाहर की उष्मा को अंदर बर्फ तक आने से रोकती है। इस प्रकार बर्फ पिघल नहीं पाती। यही कारण है कि बर्फ को बोरी या बुरादे में ही रखते हैं।

18-रेगिस्तान में दिन के समय गरमी और रात के समय ठंड क्यों होती है?

उत्तर :- रेगिस्तान में रेत की अधिकता रहती है। रेत उष्मा का अच्छा अवशोषक है। अत : दिन के समय सूर्य की उष्मा को अवशोषित करके रेगिस्तान गरम हो जाता है और वहां गरमी होती है। रेगिस्तान विकिरण द्वारा अपनी उष्मा को निकालकर रात में ठंडा हो जाता है जिससे रात के समय वहां ठंड होती है।

19-चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख क्यों फैलाए रहती हैं?

उत्तर :- जब सर्दियां शुरू होती हैं, तो अक्सर चिड़ियां अपने पंख फैलाए हुए देखी जा सकती हैं। जब चिड़ियां पंख फैलाकर बैठती हैं, तो उनके शरीर तथा पंखों के बीच में हवा की परत आ जाती है। हवा उष्मा की कुचालक है जो चिड़ियों के शरीर की उष्मा को बाहर जाने से रोकती है। इस प्रकार चिड़ियां सर्दी के कुप्रभाव से स्वयं को बचाने में सक्षम हो जाती हैं। यही कारण है कि चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख फैलाए रहती हैं।

20-दो पतले कंबल एक मोटे कंबल की तुलना में अधिक गरम क्यों होते हैं?

उत्तर :- दो पतले कंबल ओढ़ने से उनके बीच में हवा की एक परत बन जाती है। हवा ऊष्मा की कुचालक होती है जो शरीर की उष्मा को बाहर नहीं जाने देती और शरीर को सर्दी के प्रकोप से बचाती है। एक मोटे कंबल में हवा की कोई परत नहीं होती जिससे वह अधिक गरम नहीं रहता ।

21-सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर :- कपड़े में अनेक छिद्र मौजूद रहते हैं जिनमें वायु भरी होती है । वायु ऊष्मा की कुचालक है । वह आग की ऊष्मा को तुम्हारे हाथ तक नहीं पहुंचने देती । इस प्रकार तुम्हारा हाथ सुरक्षित रहता है। तभी तो, सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग करते हैं ।

22-कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे क्यों रहते हैं?

उत्तर :- कच्चे मकान मिट्टी के बने होते हैं। मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होती है। कुचालक होने के कारण सर्दियों में मिट्टी मकान के अंदर की उष्मा को बाहर नहीं निकलने देती तथा यही मिट्टी गरमियों में बाहर की उष्मा को अंदर नहीं आने देती। अतः कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे रहते हैं।

23-साइकिल की ट्यूब गरमियों में प्राय: फट क्यों जाती है?

उत्तर :- साइकिल की ट्यूब में हवा भरी होती है। गरमी के मौसम में गरम होकर ट्यूब की हवा फैलती है। ट्यूब को फैलने के लिए कुछ स्थान चाहिए। जब उसे यह स्थान नहीं मिल पाता, तब वह ट्यूब को फाड़ देती है।

24-अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर क्यों नहीं बनती?

उत्तर :- सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्रोत है, जबकि पक्षी बहुत छोटे । पक्षियों की घटती हुई छाया और बढ़ती हुई उपछाया बनती है। पक्षियों के पृथ्वी से अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण छाया घटकर रास्ते में ही खो जाती है। उपछाया अधिक बड़ी लेकिन बहुत हल्की होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर नहीं बनती।

25-सूखे बालों में कंघी करने से चट-चट की आवाज क्यों सुनाई देती है?

उत्तर :- जब आप सूखे बालों में कंघी करते हैं, तो घर्षण पैदा होता है। इस घर्षण से बालों तथा कंघी में विपरीत आवेश आ जाता है। जब अधिक मात्रा में आवेश जमा हो जाता है, तो बीच की वायु में बहुत अधिक तनाव पैदा हो जाता है । इस प्रकार वायु में आवेश का विसर्जन होता है जिससे तुम्हें चट-चट की आवाज सुनाई देती है।

26-जब बादल गरज रहे हों और बिजली चमक रही हो, तो तुम्हें किसी पेड़ के नीचे क्यों नहीं जाना चाहिए?

उत्तर :- रगड़ के कारण वायु तथा बादलों के बीच में आवेश उत्पन्न हो जाता है। जब आवेशित बादल ऊंचे पेड़ों के पास से गुजरते हैं, तो पेड़ों पर विपरीत आवेश आ जाने से आकर्षण होता है। आवेश के प्रवाहित होने से तड़ित भी उत्पन्न होती है। यह तड़ित जब किसी पेड़ पर गिरती है, तो नीचे खड़े व्यक्ति को हानि पहुंच सकती है। अत : ऐसी अवस्था में किसी पेड़ के नीचे नहीं जाना चाहिए।

27-सूखे बालों में रगड़ा हुआ प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर क्यों खींच लेता है?

उत्तर :- जब तुम सूखे बालों में प्लास्टिक का पेन रगड़ते हो, तो रगड़ के कारण घर्षण (स्थिर) विद्युत पैदा होती है। इस घर्षण - विद्युत के कारण ही प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर खींच लेता है।

28-कपड़े से रगड़ने के बाद वायु से भरा गुब्बारा दीवार से क्यों चिपक जाता है?

उत्तर :- जब तुम गुब्बारे को कपड़े से रगड़ते हो, तो उस स्थान पर आवेश उत्पन्न हो जाता है। आवेशित - गुब्बारा दीवार के निकट लाने पर विपरीत आवेश उत्पन्न करता है और आकर्षित होकर दीवार से चिपक जाता है ।

29-घरों में बिजली के तारों के ऊपर प्लास्टिक या रबड़ के खोल क्यों चढ़े होते हैं?

उत्तर :- जिस तार में से बिजली आ रही होती है, उसे छूने से तुम्हें झटका लग सकता है। इस झटके से बचने के लिए तारों पर प्लास्टिक या रबड़ के खोल चढ़ाए जाते हैं । प्लास्टिक तथा रबड़ दोनों ही विद्युत के कुचालक अर्थात विद्युतरोधी होते हैं जिनमें बिजली प्रवेश नहीं कर पाती। अतः इनको छूने पर भी तुम्हें झटका नहीं लग सकता ।

30-बिजली के बल्बों में पतला तार ही क्यों प्रयोग किया जाता है?

उत्तर :- चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, प्रतिरोध कहलाता है। पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है, जबकि मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अतः बिजली के बल्बों में पतला तार ही प्रयोग किया जाता ।

31-अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से आते हुए सूर्य के प्रकाश में हवा में उपस्थित धूल के कण इधर-उधर गति करते हुए क्यों दिखाई पड़ते हैं?

उत्तर :- जब अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से सूर्य के प्रकाश में धूल के कण (अणु) आते हैं, तब वे लगातार गति करते हैं। इस प्रकार वायु के अणु धूल के कणों के साथ मिलकर टकराते हैं। इस टकराव के कारण ही धूल-कणों में अनियमित-गति उत्पन्न होती है और वे इधर-उधर गति करते हुए दिखाई पड़ते हैं।

32-वर्षा की बूंदें गोल क्यों होती हैं?

उत्तर :- पानी की संरचना छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर होती हैं। ये अणु परस्पर एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसी आकर्षण के कारण ही पानी सिकुड़ता है और कम स्थान घेरना चाहता है। बूंदें पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण नीचे गिरती हैं किंतु पानी के अणु पृष्ठ-तनाव द्वारा आपस में इकट्ठा होते हैं। इसी वजह से बूंदें गोल आकार ग्रहण कर लेती हैं ।

33-साइकिल के टायर खुरदरे क्यों होते हैं?

उत्तर :- जब एक तल दूसरे तल पर गति करता है, तो उस गति का विरोधक-बल उत्पन्न हो जाता है। इसे घर्षण बल कहते हैं । घर्षण बल जितना अधिक होता है, वस्तु उतनी ही सरलता से गति कर सकती है। - साइकिल के टायर भी खुरदरे इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि घर्षण-बल अधिक रहे और साइकिल सुविधाजनक ढंग से चल सके । खुरदरे तल पर घर्षण समतल की अपेक्षा अधिक रहता है।

34-कांच की गोली खुरदरे तल की अपेक्षा समतल पर अधिक दूरी तक क्यों लुढ़कती है?

उत्तर :- खुरदरे तल पर घर्षण समतल की तुलना में अधिक होता है। अतः जब कांच की गोली खुरदरे तल पर लुढ़कती है, तो घर्षण अधिक होने के कारण शीघ्र रुक जाती है। दूसरी ओर, यही गोली जब समतल पर लुढ़कती है तो घर्षण कम होने से अधिक दूरी तक जाती है।

35-भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े क्यों होते हैं?

उत्तर :- अधिक चौड़े टायरों का क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे घर्षण अधिक होता है और दाब कम हो जाता है। अतः गाड़ी की गति बढ़ जाती है। बस, इसीलिए भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े बनाए जाते हैं ।

36-मकान की नींव दीवार की अपेक्षा चौड़ी क्यों होती है?

उत्तर :- तल का क्षेत्रफल जितना कम होगा, दबाव भी उतना ही बढ़ जाएगा। अतः क्षेत्रफल घटाने से दबाव में वृद्धि होगी। इसीलिए मकान बनवाते समय नींव चौड़ी रखी जाती है ताकि तल का क्षेत्रफल अधिक रहे। अधिक क्षेत्रफल रहने से दीवार का दबाव कम पड़ेगा।

37-कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :- कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का प्रयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि घिरनी के द्वारा बल लगाने की दिशा ऊपर की अपेक्षा नीचे हो जाती है। इससे पानी भरने में सुविधा रहती है तथा कम बल से अधिक कार्य हो जाता है।

38-कभी-कभी कील की अपेक्षा पेंच का प्रयोग क्यों किया जाता है?

उतार :- जब लकड़ी के साथ कुंडा लगाना हो, तो अक्सर पेंच का प्रयोग किया जाता है। पेंच कुंड़े को तख़्ते से कील की अपेक्षा अधिक मजबूती से जोड़े रखता है। इसका कारण यह है कि पेंच का तल चूड़ीदार होता है जबकि कील का तल समतल है। पेंच इन चूड़ियों के कारण अधिक शक्ति से अपना कार्य करता है।

39-ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :- यदि किसी भारी वस्तु को उठाना हो, तो एक मजबूत छड़ लेकर उसका एक सिरा वस्तु के नीचे लगा देते हैं और छड़ को किसी ईंट आदि पर टिका कर दूसरे सिरे पर बल लगाते हैं। इस प्रकार भारी वस्तु को उठाने में आसानी हो जाती है। इस छड़ को उत्तोलक या लीवर कहते हैं। ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग किया जाता है जो कि उत्तोलक ही है। ऐसा करने से कम बल लगाकर अधिक भार उठाया जा सकता है।

40-डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए चम्मच का प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर :- डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए तुम चम्मच का उपयोग उत्तोलक के रूप में ही करते हो । चम्मच के किनारे को ढक्कन के नीचे रखा जाता है तथा दूसरे किनारे पर हाथ से नीचे को दबाकर बल लगाया जाता है। इस प्रकार चम्मच द्वारा बने उत्तोलक में बल भुजा भार भुजा से बड़ी होती है। अतः कम बल लगाने से बंद हुआ ढक्कन सरलता से खुल जाता है ।

41-झाड़ू में लंबी डंडी क्यों लगाते हैं?

उत्तर :- उत्तोलक के सिद्धांत के अनुसार यदि बल भुजा भार भुजा से बड़ी हो, तो कम बल से अधिक कार्य हो सकता है। झाड़ू में लंबी डंडी इसीलिए लगाई जाती है ताकि बल भुजा बड़ी हो जाए और कम बल लगाना पड़े। इसके अतिरिक्त बिना झुकें ही सफाई भी हो जाती है।

42-चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय क्यों नहीं होता?

उत्तर :- चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है जो उसके गिर्द 29 दिनों में एक बार परिक्रमा पूरी करता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक बार घूमती है। जितने समय में पृथ्वी अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करती है, उतने समय में चंद्रमा पृथ्वी के गिर्द अपने मार्ग में कुछ आगे निकल जाता है। अतः तुम चंद्रमा को पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करने तथा उस दूरी को तय करने के बाद देखते हो जो दूरी चंद्रमा आगे निकल चुका है। यही कारण है कि चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय नहीं होता।

43-अधिक देर तक धूप में बैठने पर शरीर का रंग काला क्यों हो जाता है?

उत्तर :- धूप में मनुष्य का शरीर गहरे रंग के वर्णक बनाता है। ये वर्णक सूर्य के प्रकाश की किरणों को सोख लेते हैं। यदि शरीर में प्रकाश-किरणों को सोख लेने वाले वर्णक बनाने की शक्ति विज्ञान न होती, तो सूर्य की गरमी के कारण त्वचा झुलस जाती। अधिक तेज धूप में शरीर अधिक वर्णक बनाता है। यही कारण है कि देर तक धूप में बैठे रहने से शरीर का रंग काला हो जाता है।

45-सर्दी में तुम्हें कंपकंपी क्यों लगती है?

उत्तर :- सर्दी के मौसम में वातावरण ठंडा हो जाता है। अतः तुम्हें कंपकंपी लगती है। कंपकंपी होने से तुम्हारी मांसपेशियों को अधिक काम करना पड़ता है, जिसके कारण ऊर्जा पैदा होती है। इस प्रकार शरीर का ताप (37°C) समान बना रहता है और यह कम नहीं हो पाता।

46-पहाड़ों पर दाल क्यों नहीं गलती?

उत्तर :- तुम जिस पृथ्वी पर रहते हो, वहां पर वायु का दबाव अत्यधिक है। जानते हो, तुम्हारे शरीर पर भी निरंतर 14 टन वायु का दबाव पड़ता रहता है। जैसे-जैसे तुम ऊंचाई पर जाते हो, इस दबाव में कमी आती रहती है । पहाड़ों पर भी वायु का दबाव कम हो जाता है। दाल को पकाने में यही वायुमंडलीय-दबाव कार्य करता है। क्योंकि पहाड़ों पर वायुमंडलीय दबाव कम होता है अत: दाल पकाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

47-तारे टिमटिमाते हुए नजर क्यों आते हैं?

उत्तर :- तुम जिस वायुमंडल में सांस लेते हो, उसमें विभिन्न घनत्व वाली अनेक परतें पाई जाती हैं। इन्हीं परतों से गुजरकर तारों का प्रकाश तुम तक पहुंचता है। वायु के कारण वायुमंडल की परतें भी हिलती रहती हैं। यही कारण है कि जब तारों का प्रकाश इन परतों से गुजरकर तुम तक आता है, तो तारे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं ।

48-आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- सूर्य के प्रकाश में सात रंग पाए जाते हैं। जब सात रंगों वाला सूर्य का प्रकाश वायुमंडल के कणों से टकराता है, तो रंगों में विचलन की क्रिया प्रारंभ हो जाती है। बैंगनी, नीले और आसमानी रंग का विचलन सबसे अधिक होता है और शेष रंगों (हरा, पीला, नारंगी तथा लाल) का विचलन कम। उपर्युक्त तीन रंगों के विचलन से लगभग नीले रंग की ही उत्पत्ति होती है। अतः आकाश नीला दिखाई देता है।

49-रंगीन कपड़ा रात्रि को क्यों नहीं खरीदना चाहिए?

उत्तर :- सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना है- बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल । किसी वस्तु का रंग, रंगों के परावर्तन तथा अवशोषण के कारण होता है। अतः जो कपड़ा तुम दिन में पहनते हो, वह रात को अलग रंग का दिखाई देता है क्योंकि रात्रि का प्रकाश कृत्रिम (बनावटी) होता है। इसमें प्राय: सूर्य के प्रकाश की भांति सात रंगों का क्रम नहीं पाया जाता। इसीलिए, रात्रि में कपड़ा खरीदते समय रंग की भूल हो जाने के कारण कपड़ा नहीं खरीदना चाहिए। ।

50-इंद्रधनुष वर्षा के बाद ही क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- कांच के तिकोने टुकड़े को प्रिज्म या त्रिपार्श्व कहते हैं। जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म के एक फलक (सिरे) पर पड़ता है, तो विचलित होकर यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है । यह क्रिया विक्षेपण कहलाती है। इंद्रधनुष का बनना भी प्रकाश के इसी विक्षेपण का एक उदाहरण है। वर्षा के बाद वायुमंडल में पानी की बूंदें उपस्थित रहती हैं। जब सूर्य का प्रकाश इन बूंदों पर गिरता है, तो बूंदें प्रिज्म का काम करने लगती हैं और सूर्य के प्रकाश को सात रंगों में विभाजित कर देती हैं। अतः इंद्रधनुष बन जाता है। वर्षा के पूर्व वायुमंडल में नमी न रहने के कारण इंद्रधनुष का बनना असंभव घटना है।

आशा है की आपको सारे प्रश्न रोचक और मजेदार लगे होंगे ।

ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी-कभी हमसे नहीं बन पाते अर्थात उसका सही उत्तर नहीं बता पाते अगर आपको ऊपर  के  सारे प्रश्न अच्छे लगे होंगे, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। 

"धन्यवाद"
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विज्ञान के प्रश्न उत्तर | Science questions answers in Hindi

Science questions answers in Hindi | विज्ञान के प्रश्न उत्तर | सामान्य विज्ञान के प्रश्न उत्तर

हम इस पोस्ट में विज्ञान से संबंधित प्रश्नों के उत्तर जानने वाले है। जो हमारे दैनिक जीवन में होते रहते है जिनका उत्तर हमें नहीं पता होता। इसलिए हमें उन प्रश्नों के उत्तर जानना जरूरी है तो आइये जाने ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर :-

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दैनिक जीवन में विज्ञान से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर 

01-पानी से भरे टब में तल पर रखा हुआ सिक्का तुम्हें ऊंचा उठा हुआ क्यों प्रतीत होता है?

उत्तर :- वह भौतिक साधन जिसमें से प्रकाश गुजरता है, माध्यम कहलाता है। माध्यम दो प्रकार के होते हैं-विरल और सघन । वायु विरल माध्यम है जबकि कांच तथा पानी सघन माध्यम के उदाहरण हैं। अपवर्तन के कारण जब प्रकाश की किरणें सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो अभिलंब से दूर हट जाती हैं। बस, इसीलिए बाहर से देखने पर पानी से भरे टब में तल पर रखा हुआ सिक्का तुम्हें ऊंचा उठा हुआ दिखाई देता है।

02-कभी-कभी विद्युत बल्ब कम अथवा तेज प्रकाश क्यों देता है?

उत्तर :- घरों में आने वाली विद्युत धारा 220 वोल्ट की होती है। कभी-कभी इस विद्युत धारा की मात्रा जब बढ़ जाती है, तो बल्ब का प्रकाश सामान्य से अधिक हो जाता है। दूसरी ओर, जब विद्युत की मात्रा कम हो जाती है, तो बल्ब का प्रकाश सामान्य से कम हो जाता है।

03-चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यात्री एक-दूसरे की आवाज क्यों नहीं सुन सकते?

उत्तर :- चंद्रमा की सतह पर वायु नहीं है । ध्वनि वायु के माध्यम से ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है । अतः चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री एक-दूसरे की आवाज नहीं सुन सकते । वे रेडियो तरंगों के माध्यम से ही आपस में संपर्क करते हैं ।

04-तेल टैंकरों को भरते समय ऊपर कुछ खाली स्थान क्यों छोड़ दिया जाता है?

उत्तर :- टैंकरों को तेल से भरते समय ऊपर कुछ खाली स्थान छोड़ दिया जाता है। इसका कारण यह है कि भीतर दाब कम हो जाता है और टैंकरों के बाहर दाब अधिक होता है। हवा अधिक दाब से कम दाब की ओर बहती है, इसलिए टैंकरों का ढक्कन ठीक से बंद हो जाता है ।

05-बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बांधना जरूरी क्यों है?

उत्तर :- तेज गति से चलती बस की छत पर हवा तेज गति से बहती हुई अनुभव होती है। छत पर रखा सामान भी उसी वेग से बस के साथ आगे बढ़ता है जिस वेग से बस आगे बढ़ रही है। जब तेज गति से बस अपनी दिशा बदलती है, तो गति के जड़त्व के कारण छत पर रखा सामान भी उसी दिशा में स्थानांतरित होना चाहता है जिसके परिणामस्वरूप वह छत से नीचे गिर जाता है। उसे गिरने से बचाने के लिए प्राय : बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बांधना जरूरी है।

06-बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?

उत्तर :- बिजली की इस्त्री जब गरम होती है, तो इसमें से अवरक्त किरणों का विकिरण होता है (सूर्य विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का विकिरण करता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य कम तथा लाल रंग की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है। लाल रंग के तरंगदैर्ध्य से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को अवरक्त प्रकाश कहते हैं ) । इसका अनुभव तुम इसके निकट आकर कर सकते हो। यह इस्त्री तुम्हें अंधेरे में दिखाई नहीं देती क्योंकि यह इतनी गरम होती नहीं कि दृश्य प्रकाश का विकिरण कर सके । अवरक्त - प्रकाश की किरणें तुम्हें दिखाई नहीं देतीं।

07-हाइड्रोजन गैस से भरा गुब्बारा हवा में ऊपर की ओर क्यों जाता है?

उत्तर :- हवा में कई प्रकार की गैसें मौजूद रहती हैं। कुछ गैसें हवा से भारी होती हैं, तो कुछ हवा से हल्की । हाइड्रोजन भी एक ऐसी ही गैस है जो हवा से हल्की होती है। जब गुब्बारे में हाइड्रोजन गैस भर दी जाती है, तो गुब्बारा हवा का जितना आयतन (वस्तु द्वारा घेरा गया स्थान) हटाता है, उसका भार गुब्बारे के भार से अधिक होता है। इसीलिए, गुब्बारा हवा में ऊपर की ओर जाता है।

08-पानी और दूध जैसे द्रव पदार्थों को नीचे से ही क्यों गरम किया जाता है?

उत्तर :- पानी और दूध जैसे सभी द्रव पदार्थों में उष्मा का स्थानांतरण संवहन विधि से ही होता है। इस विधि में द्रव के ठंडे कण भारी होने के कारण उष्मा के स्रोत के पास नीचे की ओर जाते हैं। ये कण गरम होकर हल्के हो जाते हैं जिससे ऊपर की ओर उठते हैं। अत: पानी और दूध जैसे द्रव पदार्थों को हमेशा नीचे से गरम किया जाता है।

09-पानी को गरम करने से वह भाप में क्यों बदल जाता है?

उत्तर :- पानी छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बना है। जब पानी को गरम किया जाता है, तो इसके अणुओं को ऊर्जा मिल जाती है। ऊर्जा मिलने से अणुओं की गति भी बढ़ जाती है। नतीजा यह निकलता है कि अणुओं के बीच में आकर्षण-बल कम हो जाता है और अणु एक-दूसरे से दूर-दूर हो जाते हैं।

10-इत्र की सुगंध को कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में कुछ समय क्यों लगता है?

उत्तर :- इत्र में जो अणु होते हैं, उनमें एक प्रकार की गति होती है जिसके कारण वे इधर-उधर टकराते हैं। जानते हो, इस गति का नाम क्या है? यह ब्राउनियन गति कहलाती है। तो, ब्राउनियन-गति से अणु इधर-उधर टकराते हुए ही एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंच पाते हैं। अणुओं की इस गति में थोड़ा-सा समय लग जाता है। अतः इत्र की सुगंध को पूरे कमरे में फैलने में थोड़ा समय जरूर लगता है।

11-बंद बर्तन में जलती हुई मोमबत्ती कुछ देर बाद बुझ क्यों जाती है?

उत्तर :- मोमबत्ती को जलने के लिए एक गैस की जरूरत पड़ती है, जिसे 'प्राण वायु' अर्थात आक्सीजन कहते हैं। बर्तन में जब तक आक्सीजन गैस मौजूद रहती है, मोमबत्ती जलती रहती है। कुछ देर बाद जब बरतन की समस्त आक्सीजन जलने में काम आ जाती है, तब बर्तन में कार्बन -डाइ-ऑक्साइड (अशुद्ध वायु) की अधिकता हो जाती है। परिणामस्वरूप मोमबत्ती बुझ जाती है।

12-पानी में चीनी क्यों घुल जाती है?

उत्तर :- चीनी के अणु आकर्षण-बल के कारण आपस में बंधे रहते हैं, अतः ये स्वतंत्रतापूर्वक गति नहीं कर सकते। पानी के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है जिससे ये स्वतंत्रतापूर्वक गति कर सकते हैं। - जब चीनी पानी में डाली जाती है, तो पानी के अणु चीनी के अणुओं से टकराते हैं जिससे चीनी के अणु अलग होकर गति करने लगते हैं। इस गति के कारण ही चीनी के अणु पानी में घुलकर विलयन (घोल) बना लेते हैं।

13-वर्षा के दिनों में नदियों का पानी दूषित क्यों हो जाता है?

उत्तर :- यों तो वर्षा का पानी सबसे शुद्ध होता है किंतु पृथ्वी पर गिरते ही इसमें अनेक प्रकार की अशुद्धियां मिल जाती हैं। वर्षा का पानी अन्य अशुद्धियों के साथ-साथ बहाव के कारण नदी के किनारे की गंदगी को भी नदी में मिला देता है। इसके अलावा वर्षा के पानी में मिट्टी भी काफी मात्रा में घुलकर नदी के पानी में चली जाती है। अत:  वर्षा के दिनों में नदियों का पानी दूषित हो जाता है।

14-कारखानों में चिमनियां क्यों लगाई जाती हैं?

उत्तर :- जिस पर्यावरण में तुम रहते हो, उसमें शुद्ध वायु की अधिकता अवश्य होनी चाहिए ताकि सांस लेने में तुम्हें कोई तकलीफ न हो। कारखानों आदि से धुआं निकलता है जो जहरीली (हानिकारक) गैसों से पर्यावरण को प्रदूषित करता है । अतः इस प्रदूषण से बचने के लिए ही कारखानों में ऊंची-ऊंची चिमनियां लगाई जाती हैं। इन चिमनियों के द्वारा निकला हुआ धुआं ऊपरी वायुमंडल में मिलकर तुम्हें होने वाले नुकसान से बचा लेता है।

15-कारखानों से निकला व्यर्थ पदार्थ नदियों या तालाबों में क्यों नहीं मिलने देना चाहिए?

उत्तर :- जल का जीवन में बहुत अधिक महत्व है। इस कारण इसे दूषित होने से तुम्हें बचाना चाहिए। कारखानों से निकला व्यर्थ पदार्थ नदियों या तालाबों में मिलने से इनका पानी दूषित हो जाता है। बहुत से हानिकारक रासायनिक पदार्थ पानी में घुल जाते हैं जो तुम्हारे लिए घातक होते हैं। अत : अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है कि कारखानों से निकले व्यर्थ पदार्थ को नदियों या तालाबों में मिलने से रोकना चाहिए।

16-पटाखे चलाने से तेज आवाज क्यों होती है?

उत्तर :- पटाखों में रासायनिक ऊर्जा संचित रहती है । जब पटाखे चलाए जाते हैं, तो उनमें संचित रासायनिक-ऊर्जा ध्वनि-ऊर्जा बदल जाती है। यही कारण है कि पटाखे चलाने से तेज आवाज पैदा होती । उष्मा-ऊर्जा पैदा होने से पटाखों में रोशनी भी होती है तथा गतिज ऊर्जा पैदा होने से पटाखों के टुकड़े बिखरकर दूर-दूर तक चले जाते हैं।

17-साबून के पानी में बुलबुले क्यों बनते हैं?

उत्तर :- क्या तुमने कभी साबुन के पानी से भरे टब से बुलबुले बनाकर उड़ाए हैं? जब तुम प्लास्टिक की एक नली में से साबुन के पानी से भरे टब में जोर की फूंक मारते हो, तो टब में बहुत सारे बुलबुले निकलकर हवा में उड़ने . लगते हैं। ऐसा क्यों होता है? वास्तव में, जब साबुन पानी के साथ मिलता है, तो पानी और साबुन के अणु परस्पर मिल जाते हैं और एक पतली फिल्म बना लेते हैं। जब तुम फूंक मारते हो, तो हवा इनके बीच से गुजरकर इन्हें फैला देती है। इस प्रकार, बुलबुलों की उत्पत्ति हो जाती है जो फूंक मारने पर उड़ने लगते हैं।

18-पानी डालने पर आग बुझ क्यों जाती है?

आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आते हुए तो तुमने अवश्य ही देखा होगा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी द्वारा पानी डालने पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग में भी लगी भयंकर आग बुझ जाती है । - किसी भी चीज को जलने के लिए उसका अत्यधिक गरम होना आवश्यक है अर्थात एक निश्चित ज्वलनांक पर ही कोई वस्तु गरम होती है। जब हुई वस्तु पर पानी डाला जाता है, तो उसका ज्वलन- ताप कम हो जाता है और वह बुझ जाती है। ठीक यही आग के साथ भी होता है। परंतु यदि आग तेल, बिजली या अन्य रसायन के कारण लगी हो, तो आग बुझाने के लिए पानी की जगह रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

19-समुद्र का पानी खारा अथवा नमकीन क्यों होता है?

उत्तर :- समुद्र के पानी में भिन्न-भिन्न प्रकार के रसायन पाए जाते हैं। इन सभी रसायनों में सबसे अधिक नमक होता है जिसकी मात्रा 80 प्रतिशत तक रहती है। यह नमक बर्फ के पिघलने अथवा इनके क्षय होने के फलस्वरूप आता है। वर्षा के दिनों में पर्वतों से नमक तथा दूसरे रसायन पानी में मिलकर नदियों द्वारा समुद्र में पहुंच जाते हैं। कुछ नमक समुद्र तल में पाई जाने वाली चट्टानों से भी आता है। इन्हीं कारणों से समुद्र का पानी खारा अथवा नमकीन होता है।

20-रबड़ से पेंसिल का निशान क्यों मिट जाता है?

उत्तर :- तुम पेंसिल में जो काला सिक्का देखते हो, दरअसल यह ग्रेफाइट और मिट्टी के मिश्रण से बनाया जाता है। ग्रेफाइट कार्बन का ही एक अपरूप है। "लिखते समय ग्रेफाइट एक बल (अवलंब) के द्वारा कागज पर चिपक जाता है। रबड़ से रगड़ने पर ग्रेफाइट का स्थान बदल जाता है। कारण, रबड़ का बल कागज के चिपकाने के बल से ज्यादा रहता है। इस प्रक्रिया में कागज तो साफ हो जाता है लेकिन रबड काला हो जाता है।

21-जलती हुई अंगीठी वाले बंद कमरे में सोना क्यों मना है?

उत्तर :- जलती हुई अंगीठी से कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो अत्यंत विषैली है । - यदि कमरे के सारे दरवाजे और खिड़कियां बंद हों, तो कमरे की ऑक्सीजन गैस शीघ्र समाप्त हो जाएगी। फलस्वरूप बनने वाली कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस बाहर नहीं निकल सकेगी। यह गैस सोए हुए मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके रक्त को विषाक्त (जहरीला) बना देती है । इस गैस के वातावरण में अधिक देर तक सांस लेने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। अत : जलती हुई अंगीठी वाले बंद कमरे में नहीं सोना चाहिए।

22-कोयले की अंगीठी में आग मिट्टी के तेल में डुबोए गए कपड़े के किसी टुकड़े को जलाकर आरंभ क्यों की जाती है?

उत्तर :- कोई भी पदार्थ तब आग पकड़ता है जब वह एक विशिष्ट ताप प्राप्त कर लेता है। इस ताप को उस पदार्थ का ज्वलन-ताप कहते हैं । कोयले की अंगीठी में आग मिट्टी के तेल (केरोसिन) में डुबोए गए कपड़े के किसी टुकड़े को जलाकर इसलिए आरंभ की जाती है ताकि अंगीठी में आग ज्वलन-ताप तक पहुंच सके। ।

23-आग गरम क्यों होती है?

उत्तर :- जलने की प्रक्रिया में उष्मा उत्पन्न होती है। इस ऑक्सीजन की उपस्थिति में हाइड्रोजन के जलने की प्रक्रिया को इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं। जब ऑक्सीजन, हाइड्रोजन के साथ संयोग करके अणु-आबंध बनाती है, तो यह हाइड्रोजन द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनों से अत्यधिक प्रवल आबंध बनाती है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन परमाणु अपने इलेक्ट्रॉन खो देता है जबकि ऑक्सीजन परमाणु एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है। किसी भी परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन को कम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः ऊर्जा का परिमाण आवश्यक ऊर्जा से कहीं अधिक होता है जिससे उष्मा उत्पन्न होती है। यही कारण है कि आग गरम होती है।

24-मोमबत्ती की लौ के बीच का हिस्सा पीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- मोमबत्ती की बत्ती के पास लौ का सबसे निचला हिस्सा (भाग) मोमबत्ती के धागे के बिना जले हुए कार्बन के कणों के कारण काला होता है। जब शेष कण लौ के साथ ऊपर उठते हैं, तो ये चमकते हैं जिससे लौ के बीच का भाग पीला दिखाई देता है ।

25-धूप से अचानक कमरे में आने पर तुम्हें चीजें साफ क्यों नहीं दिखाई देतीं?

उत्तर :- जब तुम धूप से अचानक कमरे में आते हो, तो तुम्हें चीजें साफ नहीं दिखाई देतीं। धूप के कारण तुम्हारी आंखों की पुतलियां सिकुड़ जाती हैं। जब तुम अचानक कमरे में प्रवेश करते हो, तब उन्हें फैलने में थोड़ा समय लग जाता है। अतः तुम धीरे-धीरे वस्तुओं को ठीक से साफ-साफ देख पाते हो ।

26-शौच के बाद हाथों को भली-भांति धोना क्यों आवश्यक है?

उत्तर :- शौच के बाद साबुन या अन्य पदार्थ (मिट्टी, राख आदि) से हाथों को भली-भांति धोना जरूरी है ताकि तुम स्वस्थ रह सको। शौच के बाद हाथों में कीटाणु चिपके रहते हैं। यदि उन्हें साफ न करें तो खाना खाते समय ये कीटाणु पेट में पहुंचकर बीमारियां फैला सकते हैं। कभी-कभी दूसरे व्यक्तियों से हाथ मिलाने पर उनमें भी ये कीटाणु पहुंचकर बीमारियों को न्योता दे सकते हैं।

27-तकिया लगाकर सोना हानिकारक क्यों है?

उत्तर :- तकिया लगाकर सोना तो प्रायः सभी को अच्छा लगता है, लेकिन सिर पर खड़ी ज्यादातर बीमारियों की जड़ सिरहाने पड़ा रहने वाला यही तकिया ही होता है। तकिये की वजह से व्यक्ति को दिल (हृदय) तथा आंखों की बीमारियों के अलावा दमा जैसे खतरनाक रोग जकड़ लेते हैं । - तकिये पर सिर रखकर सोते समय मनुष्य के शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली रक्त संचार प्रणाली में अवरोध उत्पन्न हो जाता है। इसकी वजह से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने में रुकावट आती है। अतः तकिया लगाकर सोना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

28-भोजन अदल-बदलकर क्यों खाना चाहिए?

उत्तर :- तुम्हारे शरीर को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, वे एक ही प्रकार के भोजन में कदापि नहीं मिलते। इन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार के भोजन से ही प्राप्त किया जा सकता है । अतः शरीर की आवश्यकतानुसार प्रतिदिन भोजन अदल-बदलकर खाना लाभकारी होता है ताकि तुम्हारे शरीर को पोषक तत्व प्राप्त हों तथा तुम सदैव स्वस्थ रह सको। ऐसा नहीं है कि जीभ के स्वाद के लिए भोजन अदल- बदलकर खाया जाता हो ।

29-जब तुम भागते हो, तो तुम्हारा हृदय तेज गति से क्यों धड़कने लगता है?

उत्तर :- दौड़ने अथवा व्यायाम करने से तुम्हारी हृदय गति तेज हो जाती है। जब तुम ऐसा करते हो, तब तुम्हें अधिक ऊर्जा का उपयोग करना पड़ता है। शरीर में अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। शरीर के जो भाग अधिक कार्य करते हैं, उन तक जल्दी-जल्दी ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए शरीर में रक्त की गति भी तेज हो जाती है जिससे हृदय की गति बढ़ जाती है। इसी कारण से हृदय तेजी से धड़कने लगता है। यों तो एक मिनट में हृदय 72 बार धड़कता है किंतु दौड़ते या व्यायाम करते समय इसे अधिक कार्य करना पड़ता है।

30-तुम्हें जम्हाई क्यों आती है?

उत्तर :- तुम सोच रहे होगे कि अधिक काम से थकान पैदा होने अथवा पूरी नींद न लेने से जम्हाई आती है। लेकिन, ऐसा कदापि नहीं होता। काफी देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने अथवा कठोर परिश्रम करने से एक लंबे समय के बाद तुम्हारे शरीर की श्वसन-गति धीमी पड़ जाती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जम्हाई आने का सिर्फ यही कारण है, बस! जम्हाई से छुटकारा पाने के लिए शरीर में अधिकाधिक ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहने देनी आवश्यक है ।

31-कुछ देर गोलाई में घूमने पर तुम्हें चक्कर क्यों आने लगते हैं?

उत्तर :- शरीर का संतुलन कान के अंदर स्थित तीन अर्ध वृत्ताकार नलिकाओं द्वारा किया जाता है। इनकी दीवारों पर रोम होते हैं, जिनमें द्रव भरा रहता है । सामान्य तौर पर यह द्रव स्थिर रहता है। किंतु, जब तुम लगातार गोलाई में घूमने लगते हो, तो इसमें गति आ जाती है और यह गतिशील हो जाता है। अब यह गति नलिकाओं की भीतरी सतह पर स्थित रोमों के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचती है। इसी कारण तुम्हें चक्कर आने लगते हैं ।

32-कुछ लोग जल्दी क्यों भूल जाते हैं?

कभी-कभी देखने में आता है कि कुछ लोग याद की हुई बातों अथवा रखी हुई चीजों को शीघ्र भूल जाते हैं। क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा होता है? दरअसल, स्मरण शक्ति क्षीण होने के कुछ खास कारण हैं । नशीले पदार्थों का सेवन स्मरण शक्ति को क्षीण कर देता है। स्मरण शक्ति पर आयु का प्रभाव भी पड़ता है। शारीरिक एवं मानसिक बीमारी भी स्मरण-शक्ति को घटाती है। इनके अतिरिक्त क्रोध, घबराहट, तनाव एवं चिंता के कारण भी स्मरण-शक्ति कमजोर हो जाती है।

33-तुम्हारा कद पूरी उम्र क्यों नहीं बढ़ता?

उत्तर :- तुम्हारे पापा का कद बढ़ना बंद हो गया है और तुम अब भी बढ़ रहे हो । ऐसा क्यों? जब बच्चा पैदा होता है, तो उसका औसतन कद 50 से.मी. होता है। जन्म 36 के बाद वह तेजी से बढ़ता है परंतु कुछ समय के बाद वृद्धि की दर धीमी पड़ जाती है। 12 वर्ष की उम्र तक कद लगभग डेढ़ गुणा अर्थात 1.7 मीटर हो जाता है। फिर, कद का बढ़ना रुक जाता है क्योंकि शरीर की ग्रंथियों का ऐसा सिस्टम (तंत्र) होता है जो कद को नियंत्रण में रखता है। कुछ बच्चे 20 वर्ष के बाद भी बढ़ते रहते हैं और सही कद 35 या 40 वर्ष की आयु के बीच तय हो पाता है। इसके बाद हर 10 वर्ष के दौरान मनुष्य 12 मिली मीटर सिकुड़ जाते हैं।

34-फल पकने के बाद वृक्ष से टूटकर क्यों गिर जाते हैं?

उत्तर :- पका हुआ अंडाशय ही फल कहलाता है। जब अंडाशय फल में परिवर्तित हो जाता है, तो यह पकने लगता है । जिस स्थान से यह डंठल से जुड़ा रहता है, उस स्थान पर एक विगलन परत का विकास होने लगता है। इसी परत के कारण ही पोषक पदार्थों का फल में पहुंचना धीरे -धीरे कम होने लगता है और अंत में बिलकुल बंद हो जाता है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो फल वृक्ष से टूटकर गिर जाते हैं ।

35-मिर्च खाने के बाद पानी पीने से राहत क्यों मिलती है?

उत्तर :- जीभ में कुछ ऐसी संवेदनशील स्वाद - ग्रंथियाँ होती हैं जो मुख्य रूप से मीठे, खट्टे और कड़वे स्वादों को भली-भांति पहचानती हैं। मिर्च के कुछ रसायन स्वाद-ग्रंथियों में जलन पैदा कर देते हैं जिससे जीभ में भी जलन होने लगती है। पानी पीने से जलन पैदा करने वाले ये रसायन पानी के साथ बह जाते हैं और राहत मिलती है ।

36-धूप में पेड़ की पत्तियां गरम क्यों नहीं होतीं?

उत्तर :- पौधों की पत्तियों में प्रायः 55 से 85 प्रतिशत तक पानी होता है । पत्तियों की निचली सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं। जब धूप पत्तियों पर पड़ती है तो ये रंध्र खुल जाते हैं और वाष्पीकरण (पानी निकलने) की क्रिया से पानी वाष्पीकृत होना प्रारंभ हो जाता है। यह क्रिया प्रस्वेदन कहलाती है। धूप जितनी तेज होती है, प्रस्वेदन की क्रिया भी उतनी ही अधिक होती है। परिणामस्वरूपपेड़ की पत्तियां धूप में गरम नहीं होने पातीं ।

37-धूप में कुछ देर बैठने पर आलस क्यों आता है?

उत्तर :- धूप में कुछ देर बैठने पर तुम्हारे शरीर से पसीना निकलना शुरू हो जाता है। पसीना निकलने से शरीर ढीला पड़ने लगता है और तुम्हें आलस घेर लेता है। खाना खाकर भी धूप में बैठने से तुम्हें आलस आ जाता है। खाना खाने के बाद शरीर का रक्त समस्त भोजन को पचाने का काम शुरू कर देता है। मस्तिष्क को भेजा जाने वाला रक्त भी इसी कार्य में जुट जाता है। इस कारण, शरीर में आलस आ जाता है।

38-अंडा उबालने पर ठोस क्यों हो जाता है?

उत्तर :- कच्चे अंडे का आंतरिक भाग तरल होता है। अंडा उबालने पर ठोस हो जाता है। जानते हो, ऐसा क्यों होता है? अंडे के भीतरी भाग में एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो सामान्य ताप पर तरल रहता है। किंतु, गरम करने पर यह प्रोटीन रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप विखंडित होकर ठोस में परिवर्तित हो जाता है। अंडे के पीले भाग में वसा अधिक मात्रा में मिलती है।

39-नाखून काटने से दर्द क्यों नहीं होता?

शरीर के अंगों की रचना दो प्रकार की कोशिकाओं से होती है - जीवित और मृत कोशिकाएं। - नाखूनों की संरचना मृत कोशिकाओं से होती है। यही कारण है कि नाखूनों में रुधिर की कोशिकाएं नहीं पाई जातीं । अतः जब तुम नाखून काटते हो, तो दर्द का अनुभव नहीं होता।

40-रात्रि में पेड़ों के नीचे सोना हानिकारक क्यों हैं?

उत्तर :- पेड़ ऑक्सीजन देते हैं और अशुद्ध वायु कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं । पेड़ प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान ही ऑक्सीजन छोड़ने एवं कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करने का कार्य करते हैं । प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में केवल दिन के समय ही संभव है। रात्रि को यह क्रिया नहीं होती। रात्रि में पेड़ कार्बन डाईऑक्साइड गैस ही छोड़ते हैं और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। अतः रात्रि में पेड़ों के नीचे सोना हानिकारक है।

41-नमकीन चीजें खाने से प्यास क्यों लगती है?

उत्तर :- ऐसा देखा गया है कि नमक या नमकीन चीजें खाने के बाद प्यास अधिक लगती है। इसका कारण है कि नमक खाने के बाद शरीर की कोशिकाओं का पानी गुर्दों की ओर चला जाता है। इससे शरीर के अन्य भागों में अस्थायी रूप से पानी की कमी आ जाती है। पानी की इस कमी को पूरा करने के लिए ही प्यास का अनुभव होता है और तुम पानी पीते हो।

42-छींक क्यों आती है?

उत्तर :- मानव शरीर में प्रतिवर्ती-क्रियाओं के कई उदाहरण पाए जाते हैं। छींक आना भी शरीर की एक प्रतिवर्ती क्रिया है। - नाक के अंदर पाई जाने वाली म्यूकस-झिल्ली की नाड़ियों में कभी-कभी सूजन आ जाती है अथवा कोई बाहरी पदार्थ घुस जाता है। इसे दूर करने और खुजली को रोकने के लिए ही प्राय : छींक आती है।

42-हिचकी क्यों आती है?

उत्तर :- हिचकी आने पर अक्सर कहा जाता है कि कोई याद कर रहा है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। है से शरीर की अनुकूलता के विरुद्ध भारी भोजन करने से कभी-कभी पेट में गैस या अम्लीयता बढ़ जाती है। अम्लीयता बढ़ने से डायाफ्राम सिकुड़ जाता है। ऐसे समय में फेफड़ों से जाने वाली वायु रुकावट के कारण एक अजीब सी आवाज उत्पन्न करने लगती है। यही आवाज 'हिचकी' के नाम से जानी जाती है।

43-शरीर में पसीना क्यों आता है?

उत्तर :- शरीर का तापमान 37° सेल्सियस होता है। जब रक्त का तापमान शरीर के सामान्य तापमान से अधिक हो जाता है, तो ठंडक पैदा होनी शुरू हो जाती है। ऐसे में ऑक्सीजन की क्रिया भी धीमी पड़ जाती है। शरीर में निहित स्वेद-ग्रंथियों से पसीना निकलने लगता है। अतः शरीर के तापमान को स्थिर करने के लिए तुम्हें पसीना आता है।

44-औरतों की आवाज पतली और पुरुषों की मोटी क्यों होती है?

उत्तर :- तारत्व ध्वनि का एक गुण होता है। ध्वनि का मोटा अथवा पतला होना इसी तारत्व पर निर्भर करता है। औरतों की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है, अतः उनकी आवाज पतली होती है। इसके विपरीत पुरुषों की ध्वनि का तारत्व कम होता है, अतः उनकी आवाज मोटी होती है ।

45-गरमियों में दूध जल्दी क्यों खराब हो जाता है?

उत्तर :- गरमियों में जीवाणु अधिक सक्रिय होते हैं। ये जीवाणु दूध में उपस्थित प्रोटीन, वसा तथा अन्य पदार्थों को किण्वन द्वारा कार्बनिक अम्ल में बदल देते हैं। इससे दूध में अम्लीयता बढ़ जाती है और वह खराब होकर फट जाता है।

46-इंजेक्शन लगाने से पहले डॉक्टर त्वचा को एल्कोहल से साफ क्यों करते हैं?

इंजेक्शन लगाने से पहले डॉक्टर त्वचा को एल्कोहल से इसलिए साफ करते हैं, क्योंकि एल्कोहल त्वचा में उपस्थित सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देता है। इसके अतिरिक्त वह त्वचा को निश्चेत करके स्थानीय निश्चेतक का कार्य भी करता है।

47-जो पौधे भोजन बनाते हैं, वे हरे क्यों होते हैं?

उत्तर :- सूर्य के प्रकाश में सात रंग पाए जाते हैं। जो पौधे सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करके भोजन बनाते हैं, वे सूर्य के प्रकाश में से केवल बैंगनी तथा लाल रंग का अवशोषण करते हैं। वे पौधे हरे रंग की तरंगदैर्ध्य को परावर्तित कर देते हैं। इसी कारण से वे हरे दिखाई देते हैं ।

48-मोटापा क्यों आता है?

उत्तर :- जब मनुष्य अधिक ऊर्जा तथा वसायुक्त आहार लेता है तथा उसको शारीरिक प्रक्रियाओं द्वारा जला नहीं सकता, तो अतिरिक्त वसा पेट के चारों ओर त्वचा के नीचे जमा हो जाती है। इसी वसा के कारण व्यक्ति मोटा तथा भारी-भरकम हो जाता है। मोटापा एक खतरनाक रोग है।

49-सरसों तथा मूंगफली का तेल द्रव रूप में ही क्यों रहते हैं?

उत्तर :- वसा दो प्रकार की होती हैं- संतृप्त और असंतृप्त । सरसों तथा मूंगफली के तेल असंतृप्त वसा से निर्मित हैं। असंतृप्त वसा में वसा अम्लों के अणुओं में एक या अधिक द्वि-आबंध होते हैं। इन वसाओं का द्रवणांक बहुत कम होता है, अतः ये तरल अवस्था में ही पाए जाते हैं। - इसके विपरीत ताजे मक्खन में द्वि- आबंध नहीं होते, जिससे वह ठोस अवस्था में रहता है क्योंकि वह संतृप्त वसा है।

50-आयु बढ़ने के साथ-साथ बहुत से व्यक्ति मोटे क्यों हो जाते हैं?

उत्तर :- आयु बढ़ने के साथ-साथ मनुष्य की ऊर्जा व्यय करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इस अवस्था में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भोजन की थोड़ी मात्रा की ही आवश्यकता होती है। यदि मनुष्य पहले की तरह ही भोजन लेता रहे, तो फालतू भोजन वसा में बदल जाता है जो शरीर में इकट्ठा होता रहता है। इस कारण, ऐसे व्यक्ति मोटे हो जाते हैं।

तो आपने ऊपर के सभी विज्ञान के प्रश्न उत्तरों को पढ़ लिया होगा। उम्मीद है आपको सारे प्रश्नों के उत्तर समझ आ गये होंगे। पोस्ट अगर अच्छा लगा होगा तो अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें। 

सामान्य विज्ञान से संबंधित प्रश्न उत्तर | general science question answer

सामान्य विज्ञान से संबंधित प्रश्न उत्तर | general science question answer in hindi

क्या आप जानते है की आंसू क्यों निकलते हैं? या फिर ये की पहाड़ पर चढ़ते समय व्यक्ति आगे की ओर क्यों झुकता है? इन्ही के जैसे 50 सवालों का जवाब इस पोस्ट में आपको निचे मिलने वाला है।

हमारे दैनिक जीवन में बहुत सी घटनाएँ होती रहती है, जिनमे बहुत से सवाल विज्ञान या साइंस से जुड़े रहे है। इस पोस्ट में विज्ञान के कुछ सवालों के जवाब (general science question answer) आप जानने वाले हो।

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जैसे की पैन्क्रिआस शरीर के लिए जरूरी क्यों होती है?, क्यों साथ-साथ चलता है चंद्रमा?, पहाड़ों पर खाना पंकाना कठिन क्यों होता है?, बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?

सामान्य विज्ञान पर आधारित परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण प्रश्न (general science question)

01-फ्लोराइड से दांत मजबूत क्यों होते हैं?

उत्तर - प्रत्येक मनुष्य के जीवन काल में दांत दो बार निकलते हैं। जन्म के कुछ महीनों बाद निकलने वाले दांत नौ दस साल की उम्र में गिर जाते हैं। इन्हें दूध के दांत कहते हैं। इनके स्थान पर नए स्थायी दांत आ जाते हैं ! दूध के दांतों की संख्या बीस होती है। स्थायी दांतों की संख्या बत्तीस होती है। प्रत्येक दांत में मसूड़ों से ऊपर क्राउन नामक हिस्सा होता है और प्रत्येक दांत की एक से लेकर तीन तक जड़ें होती हैं, जो उसके आकार-प्रकार और स्थिति पर निर्भर करती हैं। दांत का अधिकांश भाग पीले रंग के एक सख्त पदार्थ से बना होता है, जिसे डेंटाइन कहते हैं। दांत के क्राउन भाग पर एक सफेद रंग के पदार्थ की परत चढ़ी रहती है, जिसे इनेमल कहते हैं। यह मानव शरीर का सबसे सख्त ऊतक है। फ्लोराइड एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो दांतों के इनेमल को और भी मजबूत बनाता है। जब हम अपने दांतों को फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करते हैं तो फ्लोराइड के अणु दांतों पर चिपक जाते हैं। चूंकि फ्लोराइड *अणु दांत की ऊपरी संरचना में अधिक उपयुक्त रूप से फिट हो जाते हैं, वे दांतों की ऊपरी परत को और भी मजबूत बना देते हैं ।

02-पैन्क्रिआस शरीर के लिए जरूरी क्यों होती है?

उत्तर - पैन्क्रिआस मानव शरीर सहित सभी रीढ़ की हड्डी वाले प्राणियों का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह पेट के निचले भाग में स्थित होता है और पाव से लेटे पलास्क जैसा दिखता है। इस ग्रंथि का रंग गुलाबीपन लिए पीला होता है और यह 12 से 15 सेमी लंबी, 3.8 सेमी चौड़ी और 2.5 सेमी मोटी होती है। आइए जानें यह शरीर के लिए महत्वपूर्ण क्यों होती है। पैन्क्रिआस एक बहुत ही शक्तिशाली पाचक रस पैदा करता है। यह रस ही आंतों में भोजन को तोड़ता है। इससे इंसुलिन और ग्लूकेगोन नामक हार्मोन भी पैदा होते हैं। यह ग्रंथि रोज करीब सवा किलो से डेढ़ किलो पैन्क्रिऑटिक रस पैदा करती है। सोडियम बाइकार्बोनेट युक्त यह रस अम्ल को उदासीन कर एक नली से होता हुआ छोटी आंत या डुओडिनम तक आता है। इस रस में लवण और एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन, स्टार्च, शर्करा और वसा को पचाने में सहायता करते हैं। इस रस में पांच एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को पचाने का काम करते हैं। अगर पैन्क्रिआस ग्रंथि नहीं हो, तोन तो भोजन ठीक से पच सकता है और न ही इंसुलिन के अभाव के कारण रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है।

03-आंसू क्यों निकलते हैं?

उत्तर - जब किसी शोक- समाचार या दुख के कारण हम रोने लगते हैं तो हमारी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। रोने का कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इस क्रिया में सदा ही हमारी आंखों से आंसू निकलते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? हमारी आंखों की पलकें सदा ही खुलती और बंद होती रहती हैं। पलकों का यह खुलना और बंद होना मांसपेशियों द्वारा होता है। इनकी गति इतनी तीव्र होती है कि पलक झपकने से हमारी दृष्टि पर कोई असर नहीं पड़ता। पलक झपकने की क्रिया हर छः सेकंड के अंतर में सारी उम्र होती है। हमारी आंख के बाहरी कोने के अंदर एक आंसू ग्रंथि होती है। इस ग्रंथि से पतली नलियां आंसुओं को ऊपर की पलक तक ले जाती हैं और वहां से दूसरी पतली नलियों द्वारा आंसू आंखों से बाहर आ जाते हैं। जब भी हम पलक झपकते हैं, वैसे ही आंसू नलिकाओं से कुछ तरल पदार्थ बाहर आ जाता है। यही तरल पदार्थ आंखों को नम रखता है और सूखने से बचाता है |

04-क्यों साथ-साथ चलता है चंद्रमा?

उत्तर - रात के समय ट्रेन की खुली खिड़की से बाहर देखना बहुत अच्छा लगता है। नदियां, पहाड़, पेड़ और शहर पीछे छूटते जाते है, लेकिन चंद्रमा साथ ही चलता रहता है। आइए, देखें कि चंद्रमा क्यों साथ चलता है? जब हम किसी भी चीज को देखते हैं, तो वह हमारी आंखों पर एक कोण बनाती है। यदि उस वस्तु की स्थिति बदल दी जाए, तो उसके कारण आंखों पर बनने वाला कोण भी बदल जाता है। जब हम ट्रेन या किसी अन्य वाहन से जा रहे हों, तो नदियां, मकान, पहाड़ और झाड़-पेड़ पीछे जाते हुए नजर आते हैं, क्योंकि ट्रेन या उस वाहन के आगे बढ़ने से दृश्य द्वारा आंखों पर बनाया जाने वाला कोण बदल जाता है। लेकिन जो चीजें पीछे जाती हुई नजर आती हैं, उनसे हमारी दूरी अधिक नहीं होती, इसलिए स्थिति में जरा से बदलाव से भी कोण बदल जाता है। जबकि चंद्रमा पृथ्वी से 3 लाख 84 हजार किमी. की दूरी पर है। इतनी अधिक दूरी होने के कारण जब हम आगे बढ़ते भी हैं, तो चंद्रमा के कारण आंखों पर बनने वाले कोण में कोई बदलाव नहीं आता। यही वजह है चंद्रमा हमें साथ चलता हुआ दिखाई देता है ।

05-बच्चे क्यों दिखते हैं माता या पिता जैसे?

उत्तर - अक्सर बच्चों का रूप-रंग, उनकी कद-काठी माता या पिता में से किसी एक की तरह होती है। आइए देखें, ऐसा क्यों होता है? मनुष्य के शारीरिक गुण-सूत्र एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी क्रोमोसोम्स के द्वारा हस्तांतरित होते हैं। बच्चे के जन्म के लिए 46 क्रोमोसोम्स जरूरी होते हैं, जिनमें से 23 पिता के द्वारा और 23 माता के द्वारा प्राप्त होते हैं। इसका मतलब यह है कि जन्म लेने वाले बच्चे के पास हर जीन के दो संस्करण होते हैं, एक पिता से प्रदत्त और एक माता का दिया हुआ । जीन क्रोमोसोम्स का छोटा सेक्शन होती है। हर जीन में बच्चे में विशेष गुण के विकास के लिए जरूरी सूचनाएं दर्ज होती हैं। मसलन, कोई जीन आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार है, तो कोई बालों के रंग के लिए। बच्चे में उसी जीन के गुण आते हैं, जो प्रभुत्वशाली होता है। उदाहरण के लिए पिता के बालों का रंग काला है और माता के बाल भूरे हैं। अगर वालों के रंग का निर्धारण करने वाले जीनों में माता के जीन का प्रभुत्व है, तो बच्चे के बालों का रंग भी माता के बालों के रंग की तरह ही होगा। इसके विपरीत यदि पिता की जीन अधिक प्रभुत्वशाली है, तो बच्चे के बालों का रंग पिता के बालों की तरह होगा।

06-काटने वाले कीड़े शरीर में कीटाणु कैसे भेजते हैं?

उत्तर - पृथ्वी पर रहने वाले हजारों प्रकार के कीड़ों में से कुछ काटने वाले कीड़े हमारे बहुत बड़े दुश्मन हैं। काटकर रोग फैलाने वाले कीड़ों में मुख्य रूप से मच्छर, ट्सेट्से मक्खी, जुएं, रैट फ्लाई, खटमल आदि ऐसे हैं जो अनेक बीमारियां फैलाते हैं। ये कीड़े जब किसी रोगी को काटते हैं और उसका खून चूसते हैं तो रोगी से बीमारी के कीटाणु उनके शरीर में आ जाते हैं। यही कीड़ा जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो अपनी सुई जैसी खोखली नली द्वारा लार के साथ उस रोग के कीटाणु शरीर में प्रवेश करा देता है। ये कीटाणु उसके शरीर में पहुंचकर उस स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगी बना देते हैं। मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है। ट्सेट्से मक्खी के काटने से स्लीपिंग सिकनेस, जुओं के काटने से टायफाइड और रैट फ्लाई के काटने से प्लेग के कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। दरअसल, ये कीटाणु स्वयं जीवित रहने के लिए हमारा खून चूसकर अपना पेट भरने हेतु हमें काटते हैं। खून चूसने से पहले थोड़ी-सी लार हमारे शरीर के अंदर भेजते हैं ताकि खून सूखकर गाढ़ा न हो जाए और इसी लार के साथ रोग के कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

07-छिपकली अपनी पूंछ छोड़कर क्यों भाग जाती है?

उत्तर - छिपकली देखने में डरावनी लगती है, लेकिन यह जहरीली नहीं होती है। कभी-कभी देखा जाता है कि छिपकली अपनी पूंछ छोड़कर भाग जाती है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? जब छिपकली पर उसका कोई शत्रु हमला करता है और इसकी पूंछ जरा सी भी पकड़ में आ जाती है तो यह अपनी पूंछ का वह हिस्सा छोड़कर भाग जाती है और दुश्मन के चुंगल से अपने को बचा लेती है। कटी हुई पूंछ थोड़ी देर तक छटपटाती रहती है। कुछ ही दिनों में छिपकली की नई पूंछ उग आती है। छिपकली द्वारा पूंछ छोड़ने का गुण एक ऐच्छिक गुण है। इसकी पूंछ की हड्डियां दूसरी हड्डियों के साथ में ढीले रूप में जुड़ी होती हैं, इसलिए पूंछ इसके शरीर से आसानी से अलग हो सकती है। पूंछ काटने पर खून भी नहीं निकलता, क्योंकि इसकी रक्त कोशिकाओं के अंतिम सिरे लगभग बंद होते हैं। इन सब कारणों से इसे अपनी पूंछ शरीर से अलग करने में कष्ट नहीं होता और पूंछ कटने पर इसे चलने में भी कोई परेशानी नहीं होती।

08-हवाई जहाज द्वारा सफर करते समय फाउंटेन पेन से स्याही निकाल देने के लिए कहा जाता है, क्यों?

उत्तर पृथ्वी तल की अपेक्षा ऊंचे स्थानों पर दबाव कम होता है। इसलिए जब हम हवाई जहाज में बैठकर ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं, तो पेन (लेखनी) के भीतर का दबाव, वातावरण के दबाव से अधिक हो जाता है और इसे समान करने के लिए पेन से अपने आप स्याही निकलने लग जाती है जो हमारे कपड़ों को गंदा व देती है। इसी से बचने के लिए स्याही निकाल देने की सलाह व जाती है ।

09-खोलते पानी की अपेक्षा भाप अधिक गम्भीरता से जलाती है, क्यों?

उत्तर कारण यह है कि भाप में खौलते पानी की अपेक्षा अधिक दाहक शक्ति होती है अथवा यह कहिए कि भाप की ऊष्मा उसी तापमान में खौलते पानी की ऊष्मा की अपेक्षा अधिक होती है, इसलिए भाप अधिक दाहकारी होती है

10-पहाड़ पर चढ़ते समय व्यक्ति आगे की ओर क्यों झुकता है |

उत्तर पहाड़ पर चढ़ते समय स्थायी सन्तुलन रखने के लिए झुकाव आवश्यक है। आगे की ओर का झुकाव हमें आधार क्षेत्र में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण केन्द्र से होकर गुजरने वाली रेखा पर बने रहने देता है और उससे विलग नहीं करता। स्थायी सन्तुलन के लिए यह आवश्यक है।

11-पेट्रोल द्वारा लगी आग पानी से क्यों नहीं बुझती?

उत्तर पेट्रोल की आग में इतनी प्रबल ऊष्मा होती है कि उसके संस्पर्श से पानी स्वयं भाप बन जाता है और वह आग को बुझाने में असफल रहता है।

12-आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर धूल तथा वायु कणों के कारण प्रकाश का बिखराव हो जाता है। यह बिखराव अधिकतर निचली तरंगों की लम्बाई में होता है, इसलिए यह प्रतिछाया के अन्त में रंगों में असमान हो जाता है जो अधिकतर नीला या बैंगनी होता है। इसी वजह से आकाश भी नीला ही दिखाई पड़ता है।

13-लद्दाख जैसे प्रदेश में सूर्य निकलने पर तो खूब गर्मी पड़ती है तथा धूप न होने पर शीतलता बढ़ने लगती है। इसका क्या कारण है?

उत्तर - लद्दाख जैसे ऊंचे (पहाड़ी) स्थानों में वायुमंडल विरल होता है। इस प्रकार का वायुमंडल बाधाहीन होता है अर्थात् उसमें सूर्य की किरणों को सोख लेने और बिखराने आदि की शक्ति नहीं होती इसलिए ऐसे स्थानों पर सूर्य निकलने पर गर्मी काफी पड़ती है । छाया होने पर विरल वायुमंडल मूर्य की किरणों की ऊष्मा से बहुत कम गर्मी ले पाती है और धुपहले अंश का बिखराव भी कम होता है। परिणामस्वरूप शीतलता अधिक हो जाती है।

14-डूबने के कुछ समय पश्चात् लाश पानी में उतराने क्यों लगती है?

उत्तर शरीर में विद्यमान गैसों के निकल जाने पर शव हल्का हो जाता है और उसका भार उसके द्वारा हटाए गए जल से कम हो जाता है। इसलिए लाश उतराने लगती है।

15-बर्फ पानी पर क्यों तैरती है?

उत्तर आर्केमेडीज के सिद्धान्त के अनुसार तरल पदार्थ में कोई वस्तु तब तैरती है जब उसके द्वारा हटाए गए तरल पदार्थ का वजन उस वस्तु के वजन से अधिक होता है। पानी जब जम कर बर्फ बन जाता है तब उसका आपेक्षिक घनत्व कम हो जाता है और इस प्रकार उसके द्वारा हटाए गए जल की अपेक्षा उसका भार कम होता है। फलतः बर्फ जल में तैरती है।

16-पहाड़ों पर खाना पंकाना कठिन क्यों होता है?

उत्तर पर्वतों पर दबाव कम होता है। इसलिए पानी देर से उबलता है और खाना देर से बन पाता है।

17-सर्दी के मौसम में सूती कपड़ों की अपेक्षा ऊनी वस्त्र शरीर को अधिक गर्म क्यों रखते है?

उत्तर गर्म कपड़े ऊष्मा के असंवाहक होते हैं। अत्यधिक मात्रा में छिद्र होने के कारण उसमें हवा भर जाती है और वह भी शरीर के ताप से ऊष्मा हो जाती है तथा बाहरी वातावरण का प्रभाव उस पर इसलिए नहीं पड़ पाता कि वे कपड़े ऊष्मा के असंवाहक हैइसलिए ऊनी कपड़े शरीर के तापमान को बाहर के तापमान (शीतल) से बचाए रखते हैं

18-हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे ऊपर क्यों उठते हैं?

उत्तर हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे का हवा में ऊपर उठने का कारण यह है कि उसका वजन गुब्बारे द्वारा हटाई जाने वाली हवा से कम होता है । फलतः गुब्बारा ऊपर उठता जाता है |

19-बिजली का बल्ब प्रकाश कैसे विकीर्ण करता है?

उत्तर बल्ब के भीतर अत्यधिक अवरोध वाला टंगस्टन तार लगा होता है। जब विद्युत तरंगें इससे होकर गुजरती हैं, तो यह गर्म होकर लाल हो जाता है और तार के परमाणु उच्च ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते हैं, और कुछ सेकेंड तक उस स्थिति में रहने के पश्चात् निम्न ऊर्जा में प्रत्यावर्तित हो जाते हैं और प्रकाश के रूप में ऊर्जा देने लगते हैं।

20-साइकिल सवार कोने ( मोड़ ) पर घूमते समय आगे की ओर क्यों झुक जाता है?

उत्तर सन्तुलन बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाता है । बाहर की ओर केन्द्रापसारी शक्ति ( झुकाव आदि) चक्करदार मोड़ की विशेषता होती है।

21-स्वच्छ जल की अपेक्षा खारे पानी में तैरना आसान क्यों होता है।

उत्तर खारे पानी का घनत्व स्वच्छ पानी की अपेक्षा अधिक होता है। अधिक घनत्व वाले तरल पदार्थ में तैरना कम घनत्व वाले तरल पदार्थ की अपेक्षा अधिक सुगम हैं क्योंकि अधिक घनत्व वाले जल का विस्थापित आयतन का भार अधिक होता है।

22-बलुई भूमि पर चलना मुश्किल होता है, क्यों?

उत्तर प्रत्येक क्रिया की प्रतिगामी क्रिया भी होती है और यही कारण है कि हम पृथ्वी पर खड़े हो पाते हैं। यदि पैरों के तलुवों और धरती की सतह के बीच संघर्षण काफी अधिक होता है तो हम चल नहीं पाते । जब हम बालू पर खड़े होते हैं, तो धीरे मे हमारे ऊपर एक ऊर्ध्व प्रतिगामी क्रिया होती है। किन्तु जब हम चलने का प्रयत्न करते हैं या बालू पर दबाव डालते हैं तो तलुवों और रेत कणों के बीच के संघर्षण की शक्ति में ऊर्ध्वगामी प्रतिक्रिया की शक्ति खो जाती है और हमारे तलुवों में कोई ऊर्ध्वगामी प्रतिक्रिया नहीं हो पाती । यह संघर्षण ही आसानी से चलने में बाधक हो जाता है।

23-जंग लगने पर लोहे का कील के भार में वृद्धि हो जाती है, क्या कारण है?

उत्तर सीले वातावरण में लोहे की कील हवा की नमी को चूस लेती है जिससे उनमें आयरन ऑक्साइड पैदा हो जाती है और जंग लग जाता है। इस आयरन आक्साइड़ के कारण कील का भार बढ़ जाता है

24-मोटर चालक पीछे की वस्तु (आते वाहनों को देखने के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग क्यों करते है?

उत्तर एक छोटे उत्तल दर्पण में बहुत अधिक दूरी में फैली हुई वस्तुओं का प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखाई दे जाता है। इसी कारण से ऐसे दर्पण मोटर कार में ड्राइवर के सामने लगाए जाते हैं, ताकि उसे पीछे से आने वाली गाड़ियों के प्रतिबिम्ब दिखाई दे सकें।

25-किन-किन बातों पर किसी वस्तु का रंग निर्भर करता है?

उत्तर सफेद प्रकाश सात रंगों का मिश्रण होता है। जब वह किसी वस्तु पर पड़ता है तो वह वस्तु इन सात रंगों में से कुछ का अवशोषण कर लेती है और शेष रंगों को परिवर्तित कर देती है। इस परावर्तित प्रकाश से ही वह दिखाई देती है। जो वस्तु लाल दिखाई देती है केवल लाल रंग की किरणों को परावर्तित करती है, शेष सबको अवशोषित कर लेती है। जो वस्तु सब रंगों को अवशोषित कर लेती है वह काली दिखाई पड़ती है और जो वस्तु किसी भी रंग का अवशोषण नहीं करती, वह सफेद दिखाई पड़ती है।

26-कठोर जल साबुन के साथ आसानी से झाग नहीं देता है, क्यों?

उत्तर कठोर जल (खारे पानी) में सल्फेट और मैगनेशियम या कैल्शियम के क्लोराइड होते हैंइनका यौगिक (Compound) साबुन में नहीं घुलता । इसलिए कठोर जल में साबुन आसानी से झाग नहीं देता।

27-लकड़ी पानी में क्यों तैरती है?

उत्तर कोई भी वस्तु किसी द्रव में डूबने से पहले जब अपने भार के बराबर का द्रव हटा लेती है, तो वह उसमें तैरने लगती है ऐसा Qी व कर सकती है, जिसका विशिष्ट गुरुत्व उस द्रव के विशिष्ट गुरुत्व से कम हो । लकड़ी का विशिष्ट गुरुत्व जल के विशिष्ट गुरुत्व से कम है, इसलिए वह पानी में तैरती है

28-क्या पेड़ों की पत्तियों का रंग बदलता रहता है? पतझड़ में उनका रंग पीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर वस्तुतः पत्तियों का रंग बदलता नहीं है। जब पत्तियों में हरा तत्व क्लोरोफिल, बनना कम हो जाता है, जैसे सूखे मौसम में, तो पत्तियों का हरा रंग मन्द पड़ जाता है और पत्तियों में विद्यमान पीला या लाल रंग अपेक्षाकृत अधिक उभर कर सामने आ जाता है। तभी पत्तियों का रंग बदला हुआ प्रायः पीला दिखाई पड़ता है।

29-मच्छर के काटने से जलन क्यों होती है?

उत्तर जब मच्छर काटता है, तो उसका मुंह हमारी खाल के भीतर घुस जाता है और मच्छर खून चूम लेता है। इसी समय मच्छर अपने मुंह से थूक या लार जैसी वस्तु हागरे शरीर में छोड़ देता है। इसी थूक या लार जैसी वस्तु के कारण हमारे शरीर में जलन होती है।

30-फूलों में सुगंध कहां से और कैसे आती है?

उत्तर फूलों की पंखुड़ियों में एक प्रकार का तेल होता है। जब वह तेल वाष्पित होकर हवा में मिल जाता है, तो हमें उसकी सुगंध मिलती है।

31-मकड़ी अपना जाला कैसे बनाती है?

उत्तर मकड़ी के शरीर में एक ग्लैंड होता है, जिनमें से पतला तरल धागे जैसा पदार्थ निकलता है, जो तत्काल सूखता जाता है। मकड़ी के जाले दो किस्म के होते हैं (i) सूखा, और (ii) चिपचिपा । चिपचिपे जाले में ही मक्खियां और कीड़े फंस जाते हैं, जिन्हें मकड़ी खाती है। -

32-बैलगाड़ी के पहिए पर रिम चढ़ाने से पहले रिम को आग में तपाकर लाल क्यों कर देते है?

उत्तर जब रिम को आग में तपाकर लाल कर देते हैं, तो उसका व्याप थोड़ा बढ़ जाता है और वह आसानी से पहिए पर चढ़ जाता है। जब रिम ठंडा हो जाता है तो थोड़ा-सा सिकुड़कर पहिए के साथ खूब चिपक जाता है।

33-तारे और ग्रह में क्या अंतर है?

उत्तर तारा वह आकाशीय पिंड है, जिसका अपना प्रकाश होता है जबकि ग्रह में अपना प्रकाश नहीं होता; ग्रह सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिम्बित करता है। तारा स्थिर होता है जबकि ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में घूमता रहता है।

34-चमगादड़ अंधेरे में कैसे उड़ पाता है?

उत्तर रात्रि में चमगादड़ उड़ते है; परन्तु वे उड़ते समय साधारणतः रात के अंधेरे में किसी भी अवरोध से टकराते नहीं हैं। देखा गया है कि चमगादड़ बहुत ही अधिक तारत्व ( पिच) वाली ध्वनि पैदा करते हैं, जिनको मनुष्य के कान नहीं सुन सकते । इन ध्वनियों को अल्ट्रासोनिक ध्वनि (पराश्रव्य ध्वनि ) कहते हैं । ये अल्ट्रासोनिक ध्वनियां अवरोध से टकरा कर प्रतिध्वनि के रूप में चमगादड़ के कानों तक आती है, जिससे चमगादड़ को आगे आने वाली वस्तु (अवरोध) का पूर्ण ज्ञान हो जाता है।

35-किसी देश में हुए परमाणु बम विस्फोट का पता दूसरे देशों के वैज्ञ निकों को कैसे लग जाता है?

उत्तर प्रत्येक आणविक विस्फोट से उच्च आवृत्ति की ऐसी प्रकाश व रेडियोधर्मी तरंगें का जन्म होता है, जिनका ज्ञान दूसरे देशों में रखे गये यंत्रों से हो जाता है। इसके अतिरिक्त सूक्ष्म-वायुभारमापी (माइक्रो बैरोमीटर ) नामक यंत्र भी वायुमंडल से इन तरंगों को ग्रहण कर सकता है। किसी भी आणविक विस्फोट से सारे विश्व की रेडियोधर्मिता बढ़ जाती है, जिसे यंत्रों की सहायता से दुनिया में कहीं भी जाना जा सकता है।

36-क्या परमाणु बिस्फोट के बाद तेज आंधी आ सकती है?

उत्तर परमाणु विस्फोट के बाद आंधी अवश्य आती है । विस्फ़ोट जितना अधिक भयंकर होगा, आंधी भी उतनी ही जबर्दस्त आएगी। सौ मेगाटन के अणु बम के विस्फोट के बाद पौने दो हजार मील प्रति घण्टा तक के वेग की आंधी आ सकती है।

40-धुआं क्या है?

उत्तर धुआं अपूर्ण दहन का परिणाम है। अधिकतर वस्तुएं जिनके जलने पर धुआं पैदा होता है, यदि पूर्ण रूप से जलाई जाएं तो प्रायः रंगहीन गैसों के अतिरिक्त और कुछ नहीं निकलेगा | परन्तु मनुष्य अभी तक उस भट्टी का आविष्कार नहीं कर पाया है, जिससे वस्तु पूर्ण रूप से जल जाए हम लोग लकड़ी, कोयला आदि को अंशतः जलाते हैं, फलस्वरूप वस्तु के कुछ कण दहन के फलस्वरूप उत्पन्न गैसों के साथ निकलते है, और धुएं का निर्माण करते हैं।

41-क्या हम अपने देश की धरती में इतना गहरा छेद कर सकते है कि उसके सहारे अमेरिका पहुंच सकें?

उत्तर ऐसा असम्भव है, क्योंकि बीस-पच्चीस मील की गहराई के आगे इतनी अधिक ऊष्मा मिलेगी, कि मनुष्य तो क्या सभी मशीनें गलने लगेंगी।

42-एण्टीबायोटिक क्या है?

उत्तर 'एण्टीबायोटिक' कुछ चुने हुए जीवाणुओं का नाश करने वाले अत्यधिक शक्तिशाली यौगिक हैं। ये कुछ जड़ी-बूटियों के अवशिष्ट तथा मिट्टी में प्राप्त सूक्ष्म जीवों द्वारा तैयार किये हैं। ये अन्य प्रकार के जीवाणुओं का नाश करते हैं। पेनिसिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, क्लोरोमाइसिटिन तथा ओरियोमाइसिन चार प्रकार के मुख्य 'एण्टीबायोटिक' है । ये औषधियां विशिष्ट जीवाणुओं द्वारा उत्पन्न विशेष रोगों का निराकरण करती हैं। न्यूमोकोस जीवाणु द्वारा उत्पन्न निमोनिया रोग को दूर करने के लिए पेनिसिलिन रामबाण औषधि है।

43-लोहे का बना हुआ जहाज पानी में तैरता है परंतु लोहे की सुई पानी में क्यों डूब जाती है?

उत्तर :- किसी भी वस्तु के पानी में तैरने के लिए यह जरूरी है कि उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके भार से अधिक हो । लोहे का बना हुआ जहाज जब पानी में चलता है, तो उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके (जहाज के) भार से अधिक होता है अतः जहाज पानी में तैरता है। दूसरी ओर, सुई पानी में डालने पर अपने भार से कम भार का ही पानी हटा पाती है अतः पानी में डूब जाती है।

44-रेल की पटरियों में जोड़ों के बीच खाली स्थान क्यों छोड़ा जाता है?

उत्तर :- रेलगाड़ी जब पटरी पर चलती है, तो पहियों तथा पटरी के बीच में एक. प्रकार का घर्षण होता है । इस घर्षण से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिसके कारण रेल की पटरी फैलती है । पटरी के इस फैलाव के लिए स्थान देने के उद्देश्य से ही कहीं-कहीं खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि स्थान नहीं छोड़ा जाएगा, तो पटरी के फैलाव से वह टेढ़ी-मेढ़ी हो जाएगी और रेलगाड़ी पटरी से उतर जाएगी ।

45--अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर क्यों नहीं बनती?

उत्तर :- सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्रोत है, जबकि पक्षी बहुत छोटे । पक्षियों की घटती हुई छाया और बढ़ती हुई उपछाया बनती है। पक्षियों के पृथ्वी से अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण छाया घटकर रास्ते में ही खो जाती है। उपछाया अधिक बड़ी लेकिन बहुत हल्की होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर नहीं बनती।

46-डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए चम्मच का प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर :- डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए तुम चम्मच का उपयोग उत्तोलक के रूप में ही करते हो । चम्मच के किनारे को ढक्कन के नीचे रखा जाता है तथा दूसरे किनारे पर हाथ से नीचे को दबाकर बल लगाया जाता है। इस प्रकार चम्मच द्वारा बने उत्तोलक में बल भुजा भार भुजा से बड़ी होती है। अतः कम बल लगाने से बंद हुआ ढक्कन सरलता से खुल जाता है ।

47-बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?

उत्तर :- बिजली की इस्त्री जब गरम होती है, तो इसमें से अवरक्त किरणों का विकिरण होता है (सूर्य विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का विकिरण करता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य कम तथा लाल रंग की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है। लाल रंग के तरंगदैर्ध्य से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को अवरक्त प्रकाश कहते हैं ) । इसका अनुभव तुम इसके निकट आकर कर सकते हो। यह इस्त्री तुम्हें अंधेरे में दिखाई नहीं देती क्योंकि यह इतनी गरम होती नहीं कि दृश्य प्रकाश का विकिरण कर सके । अवरक्त - प्रकाश की किरणें तुम्हें दिखाई नहीं देतीं।

48-कारखानों में चिमनियां क्यों लगाई जाती हैं?

उत्तर :- जिस पर्यावरण में तुम रहते हो, उसमें शुद्ध वायु की अधिकता अवश्य होनी चाहिए ताकि सांस लेने में तुम्हें कोई तकलीफ न हो। कारखानों आदि से धुआं निकलता है जो जहरीली (हानिकारक) गैसों से पर्यावरण को प्रदूषित करता है । अतः इस प्रदूषण से बचने के लिए ही कारखानों में ऊंची-ऊंची चिमनियां लगाई जाती हैं। इन चिमनियों के द्वारा निकला हुआ धुआं ऊपरी वायुमंडल में मिलकर तुम्हें होने वाले नुकसान से बचा लेता है।

49-पानी डालने पर आग बुझ क्यों जाती है?

आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आते हुए तो तुमने अवश्य ही देखा होगा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी द्वारा पानी डालने पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग में भी लगी भयंकर आग बुझ जाती है । - किसी भी चीज को जलने के लिए उसका अत्यधिक गरम होना आवश्यक है अर्थात एक निश्चित ज्वलनांक पर ही कोई वस्तु गरम होती है। जब हुई वस्तु पर पानी डाला जाता है, तो उसका ज्वलन- ताप कम हो जाता है और वह बुझ जाती है। ठीक यही आग के साथ भी होता है। परंतु यदि आग तेल, बिजली या अन्य रसायन के कारण लगी हो, तो आग बुझाने के लिए पानी की जगह रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

50-चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम क्यों हो जाता है?

उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इस कार्य के लिए पृथ्वी। कुछ बल लगाना पड़ता है। यही बल वस्तु का भार कहलाता है। जब कोई भी वस्तु चंद्रमा पर होती है, तो उसका भार चंद्रमा के आकर्षण बल पर निर्भर करता है। चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के आकर्षण बल का छठा भाग होता है। यही कारण है कि चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम अर्थात पृथ्वी पर वस्तु के भार का 1/6 भाग हो जाता है।