टॉक्सिकोलॉजी क्या हैं (what is toxicology)

टॉक्सिकोलॉजी (विषविज्ञान) क्या हैं (what is toxicology)

नमस्कार, आंसर दुनिया में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम टॉक्सिकोलॉजी की परिभाषा क्या हैं टॉक्सिकोलॉजी का क्या मतलब होता हैं साथ ही हम टॉक्सिकोलॉजी  की विभिन्न शाखाओ के बारे में भी जानेंगे | टॉक्सिकोलॉजी से जुडी इस महत्वपूर्ण जानकरी को पूरा जरुर पढ़े।


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टॉक्सिकोलॉजी क्या हैं ?

टॉक्सिकोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत विषों की प्रकृति, गुणों प्रभाव एवं उनकी पहचान करते हैं। टॉक्सिकोलॉजी एनवाइरनमेन्टल साइंस का बहुआयामी क्षेत्र हैं जो कि अनेकों क्षेत्रों से मिलकर बना है  जैसे-इकोलोजी, एनवाइरनमेन्टल बायोलाजी, एनवाइरनमेन्टल केमिस्ट्री आदि तथा दिन-प्रतिदिन इसका स्कोप बढ़ता ही जा रहा है।

तो अब आप समझ गये होंगे की टॉक्सिकोलॉजी  क्या हैं टॉक्सिकोलॉजी  किसे कहते हैं तो चलिए अब टॉक्सिकोलॉजी  की विभिन्न शाखाओ के बारे में जानते हैं।

टॉक्सिकोलॉजी की शाखाएँ (Branches of Toxicology)

1. वातावरणीय टॉक्सिकोलॉजी (Environmental Toxicology)

एनवाइरनमेण्टल टॉक्सिकोलॉजी के अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के रसायन जो कि एटमोस्फियर (Atmosphere), हाइड्रोस्फियर (Hydrosphere), लिथोस्फियर (Lithosphere) या बायोस्फियर (Biosphere) में पाये जाते हैं, उन केमिकल्स के दुष्प्रभावों का अध्ययन है। कृषि-उद्यान, कृषि, मृदा तथा जलीय शालाओं में टॉक्सिक रसायनों (Toxic chemicals) का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। 

इनमें से अनेक रसायनों का प्रयोग घरों व कारखानों तथा उद्योगों में किया जा रहा है। अनेक उद्योगों से टॉक्सिक रसायन अपशिष्ट पदार्थों के रूप में विसर्जित हो रहे हैं। इस प्रकार के विभिन्न प्रदूषकों के कारण पर्यावरण क्षीण होता जा रहा हैहम वातावरणीय टॉक्सिकोलॉजी (Environmental Toxicology) के अन्तर्गत जीवों एवं जीव मण्डल पर इन प्रदूषकों के प्रभाव एवं कारणों का अध्ययन करते हैं।

2. फोरेन्सिक टॉक्सिकोलॉजी (Forensic Toxicology)

इसमें टॉक्सिकोलॉजी (Toxicology) के मौलिक सिद्धांत एवं विश्लेषिक रासायनिकी (Analytical chemistry) का अध्ययन करते हैं। इसके अन्तर्गत रसायनों व अनेक प्रयोग के प्रभाव, अभिज्ञान, उपचार एवं मात्रात्मक परीक्षण (Quantitative test) का अध्ययन करते हैं। यह जानकारी न्यायालयों में अदालती जाँच के समय उपयोगी होती है।

 किसी को विष देने या विष लेने का सन्देह होने पर इसकी सत्यता प्रमाणित करने के लिए फोरेन्सिक टॉक्सिकोलॉजी की विधियों का उपयोग किया जाता है। फोरेन्सिक टॉक्सिकोलॉजी द्वारा परिस्थतियों एवं उपलब्ध प्रमाणों की जानकारी के साथ-साथ सम्बन्धित व्यक्ति की मानसिक दशा, उसकी सामाजिक आर्थिक परिस्थिति तथा मृत्यु से पूर्व होने वाली घटनाओं का भी अध्ययन किया जाता है।

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3. इकोनॉमिक टॉक्सिकोलॉजी (Economic Toxicology)

इसके अन्तर्गत बायोलॉजिक सिस्टम या दवाइयों आदि के प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन है। जैसे विभिन्न खाद्य पदार्थों में पाये जाने वाले रसायन, जो स्वाद एवं सुगन्ध को बढ़ाने में प्रयोग करते हैं, जैसे प्रिजर्वेटिव, कलरैब्ट्स, फ्लेवोरेंटस आदि। इसी प्रकार अनेक कीटनाशक एवं पेस्टीसाइड (Insecticide and Pesticide) अनेक प्रकार के कीटों एवं पीड़कों (Pests) को नष्ट करने में सक्षम हैं, किन्तु आर्थिक महत्व वाले जीवों पर इनका कोई प्रभाव नहीं . पड़ता है। 

आर्थिक टॉक्सिकोलॉजी के अन्तर्गत विभिन्न रसायनों के अवांछनीय एवं लाभदायक प्रभावों का विभिन्न जीवों पर अध्ययन करते हैं। यह भी देखा जाता है कि किन परिस्थितियों में ये प्रभाव विकसित होते हैं तथा वे कौन से रासायनिक एवं जैव कारक हैं, जो इन रसायनों की वरण क्षमता (Selectivity) का नियमन करते हैं।

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टॉक्सिकोलॉजी का क्षेत्र (Scope of Toxicology)

विषैले पदार्थ के विज्ञान को टॉक्सिकोलॉजी (Toxicology) कहते हैं। यह विज्ञान की नवीनतम शाखा है। वर्तमान में इसका विस्तार तेजी से हो रहा है। इसका सम्बन्ध जीवों पर रासायनिक पदार्थों के प्रतिकूल प्रभावों तथा उसकी सम्भावनाओं से हैं। टॉक्सिकोलॉजी (Toxicology) पर्यावरण विज्ञान की एक शाखा है

इसकी अनेक शाखाओं का परस्पर घनिष्ठ संबंध है। टॉक्सिकोलॉजी (Toxicology) के अन्तर्गत हम पर्यावरण में उपस्थित विभिन्न रासायनिक पदार्थों की सान्द्रता, वितरण, रूपान्तरण एवं अन्त में उत्सर्जन का अध्ययन करते हैं। 

संभाव्य रूप से टॉक्सिक (Toxic) पदार्थों द्वारा पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव तथा पर्यावरण द्वारा इनके प्रति प्रतिक्रया की जानकारी के लिए निम्नलिखित कारकों की जानकारी होनी आवश्यक हैं -

(i) भौतिक कारक- टॉक्सिन की आण्विक संरचना, विलेयता का गुण, अवशोषण, सान्द्रता आदि का उत्पादन। 

(ii) रासायनिक अध्ययन-  टॉक्सिन की रासायनिक क्रिया से जल-अपघटन तथा प्रकाशीय अपघटन का अध्ययन होता है। 

(iii) जैविक कारक- इसके अंतर्गत जैव स्थानान्तरण की जानकारी प्राप्त की जाती है। जीवों पर टॉक्सिक पदार्थों के प्रभाव को समझने के लिए पारिस्थितिक विज्ञान, शरीर क्रिया विज्ञान, जैव जीवों पर टॉक्सिक पदार्थों के प्रभावों को समझने के लिए पारिस्थितिक विज्ञान, शरीर क्रिया-विज्ञान, जैव रसायन, औतिकी एवं व्यवहार से संबंधित जानकारी होना आवश्यक है।

इस आर्टिकल में हमने टॉक्सिकोलॉजी क्या हैं के बारे में विस्तार से जाना। टॉक्सिकोलॉजी  विज्ञानं की ही एक शाखा है। विभिन्न परीक्षाओं में टॉक्सिकोलॉजी क्या हैं से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा अगर आपको पोस्ट पसंद आए तो पोस्ट को शेयर अवश्य करें। 

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