Virus in Hindi | विषाणु क्या है | Virus kya hai

विषाणु क्या है और विषाणु की संरचना | Virus in Hindi | Vishanu kya hai?

नमस्कार दोस्तों आज के इस पोस्ट में  विषाणु क्या है, विषाणु की सरंचना का वर्णन, महत्वपूर्ण लक्षण, विषाणु की प्रकृति, साथ ही विषाणु जनन के बारे में जानेंगे। विषाणु शब्द का इस्तेमाल अक्सर हम दैनिक जीवन में करते रहते हैं। जिसे अंग्रेजी में वायरस कहा जाता है। कोरोना महामारी आने के बाद इस विषाणु यानि वायरस शब्द से सभी परिचित हो गए हैं। इस पोस्ट मे हम विषाणु और उसकी सरंचना के बारे में जानने वाले हैं।

Virus in Hindi

Virus in Hindi | Virus kya hai

विषाणु (Viruses)- विषाणु या वायरस शब्द का उद्गम लैटिन भाषा से हुआ है, जिसका अर्थ घातक विष (Morbid poison) होता है। मनुष्यों में अनेक भयंकर बीमारियाँ जैसे- इन्फ्लूएंजा, पोलियो, चेचक (Smallpox) वाइरस के कारण ही होती है। वायरस अति सूक्ष्मजीवियों का एक समूह है, जो परजीवी होते हैं । वायरस को न तो पादपों में और न ही जन्तुओं की श्रेणी में रखा जा सकता है।

पाश्चर (Pasture, 1867) ने सर्वप्रथम कीटों में वायरस रोगों का अध्ययन किया जिसे फ्लैकरी (Flacherie) कहा गया। इवॉनोस्की (Iwanoski) ने सन् 1892 में इस वायरस के प्रकृति का अध्ययन किया। बाद में अनेक वैज्ञानिकों ने विभिन्न जन्तुओं में पाए जाने वाले वायरस के सम्बन्ध में बताया।

पढ़ें- जीन उत्परिवर्तन क्या है।

virus in hindi
structure of virus in hindi
वायरस की संरचना
virus structure in hindi
vishanu kya hai
virus ki sanrachna
virus kya hai
विषाणु क्या है
virus ki sanrachna in hindi
विषाणु की संरचना का सचित्र वर्णन

विषाणु की संरचना का वर्णन कीजिए?

विषाणु के महत्वपूर्ण लक्षण (vital signs of the virus in hindi)- 

विषाणुओं के महत्वपूर्ण भौतिक एवं रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं विषाणु केवल सूक्ष्मदर्शी द्वारा ही देखे जा सकते हैं और बैक्टीरिया से आकार में छोटे होते हैं। 

  1. ये बैक्टीरियल फिल्टर्स से छनकर निकल जाते हैं। 
  2. ये अनिवार्य परजीवी हैं, जो कि सिर्फ जीवित कोशिकाओं में ही वृद्धि और गुणन कर सकते हैं। 
  3. ये कृत्रिम संवर्धन पर नहीं उगाए जा सकते हैं।
  4. ये विशिष्ट प्रकार के पोषकों तथा ऊतकों पर ही आक्रमण करते हैं।
  5. ये ताप तथा रासायनिक पदार्थ द्वारा निष्क्रिय किए जा सकते हैं।
  6. ये परपोषी (Host) के प्रति विशिष्टता प्रदर्शित करते हैं। 
  7. ये न्यूक्लियों प्रोटीन के बने क्रिस्टल होते हैं। 
  8. इनमें आनुवंशिक पदार्थ DNA या RNA होते हैं।

विषाणु की प्रकृति (Nature of Viruses in hindi) -

वायरस की प्रकृति के बारें में अनेक वैज्ञानिकों ने अनेक प्रकार के मत प्रस्तुत किए हैं। कुछ ने वायरस को सजीव तो कुछ ने इसे निर्जीव माना है। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित मत प्रस्तुत किए गये हैं -

(A) विषाणु के निर्जीव लक्षण (non-living symptoms of virus)

  1. इन्हें आसानी से रवों (Crystals) में प्राप्त किया जा सकता है। । 
  2. पोषक के शरीर के बाहर ये निष्क्रिय रासायनिक पदार्थों के समान होते हैं। 
  3. इसमें श्वसन, प्रकाश-संश्लेषण आदि जैसी क्रियायें नहीं पाई जाती हैं। 
  4. इसमें कोशिका-भित्ति कोशिका कला तथा जीवद्रव्य का अभाव होता है। 
  5. इसमें एन्जाइमी तंत्र नहीं पाया जाता है।

(B) विषाणु के सजीव लक्षण (Living properties of viruses) 

  1. वायरस में वृद्धि तथा जनन की क्रियाएँ जीवित कोशिका के अन्दर ही होती है।
  2. इनमें ताप, रसायन आदि के प्रति उद्दीपन होता है। 
  3. ये जीवित पादप, जन्तुओं तथा जीवाणु में रोग उत्पन्न करते हैं। 
  4. इनका आनुवंशिक पदार्थ पुनरावृत्ति (Replication) करता है। 
  5. इनमें RNA या DNA तथा प्रोटीन्स पायी जाती है।
  6. पोषक के प्रति विशिष्ट होते हैं। 
  7. ये एक परपोषी से दूसरे परपोषी में संचारित हो जात हैं। 
  8. इनमें गुणन (Multiplication) तथा उत्परिवर्तन (Mutation) होता है। 
  9. प्रत्येक वाइरस में न्यूक्लिक अम्ल होता है, जो प्रोटीन के आवरण द्वारा घिरा रहता है।

आकृति एवं माप (Shape and size of virus)- 

ये विभिन्न आकृति तथा साइज वाले होते हैं। ये गोलाकार (Spherical), छड़ के आकार (Rod shaped) से लेकर बहुतलीय (Polyhedral) कुण्डलित (Coiled) अथवा सर्पिल (Spiral) आकार के होते हैं। वाइरस 174 व्यास से लेकर 500 x 121 तक के होते हैं।

विषाणु की संरचना (Structure of virus in hindi) - 

विषाणु न्यूक्लिक अम्ल तथा प्रोटीन्स के बने हुए होते हैं । प्रोटीन न्यूक्लिक अम्ल के चारों ओर एक आवरण बनाता है, जो कि कैप्सिड कहलाता है। विषाणु के मध्य में न्यूक्लिक अम्ल का केन्द्रीय कोर होता है। न्यूक्लिक अम्ल में RNA या DNA पाये जाते हैं। केन्द्रीय कोर तथा कैप्सिड को संयुक्त रूप से न्यूक्लियोंकैप्सिड कहते हैं।

tmv virus structure

तम्बाकू मोजैक विषाणु (TMV) की संरचना बेलनाकार होती है, जिसका व्यास 160A तथा लम्बाई 3000A होती है। प्रोटीन आवरण अनेक (2130) उपइकाइयों में विभक्त रहता है, जिन्हें कैप्सोमीयर (Capsomere) कहते हैं । इनका RNA 2130 कैप्सोमीयर्स को कुण्डलित रूप से जोड़ता है। शुष्क भार के अनुसार प्रोटीन 94.5% तथा न्यूक्लिक अम्ल 5.5% होता है।

कुछ जन्तु विषाणुओं एवं जीवाणुभोजी (Bacteriophage) में DNA पाया जाता है। विषाणु का न्यूक्लिक अम्ल RNA या DNA ही संक्रामक होता है। यही विषाणु के लिये प्रोटीन-संश्लेषण को नियंत्रित करता है और अपने लिए पुनरुत्पादित होते हैं। विषाणु में कार्बोहाइड्रेट और लाइपोइड्स का पूर्ण अभाव रहता है। इनमें कोई भी एन्जाइम तंत्र नहीं पाया जाता है। अतः ये पोषक के ही एन्जाइम तंत्र को नियंत्रित कर उसकी ऊर्जा से अपना गुणन करते हैं।

जानें- 100+ जनरल नॉलेज प्रश्न उत्तर

विषाणु जनन (Virus Reproduction in hindi)-

विषाणु केवल पोषक की जीवित कोशिकाओं में ही पुनरुत्पादित हो सकते हैं। पोषक के बाहर ये निष्क्रिय होते हैं। पोषक कोशिका के भीतर प्रवेश कर ये अपना प्रोटीन आवरण छोड़ देते हैं और न्यूक्लिक अम्ल कोशिका के भीतर स्वतंत्र हो जाता है। पोषक कोशिका इस तरह विषाणु के समान न्यूक्लिक अम्ल बनाना शुरू कर देती है और इस प्रकार विषाणु का गुणन अलैंगिक विधि से हो जाता है। यह गुणन की क्रिया दो चरणों में पूरी होती है।

(1) प्रारंभिक चरण (Early period)- इस चरण में वायरस जीनोम गुणन हेतु सक्रिय होता है। इनमें पोषी के DNA, RNA तथा प्रोटीन-संश्लेषण का नियंत्रण करके प्रोटीन-संश्लेषण वायरस के अनुसार होता है, फिर वायरस के DNA एवं RNA की तरह संश्लेषण होता है।

(ii) पश्चात् चरण (Late period)- इस चरण में VIRUS की क्रिया उभर जाती है और वायरस जीनोम एवं प्रोटीन के मिलने से नए वायरस का निर्माण होता है। यह क्रिया मार्कोजिनेसिस (Morphogenesis) कहलाती है। इस प्रकार से नए वायरस का निर्माण पूर्ण होता है।

इस पोस्ट में हमने विषाणु क्या है, विषाणु की सरंचना का वर्णन, महत्वपूर्ण लक्षण, विषाणु की प्रकृति, साथ ही विषाणु जनन के बारे में विस्तार से जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विषाणु से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। इस लिए विषाणु से सम्बंधित इन सामान्य प्रश्नों के बारे में हमें जरुर पता होना चाहिए।

उम्मीद करता हूँ कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी, अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

virus in hindi
structure of virus in hindi
वायरस की संरचना
virus structure in hindi
vishanu kya hai
virus ki sanrachna
virus kya hai
विषाणु क्या है
virus ki sanrachna in hindi
विषाणु की संरचना का सचित्र वर्णन

Subjects -


Active Study Educational WhatsApp Group Link in India

Share -