हमारे इर्दगिर्द जो घटित हो रहा है, उसके बारे में कि वह क्यों और कैसे होता है, विज्ञान हमें स्पष्ट एवं सुव्यवस्थित जानकारी देता है। क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर जानने के बाद कभी-कभी तो आश्चर्य होता है, क्योंकि तब हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि छोटी-सी दिखने वाली घटना के पीछे कितनी लंबी प्रक्रिया काम करती है। आगे दी जा रही जानकारी आपको जरूर हैरानी में डालेगी, ऐसा हमें विश्वास है।
विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर science questions in Hindi
निचे विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर है ऐसे सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी -कभी हमें नहीं पता होते तो आइये पढ़ते है कुछ ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर -
general science questions and answers in Hindi
01-चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम क्यों हो जाता है?
उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इस कार्य के लिए पृथ्वी। कुछ बल लगाना पड़ता है। यही बल वस्तु का भार कहलाता है। जब कोई भी वस्तु चंद्रमा पर होती है, तो उसका भार चंद्रमा के आकर्षण बल पर निर्भर करता है। चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के आकर्षण बल का छठा भाग होता है। यही कारण है कि चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम अर्थात पृथ्वी पर वस्तु के भार का 1/6 भाग हो जाता है।
02-चलती बस से उतरते समय तुम आगे की ओर क्यों गिर पड़ते हो?
उत्तर :- जब तुम बस में बैठकर यात्रा कर रहे होते हो, तो तुम्हारा शरीर भी बस की गति के साथ-साथ गति-अवस्था में रहता है। बस के रुकने पर बस से उतरते समय जब तुम अपने पांव नीचे जमीन पर रखते हो, तो तुम्हारा निचला भाग विराम अवस्था में आ जाता है अर्थात स्थिर हो जाता है। दूसरी ओर, तुम्हारे शरीर का ऊपरी भाग गति-अवस्था में ही बना रहता है। बस, इसीलिए तुम आगे की ओर गिर पड़ते हो।
03-वृक्ष की शाखाओं को हिलाने पर फल जमीन पर ही गिरते हैं, ऊपर क्यों नहीं जाते?
उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल का नाम गुरुत्वाकर्षण भी है। चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी का आकर्षण बल छह गुना अधिक होता है।जब तुम वृक्ष की शाखाओं को हिलाते हो, तो फल शाखाओं से टूटकर अलग हो जाते हैं। इन फलों को पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण के कारण अपनी ओर खींच लेती है। ये फल ऊपर इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि चंद्रमा का आकर्षण - बल पृथ्वी से कम है तथा वह इसे प्रभावित नहीं कर पाता ।
04-खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन क्यों?
उत्तर :- संसार की प्रत्येक वस्तु अवस्था परिवर्तन (विराम से गति तथा गति से विराम में आना) का विरोध करती है, इस अवस्था परिवर्तन के विरोध करने के गुण को जड़त्व कहा जाता है। खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक का जड़त्व अधिक होता में है । किसी भी गति करती हुई वस्तु का जड़त्व जितना अधिक होगा, उसे रोकने के लिए तुम्हें उतना ही अधिक बल लगाना पड़ेगा। यही कारण है कि खाली ट्रक के बजाय सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन होता है ।
05-नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी में तुम आसानी से क्यों तैर सकते हो?
उत्तर :- किसी वस्तु के एकांक आयतन की संहति को उस वस्तु का घनत्व कहते हैं। नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी का घनत्व अधिक होता है। जब तुम समुद्र के पानी में तैर रहे होते हो, तो तुम्हारे द्वारा हटाए गए पानी का भार नदी में तैरने पर हटाए गए पानी के भार से ज्यादा होता है। अतः समुद्र के पानी में तुम्हारे भार में नदी की अपेक्षा अधिक कमी आ जाती है। दूसरी ओर, अधिक घनत्व के कारण से समुद्र के पानी में उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक लगता है जिससे तुम आसानी से तैर सकते हो ।
06-लोहे का बना हुआ जहाज पानी में तैरता है परंतु लोहे की सुई पानी में क्यों डूब जाती है?
उत्तर :- किसी भी वस्तु के पानी में तैरने के लिए यह जरूरी है कि उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके भार से अधिक हो । लोहे का बना हुआ जहाज जब पानी में चलता है, तो उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके (जहाज के) भार से अधिक होता है अतः जहाज पानी में तैरता है। दूसरी ओर, सुई पानी में डालने पर अपने भार से कम भार का ही पानी हटा पाती है अतः पानी में डूब जाती है।
07-पानी भरने से गुब्बारा क्यों फूल जाता है?
उत्तर :- किसी वस्तु गुब्बारे में पानी भरने पर उसकी सतह पर यही बल कार्य करता है जिसके कारण गुब्बारा फूल जाता है। जैसे-जैसे तुम गुब्बारे में अधिक पानी डालते हो, गुब्बारा और अधिक फूलता जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि प्रणोद बढ़ जाता है क्योंकि यह द्रव की ऊंचाई पर निर्भर करता है।
08-नमकीन पानी में अंडा क्यों तैरता है?
उत्तर :- आमतौर पर पानी का घनत्व कम होता है किंतु नमक मिलाते ही पानी का घनत्व बढ़ जाता है। जब घनत्व बढ़ जाएगा, तब उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक हो जाता है। इसी कारण से नमकीन पानी में अंडा तैरता रहता है ।
09-रेगिस्तान में ऊंट आसानी से क्यों चल सकता है?
उत्तर :- ऊंट के पैर नीचे से चौड़े होते हैं जिससे पैरों का क्षेत्रफल अधिक होता है। इस वजह से जमीन पर प्रभावित क्षेत्रफल बढ़ जाता है तथा दबाव कम होने के कारण ही ऊंट रेगिस्तान में रेत पर आसानी से चल पाता है।
10-तुम पानी में सिर या पैर के बल ही छलांग क्यों लगाते हो?
उत्तर :- जब कोई वस्तु द्रव में डाली जाती है, तो द्रव उस वस्तु पर ऊपर की ओर उत्प्लावन-बल लगाता है। अतः जब तुम सिर या पैर के बल पानी में छलांग लगाते हो, तो पानी का उत्प्लावन-बल तुम्हारे सिर या पैरों पर ऊपर की ओर लगता है। यदि तुम पानी के समानांतर छलांग लगाओगे, तो यह बल शरीर पर लगेगा जिससे शरीर को चोट लगने की आशंका रहती ।
11-बर्फ पानी में क्यों तैरती है?
उत्तर :- बर्फ ठोस है, फिर भी वह पानी में तैरती है । है न, अचरज की बात। तो, सुनो! बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। जब बर्फ को पानी में डाला जाता है, तो वह कुछ पानी हटाती है। इस पानी के आयतन का भार बर्फ के भार से अधिक होता है। इसीलिए बर्फ पानी में तैरती हैं।
12-गरम चाय या दूध डालने से कभी-कभी कांच का गिलास टूट क्यों जाता है?
उत्तर :- जब तुम गिलास में गरम चाय या दूध डालते हो, तो गिलास का भीतरी तल उष्मा ग्रहण करके फैल जाता है। इसके विपरीत गिलास के बाहर के भाग का ताप भीतरी भाग से कम होने के कारण उसमें फैलाव नहीं या कम होता है। दोनों तलों में ताप के इस अंतर के कारण ही कभी-कभी कांच का गिलास टूट जाता है।
13-रेल की पटरियों में जोड़ों के बीच खाली स्थान क्यों छोड़ा जाता है?
उत्तर :- रेलगाड़ी जब पटरी पर चलती है, तो पहियों तथा पटरी के बीच में एक. प्रकार का घर्षण होता है । इस घर्षण से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिसके कारण रेल की पटरी फैलती है । पटरी के इस फैलाव के लिए स्थान देने के उद्देश्य से ही कहीं-कहीं खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि स्थान नहीं छोड़ा जाएगा, तो पटरी के फैलाव से वह टेढ़ी-मेढ़ी हो जाएगी और रेलगाड़ी पटरी से उतर जाएगी ।
14-बोतल को गरम करने पर फंसी हुई डाट आसानी से बाहर क्यों निकल जाती है?
उत्तर :- ऊष्मा प्रदान करने से वस्तु में प्रसार होता है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके जब कांच की बोतल को गरम किया जाता है, तो उसमें प्रसार हो जाता है। प्रसार के कारण ही बोतल के मुंह में फंसी डाट आसानी से बाहर निकल जाती है।
15-थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी क्यों रहती है?
थर्मस बोतल कांच की बनी होती है और कांच उष्मा का कुचालक होता है। कुचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें से उष्मा-चालन आसानी से नहीं होता। कांच की बोतल की दोनों दीवारों के बीच निर्वात (बिना वायु का स्थान) होने से उष्मा बोतल के अंदर की दीवार से बाहर नहीं आ पाती। इसके अतिरिक्त बोतल की चमकदार बाहरी दीवारें उष्मा की विकिरण किरणों को परावर्तित करके बाहरी सतह पर ही रोक लेती हैं। अत : थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी रहती है।
16-खाना पकाने के बरतन नीचे से काले और ऊपर से चमकदार क्यों होते हैं?
उत्तर :- काली वस्तु उष्मा को जल्दी से सोख लेती है। अतः खाना पकाने के बरतनों के पेंदे काले रखे जाते हैं ताकि बरतन अधिक उष्मा को सोखकर शीघ्र खाना पका दें । बरतनों की ऊपरी सतह चमकदार इसलिए रखी जाती है ताकि बरतनों में से उष्मा का स्थानांतरण न हो सके।
17-बर्फ को बोरी या बुरादे में ही क्यों रखते हैं?
उत्तर :- बोरी और बुरादे में तमाम छिद्र होते हैं और उन छिद्रों में वायु भरी रहती है । वायु उष्मा की कुचालक होती है जो बाहर की उष्मा को अंदर बर्फ तक आने से रोकती है। इस प्रकार बर्फ पिघल नहीं पाती। यही कारण है कि बर्फ को बोरी या बुरादे में ही रखते हैं।
18-रेगिस्तान में दिन के समय गरमी और रात के समय ठंड क्यों होती है?
उत्तर :- रेगिस्तान में रेत की अधिकता रहती है। रेत उष्मा का अच्छा अवशोषक है। अत : दिन के समय सूर्य की उष्मा को अवशोषित करके रेगिस्तान गरम हो जाता है और वहां गरमी होती है। रेगिस्तान विकिरण द्वारा अपनी उष्मा को निकालकर रात में ठंडा हो जाता है जिससे रात के समय वहां ठंड होती है।
19-चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख क्यों फैलाए रहती हैं?
उत्तर :- जब सर्दियां शुरू होती हैं, तो अक्सर चिड़ियां अपने पंख फैलाए हुए देखी जा सकती हैं। जब चिड़ियां पंख फैलाकर बैठती हैं, तो उनके शरीर तथा पंखों के बीच में हवा की परत आ जाती है। हवा उष्मा की कुचालक है जो चिड़ियों के शरीर की उष्मा को बाहर जाने से रोकती है। इस प्रकार चिड़ियां सर्दी के कुप्रभाव से स्वयं को बचाने में सक्षम हो जाती हैं। यही कारण है कि चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख फैलाए रहती हैं।
20-दो पतले कंबल एक मोटे कंबल की तुलना में अधिक गरम क्यों होते हैं?
उत्तर :- दो पतले कंबल ओढ़ने से उनके बीच में हवा की एक परत बन जाती है। हवा ऊष्मा की कुचालक होती है जो शरीर की उष्मा को बाहर नहीं जाने देती और शरीर को सर्दी के प्रकोप से बचाती है। एक मोटे कंबल में हवा की कोई परत नहीं होती जिससे वह अधिक गरम नहीं रहता ।
21-सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर :- कपड़े में अनेक छिद्र मौजूद रहते हैं जिनमें वायु भरी होती है । वायु ऊष्मा की कुचालक है । वह आग की ऊष्मा को तुम्हारे हाथ तक नहीं पहुंचने देती । इस प्रकार तुम्हारा हाथ सुरक्षित रहता है। तभी तो, सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग करते हैं ।
22-कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे क्यों रहते हैं?
उत्तर :- कच्चे मकान मिट्टी के बने होते हैं। मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होती है। कुचालक होने के कारण सर्दियों में मिट्टी मकान के अंदर की उष्मा को बाहर नहीं निकलने देती तथा यही मिट्टी गरमियों में बाहर की उष्मा को अंदर नहीं आने देती। अतः कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे रहते हैं।
23-साइकिल की ट्यूब गरमियों में प्राय: फट क्यों जाती है?
उत्तर :- साइकिल की ट्यूब में हवा भरी होती है। गरमी के मौसम में गरम होकर ट्यूब की हवा फैलती है। ट्यूब को फैलने के लिए कुछ स्थान चाहिए। जब उसे यह स्थान नहीं मिल पाता, तब वह ट्यूब को फाड़ देती है।
24-अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर क्यों नहीं बनती?
उत्तर :- सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्रोत है, जबकि पक्षी बहुत छोटे । पक्षियों की घटती हुई छाया और बढ़ती हुई उपछाया बनती है। पक्षियों के पृथ्वी से अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण छाया घटकर रास्ते में ही खो जाती है। उपछाया अधिक बड़ी लेकिन बहुत हल्की होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर नहीं बनती।
25-सूखे बालों में कंघी करने से चट-चट की आवाज क्यों सुनाई देती है?
उत्तर :- जब आप सूखे बालों में कंघी करते हैं, तो घर्षण पैदा होता है। इस घर्षण से बालों तथा कंघी में विपरीत आवेश आ जाता है। जब अधिक मात्रा में आवेश जमा हो जाता है, तो बीच की वायु में बहुत अधिक तनाव पैदा हो जाता है । इस प्रकार वायु में आवेश का विसर्जन होता है जिससे तुम्हें चट-चट की आवाज सुनाई देती है।
26-जब बादल गरज रहे हों और बिजली चमक रही हो, तो तुम्हें किसी पेड़ के नीचे क्यों नहीं जाना चाहिए?
उत्तर :- रगड़ के कारण वायु तथा बादलों के बीच में आवेश उत्पन्न हो जाता है। जब आवेशित बादल ऊंचे पेड़ों के पास से गुजरते हैं, तो पेड़ों पर विपरीत आवेश आ जाने से आकर्षण होता है। आवेश के प्रवाहित होने से तड़ित भी उत्पन्न होती है। यह तड़ित जब किसी पेड़ पर गिरती है, तो नीचे खड़े व्यक्ति को हानि पहुंच सकती है। अत : ऐसी अवस्था में किसी पेड़ के नीचे नहीं जाना चाहिए।
27-सूखे बालों में रगड़ा हुआ प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर क्यों खींच लेता है?
उत्तर :- जब तुम सूखे बालों में प्लास्टिक का पेन रगड़ते हो, तो रगड़ के कारण घर्षण (स्थिर) विद्युत पैदा होती है। इस घर्षण - विद्युत के कारण ही प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर खींच लेता है।
28-कपड़े से रगड़ने के बाद वायु से भरा गुब्बारा दीवार से क्यों चिपक जाता है?
उत्तर :- जब तुम गुब्बारे को कपड़े से रगड़ते हो, तो उस स्थान पर आवेश उत्पन्न हो जाता है। आवेशित - गुब्बारा दीवार के निकट लाने पर विपरीत आवेश उत्पन्न करता है और आकर्षित होकर दीवार से चिपक जाता है ।
29-घरों में बिजली के तारों के ऊपर प्लास्टिक या रबड़ के खोल क्यों चढ़े होते हैं?
उत्तर :- जिस तार में से बिजली आ रही होती है, उसे छूने से तुम्हें झटका लग सकता है। इस झटके से बचने के लिए तारों पर प्लास्टिक या रबड़ के खोल चढ़ाए जाते हैं । प्लास्टिक तथा रबड़ दोनों ही विद्युत के कुचालक अर्थात विद्युतरोधी होते हैं जिनमें बिजली प्रवेश नहीं कर पाती। अतः इनको छूने पर भी तुम्हें झटका नहीं लग सकता ।
30-बिजली के बल्बों में पतला तार ही क्यों प्रयोग किया जाता है?
उत्तर :- चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, प्रतिरोध कहलाता है। पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है, जबकि मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अतः बिजली के बल्बों में पतला तार ही प्रयोग किया जाता ।
31-अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से आते हुए सूर्य के प्रकाश में हवा में उपस्थित धूल के कण इधर-उधर गति करते हुए क्यों दिखाई पड़ते हैं?
उत्तर :- जब अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से सूर्य के प्रकाश में धूल के कण (अणु) आते हैं, तब वे लगातार गति करते हैं। इस प्रकार वायु के अणु धूल के कणों के साथ मिलकर टकराते हैं। इस टकराव के कारण ही धूल-कणों में अनियमित-गति उत्पन्न होती है और वे इधर-उधर गति करते हुए दिखाई पड़ते हैं।
32-वर्षा की बूंदें गोल क्यों होती हैं?
उत्तर :- पानी की संरचना छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर होती हैं। ये अणु परस्पर एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसी आकर्षण के कारण ही पानी सिकुड़ता है और कम स्थान घेरना चाहता है। बूंदें पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण नीचे गिरती हैं किंतु पानी के अणु पृष्ठ-तनाव द्वारा आपस में इकट्ठा होते हैं। इसी वजह से बूंदें गोल आकार ग्रहण कर लेती हैं ।
33-साइकिल के टायर खुरदरे क्यों होते हैं?
उत्तर :- जब एक तल दूसरे तल पर गति करता है, तो उस गति का विरोधक-बल उत्पन्न हो जाता है। इसे घर्षण बल कहते हैं । घर्षण बल जितना अधिक होता है, वस्तु उतनी ही सरलता से गति कर सकती है। - साइकिल के टायर भी खुरदरे इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि घर्षण-बल अधिक रहे और साइकिल सुविधाजनक ढंग से चल सके । खुरदरे तल पर घर्षण समतल की अपेक्षा अधिक रहता है।
34-कांच की गोली खुरदरे तल की अपेक्षा समतल पर अधिक दूरी तक क्यों लुढ़कती है?
उत्तर :- खुरदरे तल पर घर्षण समतल की तुलना में अधिक होता है। अतः जब कांच की गोली खुरदरे तल पर लुढ़कती है, तो घर्षण अधिक होने के कारण शीघ्र रुक जाती है। दूसरी ओर, यही गोली जब समतल पर लुढ़कती है तो घर्षण कम होने से अधिक दूरी तक जाती है।
35-भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े क्यों होते हैं?
उत्तर :- अधिक चौड़े टायरों का क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे घर्षण अधिक होता है और दाब कम हो जाता है। अतः गाड़ी की गति बढ़ जाती है। बस, इसीलिए भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े बनाए जाते हैं ।
36-मकान की नींव दीवार की अपेक्षा चौड़ी क्यों होती है?
उत्तर :- तल का क्षेत्रफल जितना कम होगा, दबाव भी उतना ही बढ़ जाएगा। अतः क्षेत्रफल घटाने से दबाव में वृद्धि होगी। इसीलिए मकान बनवाते समय नींव चौड़ी रखी जाती है ताकि तल का क्षेत्रफल अधिक रहे। अधिक क्षेत्रफल रहने से दीवार का दबाव कम पड़ेगा।
37-कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर :- कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का प्रयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि घिरनी के द्वारा बल लगाने की दिशा ऊपर की अपेक्षा नीचे हो जाती है। इससे पानी भरने में सुविधा रहती है तथा कम बल से अधिक कार्य हो जाता है।
38-कभी-कभी कील की अपेक्षा पेंच का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उतार :- जब लकड़ी के साथ कुंडा लगाना हो, तो अक्सर पेंच का प्रयोग किया जाता है। पेंच कुंड़े को तख़्ते से कील की अपेक्षा अधिक मजबूती से जोड़े रखता है। इसका कारण यह है कि पेंच का तल चूड़ीदार होता है जबकि कील का तल समतल है। पेंच इन चूड़ियों के कारण अधिक शक्ति से अपना कार्य करता है।
39-ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर :- यदि किसी भारी वस्तु को उठाना हो, तो एक मजबूत छड़ लेकर उसका एक सिरा वस्तु के नीचे लगा देते हैं और छड़ को किसी ईंट आदि पर टिका कर दूसरे सिरे पर बल लगाते हैं। इस प्रकार भारी वस्तु को उठाने में आसानी हो जाती है। इस छड़ को उत्तोलक या लीवर कहते हैं। ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग किया जाता है जो कि उत्तोलक ही है। ऐसा करने से कम बल लगाकर अधिक भार उठाया जा सकता है।
40-डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए चम्मच का प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर :- डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए तुम चम्मच का उपयोग उत्तोलक के रूप में ही करते हो । चम्मच के किनारे को ढक्कन के नीचे रखा जाता है तथा दूसरे किनारे पर हाथ से नीचे को दबाकर बल लगाया जाता है। इस प्रकार चम्मच द्वारा बने उत्तोलक में बल भुजा भार भुजा से बड़ी होती है। अतः कम बल लगाने से बंद हुआ ढक्कन सरलता से खुल जाता है ।
41-झाड़ू में लंबी डंडी क्यों लगाते हैं?
उत्तर :- उत्तोलक के सिद्धांत के अनुसार यदि बल भुजा भार भुजा से बड़ी हो, तो कम बल से अधिक कार्य हो सकता है। झाड़ू में लंबी डंडी इसीलिए लगाई जाती है ताकि बल भुजा बड़ी हो जाए और कम बल लगाना पड़े। इसके अतिरिक्त बिना झुकें ही सफाई भी हो जाती है।
42-चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय क्यों नहीं होता?
उत्तर :- चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है जो उसके गिर्द 29 दिनों में एक बार परिक्रमा पूरी करता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक बार घूमती है। जितने समय में पृथ्वी अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करती है, उतने समय में चंद्रमा पृथ्वी के गिर्द अपने मार्ग में कुछ आगे निकल जाता है। अतः तुम चंद्रमा को पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करने तथा उस दूरी को तय करने के बाद देखते हो जो दूरी चंद्रमा आगे निकल चुका है। यही कारण है कि चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय नहीं होता।
43-अधिक देर तक धूप में बैठने पर शरीर का रंग काला क्यों हो जाता है?
उत्तर :- धूप में मनुष्य का शरीर गहरे रंग के वर्णक बनाता है। ये वर्णक सूर्य के प्रकाश की किरणों को सोख लेते हैं। यदि शरीर में प्रकाश-किरणों को सोख लेने वाले वर्णक बनाने की शक्ति विज्ञान न होती, तो सूर्य की गरमी के कारण त्वचा झुलस जाती। अधिक तेज धूप में शरीर अधिक वर्णक बनाता है। यही कारण है कि देर तक धूप में बैठे रहने से शरीर का रंग काला हो जाता है।
45-सर्दी में तुम्हें कंपकंपी क्यों लगती है?
उत्तर :- सर्दी के मौसम में वातावरण ठंडा हो जाता है। अतः तुम्हें कंपकंपी लगती है। कंपकंपी होने से तुम्हारी मांसपेशियों को अधिक काम करना पड़ता है, जिसके कारण ऊर्जा पैदा होती है। इस प्रकार शरीर का ताप (37°C) समान बना रहता है और यह कम नहीं हो पाता।
46-पहाड़ों पर दाल क्यों नहीं गलती?
उत्तर :- तुम जिस पृथ्वी पर रहते हो, वहां पर वायु का दबाव अत्यधिक है। जानते हो, तुम्हारे शरीर पर भी निरंतर 14 टन वायु का दबाव पड़ता रहता है। जैसे-जैसे तुम ऊंचाई पर जाते हो, इस दबाव में कमी आती रहती है । पहाड़ों पर भी वायु का दबाव कम हो जाता है। दाल को पकाने में यही वायुमंडलीय-दबाव कार्य करता है। क्योंकि पहाड़ों पर वायुमंडलीय दबाव कम होता है अत: दाल पकाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
47-तारे टिमटिमाते हुए नजर क्यों आते हैं?
उत्तर :- तुम जिस वायुमंडल में सांस लेते हो, उसमें विभिन्न घनत्व वाली अनेक परतें पाई जाती हैं। इन्हीं परतों से गुजरकर तारों का प्रकाश तुम तक पहुंचता है। वायु के कारण वायुमंडल की परतें भी हिलती रहती हैं। यही कारण है कि जब तारों का प्रकाश इन परतों से गुजरकर तुम तक आता है, तो तारे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं ।
48-आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर :- सूर्य के प्रकाश में सात रंग पाए जाते हैं। जब सात रंगों वाला सूर्य का प्रकाश वायुमंडल के कणों से टकराता है, तो रंगों में विचलन की क्रिया प्रारंभ हो जाती है। बैंगनी, नीले और आसमानी रंग का विचलन सबसे अधिक होता है और शेष रंगों (हरा, पीला, नारंगी तथा लाल) का विचलन कम। उपर्युक्त तीन रंगों के विचलन से लगभग नीले रंग की ही उत्पत्ति होती है। अतः आकाश नीला दिखाई देता है।
49-रंगीन कपड़ा रात्रि को क्यों नहीं खरीदना चाहिए?
उत्तर :- सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना है- बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल । किसी वस्तु का रंग, रंगों के परावर्तन तथा अवशोषण के कारण होता है। अतः जो कपड़ा तुम दिन में पहनते हो, वह रात को अलग रंग का दिखाई देता है क्योंकि रात्रि का प्रकाश कृत्रिम (बनावटी) होता है। इसमें प्राय: सूर्य के प्रकाश की भांति सात रंगों का क्रम नहीं पाया जाता। इसीलिए, रात्रि में कपड़ा खरीदते समय रंग की भूल हो जाने के कारण कपड़ा नहीं खरीदना चाहिए। ।
50-इंद्रधनुष वर्षा के बाद ही क्यों दिखाई देता है?
उत्तर :- कांच के तिकोने टुकड़े को प्रिज्म या त्रिपार्श्व कहते हैं। जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म के एक फलक (सिरे) पर पड़ता है, तो विचलित होकर यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है । यह क्रिया विक्षेपण कहलाती है। इंद्रधनुष का बनना भी प्रकाश के इसी विक्षेपण का एक उदाहरण है। वर्षा के बाद वायुमंडल में पानी की बूंदें उपस्थित रहती हैं। जब सूर्य का प्रकाश इन बूंदों पर गिरता है, तो बूंदें प्रिज्म का काम करने लगती हैं और सूर्य के प्रकाश को सात रंगों में विभाजित कर देती हैं। अतः इंद्रधनुष बन जाता है। वर्षा के पूर्व वायुमंडल में नमी न रहने के कारण इंद्रधनुष का बनना असंभव घटना है।
आशा है की आपको सारे प्रश्न रोचक और मजेदार लगे होंगे ।
ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी-कभी हमसे नहीं बन पाते अर्थात उसका सही उत्तर नहीं बता पाते अगर आपको ऊपर के सारे प्रश्न अच्छे लगे होंगे, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
"धन्यवाद"
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