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ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo)

हेलो दोस्तों इस लेख में हम ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo) के बारे में जानने वाले हैं। जो विज्ञान विषय का एक महत्वपूर्ण शीर्षक है जिससे जुड़े प्रश्न प्राय: प्रतियोगी परीक्षाओं में देखने को मिल जाते हैं। अगर ऐसे भी देखा जाये तो हमें धध्वनि के बारे में जानना चाहिए क्यूंकि ध्वनि के बिना तो हम बात ही नहीं कर सकते ध्वनि संवाद के संचार का माध्यम है। ध्वनि के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पूरा जरुर पढ़ें। 

ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (Dhwani kya hai- prakar, sancharan, echo )

ध्वनि क्या है (what is sound)

ध्वनि एक तरंग है जो वस्तुओं के कम्पन होने से उत्पन्न होती है । ध्वनि (Sound) एक स्थान से दूसरे स्थान तक तरंगों के माध्यम से पहुंचती है, इसे तरंग संचरण कहते हैं। ध्वनि ठोस , द्रव और गैसों के माध्यम से गति करती है । ध्वनि निर्वात् में गति नहीं करती है । ध्वनि संवाद का माध्यम है। ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंगे होती हैं, जो निर्वात में गमन नहीं कर सकती! इनके संचालन के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है जैसे – वायु, द्रव अथवा ठोस। वायु में ध्वनि की चाल 332 मी./से. होती है! 

ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जो हमारे कानों में श्रवण का संवेदन उत्पन्न करती है।

इसे भी पढ़ें- धातु क्या है (Dhatu kya hai)

ध्वनि का वर्गीकरण (sound classification)

आवृति के अनुसार ध्वनि को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है-

अपश्रव्य(Infrasonic):- वह ध्वनि तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 Hz से कम होती है उन्हें “अपश्रव्य ध्वनि तरंगें” कहते हैं। इस प्रकार की तरंगों को बहुत बड़े आकार के स्त्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है। 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं देती,  गैण्डा , हाथी ,  जैसे – जानवर इन तरंगों को सुन सकते है ।

पराश्रव्य (Ultrasonic):- 20,000Hz  से ऊपर की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है। इन ध्वनियों को मानव नहीं सुन सकता है। कुत्ता , बिल्ली , चमगादड़ , डॉल्फिन , चूहे आदि जानवर इन तरंगों को सुन सकते हैं । 20,000Hz से अधिक आवृति वाली ध्वनि अत्यधिक उच्च तरंगों से युक्त होती है।

श्रव्य (sonic):- वह ध्वनि तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 Hz से 20,000 Hz के मध्य होती है, उसे श्रव्य (sonic) ध्वनि  कहते हैं। इन ध्वनि तरंगों को मनुष्य सुन सकता है ।

अतिध्वनिक (Hypersonic):- 1 गीगाहर्ट्ज़ से अधिक आवृति वाली ध्वनि तरंगें अतिध्वनिक कहलाती है।  यह आंशिक रूप से पैदा होती है। 

विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल (Speed of Sound in Different Media)

माध्यम- एल्युमीनियम 
ध्वनि की चाल:-  6420 m/s 

माध्यम- कांच
ध्वनि की चाल:- 5,640 m/s

माध्यम- लोहा
ध्वनि की चाल:-  5,130 m/s

माध्यम- समुद्री जल
ध्वनि की चाल:- 1,533 m/s

माध्यम- जल
ध्वनि की चाल:- 1,483 m/s

माध्यम- पारा
ध्वनि की चाल:- 1,450 m/s

माध्यम- हाइड्रोजन
ध्वनि की चाल:- 1,269 m/s

माध्यम- अल्कोहल
ध्वनि की चाल:- 1,213 m/s

माध्यम- कार्बन डाइऑक्साइड
ध्वनि की चाल:- 260 m/s

माध्यम- वायु
ध्वनि की चाल:- 332 m/s

माध्यम- भाप
ध्वनि की चाल:- 405 m/s

ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ (sound characteristics)

  • ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। 
  • ध्वनि के संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। ठोस, द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण सम्भव है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता।
  • द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि केवल अनुदैर्घ्य तरंग (longitudenal wave) के रूप में चलती है जबकि ठोसों में यह अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) के रूप में भी संचरण कर सकती है।। जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उसे अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं; जब माध्यम के कणों का कम्पन ध्वनि की गति की दिशा के लम्बवत होता है तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
  • सामान्य ताप व दाब (NTP) पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। बहुत से वायुयान इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें सुपरसॉनिक विमान कहा जाता है।
  • मानव कान लगभग 20 Hz से 20,000 H आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को ही सुन सकता है। बहुत से अन्य जन्तु इससे बहुत अधिक आवृत्ति की तरंगों को भी सुन सकते हैं।
  • एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि का परावर्तन एवं अपवर्तन होता है।
  • माइक्रोफोन ध्वनि को विद्युत उर्जा में बदलता है; लाउडस्पीकर विद्युत उर्जा को ध्वनि उर्जा में बदलता है।

ध्वनि से सम्बन्धित शब्द (phonic words)

तरंगदैर्ध्य (wavelength) :- दो क्रमागत संपीड़नों या विरलनों के बीच की दूरी को तरंग दैर्घ्य कहते हैं।  जब तरंग को वक्र से दिखाया जाता है वक्र के सबसे ऊपरी बिंदु को शिखर और सबसे निचले बिंदु को गर्त कहते हैं। दो लगातार शिखरों या गर्तों के मध्य की दूरी को तरंग दैर्घ्य कहते हैं।

आवृत्ति:- इकाई समय में होने वाले कंपन  की संख्या को तरंग की आवृत्ति कहलाती हैं। जब तरंग एक संपीड़न से एक विरलन होते हुए अगले संपीड़न तक पहुँचती है तो एक दोलन होता है। दूसरे शब्दों में, जब तरंग एक शिखर से गर्त तक जाती है और फिर शिखर तक पहुँचती है तो एक कंपन या दोलन पूरा होता है। आवृत्ति का SI मात्रक हर्ट्ज (Hz) है।

आयाम:- दो क्रमागत संपीडन को एक बिंदु से गुजरने में लगे समय को आयाम कहते हैं।  एक दोलन में लगने वाला समय आवर्तकाल कहलाता है।

प्रतिध्वनि:- जैसे प्रकाश किसी वस्तु  की सतह पर पड़ता है तो वह वापस लौट आता है जिसे प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। इसी प्रकार ध्वनि भी वस्तुओं से टकराकर लौटती है उसे प्रतिध्वनि कहते हैं।

तारत्व:- किसी ध्वनि की आवृति को हमारा दिमाग किस तरह अनुभव करता है उसे तारत्व कहते हैं।

इस लेख में हमने ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo) के बारे में जाना। इसमें धनि के बारे में बहुत ही सटीक जानकरी दी गयी है जिससे कम समय में आप अधिक उपयोगी वस्तुओं को पढ़ सकें।

उम्मीद करता हूँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा , अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इस लेख को शेयर जरुर करें। धन्यवाद!!

NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI pdf download

क्या आप NEET 2023  की तैयारी कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं। तो आपको इसके लिए अच्छी रणनीति तैयार करनी होगी। जिसमे आपको एक एक विषय को अलग अलग पड़ना पड़ेगा और फिर उसके बहुत सारे MCQ सोल्व करने होंगे जिससे आपकी तैयारी पुख्ता हो सके।  NEET की परीक्षा में PHYSICS से सम्बन्धित जिस प्रकार प्रश्न पूछे जाते हैं उनका कुछ नमूना इस पोस्ट में दिया जा रहा है। NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI 

NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI

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प्रश्न:- यदि एक पेंचमापी की पिच 1.5 mm और वृत्तीय पैमाने पर 300 विभाजन हैं, तो निम्नलिखित में से कौन सा पाठ्यांक इस पेंचमापी से लिया जा सकता है?
उत्तर- 0.030000 m 

प्रश्न:- मापन की यथार्थता किससे निर्धारित होती है?
उत्तर- प्रतिशत त्रुटि

प्रश्न:- आवेश की विमा है-
उत्तर- TA

प्रश्न:- कुंडली के स्वप्रेरकत्व का मात्रक है-
उत्तर- हेनरी

प्रश्न:- जूल-सेकण्ड किसका मात्रक है?
उत्तर- कोणीय संवेग

प्रश्न:- पारसेक किसका मात्रक है?
उत्तर- दूरी

प्रश्न:- ऑर्स्टेड किसका मात्रक है?
उत्तर- चुंबकीय तीव्रता

प्रश्न:- एक सेकण्ड किसके बराबर है?
उत्तर- Cs घड़ी के 9192631770 आवर्तकाल 

प्रश्न:- किसी भी भौतिक राशि का परिमाण:
उत्तर- मापन की विधि पर निर्भर नहीं करता है।

प्रश्न:- मात्रकों के संबंध में कौन-सा दूसरों से भिन्न है?
उत्तर- प्वासों अनुपात

प्रश्न:- नाभिकीय त्रिज्या को मापने के लिए कौन सा मात्रक सही है?
उत्तर- फर्मी

प्रश्न:- वोल्ट को दर्शाता है :
उत्तर- वाट/एम्पियर

प्रश्न:- भौतिक राशियों के युग्म (युग्मों) जिनकी विमाएँ समान नहीं हैं, 
उत्तर- प्लांक नियतांक और बल आघूर्ण

प्रश्न :- माक संख्या एक के बराबर होती है जब वस्तु का वेग बराबर होता है:
उत्तर- ध्वनि का वेग (332m/sec)

प्रश्न :-केल्विन पैमाने पर 0 अंश सेल्सियस का सही मान है।
उत्तर- 273.15 K

प्रश्न :-कैंडेला किसका मात्रक है?
उत्तर- ज्योति तीव्रता

प्रश्न :-यदि 97.52 को 2.54 से विभाजित किया गया है, तो सार्थक अंकों के पदों में सही परिणाम क्या है?
उत्तर- 38.4

प्रश्न :-शक्ति का मात्रक क्या है?
उत्तर- किलोवॉट

प्रश्न :-दो राशियों A और B की विमाएँ अलग-अलग हैं। नीचे दी गई गणितीय संक्रियाओं में कौन सी भौतिक रूप से सार्थक है?
उत्तर- A/B+

इन्हें भी जानें- 100+ जीव विज्ञान प्रश्न (Biology question in hindi)

NEET 2023 PHYSICS MCQ 

प्रश्न :- प्लांक नियतांक की विमा (मात्रक) क्या हैं?
उत्तर- कोणीय संवेग

प्रश्न :- द्रव्यमान और चाल के मापन में प्रतिशत त्रुटियां क्रमशः 2% और 3% हैं। द्रव्यमान और चाल के मापन द्वारा प्राप्त गतिज ऊर्जा के आंकलन में अधिकतम त्रुटि कितनी होगी?
उत्तर- 8%

प्रश्न :- एक प्रयोग में एक सरल लोलक का दोलन काल क्रमशः 2.63 s, 2.56 s, 2.42 s, 2.71 s और 2.80 s के रूप में अंकित किया गया है। औसत निरपेक्ष त्रुटि है-
उत्तर- 0.11 s

प्रश्न :- CR की विमा है-
उत्तर- आवर्तकाल

प्रश्न :- पारसेक किसकी मापन इकाई है ?
उत्तर- खगोलीय दूरी

प्रश्न :- दिष्ट धारा की आवृत्ति …………….. है?
उत्तर- शून्य

प्रश्न :- इस्पात के गोले में पदार्थ की मात्रा उसका क्या होती है?
उत्तर- द्रव्यमान

प्रश्न :-क्वांटम सिद्धांत का सुझाव किसने दिया?
उत्तर- मैक्स प्लैन्क

प्रश्न :-परमाणु शक्ति संयंत्र किस सिद्धान्त पर काम करता है?
उत्तर- विखण्डन

प्रश्न :- ए.टी.एम. (ATM) का पूरा नाम है
उत्तर-ऑटोमैटिक टेलर मशीन

प्रश्न :-आवृत्ति मॉडुलेशन में क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर-नियत आयाम

प्रश्न :- ट्रांजिस्टर के किसमें होने की अधिकांशत: संभावना होती है?
उत्तर-श्रव्य उपकरण

प्रश्न :- क्यूरी किसकी यूनिट है?
उत्तर- रेडियोधर्मिता

पढ़ें- 500+ Gk Questions in Hindi 2023

NEET 2023 PHYSICS वन लाइनर

प्रश्न :- एक तारे की संहति (Mass) सूर्य की संहति से दोगुनी है, वह अन्तत: कैसे समाप्त होगा?
उत्तर- न्यूट्रॉन स्टार

प्रश्न :-रेडियोऐक्टिव सामग्री से उत्सर्जित बीटा किरणें क्या हैं?
उत्तर- केन्द्रक द्वारा उत्सर्जित आवेशित कण

प्रश्न :- एक नक्षत्र का रंग निर्भर करता है उसकी
उत्तर- पृष्ठीय ताप पर

प्रश्न :-. बिजली के हीटर में कौन-सी सामग्री प्रयुक्त होती है ?
उत्तर- नाइक्रोम

प्रश्न :-हाइड्रोफोन उपकरण किस में हुए परिवर्तन को दर्शाता है?
उत्तर- पानी के अंदर ध्वनि

प्रश्न:- उड़ान-अभिलेखी का तकनीकी नाम क्या है?
उत्तर- काला बक्सा

प्रश्न:- टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल में प्रयुक्त विद्युत चुंबकीय तरंगें कैसी होती हैं ?
उत्तर- अवरक्त

प्रश्न:-डायोड का इस्तेमाल किसलिए किया जाता है ?
उत्तर- परिशोधन

प्रश्न:-जेट इंजन …………………. के संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
उत्तर- रैखिक संवेग

प्रश्न:-विद्युत चुंबक किससे बनती है?
उत्तर- नरम लोहा

प्रश्न:-उच्च वोल्टेज अनुप्रयोग के लिए किस प्रकार इंसुलेटर उपयोग किया जाता
उत्तर- निलंबन प्रकर

प्रश्न:-अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है कहलाती हैै |
उत्तर- समंजन

प्रश्न:-अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता हैः
उत्तर- पक्षमाभी (Ciliary)

प्रश्न:- लाल वर्ण के प्रकाश की तरंगदैधर्य नीले प्रकाश की अपेक्षा लगभग कितनी गुनी है|
उत्तर-1:8

प्रश्न:-सूर्य हमे वास्तविक सूर्योदय से लगभग कितने मिनिट पूर्व दिखाई देने लगता है?
उत्तर-2 मिनिट पूर्व

प्रश्न:-तारे टिमटिमाते क्यों प्रतीत होते है |
उत्तर-तारो के प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण

प्रश्न:-इंद्रधनुष सदैव किस दिशा में बनता है |
उत्तर-सूर्य के विपरीत दिशा में

प्रश्न:-सुर्य का प्रकाश सात वेर्णो से मिलकर बना | यह विचार किस विज्ञानिक के दिमाग में आया |
उत्तर-न्यूटन

प्रश्न:-वह न्यनतम दुरी जिस पर रखी कोई वस्तु बिना किसी तनाब के अत्यधिक स्पष्ट देखी जा सकती है|
उत्तर- 40 cm तक

प्रश्न:- रेटिना पर किसी वस्तु का उलटा तथा वास्त्विक प्रेतिबिबं बनाता है-
उत्तर- अभिनेत्र -लेंस

प्रश्न:-कोर्निया के पीछे एक सरचना होती है जिसे कहते है
उत्तर-परितारिका

प्रश्न:-नेत्र गोलक की आकृति लगभग गोलाकार होती है तथा इसका व्यास होता है
उत्तर- लगभग 2.3

प्रश्न:-प्रकाश एक पतली झिल्ली से होकर नेत्र मे प्रबेश क्ररता है इस झिली को कहते है |
उत्तर- कोर्निया

प्रश्न:-लेन्स कि क्षमता का SI मात्रक
उत्तर- डाइऑप्टर

प्रश्न:-लेन्स का केन्द्रिय विन्दु क्या कहलाता है ?
उत्तर- प्रकाशिक केन्द्र

प्रश्न:-किसी लेन्स मे बाहर की ओर उभ्ररे दो गोलिया पृष्ठ उसे कहते है-
उत्तर- दो- उतल लेन्स

प्रश्न:- दो पृष्ठों से घिरा हुआ कोई पारदर्शी माध्यम,जिसका एक या दोनो पृष्ठ गोलीय हो|
उत्तर- लेन्स

प्रश्न:-गोलिय शीशा कहलाता है
उत्तर- जिनका परावर्तक पृष्ठ गोलिय है

प्रश्न:-ध्वनि की गति सबसे तेज किस माध्यम में चलती है?
उत्तर- ठोस

प्रश्न:-ध्वनि की प्रबलता है
उत्तर- ध्वनि के लिए कानों की संवेदनशीलता की माप

प्रश्न:- ध्वनि की तीव्रता कहते हैं |
उत्तर- किसी एकांक क्षेत्रफल से एक सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा

प्रश्न:-आवर्ती के SI मात्रक का नाम किसके सम्मान में रखा गया |
उत्तर- हैनरिच रुडोल्फ हर्ट्ज़

प्रश्न:-गतिज ऊर्जा किसे कहते है|
उत्तर- किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को

प्रश्न:-आइजक न्यूटन का जन्म कहाॅ हुआ था ?
उत्तर- इंग्लैंड में वूल्स्थोर्पे

प्रश्न:-आइजक न्यूटन ने गणित कि नई शाखा क़ी खोज क़ी | जिसे क्या कहते है ?
उत्तर- कलन

प्रश्न:-अनिश्चितता का सिद्धांत के अनुसार -
उत्तर- इलेक्ट्रोन की स्थिति और वेग का निर्धारण एक साथ नही होता

प्रश्न:-विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते है
उत्तर- जनित्र

प्रश्न:-टरबाइन की आवश्यक चाल को बनाए रखने के लिए पवन की चाल कितनी होनी चाहिए-
उत्तर- 15 km/h

प्रश्न:- चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता का मात्रक -
उत्तर- ओस्टर्ड

प्रश्न:- टंगस्टन का गलनांक कितनी डिग्री सेल्सियस है |
उत्तर- 3380

प्रश्न:-प्रतिरोधको को परस्पर सयोजित करने की दो विधियाँ है | वे कोनसी है|
उत्तर- क्षेणीक्रम सयोजन और पार्श्व क्रम संयोजन

प्रश्न:-प्रतिरोध का SI मात्रक है |
उत्तर- ओम

प्रश्न:-आवेग का विमीय सूत्र किसके विमीय सूत्र के समान है?
उत्तर- संवेग

प्रश्न:-आवेग का मात्रक है-
उत्तर- kg-m/s

प्रश्न:-कौन सा एक व्युत्पन्न मात्रक है?
उत्तर- आयतन का मात्रक

प्रश्न:-हर्ट्ज किसका मात्रक है?
उत्तर- आवृत्ति

प्रश्न:-किलोवॉट-घंटा मात्रक है-
उत्तर- ऊर्जा

प्रश्न:-पृष्ठ तनाव का SI मात्रक है-
उत्तर- न्यूटन/मीटर

प्रश्न:-फैरेड किसका मात्रक है?
उत्तर- आवेश

जानें- विज्ञान के प्रश्न उत्तर | Science questions answers in Hindi

NEET 2023 PHYSICS question ANSWER

प्रश्न:-"पास्कल-सेकेण्ड" किसकी विमा है?
उत्तर- श्यानता गुणांक 

प्रश्न:-सूर्य में ऊर्जा का निरन्तर सृजन किस कारण होता रहता है?
उत्तर- नाभिकीय संलयन 

प्रश्न:-आदर्श वोल्टमीटर की प्रतिरोधिता कितनी होती है?
उत्तर- असीमित

प्रश्न:- एक उड़ते हुए जेट में होती है।
उत्तर- गतिज तथा स्थितिज ऊर्जा दोनों

प्रश्न:-जल विद्युत केंद्र में टर्बाइन किससे चलती है?
उत्तर- पानी के बहने से

प्रश्न:-विषम-मिश्रण से लोहे की परत को किस तकनीक से पृथक किया जा सकता है?
उत्तर- चुम्बकीकरण

प्रश्न:-p – तथा n – प्रकार के दो अर्धचालक, जब संपर्क में लाए जाते हैं, तो वे जो p-n संधि बनाते हैं, वह किस रूप में कार्य करती है?
उत्तर- दिष्टकारी

प्रश्न:- फ्लेमिंग के दाएँ हाथ के नियम का प्रयोग किसकी दिशा का पता लगाने के लिए किया जाता है?
उत्तर- प्रेरित धारा

प्रश्न:-नॉट (Knot) एक माप है :
उत्तर- जलयान की गति का

प्रश्न:-न्यूक्लियर रिएक्टर में न्यूट्रॉन को किससे अवमंदित किया जाता है?
उत्तर- मॉडरेटर

प्रश्न:-कृत्रिम उपग्रह के जरिए संचार के लिए किन तरंगों का प्रयोग किया जाता
उत्तर- सूक्ष्म तरंगें

प्रश्न:-गामा किरणों से क्या हो सकता है?
उत्तर- जीन-म्यूटेशन

प्रश्न:-धारावाहक तार कैसा होता है?
उत्तर- न्यूट्रल

प्रश्न:-हमारी आकाशगंगा की आकृति है
उत्तर- स्पाइरल

प्रश्न:-तुल्यकाली उपग्रह के परिक्रमण की अवधि होती है:
उत्तर- 24 घंटे

प्रश्न:-रेडियो प्रसारण के संदर्भ में AM’का पूरा रूप क्या है ?
उत्तर- Amplitude Modulation

प्रश्न:-रेडियो की ट्यूनिंग के लिए प्रयुक्त घटना मूलत: एकहोता है।
उत्तर- संघनक

प्रश्न:-एक धातु के चालक का प्रतिरोध________ ।
उत्तर- उसकी लम्बाई के समानुपाती होता है

प्रश्न:-सिलिकॉन किस प्रकार का पदार्थ है?
उत्तर- अर्द्धचालक

प्रश्न:-आवर्धक काँच में लेंस का प्रयोग होता है
उत्तर- उत्तल

प्रश्न:-भारत में किसने परमाणु अंतर्मुखी विस्फोट की तकनीकी (टेक्नोलॉजी) विकसित की थी?
उत्तर- डॉ. होमी जे. भाभा

प्रश्न:-न्यूटन–सेकेंड किसका मात्रक है?
उत्तर- संवेग

प्रश्न:-प्रकाश वर्ष किसका मात्रक है?
उत्तर- दूरी

प्रश्न:-वोल्ट/मीटर किसका मात्रक है?
उत्तर- विद्युत क्षेत्र की तीव्रता

प्रश्न:-प्रकाश की किरण की तरंगदैर्ध्य 0.00006 m, यह किसके बराबर है?
उत्तर- 60 माइक्रॉन

प्रश्न:-हेनरी/ओम को किसमें व्यक्त किया जा सकता है?
उत्तर- सेकण्ड

प्रश्न:-सर सी वी.रामन को वष॔ 1930 मे किस कार्य के लिए नोबेल पुरुस्कार मिला ?
उत्तर- रमन प्रभाव

प्रश्न:-हमारी मांसपेशिया के क्रियास्वरूप लगने बाले बल को कहते है ?
उत्तर- पेशीय बल

इस पोस्ट में हमने NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI के बारे में जाना। जो NEET की तैयारी करने वाले विद्यार्थियो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

आशा करता हूँ NEET 2023 PHYSICS MCQ IN HINDI  का यह पोस्ट आपके लिए मददगार साबित होगा , अगर आपको यह पोस्ट पसंद आया हो तो इस पोस्ट को शेयर जरुर करें।


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सामान्य विज्ञान के प्रश्न-उत्तर | General Science Questions and Answers in Hindi

हमारे इर्दगिर्द जो घटित हो रहा है, उसके बारे में कि वह क्यों और कैसे होता है, विज्ञान हमें स्पष्ट एवं सुव्यवस्थित जानकारी देता है। क्यों और कैसे जैसे प्रश्नों का उत्तर जानने के बाद कभी-कभी तो आश्चर्य होता है, क्योंकि तब हमें इस बात का अंदाजा नहीं होता कि छोटी-सी दिखने वाली घटना के पीछे कितनी लंबी प्रक्रिया काम करती है। आगे दी जा रही जानकारी आपको जरूर हैरानी में डालेगी, ऐसा हमें विश्वास है।

विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर science questions in Hindi

निचे विज्ञान के सामान्य प्रश्नों के उत्तर है ऐसे सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी -कभी हमें नहीं पता होते तो आइये पढ़ते है कुछ ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर -

science questions in hindi

general science questions and answers in Hindi 

01-चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम क्यों हो जाता है?

उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इस कार्य के लिए पृथ्वी। कुछ बल लगाना पड़ता है। यही बल वस्तु का भार कहलाता है। जब कोई भी वस्तु चंद्रमा पर होती है, तो उसका भार चंद्रमा के आकर्षण बल पर निर्भर करता है। चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के आकर्षण बल का छठा भाग होता है। यही कारण है कि चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम अर्थात पृथ्वी पर वस्तु के भार का 1/6 भाग हो जाता है।

02-चलती बस से उतरते समय तुम आगे की ओर क्यों गिर पड़ते हो?

उत्तर :- जब तुम बस में बैठकर यात्रा कर रहे होते हो, तो तुम्हारा शरीर भी बस की गति के साथ-साथ गति-अवस्था में रहता है। बस के रुकने पर बस से उतरते समय जब तुम अपने पांव नीचे जमीन पर रखते हो, तो तुम्हारा निचला भाग विराम अवस्था में आ जाता है अर्थात स्थिर हो जाता है। दूसरी ओर, तुम्हारे शरीर का ऊपरी भाग गति-अवस्था में ही बना रहता है। बस, इसीलिए तुम आगे की ओर गिर पड़ते हो।

03-वृक्ष की शाखाओं को हिलाने पर फल जमीन पर ही गिरते हैं, ऊपर क्यों नहीं जाते?

उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी के इस आकर्षण बल का नाम गुरुत्वाकर्षण भी है। चंद्रमा की तुलना में पृथ्वी का आकर्षण बल छह गुना अधिक होता है।जब तुम वृक्ष की शाखाओं को हिलाते हो, तो फल शाखाओं से टूटकर अलग हो जाते हैं। इन फलों को पृथ्वी गुरुत्वाकर्षण के कारण अपनी ओर खींच लेती है। ये फल ऊपर इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि चंद्रमा का आकर्षण - बल पृथ्वी से कम है तथा वह इसे प्रभावित नहीं कर पाता ।

04-खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन क्यों?

उत्तर :- संसार की प्रत्येक वस्तु अवस्था परिवर्तन (विराम से गति तथा गति से विराम में आना) का विरोध करती है, इस अवस्था परिवर्तन के विरोध करने के गुण को जड़त्व कहा जाता है। खाली ट्रक की तुलना में सामान से भरे हुए ट्रक का जड़त्व अधिक होता में है । किसी भी गति करती हुई वस्तु का जड़त्व जितना अधिक होगा, उसे रोकने के लिए तुम्हें उतना ही अधिक बल लगाना पड़ेगा। यही कारण है कि खाली ट्रक के बजाय सामान से भरे हुए ट्रक को रोकना कठिन होता है ।

05-नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी में तुम आसानी से क्यों तैर सकते हो?

उत्तर :- किसी वस्तु के एकांक आयतन की संहति को उस वस्तु का घनत्व कहते हैं। नदी की अपेक्षा समुद्र के पानी का घनत्व अधिक होता है। जब तुम समुद्र के पानी में तैर रहे होते हो, तो तुम्हारे द्वारा हटाए गए पानी का भार नदी में तैरने पर हटाए गए पानी के भार से ज्यादा होता है। अतः समुद्र के पानी में तुम्हारे भार में नदी की अपेक्षा अधिक कमी आ जाती है। दूसरी ओर, अधिक घनत्व के कारण से समुद्र के पानी में उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक लगता है जिससे तुम आसानी से तैर सकते हो ।

06-लोहे का बना हुआ जहाज पानी में तैरता है परंतु लोहे की सुई पानी में क्यों डूब जाती है?

उत्तर :- किसी भी वस्तु के पानी में तैरने के लिए यह जरूरी है कि उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके भार से अधिक हो । लोहे का बना हुआ जहाज जब पानी में चलता है, तो उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके (जहाज के) भार से अधिक होता है अतः जहाज पानी में तैरता है। दूसरी ओर, सुई पानी में डालने पर अपने भार से कम भार का ही पानी हटा पाती है अतः पानी में डूब जाती है।

07-पानी भरने से गुब्बारा क्यों फूल जाता है?

उत्तर :- किसी वस्तु गुब्बारे में पानी भरने पर उसकी सतह पर यही बल कार्य करता है जिसके कारण गुब्बारा फूल जाता है। जैसे-जैसे तुम गुब्बारे में अधिक पानी डालते हो, गुब्बारा और अधिक फूलता जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि प्रणोद बढ़ जाता है क्योंकि यह द्रव की ऊंचाई पर निर्भर करता है।

08-नमकीन पानी में अंडा क्यों तैरता है?

उत्तर :- आमतौर पर पानी का घनत्व कम होता है किंतु नमक मिलाते ही पानी का घनत्व बढ़ जाता है। जब घनत्व बढ़ जाएगा, तब उत्प्लावन-बल (वस्तु को द्रव में डुबोने पर द्रव द्वारा उस पर ऊपर की ओर लगाया गया बल) भी अधिक हो जाता है। इसी कारण से नमकीन पानी में अंडा तैरता रहता है ।

09-रेगिस्तान में ऊंट आसानी से क्यों चल सकता है?

उत्तर :- ऊंट के पैर नीचे से चौड़े होते हैं जिससे पैरों का क्षेत्रफल अधिक होता है। इस वजह से जमीन पर प्रभावित क्षेत्रफल बढ़ जाता है तथा दबाव कम होने के कारण ही ऊंट रेगिस्तान में रेत पर आसानी से चल पाता है।

10-तुम पानी में सिर या पैर के बल ही छलांग क्यों लगाते हो?

उत्तर :- जब कोई वस्तु द्रव में डाली जाती है, तो द्रव उस वस्तु पर ऊपर की ओर उत्प्लावन-बल लगाता है। अतः जब तुम सिर या पैर के बल पानी में छलांग लगाते हो, तो पानी का उत्प्लावन-बल तुम्हारे सिर या पैरों पर ऊपर की ओर लगता है। यदि तुम पानी के समानांतर छलांग लगाओगे, तो यह बल शरीर पर लगेगा जिससे शरीर को चोट लगने की आशंका रहती ।

11-बर्फ पानी में क्यों तैरती है?

उत्तर :- बर्फ ठोस है, फिर भी वह पानी में तैरती है । है न, अचरज की बात। तो, सुनो! बर्फ का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है। जब बर्फ को पानी में डाला जाता है, तो वह कुछ पानी हटाती है। इस पानी के आयतन का भार बर्फ के भार से अधिक होता है। इसीलिए बर्फ पानी में तैरती हैं।

12-गरम चाय या दूध डालने से कभी-कभी कांच का गिलास टूट क्यों जाता है?

उत्तर :- जब तुम गिलास में गरम चाय या दूध डालते हो, तो गिलास का भीतरी तल उष्मा ग्रहण करके फैल जाता है। इसके विपरीत गिलास के बाहर के भाग का ताप भीतरी भाग से कम होने के कारण उसमें फैलाव नहीं या कम होता है। दोनों तलों में ताप के इस अंतर के कारण ही कभी-कभी कांच का गिलास टूट जाता है।

13-रेल की पटरियों में जोड़ों के बीच खाली स्थान क्यों छोड़ा जाता है?

उत्तर :- रेलगाड़ी जब पटरी पर चलती है, तो पहियों तथा पटरी के बीच में एक. प्रकार का घर्षण होता है । इस घर्षण से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिसके कारण रेल की पटरी फैलती है । पटरी के इस फैलाव के लिए स्थान देने के उद्देश्य से ही कहीं-कहीं खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि स्थान नहीं छोड़ा जाएगा, तो पटरी के फैलाव से वह टेढ़ी-मेढ़ी हो जाएगी और रेलगाड़ी पटरी से उतर जाएगी ।

14-बोतल को गरम करने पर फंसी हुई डाट आसानी से बाहर क्यों निकल जाती है?

उत्तर :- ऊष्मा प्रदान करने से वस्तु में प्रसार होता है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके जब कांच की बोतल को गरम किया जाता है, तो उसमें प्रसार हो जाता है। प्रसार के कारण ही बोतल के मुंह में फंसी डाट आसानी से बाहर निकल जाती है।

15-थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी क्यों रहती है?

थर्मस बोतल कांच की बनी होती है और कांच उष्मा का कुचालक होता है। कुचालक ऐसे पदार्थ होते हैं जिनमें से उष्मा-चालन आसानी से नहीं होता। कांच की बोतल की दोनों दीवारों के बीच निर्वात (बिना वायु का स्थान) होने से उष्मा बोतल के अंदर की दीवार से बाहर नहीं आ पाती। इसके अतिरिक्त बोतल की चमकदार बाहरी दीवारें उष्मा की विकिरण किरणों को परावर्तित करके बाहरी सतह पर ही रोक लेती हैं। अत : थर्मस बोतल में गरम वस्तु गरम और ठंडी वस्तु ठंडी रहती है।

16-खाना पकाने के बरतन नीचे से काले और ऊपर से चमकदार क्यों होते हैं?

उत्तर :- काली वस्तु उष्मा को जल्दी से सोख लेती है। अतः खाना पकाने के बरतनों के पेंदे काले रखे जाते हैं ताकि बरतन अधिक उष्मा को सोखकर शीघ्र खाना पका दें । बरतनों की ऊपरी सतह चमकदार इसलिए रखी जाती है ताकि बरतनों में से उष्मा का स्थानांतरण न हो सके।

17-बर्फ को बोरी या बुरादे में ही क्यों रखते हैं?

उत्तर :- बोरी और बुरादे में तमाम छिद्र होते हैं और उन छिद्रों में वायु भरी रहती है । वायु उष्मा की कुचालक होती है जो बाहर की उष्मा को अंदर बर्फ तक आने से रोकती है। इस प्रकार बर्फ पिघल नहीं पाती। यही कारण है कि बर्फ को बोरी या बुरादे में ही रखते हैं।

18-रेगिस्तान में दिन के समय गरमी और रात के समय ठंड क्यों होती है?

उत्तर :- रेगिस्तान में रेत की अधिकता रहती है। रेत उष्मा का अच्छा अवशोषक है। अत : दिन के समय सूर्य की उष्मा को अवशोषित करके रेगिस्तान गरम हो जाता है और वहां गरमी होती है। रेगिस्तान विकिरण द्वारा अपनी उष्मा को निकालकर रात में ठंडा हो जाता है जिससे रात के समय वहां ठंड होती है।

19-चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख क्यों फैलाए रहती हैं?

उत्तर :- जब सर्दियां शुरू होती हैं, तो अक्सर चिड़ियां अपने पंख फैलाए हुए देखी जा सकती हैं। जब चिड़ियां पंख फैलाकर बैठती हैं, तो उनके शरीर तथा पंखों के बीच में हवा की परत आ जाती है। हवा उष्मा की कुचालक है जो चिड़ियों के शरीर की उष्मा को बाहर जाने से रोकती है। इस प्रकार चिड़ियां सर्दी के कुप्रभाव से स्वयं को बचाने में सक्षम हो जाती हैं। यही कारण है कि चिड़ियां सर्दियों में अपने पंख फैलाए रहती हैं।

20-दो पतले कंबल एक मोटे कंबल की तुलना में अधिक गरम क्यों होते हैं?

उत्तर :- दो पतले कंबल ओढ़ने से उनके बीच में हवा की एक परत बन जाती है। हवा ऊष्मा की कुचालक होती है जो शरीर की उष्मा को बाहर नहीं जाने देती और शरीर को सर्दी के प्रकोप से बचाती है। एक मोटे कंबल में हवा की कोई परत नहीं होती जिससे वह अधिक गरम नहीं रहता ।

21-सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर :- कपड़े में अनेक छिद्र मौजूद रहते हैं जिनमें वायु भरी होती है । वायु ऊष्मा की कुचालक है । वह आग की ऊष्मा को तुम्हारे हाथ तक नहीं पहुंचने देती । इस प्रकार तुम्हारा हाथ सुरक्षित रहता है। तभी तो, सब्जी की गरम पतीली को चूल्हे से उतारने के लिए कपड़े का प्रयोग करते हैं ।

22-कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे क्यों रहते हैं?

उत्तर :- कच्चे मकान मिट्टी के बने होते हैं। मिट्टी ऊष्मा की कुचालक होती है। कुचालक होने के कारण सर्दियों में मिट्टी मकान के अंदर की उष्मा को बाहर नहीं निकलने देती तथा यही मिट्टी गरमियों में बाहर की उष्मा को अंदर नहीं आने देती। अतः कच्चे मकान सर्दियों में गरम और गरमियों में ठंडे रहते हैं।

23-साइकिल की ट्यूब गरमियों में प्राय: फट क्यों जाती है?

उत्तर :- साइकिल की ट्यूब में हवा भरी होती है। गरमी के मौसम में गरम होकर ट्यूब की हवा फैलती है। ट्यूब को फैलने के लिए कुछ स्थान चाहिए। जब उसे यह स्थान नहीं मिल पाता, तब वह ट्यूब को फाड़ देती है।

24-अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर क्यों नहीं बनती?

उत्तर :- सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्रोत है, जबकि पक्षी बहुत छोटे । पक्षियों की घटती हुई छाया और बढ़ती हुई उपछाया बनती है। पक्षियों के पृथ्वी से अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण छाया घटकर रास्ते में ही खो जाती है। उपछाया अधिक बड़ी लेकिन बहुत हल्की होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर नहीं बनती।

25-सूखे बालों में कंघी करने से चट-चट की आवाज क्यों सुनाई देती है?

उत्तर :- जब आप सूखे बालों में कंघी करते हैं, तो घर्षण पैदा होता है। इस घर्षण से बालों तथा कंघी में विपरीत आवेश आ जाता है। जब अधिक मात्रा में आवेश जमा हो जाता है, तो बीच की वायु में बहुत अधिक तनाव पैदा हो जाता है । इस प्रकार वायु में आवेश का विसर्जन होता है जिससे तुम्हें चट-चट की आवाज सुनाई देती है।

26-जब बादल गरज रहे हों और बिजली चमक रही हो, तो तुम्हें किसी पेड़ के नीचे क्यों नहीं जाना चाहिए?

उत्तर :- रगड़ के कारण वायु तथा बादलों के बीच में आवेश उत्पन्न हो जाता है। जब आवेशित बादल ऊंचे पेड़ों के पास से गुजरते हैं, तो पेड़ों पर विपरीत आवेश आ जाने से आकर्षण होता है। आवेश के प्रवाहित होने से तड़ित भी उत्पन्न होती है। यह तड़ित जब किसी पेड़ पर गिरती है, तो नीचे खड़े व्यक्ति को हानि पहुंच सकती है। अत : ऐसी अवस्था में किसी पेड़ के नीचे नहीं जाना चाहिए।

27-सूखे बालों में रगड़ा हुआ प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर क्यों खींच लेता है?

उत्तर :- जब तुम सूखे बालों में प्लास्टिक का पेन रगड़ते हो, तो रगड़ के कारण घर्षण (स्थिर) विद्युत पैदा होती है। इस घर्षण - विद्युत के कारण ही प्लास्टिक का पेन कागज के छोटे-छोटे टुकड़ों को अपनी ओर खींच लेता है।

28-कपड़े से रगड़ने के बाद वायु से भरा गुब्बारा दीवार से क्यों चिपक जाता है?

उत्तर :- जब तुम गुब्बारे को कपड़े से रगड़ते हो, तो उस स्थान पर आवेश उत्पन्न हो जाता है। आवेशित - गुब्बारा दीवार के निकट लाने पर विपरीत आवेश उत्पन्न करता है और आकर्षित होकर दीवार से चिपक जाता है ।

29-घरों में बिजली के तारों के ऊपर प्लास्टिक या रबड़ के खोल क्यों चढ़े होते हैं?

उत्तर :- जिस तार में से बिजली आ रही होती है, उसे छूने से तुम्हें झटका लग सकता है। इस झटके से बचने के लिए तारों पर प्लास्टिक या रबड़ के खोल चढ़ाए जाते हैं । प्लास्टिक तथा रबड़ दोनों ही विद्युत के कुचालक अर्थात विद्युतरोधी होते हैं जिनमें बिजली प्रवेश नहीं कर पाती। अतः इनको छूने पर भी तुम्हें झटका नहीं लग सकता ।

30-बिजली के बल्बों में पतला तार ही क्यों प्रयोग किया जाता है?

उत्तर :- चालक का वह गुण जिसके द्वारा विद्युत धारा के प्रवाह का विरोध किया जाता है, प्रतिरोध कहलाता है। पतले तार का प्रतिरोध अधिक होता है, जबकि मोटे तार का प्रतिरोध कम होता है। अतः बिजली के बल्बों में पतला तार ही प्रयोग किया जाता ।

31-अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से आते हुए सूर्य के प्रकाश में हवा में उपस्थित धूल के कण इधर-उधर गति करते हुए क्यों दिखाई पड़ते हैं?

उत्तर :- जब अंधेरे कमरे में किसी छोटे छेद से सूर्य के प्रकाश में धूल के कण (अणु) आते हैं, तब वे लगातार गति करते हैं। इस प्रकार वायु के अणु धूल के कणों के साथ मिलकर टकराते हैं। इस टकराव के कारण ही धूल-कणों में अनियमित-गति उत्पन्न होती है और वे इधर-उधर गति करते हुए दिखाई पड़ते हैं।

32-वर्षा की बूंदें गोल क्यों होती हैं?

उत्तर :- पानी की संरचना छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर होती हैं। ये अणु परस्पर एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं। इसी आकर्षण के कारण ही पानी सिकुड़ता है और कम स्थान घेरना चाहता है। बूंदें पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण नीचे गिरती हैं किंतु पानी के अणु पृष्ठ-तनाव द्वारा आपस में इकट्ठा होते हैं। इसी वजह से बूंदें गोल आकार ग्रहण कर लेती हैं ।

33-साइकिल के टायर खुरदरे क्यों होते हैं?

उत्तर :- जब एक तल दूसरे तल पर गति करता है, तो उस गति का विरोधक-बल उत्पन्न हो जाता है। इसे घर्षण बल कहते हैं । घर्षण बल जितना अधिक होता है, वस्तु उतनी ही सरलता से गति कर सकती है। - साइकिल के टायर भी खुरदरे इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि घर्षण-बल अधिक रहे और साइकिल सुविधाजनक ढंग से चल सके । खुरदरे तल पर घर्षण समतल की अपेक्षा अधिक रहता है।

34-कांच की गोली खुरदरे तल की अपेक्षा समतल पर अधिक दूरी तक क्यों लुढ़कती है?

उत्तर :- खुरदरे तल पर घर्षण समतल की तुलना में अधिक होता है। अतः जब कांच की गोली खुरदरे तल पर लुढ़कती है, तो घर्षण अधिक होने के कारण शीघ्र रुक जाती है। दूसरी ओर, यही गोली जब समतल पर लुढ़कती है तो घर्षण कम होने से अधिक दूरी तक जाती है।

35-भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े क्यों होते हैं?

उत्तर :- अधिक चौड़े टायरों का क्षेत्रफल अधिक होता है जिससे घर्षण अधिक होता है और दाब कम हो जाता है। अतः गाड़ी की गति बढ़ जाती है। बस, इसीलिए भारी गाड़ियों के टायर अधिक चौड़े बनाए जाते हैं ।

36-मकान की नींव दीवार की अपेक्षा चौड़ी क्यों होती है?

उत्तर :- तल का क्षेत्रफल जितना कम होगा, दबाव भी उतना ही बढ़ जाएगा। अतः क्षेत्रफल घटाने से दबाव में वृद्धि होगी। इसीलिए मकान बनवाते समय नींव चौड़ी रखी जाती है ताकि तल का क्षेत्रफल अधिक रहे। अधिक क्षेत्रफल रहने से दीवार का दबाव कम पड़ेगा।

37-कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का उपयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :- कुएं से पानी निकालने के लिए घिरनी का प्रयोग किया जाता है। इसका कारण यह है कि घिरनी के द्वारा बल लगाने की दिशा ऊपर की अपेक्षा नीचे हो जाती है। इससे पानी भरने में सुविधा रहती है तथा कम बल से अधिक कार्य हो जाता है।

38-कभी-कभी कील की अपेक्षा पेंच का प्रयोग क्यों किया जाता है?

उतार :- जब लकड़ी के साथ कुंडा लगाना हो, तो अक्सर पेंच का प्रयोग किया जाता है। पेंच कुंड़े को तख़्ते से कील की अपेक्षा अधिक मजबूती से जोड़े रखता है। इसका कारण यह है कि पेंच का तल चूड़ीदार होता है जबकि कील का तल समतल है। पेंच इन चूड़ियों के कारण अधिक शक्ति से अपना कार्य करता है।

39-ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग क्यों किया जाता है?

उत्तर :- यदि किसी भारी वस्तु को उठाना हो, तो एक मजबूत छड़ लेकर उसका एक सिरा वस्तु के नीचे लगा देते हैं और छड़ को किसी ईंट आदि पर टिका कर दूसरे सिरे पर बल लगाते हैं। इस प्रकार भारी वस्तु को उठाने में आसानी हो जाती है। इस छड़ को उत्तोलक या लीवर कहते हैं। ट्रक आदि पर सामान लादने के लिए ढलवां रखे हुए लकड़ी के तख्ते का प्रयोग किया जाता है जो कि उत्तोलक ही है। ऐसा करने से कम बल लगाकर अधिक भार उठाया जा सकता है।

40-डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए चम्मच का प्रयोग क्यों करते हैं?

उत्तर :- डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए तुम चम्मच का उपयोग उत्तोलक के रूप में ही करते हो । चम्मच के किनारे को ढक्कन के नीचे रखा जाता है तथा दूसरे किनारे पर हाथ से नीचे को दबाकर बल लगाया जाता है। इस प्रकार चम्मच द्वारा बने उत्तोलक में बल भुजा भार भुजा से बड़ी होती है। अतः कम बल लगाने से बंद हुआ ढक्कन सरलता से खुल जाता है ।

41-झाड़ू में लंबी डंडी क्यों लगाते हैं?

उत्तर :- उत्तोलक के सिद्धांत के अनुसार यदि बल भुजा भार भुजा से बड़ी हो, तो कम बल से अधिक कार्य हो सकता है। झाड़ू में लंबी डंडी इसीलिए लगाई जाती है ताकि बल भुजा बड़ी हो जाए और कम बल लगाना पड़े। इसके अतिरिक्त बिना झुकें ही सफाई भी हो जाती है।

42-चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय क्यों नहीं होता?

उत्तर :- चंद्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है जो उसके गिर्द 29 दिनों में एक बार परिक्रमा पूरी करता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 24 घंटे में एक बार घूमती है। जितने समय में पृथ्वी अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करती है, उतने समय में चंद्रमा पृथ्वी के गिर्द अपने मार्ग में कुछ आगे निकल जाता है। अतः तुम चंद्रमा को पृथ्वी द्वारा अपने अक्ष पर एक परिक्रमा करने तथा उस दूरी को तय करने के बाद देखते हो जो दूरी चंद्रमा आगे निकल चुका है। यही कारण है कि चंद्रमा प्रतिदिन एक ही समय पर उदय नहीं होता।

43-अधिक देर तक धूप में बैठने पर शरीर का रंग काला क्यों हो जाता है?

उत्तर :- धूप में मनुष्य का शरीर गहरे रंग के वर्णक बनाता है। ये वर्णक सूर्य के प्रकाश की किरणों को सोख लेते हैं। यदि शरीर में प्रकाश-किरणों को सोख लेने वाले वर्णक बनाने की शक्ति विज्ञान न होती, तो सूर्य की गरमी के कारण त्वचा झुलस जाती। अधिक तेज धूप में शरीर अधिक वर्णक बनाता है। यही कारण है कि देर तक धूप में बैठे रहने से शरीर का रंग काला हो जाता है।

45-सर्दी में तुम्हें कंपकंपी क्यों लगती है?

उत्तर :- सर्दी के मौसम में वातावरण ठंडा हो जाता है। अतः तुम्हें कंपकंपी लगती है। कंपकंपी होने से तुम्हारी मांसपेशियों को अधिक काम करना पड़ता है, जिसके कारण ऊर्जा पैदा होती है। इस प्रकार शरीर का ताप (37°C) समान बना रहता है और यह कम नहीं हो पाता।

46-पहाड़ों पर दाल क्यों नहीं गलती?

उत्तर :- तुम जिस पृथ्वी पर रहते हो, वहां पर वायु का दबाव अत्यधिक है। जानते हो, तुम्हारे शरीर पर भी निरंतर 14 टन वायु का दबाव पड़ता रहता है। जैसे-जैसे तुम ऊंचाई पर जाते हो, इस दबाव में कमी आती रहती है । पहाड़ों पर भी वायु का दबाव कम हो जाता है। दाल को पकाने में यही वायुमंडलीय-दबाव कार्य करता है। क्योंकि पहाड़ों पर वायुमंडलीय दबाव कम होता है अत: दाल पकाने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

47-तारे टिमटिमाते हुए नजर क्यों आते हैं?

उत्तर :- तुम जिस वायुमंडल में सांस लेते हो, उसमें विभिन्न घनत्व वाली अनेक परतें पाई जाती हैं। इन्हीं परतों से गुजरकर तारों का प्रकाश तुम तक पहुंचता है। वायु के कारण वायुमंडल की परतें भी हिलती रहती हैं। यही कारण है कि जब तारों का प्रकाश इन परतों से गुजरकर तुम तक आता है, तो तारे टिमटिमाते हुए नजर आते हैं ।

48-आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- सूर्य के प्रकाश में सात रंग पाए जाते हैं। जब सात रंगों वाला सूर्य का प्रकाश वायुमंडल के कणों से टकराता है, तो रंगों में विचलन की क्रिया प्रारंभ हो जाती है। बैंगनी, नीले और आसमानी रंग का विचलन सबसे अधिक होता है और शेष रंगों (हरा, पीला, नारंगी तथा लाल) का विचलन कम। उपर्युक्त तीन रंगों के विचलन से लगभग नीले रंग की ही उत्पत्ति होती है। अतः आकाश नीला दिखाई देता है।

49-रंगीन कपड़ा रात्रि को क्यों नहीं खरीदना चाहिए?

उत्तर :- सूर्य का प्रकाश सात रंगों से मिलकर बना है- बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल । किसी वस्तु का रंग, रंगों के परावर्तन तथा अवशोषण के कारण होता है। अतः जो कपड़ा तुम दिन में पहनते हो, वह रात को अलग रंग का दिखाई देता है क्योंकि रात्रि का प्रकाश कृत्रिम (बनावटी) होता है। इसमें प्राय: सूर्य के प्रकाश की भांति सात रंगों का क्रम नहीं पाया जाता। इसीलिए, रात्रि में कपड़ा खरीदते समय रंग की भूल हो जाने के कारण कपड़ा नहीं खरीदना चाहिए। ।

50-इंद्रधनुष वर्षा के बाद ही क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- कांच के तिकोने टुकड़े को प्रिज्म या त्रिपार्श्व कहते हैं। जब सूर्य का प्रकाश प्रिज्म के एक फलक (सिरे) पर पड़ता है, तो विचलित होकर यह सात रंगों में विभाजित हो जाता है । यह क्रिया विक्षेपण कहलाती है। इंद्रधनुष का बनना भी प्रकाश के इसी विक्षेपण का एक उदाहरण है। वर्षा के बाद वायुमंडल में पानी की बूंदें उपस्थित रहती हैं। जब सूर्य का प्रकाश इन बूंदों पर गिरता है, तो बूंदें प्रिज्म का काम करने लगती हैं और सूर्य के प्रकाश को सात रंगों में विभाजित कर देती हैं। अतः इंद्रधनुष बन जाता है। वर्षा के पूर्व वायुमंडल में नमी न रहने के कारण इंद्रधनुष का बनना असंभव घटना है।

आशा है की आपको सारे प्रश्न रोचक और मजेदार लगे होंगे ।

ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर कभी-कभी हमसे नहीं बन पाते अर्थात उसका सही उत्तर नहीं बता पाते अगर आपको ऊपर  के  सारे प्रश्न अच्छे लगे होंगे, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। 

"धन्यवाद"
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विज्ञान के प्रश्न उत्तर | Science questions answers in Hindi

Science questions answers in Hindi | विज्ञान के प्रश्न उत्तर | सामान्य विज्ञान के प्रश्न उत्तर

हम इस पोस्ट में विज्ञान से संबंधित प्रश्नों के उत्तर जानने वाले है। जो हमारे दैनिक जीवन में होते रहते है जिनका उत्तर हमें नहीं पता होता। इसलिए हमें उन प्रश्नों के उत्तर जानना जरूरी है तो आइये जाने ऐसे ही सामान्य प्रश्नों के उत्तर :-

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दैनिक जीवन में विज्ञान से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर 

01-पानी से भरे टब में तल पर रखा हुआ सिक्का तुम्हें ऊंचा उठा हुआ क्यों प्रतीत होता है?

उत्तर :- वह भौतिक साधन जिसमें से प्रकाश गुजरता है, माध्यम कहलाता है। माध्यम दो प्रकार के होते हैं-विरल और सघन । वायु विरल माध्यम है जबकि कांच तथा पानी सघन माध्यम के उदाहरण हैं। अपवर्तन के कारण जब प्रकाश की किरणें सघन माध्यम से चलकर विरल माध्यम में प्रवेश करती हैं, तो अभिलंब से दूर हट जाती हैं। बस, इसीलिए बाहर से देखने पर पानी से भरे टब में तल पर रखा हुआ सिक्का तुम्हें ऊंचा उठा हुआ दिखाई देता है।

02-कभी-कभी विद्युत बल्ब कम अथवा तेज प्रकाश क्यों देता है?

उत्तर :- घरों में आने वाली विद्युत धारा 220 वोल्ट की होती है। कभी-कभी इस विद्युत धारा की मात्रा जब बढ़ जाती है, तो बल्ब का प्रकाश सामान्य से अधिक हो जाता है। दूसरी ओर, जब विद्युत की मात्रा कम हो जाती है, तो बल्ब का प्रकाश सामान्य से कम हो जाता है।

03-चंद्रमा की सतह पर अंतरिक्ष यात्री एक-दूसरे की आवाज क्यों नहीं सुन सकते?

उत्तर :- चंद्रमा की सतह पर वायु नहीं है । ध्वनि वायु के माध्यम से ही एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाती है । अतः चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्री एक-दूसरे की आवाज नहीं सुन सकते । वे रेडियो तरंगों के माध्यम से ही आपस में संपर्क करते हैं ।

04-तेल टैंकरों को भरते समय ऊपर कुछ खाली स्थान क्यों छोड़ दिया जाता है?

उत्तर :- टैंकरों को तेल से भरते समय ऊपर कुछ खाली स्थान छोड़ दिया जाता है। इसका कारण यह है कि भीतर दाब कम हो जाता है और टैंकरों के बाहर दाब अधिक होता है। हवा अधिक दाब से कम दाब की ओर बहती है, इसलिए टैंकरों का ढक्कन ठीक से बंद हो जाता है ।

05-बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बांधना जरूरी क्यों है?

उत्तर :- तेज गति से चलती बस की छत पर हवा तेज गति से बहती हुई अनुभव होती है। छत पर रखा सामान भी उसी वेग से बस के साथ आगे बढ़ता है जिस वेग से बस आगे बढ़ रही है। जब तेज गति से बस अपनी दिशा बदलती है, तो गति के जड़त्व के कारण छत पर रखा सामान भी उसी दिशा में स्थानांतरित होना चाहता है जिसके परिणामस्वरूप वह छत से नीचे गिर जाता है। उसे गिरने से बचाने के लिए प्राय : बस की छत पर रखे सामान को रस्सी से बांधना जरूरी है।

06-बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?

उत्तर :- बिजली की इस्त्री जब गरम होती है, तो इसमें से अवरक्त किरणों का विकिरण होता है (सूर्य विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का विकिरण करता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य कम तथा लाल रंग की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है। लाल रंग के तरंगदैर्ध्य से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को अवरक्त प्रकाश कहते हैं ) । इसका अनुभव तुम इसके निकट आकर कर सकते हो। यह इस्त्री तुम्हें अंधेरे में दिखाई नहीं देती क्योंकि यह इतनी गरम होती नहीं कि दृश्य प्रकाश का विकिरण कर सके । अवरक्त - प्रकाश की किरणें तुम्हें दिखाई नहीं देतीं।

07-हाइड्रोजन गैस से भरा गुब्बारा हवा में ऊपर की ओर क्यों जाता है?

उत्तर :- हवा में कई प्रकार की गैसें मौजूद रहती हैं। कुछ गैसें हवा से भारी होती हैं, तो कुछ हवा से हल्की । हाइड्रोजन भी एक ऐसी ही गैस है जो हवा से हल्की होती है। जब गुब्बारे में हाइड्रोजन गैस भर दी जाती है, तो गुब्बारा हवा का जितना आयतन (वस्तु द्वारा घेरा गया स्थान) हटाता है, उसका भार गुब्बारे के भार से अधिक होता है। इसीलिए, गुब्बारा हवा में ऊपर की ओर जाता है।

08-पानी और दूध जैसे द्रव पदार्थों को नीचे से ही क्यों गरम किया जाता है?

उत्तर :- पानी और दूध जैसे सभी द्रव पदार्थों में उष्मा का स्थानांतरण संवहन विधि से ही होता है। इस विधि में द्रव के ठंडे कण भारी होने के कारण उष्मा के स्रोत के पास नीचे की ओर जाते हैं। ये कण गरम होकर हल्के हो जाते हैं जिससे ऊपर की ओर उठते हैं। अत: पानी और दूध जैसे द्रव पदार्थों को हमेशा नीचे से गरम किया जाता है।

09-पानी को गरम करने से वह भाप में क्यों बदल जाता है?

उत्तर :- पानी छोटे-छोटे अणुओं से मिलकर बना है। जब पानी को गरम किया जाता है, तो इसके अणुओं को ऊर्जा मिल जाती है। ऊर्जा मिलने से अणुओं की गति भी बढ़ जाती है। नतीजा यह निकलता है कि अणुओं के बीच में आकर्षण-बल कम हो जाता है और अणु एक-दूसरे से दूर-दूर हो जाते हैं।

10-इत्र की सुगंध को कमरे के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में कुछ समय क्यों लगता है?

उत्तर :- इत्र में जो अणु होते हैं, उनमें एक प्रकार की गति होती है जिसके कारण वे इधर-उधर टकराते हैं। जानते हो, इस गति का नाम क्या है? यह ब्राउनियन गति कहलाती है। तो, ब्राउनियन-गति से अणु इधर-उधर टकराते हुए ही एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंच पाते हैं। अणुओं की इस गति में थोड़ा-सा समय लग जाता है। अतः इत्र की सुगंध को पूरे कमरे में फैलने में थोड़ा समय जरूर लगता है।

11-बंद बर्तन में जलती हुई मोमबत्ती कुछ देर बाद बुझ क्यों जाती है?

उत्तर :- मोमबत्ती को जलने के लिए एक गैस की जरूरत पड़ती है, जिसे 'प्राण वायु' अर्थात आक्सीजन कहते हैं। बर्तन में जब तक आक्सीजन गैस मौजूद रहती है, मोमबत्ती जलती रहती है। कुछ देर बाद जब बरतन की समस्त आक्सीजन जलने में काम आ जाती है, तब बर्तन में कार्बन -डाइ-ऑक्साइड (अशुद्ध वायु) की अधिकता हो जाती है। परिणामस्वरूप मोमबत्ती बुझ जाती है।

12-पानी में चीनी क्यों घुल जाती है?

उत्तर :- चीनी के अणु आकर्षण-बल के कारण आपस में बंधे रहते हैं, अतः ये स्वतंत्रतापूर्वक गति नहीं कर सकते। पानी के अणुओं के बीच आकर्षण बल कम होता है जिससे ये स्वतंत्रतापूर्वक गति कर सकते हैं। - जब चीनी पानी में डाली जाती है, तो पानी के अणु चीनी के अणुओं से टकराते हैं जिससे चीनी के अणु अलग होकर गति करने लगते हैं। इस गति के कारण ही चीनी के अणु पानी में घुलकर विलयन (घोल) बना लेते हैं।

13-वर्षा के दिनों में नदियों का पानी दूषित क्यों हो जाता है?

उत्तर :- यों तो वर्षा का पानी सबसे शुद्ध होता है किंतु पृथ्वी पर गिरते ही इसमें अनेक प्रकार की अशुद्धियां मिल जाती हैं। वर्षा का पानी अन्य अशुद्धियों के साथ-साथ बहाव के कारण नदी के किनारे की गंदगी को भी नदी में मिला देता है। इसके अलावा वर्षा के पानी में मिट्टी भी काफी मात्रा में घुलकर नदी के पानी में चली जाती है। अत:  वर्षा के दिनों में नदियों का पानी दूषित हो जाता है।

14-कारखानों में चिमनियां क्यों लगाई जाती हैं?

उत्तर :- जिस पर्यावरण में तुम रहते हो, उसमें शुद्ध वायु की अधिकता अवश्य होनी चाहिए ताकि सांस लेने में तुम्हें कोई तकलीफ न हो। कारखानों आदि से धुआं निकलता है जो जहरीली (हानिकारक) गैसों से पर्यावरण को प्रदूषित करता है । अतः इस प्रदूषण से बचने के लिए ही कारखानों में ऊंची-ऊंची चिमनियां लगाई जाती हैं। इन चिमनियों के द्वारा निकला हुआ धुआं ऊपरी वायुमंडल में मिलकर तुम्हें होने वाले नुकसान से बचा लेता है।

15-कारखानों से निकला व्यर्थ पदार्थ नदियों या तालाबों में क्यों नहीं मिलने देना चाहिए?

उत्तर :- जल का जीवन में बहुत अधिक महत्व है। इस कारण इसे दूषित होने से तुम्हें बचाना चाहिए। कारखानों से निकला व्यर्थ पदार्थ नदियों या तालाबों में मिलने से इनका पानी दूषित हो जाता है। बहुत से हानिकारक रासायनिक पदार्थ पानी में घुल जाते हैं जो तुम्हारे लिए घातक होते हैं। अत : अनेक प्रकार के रोगों से छुटकारा पाने के लिए यह आवश्यक है कि कारखानों से निकले व्यर्थ पदार्थ को नदियों या तालाबों में मिलने से रोकना चाहिए।

16-पटाखे चलाने से तेज आवाज क्यों होती है?

उत्तर :- पटाखों में रासायनिक ऊर्जा संचित रहती है । जब पटाखे चलाए जाते हैं, तो उनमें संचित रासायनिक-ऊर्जा ध्वनि-ऊर्जा बदल जाती है। यही कारण है कि पटाखे चलाने से तेज आवाज पैदा होती । उष्मा-ऊर्जा पैदा होने से पटाखों में रोशनी भी होती है तथा गतिज ऊर्जा पैदा होने से पटाखों के टुकड़े बिखरकर दूर-दूर तक चले जाते हैं।

17-साबून के पानी में बुलबुले क्यों बनते हैं?

उत्तर :- क्या तुमने कभी साबुन के पानी से भरे टब से बुलबुले बनाकर उड़ाए हैं? जब तुम प्लास्टिक की एक नली में से साबुन के पानी से भरे टब में जोर की फूंक मारते हो, तो टब में बहुत सारे बुलबुले निकलकर हवा में उड़ने . लगते हैं। ऐसा क्यों होता है? वास्तव में, जब साबुन पानी के साथ मिलता है, तो पानी और साबुन के अणु परस्पर मिल जाते हैं और एक पतली फिल्म बना लेते हैं। जब तुम फूंक मारते हो, तो हवा इनके बीच से गुजरकर इन्हें फैला देती है। इस प्रकार, बुलबुलों की उत्पत्ति हो जाती है जो फूंक मारने पर उड़ने लगते हैं।

18-पानी डालने पर आग बुझ क्यों जाती है?

आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आते हुए तो तुमने अवश्य ही देखा होगा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी द्वारा पानी डालने पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग में भी लगी भयंकर आग बुझ जाती है । - किसी भी चीज को जलने के लिए उसका अत्यधिक गरम होना आवश्यक है अर्थात एक निश्चित ज्वलनांक पर ही कोई वस्तु गरम होती है। जब हुई वस्तु पर पानी डाला जाता है, तो उसका ज्वलन- ताप कम हो जाता है और वह बुझ जाती है। ठीक यही आग के साथ भी होता है। परंतु यदि आग तेल, बिजली या अन्य रसायन के कारण लगी हो, तो आग बुझाने के लिए पानी की जगह रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।

19-समुद्र का पानी खारा अथवा नमकीन क्यों होता है?

उत्तर :- समुद्र के पानी में भिन्न-भिन्न प्रकार के रसायन पाए जाते हैं। इन सभी रसायनों में सबसे अधिक नमक होता है जिसकी मात्रा 80 प्रतिशत तक रहती है। यह नमक बर्फ के पिघलने अथवा इनके क्षय होने के फलस्वरूप आता है। वर्षा के दिनों में पर्वतों से नमक तथा दूसरे रसायन पानी में मिलकर नदियों द्वारा समुद्र में पहुंच जाते हैं। कुछ नमक समुद्र तल में पाई जाने वाली चट्टानों से भी आता है। इन्हीं कारणों से समुद्र का पानी खारा अथवा नमकीन होता है।

20-रबड़ से पेंसिल का निशान क्यों मिट जाता है?

उत्तर :- तुम पेंसिल में जो काला सिक्का देखते हो, दरअसल यह ग्रेफाइट और मिट्टी के मिश्रण से बनाया जाता है। ग्रेफाइट कार्बन का ही एक अपरूप है। "लिखते समय ग्रेफाइट एक बल (अवलंब) के द्वारा कागज पर चिपक जाता है। रबड़ से रगड़ने पर ग्रेफाइट का स्थान बदल जाता है। कारण, रबड़ का बल कागज के चिपकाने के बल से ज्यादा रहता है। इस प्रक्रिया में कागज तो साफ हो जाता है लेकिन रबड काला हो जाता है।

21-जलती हुई अंगीठी वाले बंद कमरे में सोना क्यों मना है?

उत्तर :- जलती हुई अंगीठी से कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस उत्पन्न होती है जो अत्यंत विषैली है । - यदि कमरे के सारे दरवाजे और खिड़कियां बंद हों, तो कमरे की ऑक्सीजन गैस शीघ्र समाप्त हो जाएगी। फलस्वरूप बनने वाली कार्बन मोनो-ऑक्साइड गैस बाहर नहीं निकल सकेगी। यह गैस सोए हुए मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके रक्त को विषाक्त (जहरीला) बना देती है । इस गैस के वातावरण में अधिक देर तक सांस लेने से मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है। अत : जलती हुई अंगीठी वाले बंद कमरे में नहीं सोना चाहिए।

22-कोयले की अंगीठी में आग मिट्टी के तेल में डुबोए गए कपड़े के किसी टुकड़े को जलाकर आरंभ क्यों की जाती है?

उत्तर :- कोई भी पदार्थ तब आग पकड़ता है जब वह एक विशिष्ट ताप प्राप्त कर लेता है। इस ताप को उस पदार्थ का ज्वलन-ताप कहते हैं । कोयले की अंगीठी में आग मिट्टी के तेल (केरोसिन) में डुबोए गए कपड़े के किसी टुकड़े को जलाकर इसलिए आरंभ की जाती है ताकि अंगीठी में आग ज्वलन-ताप तक पहुंच सके। ।

23-आग गरम क्यों होती है?

उत्तर :- जलने की प्रक्रिया में उष्मा उत्पन्न होती है। इस ऑक्सीजन की उपस्थिति में हाइड्रोजन के जलने की प्रक्रिया को इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं। जब ऑक्सीजन, हाइड्रोजन के साथ संयोग करके अणु-आबंध बनाती है, तो यह हाइड्रोजन द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनों से अत्यधिक प्रवल आबंध बनाती है। इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन परमाणु अपने इलेक्ट्रॉन खो देता है जबकि ऑक्सीजन परमाणु एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करता है। किसी भी परमाणु में से एक इलेक्ट्रॉन को कम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। अतः ऊर्जा का परिमाण आवश्यक ऊर्जा से कहीं अधिक होता है जिससे उष्मा उत्पन्न होती है। यही कारण है कि आग गरम होती है।

24-मोमबत्ती की लौ के बीच का हिस्सा पीला क्यों दिखाई देता है?

उत्तर :- मोमबत्ती की बत्ती के पास लौ का सबसे निचला हिस्सा (भाग) मोमबत्ती के धागे के बिना जले हुए कार्बन के कणों के कारण काला होता है। जब शेष कण लौ के साथ ऊपर उठते हैं, तो ये चमकते हैं जिससे लौ के बीच का भाग पीला दिखाई देता है ।

25-धूप से अचानक कमरे में आने पर तुम्हें चीजें साफ क्यों नहीं दिखाई देतीं?

उत्तर :- जब तुम धूप से अचानक कमरे में आते हो, तो तुम्हें चीजें साफ नहीं दिखाई देतीं। धूप के कारण तुम्हारी आंखों की पुतलियां सिकुड़ जाती हैं। जब तुम अचानक कमरे में प्रवेश करते हो, तब उन्हें फैलने में थोड़ा समय लग जाता है। अतः तुम धीरे-धीरे वस्तुओं को ठीक से साफ-साफ देख पाते हो ।

26-शौच के बाद हाथों को भली-भांति धोना क्यों आवश्यक है?

उत्तर :- शौच के बाद साबुन या अन्य पदार्थ (मिट्टी, राख आदि) से हाथों को भली-भांति धोना जरूरी है ताकि तुम स्वस्थ रह सको। शौच के बाद हाथों में कीटाणु चिपके रहते हैं। यदि उन्हें साफ न करें तो खाना खाते समय ये कीटाणु पेट में पहुंचकर बीमारियां फैला सकते हैं। कभी-कभी दूसरे व्यक्तियों से हाथ मिलाने पर उनमें भी ये कीटाणु पहुंचकर बीमारियों को न्योता दे सकते हैं।

27-तकिया लगाकर सोना हानिकारक क्यों है?

उत्तर :- तकिया लगाकर सोना तो प्रायः सभी को अच्छा लगता है, लेकिन सिर पर खड़ी ज्यादातर बीमारियों की जड़ सिरहाने पड़ा रहने वाला यही तकिया ही होता है। तकिये की वजह से व्यक्ति को दिल (हृदय) तथा आंखों की बीमारियों के अलावा दमा जैसे खतरनाक रोग जकड़ लेते हैं । - तकिये पर सिर रखकर सोते समय मनुष्य के शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करने वाली रक्त संचार प्रणाली में अवरोध उत्पन्न हो जाता है। इसकी वजह से शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलने में रुकावट आती है। अतः तकिया लगाकर सोना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

28-भोजन अदल-बदलकर क्यों खाना चाहिए?

उत्तर :- तुम्हारे शरीर को जिन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, वे एक ही प्रकार के भोजन में कदापि नहीं मिलते। इन्हें भिन्न-भिन्न प्रकार के भोजन से ही प्राप्त किया जा सकता है । अतः शरीर की आवश्यकतानुसार प्रतिदिन भोजन अदल-बदलकर खाना लाभकारी होता है ताकि तुम्हारे शरीर को पोषक तत्व प्राप्त हों तथा तुम सदैव स्वस्थ रह सको। ऐसा नहीं है कि जीभ के स्वाद के लिए भोजन अदल- बदलकर खाया जाता हो ।

29-जब तुम भागते हो, तो तुम्हारा हृदय तेज गति से क्यों धड़कने लगता है?

उत्तर :- दौड़ने अथवा व्यायाम करने से तुम्हारी हृदय गति तेज हो जाती है। जब तुम ऐसा करते हो, तब तुम्हें अधिक ऊर्जा का उपयोग करना पड़ता है। शरीर में अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है। शरीर के जो भाग अधिक कार्य करते हैं, उन तक जल्दी-जल्दी ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए शरीर में रक्त की गति भी तेज हो जाती है जिससे हृदय की गति बढ़ जाती है। इसी कारण से हृदय तेजी से धड़कने लगता है। यों तो एक मिनट में हृदय 72 बार धड़कता है किंतु दौड़ते या व्यायाम करते समय इसे अधिक कार्य करना पड़ता है।

30-तुम्हें जम्हाई क्यों आती है?

उत्तर :- तुम सोच रहे होगे कि अधिक काम से थकान पैदा होने अथवा पूरी नींद न लेने से जम्हाई आती है। लेकिन, ऐसा कदापि नहीं होता। काफी देर तक एक ही स्थिति में बैठे रहने अथवा कठोर परिश्रम करने से एक लंबे समय के बाद तुम्हारे शरीर की श्वसन-गति धीमी पड़ जाती है जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। जम्हाई आने का सिर्फ यही कारण है, बस! जम्हाई से छुटकारा पाने के लिए शरीर में अधिकाधिक ऑक्सीजन की मात्रा बनी रहने देनी आवश्यक है ।

31-कुछ देर गोलाई में घूमने पर तुम्हें चक्कर क्यों आने लगते हैं?

उत्तर :- शरीर का संतुलन कान के अंदर स्थित तीन अर्ध वृत्ताकार नलिकाओं द्वारा किया जाता है। इनकी दीवारों पर रोम होते हैं, जिनमें द्रव भरा रहता है । सामान्य तौर पर यह द्रव स्थिर रहता है। किंतु, जब तुम लगातार गोलाई में घूमने लगते हो, तो इसमें गति आ जाती है और यह गतिशील हो जाता है। अब यह गति नलिकाओं की भीतरी सतह पर स्थित रोमों के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंचती है। इसी कारण तुम्हें चक्कर आने लगते हैं ।

32-कुछ लोग जल्दी क्यों भूल जाते हैं?

कभी-कभी देखने में आता है कि कुछ लोग याद की हुई बातों अथवा रखी हुई चीजों को शीघ्र भूल जाते हैं। क्या तुम्हारे साथ भी ऐसा होता है? दरअसल, स्मरण शक्ति क्षीण होने के कुछ खास कारण हैं । नशीले पदार्थों का सेवन स्मरण शक्ति को क्षीण कर देता है। स्मरण शक्ति पर आयु का प्रभाव भी पड़ता है। शारीरिक एवं मानसिक बीमारी भी स्मरण-शक्ति को घटाती है। इनके अतिरिक्त क्रोध, घबराहट, तनाव एवं चिंता के कारण भी स्मरण-शक्ति कमजोर हो जाती है।

33-तुम्हारा कद पूरी उम्र क्यों नहीं बढ़ता?

उत्तर :- तुम्हारे पापा का कद बढ़ना बंद हो गया है और तुम अब भी बढ़ रहे हो । ऐसा क्यों? जब बच्चा पैदा होता है, तो उसका औसतन कद 50 से.मी. होता है। जन्म 36 के बाद वह तेजी से बढ़ता है परंतु कुछ समय के बाद वृद्धि की दर धीमी पड़ जाती है। 12 वर्ष की उम्र तक कद लगभग डेढ़ गुणा अर्थात 1.7 मीटर हो जाता है। फिर, कद का बढ़ना रुक जाता है क्योंकि शरीर की ग्रंथियों का ऐसा सिस्टम (तंत्र) होता है जो कद को नियंत्रण में रखता है। कुछ बच्चे 20 वर्ष के बाद भी बढ़ते रहते हैं और सही कद 35 या 40 वर्ष की आयु के बीच तय हो पाता है। इसके बाद हर 10 वर्ष के दौरान मनुष्य 12 मिली मीटर सिकुड़ जाते हैं।

34-फल पकने के बाद वृक्ष से टूटकर क्यों गिर जाते हैं?

उत्तर :- पका हुआ अंडाशय ही फल कहलाता है। जब अंडाशय फल में परिवर्तित हो जाता है, तो यह पकने लगता है । जिस स्थान से यह डंठल से जुड़ा रहता है, उस स्थान पर एक विगलन परत का विकास होने लगता है। इसी परत के कारण ही पोषक पदार्थों का फल में पहुंचना धीरे -धीरे कम होने लगता है और अंत में बिलकुल बंद हो जाता है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो फल वृक्ष से टूटकर गिर जाते हैं ।

35-मिर्च खाने के बाद पानी पीने से राहत क्यों मिलती है?

उत्तर :- जीभ में कुछ ऐसी संवेदनशील स्वाद - ग्रंथियाँ होती हैं जो मुख्य रूप से मीठे, खट्टे और कड़वे स्वादों को भली-भांति पहचानती हैं। मिर्च के कुछ रसायन स्वाद-ग्रंथियों में जलन पैदा कर देते हैं जिससे जीभ में भी जलन होने लगती है। पानी पीने से जलन पैदा करने वाले ये रसायन पानी के साथ बह जाते हैं और राहत मिलती है ।

36-धूप में पेड़ की पत्तियां गरम क्यों नहीं होतीं?

उत्तर :- पौधों की पत्तियों में प्रायः 55 से 85 प्रतिशत तक पानी होता है । पत्तियों की निचली सतह पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं जिन्हें स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं। जब धूप पत्तियों पर पड़ती है तो ये रंध्र खुल जाते हैं और वाष्पीकरण (पानी निकलने) की क्रिया से पानी वाष्पीकृत होना प्रारंभ हो जाता है। यह क्रिया प्रस्वेदन कहलाती है। धूप जितनी तेज होती है, प्रस्वेदन की क्रिया भी उतनी ही अधिक होती है। परिणामस्वरूपपेड़ की पत्तियां धूप में गरम नहीं होने पातीं ।

37-धूप में कुछ देर बैठने पर आलस क्यों आता है?

उत्तर :- धूप में कुछ देर बैठने पर तुम्हारे शरीर से पसीना निकलना शुरू हो जाता है। पसीना निकलने से शरीर ढीला पड़ने लगता है और तुम्हें आलस घेर लेता है। खाना खाकर भी धूप में बैठने से तुम्हें आलस आ जाता है। खाना खाने के बाद शरीर का रक्त समस्त भोजन को पचाने का काम शुरू कर देता है। मस्तिष्क को भेजा जाने वाला रक्त भी इसी कार्य में जुट जाता है। इस कारण, शरीर में आलस आ जाता है।

38-अंडा उबालने पर ठोस क्यों हो जाता है?

उत्तर :- कच्चे अंडे का आंतरिक भाग तरल होता है। अंडा उबालने पर ठोस हो जाता है। जानते हो, ऐसा क्यों होता है? अंडे के भीतरी भाग में एक प्रकार का प्रोटीन होता है जो सामान्य ताप पर तरल रहता है। किंतु, गरम करने पर यह प्रोटीन रासायनिक क्रिया के फलस्वरूप विखंडित होकर ठोस में परिवर्तित हो जाता है। अंडे के पीले भाग में वसा अधिक मात्रा में मिलती है।

39-नाखून काटने से दर्द क्यों नहीं होता?

शरीर के अंगों की रचना दो प्रकार की कोशिकाओं से होती है - जीवित और मृत कोशिकाएं। - नाखूनों की संरचना मृत कोशिकाओं से होती है। यही कारण है कि नाखूनों में रुधिर की कोशिकाएं नहीं पाई जातीं । अतः जब तुम नाखून काटते हो, तो दर्द का अनुभव नहीं होता।

40-रात्रि में पेड़ों के नीचे सोना हानिकारक क्यों हैं?

उत्तर :- पेड़ ऑक्सीजन देते हैं और अशुद्ध वायु कार्बन डाईऑक्साइड लेते हैं । पेड़ प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के दौरान ही ऑक्सीजन छोड़ने एवं कार्बन डाईऑक्साइड ग्रहण करने का कार्य करते हैं । प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में केवल दिन के समय ही संभव है। रात्रि को यह क्रिया नहीं होती। रात्रि में पेड़ कार्बन डाईऑक्साइड गैस ही छोड़ते हैं और ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं। अतः रात्रि में पेड़ों के नीचे सोना हानिकारक है।

41-नमकीन चीजें खाने से प्यास क्यों लगती है?

उत्तर :- ऐसा देखा गया है कि नमक या नमकीन चीजें खाने के बाद प्यास अधिक लगती है। इसका कारण है कि नमक खाने के बाद शरीर की कोशिकाओं का पानी गुर्दों की ओर चला जाता है। इससे शरीर के अन्य भागों में अस्थायी रूप से पानी की कमी आ जाती है। पानी की इस कमी को पूरा करने के लिए ही प्यास का अनुभव होता है और तुम पानी पीते हो।

42-छींक क्यों आती है?

उत्तर :- मानव शरीर में प्रतिवर्ती-क्रियाओं के कई उदाहरण पाए जाते हैं। छींक आना भी शरीर की एक प्रतिवर्ती क्रिया है। - नाक के अंदर पाई जाने वाली म्यूकस-झिल्ली की नाड़ियों में कभी-कभी सूजन आ जाती है अथवा कोई बाहरी पदार्थ घुस जाता है। इसे दूर करने और खुजली को रोकने के लिए ही प्राय : छींक आती है।

42-हिचकी क्यों आती है?

उत्तर :- हिचकी आने पर अक्सर कहा जाता है कि कोई याद कर रहा है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। है से शरीर की अनुकूलता के विरुद्ध भारी भोजन करने से कभी-कभी पेट में गैस या अम्लीयता बढ़ जाती है। अम्लीयता बढ़ने से डायाफ्राम सिकुड़ जाता है। ऐसे समय में फेफड़ों से जाने वाली वायु रुकावट के कारण एक अजीब सी आवाज उत्पन्न करने लगती है। यही आवाज 'हिचकी' के नाम से जानी जाती है।

43-शरीर में पसीना क्यों आता है?

उत्तर :- शरीर का तापमान 37° सेल्सियस होता है। जब रक्त का तापमान शरीर के सामान्य तापमान से अधिक हो जाता है, तो ठंडक पैदा होनी शुरू हो जाती है। ऐसे में ऑक्सीजन की क्रिया भी धीमी पड़ जाती है। शरीर में निहित स्वेद-ग्रंथियों से पसीना निकलने लगता है। अतः शरीर के तापमान को स्थिर करने के लिए तुम्हें पसीना आता है।

44-औरतों की आवाज पतली और पुरुषों की मोटी क्यों होती है?

उत्तर :- तारत्व ध्वनि का एक गुण होता है। ध्वनि का मोटा अथवा पतला होना इसी तारत्व पर निर्भर करता है। औरतों की ध्वनि का तारत्व अधिक होता है, अतः उनकी आवाज पतली होती है। इसके विपरीत पुरुषों की ध्वनि का तारत्व कम होता है, अतः उनकी आवाज मोटी होती है ।

45-गरमियों में दूध जल्दी क्यों खराब हो जाता है?

उत्तर :- गरमियों में जीवाणु अधिक सक्रिय होते हैं। ये जीवाणु दूध में उपस्थित प्रोटीन, वसा तथा अन्य पदार्थों को किण्वन द्वारा कार्बनिक अम्ल में बदल देते हैं। इससे दूध में अम्लीयता बढ़ जाती है और वह खराब होकर फट जाता है।

46-इंजेक्शन लगाने से पहले डॉक्टर त्वचा को एल्कोहल से साफ क्यों करते हैं?

इंजेक्शन लगाने से पहले डॉक्टर त्वचा को एल्कोहल से इसलिए साफ करते हैं, क्योंकि एल्कोहल त्वचा में उपस्थित सूक्ष्मजीवों को नष्ट कर देता है। इसके अतिरिक्त वह त्वचा को निश्चेत करके स्थानीय निश्चेतक का कार्य भी करता है।

47-जो पौधे भोजन बनाते हैं, वे हरे क्यों होते हैं?

उत्तर :- सूर्य के प्रकाश में सात रंग पाए जाते हैं। जो पौधे सूर्य के प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करके भोजन बनाते हैं, वे सूर्य के प्रकाश में से केवल बैंगनी तथा लाल रंग का अवशोषण करते हैं। वे पौधे हरे रंग की तरंगदैर्ध्य को परावर्तित कर देते हैं। इसी कारण से वे हरे दिखाई देते हैं ।

48-मोटापा क्यों आता है?

उत्तर :- जब मनुष्य अधिक ऊर्जा तथा वसायुक्त आहार लेता है तथा उसको शारीरिक प्रक्रियाओं द्वारा जला नहीं सकता, तो अतिरिक्त वसा पेट के चारों ओर त्वचा के नीचे जमा हो जाती है। इसी वसा के कारण व्यक्ति मोटा तथा भारी-भरकम हो जाता है। मोटापा एक खतरनाक रोग है।

49-सरसों तथा मूंगफली का तेल द्रव रूप में ही क्यों रहते हैं?

उत्तर :- वसा दो प्रकार की होती हैं- संतृप्त और असंतृप्त । सरसों तथा मूंगफली के तेल असंतृप्त वसा से निर्मित हैं। असंतृप्त वसा में वसा अम्लों के अणुओं में एक या अधिक द्वि-आबंध होते हैं। इन वसाओं का द्रवणांक बहुत कम होता है, अतः ये तरल अवस्था में ही पाए जाते हैं। - इसके विपरीत ताजे मक्खन में द्वि- आबंध नहीं होते, जिससे वह ठोस अवस्था में रहता है क्योंकि वह संतृप्त वसा है।

50-आयु बढ़ने के साथ-साथ बहुत से व्यक्ति मोटे क्यों हो जाते हैं?

उत्तर :- आयु बढ़ने के साथ-साथ मनुष्य की ऊर्जा व्यय करने की क्षमता भी कम हो जाती है। इस अवस्था में शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भोजन की थोड़ी मात्रा की ही आवश्यकता होती है। यदि मनुष्य पहले की तरह ही भोजन लेता रहे, तो फालतू भोजन वसा में बदल जाता है जो शरीर में इकट्ठा होता रहता है। इस कारण, ऐसे व्यक्ति मोटे हो जाते हैं।

तो आपने ऊपर के सभी विज्ञान के प्रश्न उत्तरों को पढ़ लिया होगा। उम्मीद है आपको सारे प्रश्नों के उत्तर समझ आ गये होंगे। पोस्ट अगर अच्छा लगा होगा तो अपने दोस्तों को शेयर जरूर करें। 

भौतिक विज्ञान का सामान्य परिचय (General Introduction to Physics in Hindi)

भौतिक विज्ञान का सामान्य परिचय (General Introduction to Physics in Hindi)

हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में भौतिक विज्ञान के सामान्य परिचय में जानेंगे। भौतिकी, प्रकृति विज्ञान की एक विशाल शाखा है। भौतिकी को परिभाषित करना कठिन है। कुछ विद्वानों के मतानुसार यह ऊर्जा विषयक विज्ञान है और इसमें ऊर्जा के रूपांतरण तथा उसके द्रव्य संबन्धों की विवेचना की जाती है। इसके द्वारा प्राकृत जगत और उसकी आन्तरिक क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है। हर वो वस्तु, जो स्थान घेरती है द्रव्य कहलाता है और कार्य करने की क्षमता को उर्जा कहते हैं। विभिन्न वैज्ञानिकों अध्ययनों से यह सिद्ध हो चूका है कि ब्रह्माण्ड द्रव्य और उर्जा से मिलकर बना है। भौतिक विज्ञान में ऐसी ही उर्जा और द्रव्य का अध्ययन किया जाता है।

General Introduction to Physics in Hindi  Answer Duniya

General Introduction to Physics in Hindi

नीला आकाश, आकाश में लटके हुए सूरज, चाँद और तारे। प्रकाश की किरण फूटी, ज्योति प्रस्फुटित हुई. प्रभात हुआ, तारे जाने कहाँ छुप गए, चाँद रहा भो तो निस्तेज, महत्त्वहीन। दूर कहीं पूर्व दिशा में आकाश के पटल पर लालिमा फैली, सूरज धीरे-धीरे प्रकट हुआ अरुण वर्ण। 

फैल गई खेतों में, मैदानों में, सड़को पर, घरों की छतों पर धूप की लंबी-चौड़ी चादर। धीरे-धीरे सूरज ने सौम्य अरुण वर्ण का परित्याग किया, आँख उठाकर देखना भी संभव न हो दुपहर में, ऐसा प्रचंड रूप। और, संध्या काल अपने साम्राज्य को समेटता हुआ पश्चिम के आकाश को लाल करता चला गया कहीं और। रात आई तो झिलमिल चमकते तारों की बिंदियों ने श्रृंगार किया आकाश का। कहीं चाँद की चमक अपनी शीतल चाँदनी से हमारे मन-मस्तिष्क को आहादित करने लगी।

भौतिकी और गणित भौतिकी (Physics and Mathematics Physics)-

भौतिकी और गणित भौतिकी को समझने एवं उसे विकसित करने में गणित का अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आदरणीय स्थान है। गणित के बिना प्रकृति की इन सूक्ष्मताओं को समझना बहुत ही कठिन हो जाता है। 

नदी पार करने के लिए जैसे नाव की आवश्यकता है, वैसे ही भौतिकी को समझने के लिए गणित की आवश्यकता है। सजी सँवरी नाव हो, धूप से बचने के लिए ऊपर छतरी तनी हो, तो नदी पार करने का आनंद ही कुछ और है। परंतु, यात्री का मुख्य उद्देश्य नदी पार करना होता है, नाव की सुंदरता निहारना नहीं। वैसे ही भौतिकी पढ़ते समय मुख्य उद्देश्य भौतिकी को समझना है, गणित तो इस काम को सरल बनानेवाला साधन है। गणित भौतिकी की भाषा है, गणित स्वयं भौतिकी नहीं है। गणित एवं भौतिकी के इस संबंध को याद रखना चाहिए।

विश्व की संरचना (Structure of the world)- 

हजारों वर्षों से वैज्ञानिको और दार्शनिकों को इस प्रश्न का उत्तर जानने की उत्सुकता रही है कि आखिर यह विश्व किन घटको से बना है? हम अपने आसपास तरह-तरह के पदार्थ देखते है। ये पदार्थ हमारे विश्व में पदार्थों के अलावा और भी कुछ है जो हमेशा हमारे साथ रहता है। रोशनी कोई पदार्थ नहीं है, इसमें अणु या परमाणु नहीं होते, प्रोटॉन या इलेक्ट्रॉन नहीं होते। फिर भी, रोशन तो होती ही है। जब हम मोबाइल फोन पर बातें करते है तो कुछ चलकर बोलनेवाले के स्थान से सुननेवाले तक पहुँचता है। ये 'कुछ क्या है? यह परमाणुओं से बना पदार्थ नहीं है। ये सब एक अला किस्म की चीजें हैं, जिन्हें हम क्षेत्र या field कहते है। इन fields का अपना व्यवहार है और उनके अपने नियम है। 

भौतिकी का स्वरूप (Nature of Physics)-

प्रकृति के नियमों की खोज करनी है हमें, प्रकृति के खेल देखकर। कोई अब तक अनदेखी-अनजानी घटना हमें किसी नए नियम का ज्ञान करा सकती है या हमने जो नियम सोचे थे उनमें संशोधन करा सकती है। हर मनुष्य देख रहा है इस प्रकृति को अपने आसपास और निकाल रहा है अपनी बुद्धि के अनुसार उसके अर्थ। और, इसलिए हर मनुष्य है एक भौतिक-विज्ञानी और बन जाता है वह भौतिक विज्ञानी अपने जीवन के प्रथम क्षण से ही, शायद उसके भी पहले से ही। 

लाखों-करोड़ों-अरबों बरसों से आकाश के ये निवासी अपनी दिनचर्या का भलीभाँति पालन कर रहे हैं। भूल से भी कभी सूरज पश्चिम से उदित हुआ नहीं, अमावस्या के अगले दिन पूर्ण चंद्र दिखा नहीं और न ही किसी रात तारों ने चंद्रमा के अंदर घुसने का प्रयास किया। सब कुछ नियमों के अनुसार, व्यवस्थित व अनुशासित।

भौतिक विज्ञान की शाखाएं

भौतिक विज्ञान को प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा गया है-
  1. चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)
  2. आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)


चिरसम्मत भौतिकी की उपशाखाएँ-
  • यांत्रिकी(Mechanics)
  • प्रकाशिकी (Optics)
  • ध्वनि एवं तरंग गति (Sound and Wave Motion)\
  • ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी (Heat and thermodynamics)
  • विद्युत चुम्बकत्व (Electromagnetism)
आधुनिक भौतिकी की उपशाखाएँ-
  • आपेक्षिकता (Relativity)
  • क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics)
  • नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics)
  • परमाणु भौतिकी (Atomic Physics)

इया आर्टिकल में हमने भौतिक विज्ञान(PHYSICS) के सामान्य परिचय के बारे में जाना। अगर आप भौतिकी विज्ञान(PHYSICS) में रूचि रखते हैं और आप फिजिक्स(PHYSICS) में आगे की पढाई करना चाहते हैं तो आपको भौतिकी विज्ञान(PHYSICS)  के बारे में ये बेसिक जानकारी जरुर होनी चाहिए।

उम्मीद है कि भौतिक विज्ञान का सामान्य परिचय का यह आर्टिकल आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा ,अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर अवश्य करें। 

विद्युत आवेश (Electric Charge) की परिभाषा

विद्युत आवेश की परिभाषा।

अथवा

विद्युत आवेश किसे कहते हैं?


#1

विद्युत आवेश कुछ उपपरमाणवीय कणों में एक मूल गुण है जो विद्युतचुम्बकत्व का महत्व है। आवेशित पदार्थ को विद्युत क्षेत्र का असर पड़ता है और वह ख़ुद एक विद्युत क्षेत्र का स्रोत हो सकता है।


#2

द्रव्य के साथ जुड़ी हुई वह अदिश भौतिक राशि है जिसके कारण चुम्बकीय और वैद्युत प्रभाव उत्पन्न होते है , आवेश कहलाती है। आवेश का SI मात्रक कूलाम होता है।

विद्युत विभव (Electric Potential) की परिभाषा

विद्युत विभव क्या हैं?

या

विद्युत विभव की परिभाषा लिखिए।

या

विद्युत विभव किसे कहते हैं?


#1

किसी इकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में जितना कार्य करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का विद्युत विभव (Electric Potential) कहते हैं। विद्युत विभव की अन्तर्राष्ट्रीय इकाई वोल्ट है।


#2

किसी बिन्दु पर स्थित ईकाई बिन्दुवत धनावेश में संग्रहित वैद्युत स्थितिज ऊर्जा, उस बिन्दु के विद्युत विभव के बराबर होती है।


विद्युत चालक (Electrical Conductor) की परिभाषा

चालक किसे कहते हैं? | vidyut chalak ki paribhasha

विद्युत चालक की परिभाषा क्या हैं?

अथवा

चालक की परिभाषा लिखिए।

विद्युत चालक से आप क्या समझते हैं?


#1

वे पदार्थ जो अपने अन्‍दर से आवेश को आसानी से प्रवाहित होने देते है चालक पदार्थ कहलाते हैं। ताँबा, अलुमिनियम, जस्ता, सोना, चाँदी प्रवाहित विद्युत चालक हैं।


#2

विद्युत चालक (electrical conductors) वे पदार्थ है जिनसे होकर विद्युत धारा सरलता से प्रवाहित होती हैं।


विद्युत (Electricity) की परिभाषा

विद्युत से आप क्या समझते हैं?

विद्युत क्या होता हैं?

विद्युत की परिभाषा क्या हैं?


#1

विद्युत चल अथवा अचल इलेक्ट्रान या प्रोटान से सम्बद्ध एक भौतिक घटना है। किसी चालक में विद्युत आवेशों के बहाव से उत्पन्न उर्जा को विद्युत कहते हैं।


#2

विद्युत आवेशों के मौजूदगी और बहाव से जुड़े भौतिक परिघटनाओं के समुच्चय को विद्युत (Electricity) कहा जाता है।अर्थात् इसे न तो देखा जा सकता है व न ही छुआ जा सकता है केवल इसके प्रभाव के माध्यम से महसुस किया जा सकता है।

विद्युत धारा (Electric Current) की परिभाषा

विद्युत धारा किसे कहते है?

या

विद्युत धारा की परिभाषा।

या

विद्युत धारा का अर्थ क्या है?


#1

आवेश के प्रवाह को विद्युत धारा कहते हैं। ठोस चालकों में विद्युत धारा का प्रवाह इलेक्ट्रॉनों के स्थानान्तरण के कारण, जबकि द्रवों में व गैसों में आयनों की गति के कारण होता है।


#2

विद्युत आवेश के गति या प्रवाह में होने पर उसे विद्युत धारा (इलेक्ट्रिक करेण्ट) कहते हैं। विद्युत धारा का मात्रक एंपियर होता है।