भौतिक विज्ञान का सामान्य परिचय (General Introduction to Physics in Hindi)
General Introduction to Physics in Hindi
नीला आकाश, आकाश में लटके हुए सूरज, चाँद और तारे। प्रकाश की किरण फूटी, ज्योति प्रस्फुटित हुई. प्रभात हुआ, तारे जाने कहाँ छुप गए, चाँद रहा भो तो निस्तेज, महत्त्वहीन। दूर कहीं पूर्व दिशा में आकाश के पटल पर लालिमा फैली, सूरज धीरे-धीरे प्रकट हुआ अरुण वर्ण।
फैल गई खेतों में, मैदानों में, सड़को पर, घरों की छतों पर धूप की लंबी-चौड़ी चादर। धीरे-धीरे सूरज ने सौम्य अरुण वर्ण का परित्याग किया, आँख उठाकर देखना भी संभव न हो दुपहर में, ऐसा प्रचंड रूप। और, संध्या काल अपने साम्राज्य को समेटता हुआ पश्चिम के आकाश को लाल करता चला गया कहीं और। रात आई तो झिलमिल चमकते तारों की बिंदियों ने श्रृंगार किया आकाश का। कहीं चाँद की चमक अपनी शीतल चाँदनी से हमारे मन-मस्तिष्क को आहादित करने लगी।
भौतिकी और गणित भौतिकी (Physics and Mathematics Physics)-
भौतिकी और गणित भौतिकी को समझने एवं उसे विकसित करने में गणित का अत्यंत महत्वपूर्ण एवं आदरणीय स्थान है। गणित के बिना प्रकृति की इन सूक्ष्मताओं को समझना बहुत ही कठिन हो जाता है।
नदी पार करने के लिए जैसे नाव की आवश्यकता है, वैसे ही भौतिकी को समझने के लिए गणित की आवश्यकता है। सजी सँवरी नाव हो, धूप से बचने के लिए ऊपर छतरी तनी हो, तो नदी पार करने का आनंद ही कुछ और है। परंतु, यात्री का मुख्य उद्देश्य नदी पार करना होता है, नाव की सुंदरता निहारना नहीं। वैसे ही भौतिकी पढ़ते समय मुख्य उद्देश्य भौतिकी को समझना है, गणित तो इस काम को सरल बनानेवाला साधन है। गणित भौतिकी की भाषा है, गणित स्वयं भौतिकी नहीं है। गणित एवं भौतिकी के इस संबंध को याद रखना चाहिए।
विश्व की संरचना (Structure of the world)-
हजारों वर्षों से वैज्ञानिको और दार्शनिकों को इस प्रश्न का उत्तर जानने की उत्सुकता रही है कि आखिर यह विश्व किन घटको से बना है? हम अपने आसपास तरह-तरह के पदार्थ देखते है। ये पदार्थ हमारे विश्व में पदार्थों के अलावा और भी कुछ है जो हमेशा हमारे साथ रहता है। रोशनी कोई पदार्थ नहीं है, इसमें अणु या परमाणु नहीं होते, प्रोटॉन या इलेक्ट्रॉन नहीं होते। फिर भी, रोशन तो होती ही है। जब हम मोबाइल फोन पर बातें करते है तो कुछ चलकर बोलनेवाले के स्थान से सुननेवाले तक पहुँचता है। ये 'कुछ क्या है? यह परमाणुओं से बना पदार्थ नहीं है। ये सब एक अला किस्म की चीजें हैं, जिन्हें हम क्षेत्र या field कहते है। इन fields का अपना व्यवहार है और उनके अपने नियम है।
भौतिकी का स्वरूप (Nature of Physics)-
प्रकृति के नियमों की खोज करनी है हमें, प्रकृति के खेल देखकर। कोई अब तक अनदेखी-अनजानी घटना हमें किसी नए नियम का ज्ञान करा सकती है या हमने जो नियम सोचे थे उनमें संशोधन करा सकती है। हर मनुष्य देख रहा है इस प्रकृति को अपने आसपास और निकाल रहा है अपनी बुद्धि के अनुसार उसके अर्थ। और, इसलिए हर मनुष्य है एक भौतिक-विज्ञानी और बन जाता है वह भौतिक विज्ञानी अपने जीवन के प्रथम क्षण से ही, शायद उसके भी पहले से ही।
लाखों-करोड़ों-अरबों बरसों से आकाश के ये निवासी अपनी दिनचर्या का भलीभाँति पालन कर रहे हैं। भूल से भी कभी सूरज पश्चिम से उदित हुआ नहीं, अमावस्या के अगले दिन पूर्ण चंद्र दिखा नहीं और न ही किसी रात तारों ने चंद्रमा के अंदर घुसने का प्रयास किया। सब कुछ नियमों के अनुसार, व्यवस्थित व अनुशासित।
भौतिक विज्ञान की शाखाएं
- चिरसम्मत भौतिकी (Classical Physics)
- आधुनिक भौतिकी (Modern Physics)
- यांत्रिकी(Mechanics)
- प्रकाशिकी (Optics)
- ध्वनि एवं तरंग गति (Sound and Wave Motion)\
- ऊष्मा एवं ऊष्मागतिकी (Heat and thermodynamics)
- विद्युत चुम्बकत्व (Electromagnetism)
- आपेक्षिकता (Relativity)
- क्वांटम यांत्रिकी (Quantum Mechanics)
- नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics)
- परमाणु भौतिकी (Atomic Physics)