संख्या और संख्या-पद्धति (Number and Number System)
नमस्कार,आंसर दुनिया में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में संख्या-पद्धति(Number System) के अंतर्गत सभी संख्याएँ और उनके उदाहरण को विस्तृत और सटीक रूप में प्रस्तुत किया गया हैं। गणित का आधार ही संख्या से शुरू होता है संख्याओ के बिना गणित की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। संख्या को गणित की आत्मा कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। गणित के बारे में जानने से पहले आपको संख्या और संख्या पद्धति का ज्ञान होना आवश्यक है।
संख्या-पद्धति से जुड़े कई प्रश्न अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं इसलिए इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें।
अंक - 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 को अंक कहते हैं। हमारी संख्या पद्धति अथवा दाशमिक प्रणाली में इन्हीं 10 संकेतों का प्रयोग होता है। अंकगणित में सभी संख्याएँ इन्हीं अंकों से बनती हैं।
संख्या पद्धति उदाहरण से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न-
- प्राकृत संख्या क्या हैं प्राकृत संख्या के उदाहरण ?
- पूर्ण संख्या क्या हैं पूर्ण संख्या के उदाहरण ?
- सम संख्या क्या हैं सम संख्या के उदाहरण ?
- विषम संख्या क्या हैं विषम संख्या के उदाहरण ?
- भाज्य संख्या क्या हैं भाज्य संख्या के उदाहरण ?
- अभाज्य संख्या क्या हैं अभाज्य संख्या के उदाहरण ?
- सम्पूर्ण संख्या क्या हैं सम्पूर्ण संख्या के उदाहरण ?
- रामानुजन संख्या क्या हैं रामानुजन संख्या के उदाहरण ?
प्राकृत संख्या -
गिनती की संख्या को प्राकृत संख्या कहते हैं। जैसे-1, 2, 3, 4, 5, 6, .. सबसे छोटी प्राकृत संख्या 1 तथा सबसे बड़ी प्राकृत संख्या ज्ञात करना संभव नहीं है।
पूर्ण संख्या –
प्राकृत संख्या में संख्यांक 0 को शामिल करने से प्राप्त संख्या-परिवार, पूर्ण संख्या कहलाती है, जैसे-0, 1, 2, 3, 4,5,6,... सबसे छोटी पूर्ण संख्या 0 है तथा सबसे बड़ी पूर्ण संख्या ज्ञात करना असंभव है |
सम संख्या -
वैसी प्राकृत संख्या जो '2' से पूर्णतः विभाजित हो जाये, सम संख्या कहलाती 0-2, 4, 6, 8, 10, 12, 16, 18, ... सम संख्याओं के इकाई अंक के स्थान पर 0, 2, 4, 6, 8 आते हैं।
विषम संख्या -
वैसी प्राकृत संख्या जो '2' से पूर्णतः विभाजित न हो, विषम संख्या कहलाती हैं | जैसे - 1, 3, 5,7,9 विषम संख्या के अंतर्गत आते हैं।
भाज्य संख्या -
इसे भाज्य संख्या या संयुक्त संख्या या यौगिक संख्या भी कहते है. वैसी प्राकृत संख्याएँ जो 1 और स्वयं के अलावा किसी भी दूसरी संख्या से विभाजित हो, भाज्य संख्या कहलाती है। अथवा, वैसी प्राकृत संख्या जिसके अपवर्तकों की संख्या 2 से अधिक हो, भाज्य संख्या कहलाती है, जैसे-4, 6, 8, 9, 10, 12, 14
अभाज्य या असंयुक्त संख्या -
1 से बड़ी वैसी प्राकृत संख्या जो 1 और स्वयं के अतिरिक्त किसी भी दूसरी संख्या से पूर्णतया विभाजित न हो, अभाज्य संख्या कहलाती है। अथवा, वैसी प्राकृत संख्या जिसके दो ही अवपर्तक (1 और स्वयं) हो अभाज्य संख्या कहलाती हैजैसे-2,3,5,7, 11, 13, 17, 19,23, 29, 31, 37, 41, 43, 47, 53, 59, 61, 67, 71, 73, 79, 83, 89, 97 (1 से 100 तक की ये 25 अभाज्य संख्याएँ हैं।)
जुड़वाँ अभाज्य –
जिन दो अभाज्य संख्याओं के बीच का अंतर 2 हो, तो वे दोनों संख्याएं जुड़वा अभाज्य कहलाती हैं, जैसे-3-5, 5-7, 11-13, 17-19, 29-31, 41-43, 599 -61,71-73 आदि। सह-अभाज्य या असहभाज्य–जिन दो प्राकृत संख्याओं का महत्तम समापवर्तक 1 हो, तो वे दोनों संख्याएँ सह-अभाज्य कहलाती हैं, जैसे-4-5, 5-7,4-9,12-13, 1-5 आदि ।
सम्पूर्ण संख्या -
वैसी प्राकृत संख्या जिसके सभी अपवर्तकों का योग संख्या मान से हो सम्पूर्ण संख्या कहलाती है |जैसे-6, 28 [1 से 100 के बीच दो ही सम्पूर्ण संख्या 6 के अपवर्तकों का योग-1+2+3+6-12 28 के अपवर्तकों का योग- 1+2+4+7+14+ 28-56
रामानुजन संख्या -
1729' को रामानुजन संख्या कहते है वैसी लघुतम प्राकृत संख्या जिसे दो संख्याओं के घनों के योग के रूप में दो विभिन्न तरीकों से लिखा जा सके रामानुजन संख्या कहलाती है।
तो ये थी संख्या-पद्धति से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट जो आपको परीक्षा में पूछे जा सकते हैं इसलिए आपको इसका अभ्यास जरूर करना चाहिए।
आपने ऊपर संख्या-पद्धति उदाहरण सहित की जानकारी पढ़ी हैं यदि आपको Number and Number System की यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।