ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo)

हेलो दोस्तों इस लेख में हम ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo) के बारे में जानने वाले हैं। जो विज्ञान विषय का एक महत्वपूर्ण शीर्षक है जिससे जुड़े प्रश्न प्राय: प्रतियोगी परीक्षाओं में देखने को मिल जाते हैं। अगर ऐसे भी देखा जाये तो हमें धध्वनि के बारे में जानना चाहिए क्यूंकि ध्वनि के बिना तो हम बात ही नहीं कर सकते ध्वनि संवाद के संचार का माध्यम है। ध्वनि के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लेख को पूरा जरुर पढ़ें। 

ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (Dhwani kya hai- prakar, sancharan, echo )

ध्वनि क्या है (what is sound)

ध्वनि एक तरंग है जो वस्तुओं के कम्पन होने से उत्पन्न होती है । ध्वनि (Sound) एक स्थान से दूसरे स्थान तक तरंगों के माध्यम से पहुंचती है, इसे तरंग संचरण कहते हैं। ध्वनि ठोस , द्रव और गैसों के माध्यम से गति करती है । ध्वनि निर्वात् में गति नहीं करती है । ध्वनि संवाद का माध्यम है। ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंगे होती हैं, जो निर्वात में गमन नहीं कर सकती! इनके संचालन के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है जैसे – वायु, द्रव अथवा ठोस। वायु में ध्वनि की चाल 332 मी./से. होती है! 

ध्वनि ऊर्जा का एक रूप है जो हमारे कानों में श्रवण का संवेदन उत्पन्न करती है।

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ध्वनि का वर्गीकरण (sound classification)

आवृति के अनुसार ध्वनि को चार भागों में वर्गीकृत किया गया है-

अपश्रव्य(Infrasonic):- वह ध्वनि तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 Hz से कम होती है उन्हें “अपश्रव्य ध्वनि तरंगें” कहते हैं। इस प्रकार की तरंगों को बहुत बड़े आकार के स्त्रोतों से उत्पन्न किया जा सकता है। 20 Hz से कम आवृत्ति की ध्वनि मानव को सुनाई नहीं देती,  गैण्डा , हाथी ,  जैसे – जानवर इन तरंगों को सुन सकते है ।

पराश्रव्य (Ultrasonic):- 20,000Hz  से ऊपर की आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों को पराश्रव्य तरंगें कहा जाता है। इन ध्वनियों को मानव नहीं सुन सकता है। कुत्ता , बिल्ली , चमगादड़ , डॉल्फिन , चूहे आदि जानवर इन तरंगों को सुन सकते हैं । 20,000Hz से अधिक आवृति वाली ध्वनि अत्यधिक उच्च तरंगों से युक्त होती है।

श्रव्य (sonic):- वह ध्वनि तरंगे जिनकी आवृत्ति 20 Hz से 20,000 Hz के मध्य होती है, उसे श्रव्य (sonic) ध्वनि  कहते हैं। इन ध्वनि तरंगों को मनुष्य सुन सकता है ।

अतिध्वनिक (Hypersonic):- 1 गीगाहर्ट्ज़ से अधिक आवृति वाली ध्वनि तरंगें अतिध्वनिक कहलाती है।  यह आंशिक रूप से पैदा होती है। 

विभिन्न माध्यमों में ध्वनि की चाल (Speed of Sound in Different Media)

माध्यम- एल्युमीनियम 
ध्वनि की चाल:-  6420 m/s 

माध्यम- कांच
ध्वनि की चाल:- 5,640 m/s

माध्यम- लोहा
ध्वनि की चाल:-  5,130 m/s

माध्यम- समुद्री जल
ध्वनि की चाल:- 1,533 m/s

माध्यम- जल
ध्वनि की चाल:- 1,483 m/s

माध्यम- पारा
ध्वनि की चाल:- 1,450 m/s

माध्यम- हाइड्रोजन
ध्वनि की चाल:- 1,269 m/s

माध्यम- अल्कोहल
ध्वनि की चाल:- 1,213 m/s

माध्यम- कार्बन डाइऑक्साइड
ध्वनि की चाल:- 260 m/s

माध्यम- वायु
ध्वनि की चाल:- 332 m/s

माध्यम- भाप
ध्वनि की चाल:- 405 m/s

ध्वनि की प्रमुख विशेषताएँ (sound characteristics)

  • ध्वनि एक यांत्रिक तरंग है। 
  • ध्वनि के संचरण के लिये माध्यम की आवश्यकता होती है। ठोस, द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि का संचरण सम्भव है। निर्वात में ध्वनि का संचरण नहीं हो सकता।
  • द्रव, गैस एवं प्लाज्मा में ध्वनि केवल अनुदैर्घ्य तरंग (longitudenal wave) के रूप में चलती है जबकि ठोसों में यह अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) के रूप में भी संचरण कर सकती है।। जिस माध्यम में ध्वनि का संचरण होता है यदि उसके कण ध्वनि की गति की दिशा में ही कम्पन करते हैं तो उसे अनुदैर्घ्य तरंग कहते हैं; जब माध्यम के कणों का कम्पन ध्वनि की गति की दिशा के लम्बवत होता है तो उसे अनुप्रस्थ तरंग कहते है।
  • सामान्य ताप व दाब (NTP) पर वायु में ध्वनि का वेग लगभग 332 मीटर प्रति सेकेण्ड होता है। बहुत से वायुयान इससे भी तेज गति से चल सकते हैं उन्हें सुपरसॉनिक विमान कहा जाता है।
  • मानव कान लगभग 20 Hz से 20,000 H आवृत्ति की ध्वनि तरंगों को ही सुन सकता है। बहुत से अन्य जन्तु इससे बहुत अधिक आवृत्ति की तरंगों को भी सुन सकते हैं।
  • एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाने पर ध्वनि का परावर्तन एवं अपवर्तन होता है।
  • माइक्रोफोन ध्वनि को विद्युत उर्जा में बदलता है; लाउडस्पीकर विद्युत उर्जा को ध्वनि उर्जा में बदलता है।

ध्वनि से सम्बन्धित शब्द (phonic words)

तरंगदैर्ध्य (wavelength) :- दो क्रमागत संपीड़नों या विरलनों के बीच की दूरी को तरंग दैर्घ्य कहते हैं।  जब तरंग को वक्र से दिखाया जाता है वक्र के सबसे ऊपरी बिंदु को शिखर और सबसे निचले बिंदु को गर्त कहते हैं। दो लगातार शिखरों या गर्तों के मध्य की दूरी को तरंग दैर्घ्य कहते हैं।

आवृत्ति:- इकाई समय में होने वाले कंपन  की संख्या को तरंग की आवृत्ति कहलाती हैं। जब तरंग एक संपीड़न से एक विरलन होते हुए अगले संपीड़न तक पहुँचती है तो एक दोलन होता है। दूसरे शब्दों में, जब तरंग एक शिखर से गर्त तक जाती है और फिर शिखर तक पहुँचती है तो एक कंपन या दोलन पूरा होता है। आवृत्ति का SI मात्रक हर्ट्ज (Hz) है।

आयाम:- दो क्रमागत संपीडन को एक बिंदु से गुजरने में लगे समय को आयाम कहते हैं।  एक दोलन में लगने वाला समय आवर्तकाल कहलाता है।

प्रतिध्वनि:- जैसे प्रकाश किसी वस्तु  की सतह पर पड़ता है तो वह वापस लौट आता है जिसे प्रकाश का परावर्तन कहते हैं। इसी प्रकार ध्वनि भी वस्तुओं से टकराकर लौटती है उसे प्रतिध्वनि कहते हैं।

तारत्व:- किसी ध्वनि की आवृति को हमारा दिमाग किस तरह अनुभव करता है उसे तारत्व कहते हैं।

इस लेख में हमने ध्वनि क्या है- प्रकार, संचरण, प्रतिध्वनि, (What is Sound- type, Echo) के बारे में जाना। इसमें धनि के बारे में बहुत ही सटीक जानकरी दी गयी है जिससे कम समय में आप अधिक उपयोगी वस्तुओं को पढ़ सकें।

उम्मीद करता हूँ कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा , अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो इस लेख को शेयर जरुर करें। धन्यवाद!!

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