विषाणुओं द्वारा संक्रमित रोग (Virus Germ disease in Hindi)

विषाणुओं द्वारा मनुष्य में होने वाली बीमारियों के बारे में एक लेख लिखिए।

नमस्कार दोस्तों, आंसर दुनिया में आपका स्वागत है। आज एक इस आर्टिकल में हम विषाणुओं द्वारा होने वाले संक्रमित रोग के बारे में जानने वाले हैं। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC,STATE PCS, RRB, NTPC ,SSC,RAILWAY, NET/JRF, CDS इत्यादि में विषाणुओं द्वारा संक्रमित रोग के बारे में पूछा जाता है। साथ ही हमें आपने स्वास्थ्य की नजर से भी विषाणुओं द्वारा संक्रमित रोग के बारे में जरुर जानना चाहिए।

human-diseases-caused-by-viruses


विषाणु (virus) अकोशिकीय अतिसूक्ष्म जीव हैं जो केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकते हैं।[1] ये नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से मिलकर गठित होते हैं, शरीर के बाहर तो ये मृत-समान होते हैं परंतु शरीर के अंदर जीवित हो जाते हैं। इन्हे क्रिस्टल के रूप में इकट्ठा किया जा सकता है।
वायरस (virus) की रचना में न्यूक्लिक अम्ल प्रोटीन की परत से घिरी रहती है। वाइरस के विभिन्न प्रणालियों के द्वारा मनुष्य के शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं, इनमें से महत्वपूर्ण बीमारियों के सम्बन्ध में निम्नलिखित वर्णन दिया जा रहा है।
विषाणुओं द्वारा संक्रमित रोग  (Virus Germ disease in Hindi)

  1. एड्स (AIDS) - 
  2. चेचक (Small pox) -  
  3. खसरा (Measles) - 
  4. पोलियो (Polio) - 
  5. रेबीज (rabies) - 
  6. फ्लू (Enfluenza) - 
  7. हीपेटाइटिस (Hepatitis) -

विषाणुओं द्वारा मनुष्य में होने वाली बीमारियों के नाम कुछ इस प्रकार हैं -

1. एड्स (AIDS) - 

एड्स (AIDS) का पूरा नाम "Acquired Immune Deficiency Syndrome" है। इस रोग से सन् 1980 में सर्वप्रथम न्यूयार्क में एक मनुष्य की मृत्यु हुई थी। उस मनुष्य की मृत्यु इम्यूनोसप्रेशन के कारण हुई थी। अतः उसी के आधार पर इस बीमारी का नाम ‘एड्स' रखा गया है। यह बीमारी अफ्रीका में बहुत ही सामान्य है और लगभग 2.5 मिलियन लोग AIDS वाइरस से प्रभावित है। इसकी शुरूआत यूरोप में हुई थी और इसके लक्षण के सम्बन्ध में सन् 1979 में अध्ययन किया गया।

2. चेचक (Small pox) -

यह variola virus नामक वाइरस से होता है। इसमें शरीर में छोटे-छोटे फफोले पड़ जाते हैं। गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति की आँख भी खराब हो सकती है। इलाज के लिए सावधानियाँ रखना आवश्यक है तथा बचाव के लिए चेचक का टीका लगवाना चाहिए।

जानें- एंजाइम क्या है।

3. खसरा (Measles) -

यह Measles virus नामक वाइरस से होता है। यह चेचक की तरह ही होता है। इसका संक्रमण बच्चों में सबसे अधिक होता है। इससे बचाव के लिए टीका लगवाना चाहिए। इसमे शरीर पर चकते बन जाते है साथ ही नाक बहते है, आँखे लाल हो जाती है, कभी-कभी खासी भी आती है।

4. पोलियो (Polio) - 

यह Polio-virus नामक वाइरस से होता है। यह कम उम्र के बच्चों में होने वाली वाइरल बीमारी है। इसमें हाथ या पैर या दोनों ही अंग का नियंत्रण समाप्त हो जाता है। साथ ही मुँह से लार बहना एवं जबान का लड़खड़ाना भी अन्य लक्षण है। इस बीमारी से बचाव के लिये गर्भावस्था में ही माता को पोलियों का टीका लगवाना चाहिए और बच्चों को पैदा होने के तीन दिनों के अन्दर DPT के टीके लगवाना चाहिए। 

5. रेबीज (rabies) - 

यह कुत्ते के काटने से फैलता है। यह Rabies lyssavirus नामक वाइरस से होता है। इस बीमारी में मरीज पानी से डरता है। बचाव के लिये समय समय पर एण्टीरेबीज का टीका लगवाना चाहिए।

6. फ्लू (Enfluenza) - 

यह influenza नामक वाइरस से होता है। इन्फ़्लुएन्ज़ा (श्लैष्मिक ज्वर) विशेष समूह के वायरस के कारण मानव में होनेवाला एक संक्रामक (pathogenic) रोग है। इसमें सर्दी हो जाती है, छींक आती है और हल्का सा बुखार हो जाता है। 

7. हीपेटाइटिस (Hepatitis) - 

यह मनुष्यों में होने वाली बीमारी है जो कि दूषित जल पीने से फैलता है। यह कैंसर से भी खतरनाक बीमारी है। इसमें समय रहते उपचार नहीं करने पर मरीज की मृत्यु हो जाती है। इसके बचाव के लिए “एण्टी-हीपेटाइटिस” का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए।


इस आर्टिकल में हमने विषाणुओं द्वारा होने वाले संक्रमित रोग के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विषाणुओं द्वारा संक्रमित रोग  के बारे में पूछा जाता है।

आशा करता हूँ कि यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा ,अगर आपको आर्टिकल अच्छा लगे तो आर्टिकल को शेयर जरुर करें। 

Subjects -


Active Study Educational WhatsApp Group Link in India

Share -