उत्परिवर्तन क्या है- प्रकार, कारण और महत्व (What is Mutation - Types, Causes and Significance)

उत्परिवर्तन क्या है- प्रकार, कारण और महत्व (Utparivartan kya hai)

नमस्कार, answerduniya.com में आपका स्वागत है। उत्परिवर्तन (Mutation) का अर्थ, सभी प्रकार के वंशागति पदार्थ (Hereditary material) में परिवर्तन (Change) से हैं। इस शब्द का उपयोग सर्वप्रथम Hugo DeVrises (ह्यूगो डीव्रीज, 1901) ने अपने द्वारा प्रतिपादित उत्परिवर्तन सिद्धांत (Mutation theory) में किया था। आज के इस आर्टिकल में हम उत्परिवर्तन क्या है(What is Mutation)- प्रकार, कारण और महत्व के बारे में जानेंगे। विभिन्न परीक्षाओं में उत्परिवर्तन(Mutation) से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
 
What is Mutation - Types, Causes and Significance

Table of content: -

  • उत्परिवर्तन की परिभाषा  (Definition of mutation) 
  • उत्परिवर्तन के प्रकार (Types mutation)-
  • उत्परिवर्तन के कारण (Causes of mutation) 
  • उत्परिवर्तन के महत्व (Importance of mutation) 


उत्परिवर्तन की परिभाषा (Definition of mutation) -

"किसी जीव के आनुवंशिक लक्षणों या आनुवंशिक पदार्थ में आकस्मिक एवं वंशागत होने वाले परिवर्तन को उत्परिवर्तन (Mutation) कहते हैं।"

उत्परिवर्तन के प्रकार (Types mutation)-

उत्परिवर्तन दो  प्रकार के होते हैं-

(a) जीन उत्परिवर्तन (Gene mutation)

(b)  गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन (Chromosomal mutation)

Chromosomal mutation in hindi

1. जीन उत्परिवर्तन (Gene mutation) - वह उत्परिवर्तन जो जीन में रासायनिक परिवर्तन के कारण होता है, जीन उत्परिवर्तन कहलाता हैं। 

अथवा

 जीन्स के रासायनिक संघटन में होने वाले परिवर्तन जीन उत्परिवर्तन या बिन्दु उत्परिवर्तन (Point mutation) कहलाता है। 

इन्हें भी पढ़े - जीन उत्परिवर्तन क्या होता हैं | उत्परिवर्तन के प्रकार

खोज- इसकी खोज Margan ने सन् 1910 में ड्रोसोफिला मक्खी के नेत्र में किया था। 

 जीन उत्परिवर्तन के प्रकार - 

(A) क्षार युग्म का प्रतिस्थापन 

(B) फ्रेमशिफ्ट उत्परिवर्तन

A) क्षार युग्म का प्रतिस्थापन (Base Pair Sub stitution)- इस प्रकार का उत्परिवर्तन DNA के क्षार में प्रतिस्थापन के कारण उत्पन्न होता है। यह दो प्रकार के होते हैं-

(i) ट्रान्जिशन (Transition)- जब DNA के एक प्यूरीन का प्रतिस्थापन दूसरी प्यूरीन तथा एक पिरामिडिन का प्रतिस्थापन दूसरी पिरामिडिन में होता है ट्रान्जिशन (transition) कहलाता है।

Transition example


(ii) ट्रान्सवर्सन (Transversion)- जब एक प्यूरीन क्षार का प्रतिस्थापन पिरामिडिन द्वारा तथा पिरामिडिन का प्रतिस्थापन प्यूरीन द्वारा होता है, ट्रान्सवर्सन (transversion) कहलाता है।

Transversion example in hindi


(B) प्रतिस्थापन फ्रेम शिफ्ट उत्परिवर्तन (Frame Shift Mutation)-इस प्रकार के उत्परिवर्तन में एक से अधिक क्षार या तो बाहर निकलती है या जुड़ जाती है, फ्रेमशिफ्ट उत्परिवर्तन कहलाती है यह दो प्रकार के होते हैं- 

1. डिलीशन (Deletion)- जब न्यूक्लियोटाइड श्रृंखला में एक क्षार घट जाता है, डिलीशन (Deletion) कहलाता है। उदा.- CAT GAT CAT GAT

              -G 

CAT ATC ATG AT....... 

2. इन्सर्शन (Insersion)-जब न्यूक्लियोटाइड श्रृंखला में एक क्षार जुड जाता है इन्सर्शन (Insersion) कहलाता है। उदा.- CAT GAT CAT GAT 

         +G 

CAT GAT GCA TGA T...... 

2. गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन (Chromosomal mutation) - वह उत्परिवर्तन जो गुणसूत्र के संरचना, संख्या में परिवर्तन होने के कारण उत्पन्न होता है, गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन (Chromosomal mutation) कहलाता है।

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गुणसूत्रीय उत्परिवर्तन के प्रकार 

  1. डिलीशन(Deletion)
  2. ट्रान्सलोकेशन (Trans location), 
  3. इन्वर्सन (Inversion) 
  4. डुप्लीकेशन (Duplication) 

(1) डिलीशन (Deletion)–अर्द्धसूत्री विभाजन के समय गुणसूत्र पहले दो, या अधिक टुकड़ों में बँटते हैं फिर टुकड़ों के बीच अदला-बदली होती है और कभी-कभी ये टुकड़े वापस जुड़ नहीं पाते और डिलीट हो जाते हैं, यह प्रक्रिया डिलीशन (Deletion) कहलाती है।

Deletion in chromosome


(2) ट्रान्सलोकेशन (Translocation)- इस प्रकार के उत्परिवर्तन में दो समजात या असमजात गुणसूत्र के मध्य में खण्डों की अदला-बदली होती है।

Translocation in chromosome

(3) इन्वर्सन (Inversion)- इस प्रकार के उत्परिवर्तन में गुणसूत्र 180° डिग्री घुम जाता है जिससे गुणसूत्र के ° के सिरीयल नम्बर में बदलाव हो जाता हैं।

Inversion in chromosome


(4) डुप्लीकेशन (Duplication)- इस प्रकार के उत्परिवर्तन में गुणसूत्र के खण्डों में अन्य खण्ड आ कर जुड़ जाते हैं जिससे गुणसूत्र में खण्डों का डबल स्तर बन जाता ।

Duplication in Chromosome


उत्परिवर्तन के कारण (Causes of mutation) 

  1. भौतिक एवं रासायनिक बल उत्परिवर्तन के मुख्य कारण है। 
  2. एक्स-रे व प्रतिरक्षिय भी उत्परिवर्तन के कारण हैं। 
  3. सूत्रयुग्मन की असफलता, जनक कोशिका चक्र के समय तापक्रम का बढ़ना उत्परिवर्तन के कारण हो सकते हैं।

उत्परिवर्तन के महत्त्व (Importance of mutation) 

  1. नये गुण की उत्पत्ति के द्वारा नयी जाति का पैदा होना। 
  2. जनन कोशिका में उत्पन्न उत्परिवर्तन ही वंशागत होते हैं। 
  3. अंगों की उत्पत्ति को उत्परिवर्तन के आधार पर समझाया जा सकता है।

इस पोस्ट में आपने उत्परिवर्तन क्या है ,इसके बारे में विस्तार से जाना ,यह विज्ञान से जुड़ा एक महत्वपूर्ण प्रश्न है इसलिए  हर विद्यार्थी  को इसकी सामान्य जानकारी होनी चाहिए 

आशा करता हूँ कि हमारी यह पोस्ट आपके  लिए उपयोगी साबित  होगी , अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई तो इसे शेयर जरुर करें 

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