ऊडोगोनियम का जीवन-चक्र (Life cycle of Oedogonium in Hindi)

नमस्कार दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम ऊडोगोनियम का जीवन-चक्र के बारे में जानने वाले हैं। ऊडोगोनियम ,मुक्त जीवित हरे शैवाल की एक प्रजाति है। ऊडोगोनियम को डब्ल्यू हिल्स ने 1860 में बार पोलैंड के ताजे पानी में देखा था। ऊडोगोनियम यौन प्रजनन विषम है।विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ऊडोगोनियम के जीवन चक्र से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं । ऊडोगोनियम के जीवन चक्र के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा जरुर पढ़ें।

वर्गीकृत स्थिति (Systematic Position)

प्रभाग (Division) – थैलोफाइटा (Thallophyta)

अप्रभाग (Sub-division) - ऐल्गी (Algae)

वर्ग (Class) - क्लोरोफाइसी (Chlorophyceae)

गण (Order) – ऊडोगोनिएल्स (Oedogoniales)

कुल (Family) – ऊडोगोनिएसी (Oedogoniaceae)

वंश (Genus) – ऊडोगोनियम (Oedogonium)

प्राप्ति स्थल – ऊडोगोनियम स्थिर मृदुजलीय, सर्वव्यापी हरा शैवाल है जो कि जल संग्राहक के अधोस्तर (Substracturne) से स्थापनांग (Holdfast) से जुड़ा रहता है।

ऊडोगोनियम के जीवन-चक्र का वर्णन कीजिए। (Life cycle of Oedogonium)


ऊडोगोनियम का जीवन-चक्र (Life Cycle of Oedogonium)

ऊडोगोनियम के जीवन-चक्र का वर्णन संरचना एवं प्रजनन के अंतर्गत किया जा रहा है।

Oedogonium tantu

शूकाय संरचना (Thallus Structure)

(i) इसका शूकाय अशाखित, बहुकोशिकीय तंतुओं में बने होते हैं।

(ii) ये तीन तरह की कोशिकाओं यथा ऊपरी अर्द्ध चन्द्राकार अग्रस्थ कोशिका (Apical cell) सबसे निचली / अनियमित आकार की, पर्णहरिम रहित स्थापनांग तथा दोनों के बीच स्थित अंतर्वेशी कोशिकाओं की बनी होती है।

(iii) कुछ अन्तर्वेशी कोशिकाओं में छल्लेनुमा रचना के रूप में गोपक लगे रहते हैं, ऐसी कोशिकाओं को (Cap Cells) गोपक कोशिका कहते हैं।

(iv) प्रत्येक कोशिका एककेन्द्रकीय तथा पायरीनाइडयुक्त जालिकावत (स्थापनांग को छोड़कर) क्लोरोप्लास्ट युक्त होती है। प्रजनन Reproduction) - ऊडोगोनियम अलैंगिक तथा लैंगिक प्रकारों से प्रजनन करता है।

प्रजनन (Reproduction) -

ऊडोगोनियम अलैंगिक तथा लैंगिक प्रकारों से प्रजनन करता है। अलैंगिक प्रजनन अनुकूल परिस्थिति में जलबीजाणुओं (Zoospores) द्वारा तथा प्रतिकूल परिस्थिति में निश्चेष्ट बीजाणु (Arcinete) के द्वारा होता है। जूस्पौर के निर्माण के समय कुछ अन्तर्वेश कोशिकाएँ (Intercalary cells) जूम्पोरेजियम की तरह कार्य करने लगती हैं। अनुकूल परिस्थिति में जूस्पोरेजियम का समस्त आंतरिक भाग रूपान्तरित होकर अर्द्धचन्द्राकार बहुकशाभिकीय रचना अर्थात जूस्पोर में बदल जाता है। कोशिका की भित्ति पर दरार निर्मित होता है उससे होकर जूस्पोरेंजियम का आंतरिक पदार्थ बैलून की तरह के आशय में बाहर आ जाता है। आशय की भित्ति के घुल जाने के बाद जूस्पोर स्वतंत्र रूप से तैरने लगते हैं।

जूस्पोर अंततः अधोस्तर के सम्पर्क में आते हैं, इनकी कुशाभिकाएँ समाप्त हो जाती हैं यह अनुप्रस्थ विभाजन द्वारा बँटकर आधारीय कोशिका (basal cell) तथा अग्रस्थ कोशिका (apical cell) में बँट जाता है। आधारीय कोशिका से स्थापनांग (Hold fast) तथा अग्रस्थ कोशिका क्रमिक रूप से विभाजित होकर नये तंतु में बदल जाती है।

लैंगिक प्रजनन (Sexual Reproduction ) - ऊडोंगोनियम में लैंगिक जनन ऊगैमस (Oogsmous) का होता है। नर जननांग एन्थ्रिडियम (Antheridium) तथा मादा जननांग ऊगोनियम (Oogonium) कहलाता है। इसकी जातियाँ समजालिक तथा विषमजालिक दोनों प्रकारों की होती हैं। लैंगिक जनन एवं जननांग की प्रकृति के आधार पर ऊडोगोनियम की जातियाँ दो प्रकार की होती हैं

(a) मैक्रेण्ड्स प्रकार की जातियाँ (Macrandrous type)

(b) नैनेड्स प्रकार की जातियाँ (Nanandrous type)

मैकेन्ड्स प्रकार में एन्थ्रिडिया तथा ऊगोनिया तंतुओं पर ही बनते हैं जबकि नैनेन्ड्स प्रकार की ऊडोगानियम की जातियों में एन्थ्रिडिया का निर्माण विशेष प्रकार के 2-5 कोशिकीय छोटे तंतुनुमा शाखा में होता है जिसे ड्वार्फ नर या वामन नर (Dwarf male) या नैनन्ड्रियम (Nannan drium) कहते हैं। नैनन्ड्रियम विशिष्ट प्रकार के बहु कशाभिकीय एण्ड्रोस्पोर ( Androspore) से बनते हैं एण्ड्रोस्पोर सामान्य कोशिका के मैकेन्ड्रस प्रकार की जातियों से विकसित होने वाले एन्थ्रिडिया की तरह ही विकसित होते हैं तथा ऊगोनियम (Oogonium) के कोशिकीय भित्ति र (Cell wall) या सपोर्टिंग कोशिका से चिपकने के पश्चात् अंकुरित होकर 2-5 कोशिकीय तंतु अर्थात नैनेन्ड्रियम का निर्माण करते हैं जिनकी कोशिकाएँ एन्थ्रिडियम (Anthe ridium) की तरह कार्य करती हैं तथा उनमें एन्थ्रोजोइड्स र (Antherozoids) बनते हैं।

(a) एन्थ्रिडियम का निर्माण (Development of Anthe ridium) - कोई भी कोशिका जो एन्थ्रिडियम का निर्माण करने वाली होती है उसे एन्थ्रिडियल आरंभक (Anthe ridial initial) कहते हैं। प्रत्येक एन्थ्रिडियम का प्रोटोप्लाज्म एक या दो समसूत्री विभाजन द्वारा बँट जाती है। प्रत्येक माइटोटिक खण्ड अंततः एककेन्द्रकीय बहुकशाभिक * एन्थेरोजोइड में बदल जाता है। नैनेन्ड्स प्रकार की जाति में एन्ड्रोस्पोर ऊगोनियम की भित्ति के संसर्ग में आते हैं अंकुरित होकर 2-5 कोशिकाओं वाली रचना अर्थात वामन नर तंतु (dwarf male) बनाता है। एण्ड्रोस्पोर के विभाजन से बने अग्रस्थ कोशिका से विभाजन पश्चात् एन्थ्रिडिया तथा उससे एन्थ्रोरोजॉइड्स बनते हैं।

(b) ऊगोनियम का निर्माण (Development of Oogonium)- इसका निर्माण किसी भी वर्धी कोशिका से हो. सकता है। कगोनियम के निर्माण के क्रम में सबसे पहले ऊगोनियल मातृ कोशिका लम्बवत् विभाजन द्वारा दो कोशिकाओं मैं बँट जाती है। निचली कोशिका छोटी होती है तथा आधार कोशिका की तरह कार्य करती है जबकि ऊपरी कोशिका फूलकर गोल या अण्डाकार रचना के रूप में ऊगोनियम में बदल जाती है इसका आंतरिक पदार्थ अंनतः एक अण्ड (Egg) में कायान्तरित हो जाता है।

Development of Oogonium


निषेचन एवं नये शूकाय का निर्माण (Fertilization & Development of New Thallus) –

रासायनिक आकर्षण के फलस्वरूप एन्थ्रोजॉइड ऊगोनिया तक पहुँचता है। इसी समय ऊगोनियम में एक छिद्र वन जाते हैं। इस छिद्र से होकर एन्थ्रोजॉइड का केन्द्रक अण्ड के पास जाकर उससे संलयित होकर जायगोट बनाता है। जॉयगोट बाद में मोटी भित्ति से घिर जायगोस्पोर में बदल जाता है। अनुकूल वातावरण आने की स्थिति में इनका केन्द्रक अर्द्धसूत्री विभाजन द्वारा बँटता है तथा 4 केन्द्रकों का निर्माण करता है। प्रत्येक केन्द्रक बहुकोशिकीय जूमियोस्पोर में कायान्तरित हो जाता है। जायगोस्पोर की भित्ति के फटने से ये जूमियोस्पोर वाहर निकलते हैं तथा अलैंगिक जूस्पोर की तरह नये सूकायिक तंतु का निर्माण करते हैं।

जीवन-चक्र पैटर्न (Life Cycle Pattern - Oedogonium)

कडोगोनियम के जीवन-चक्र में चूंकि अगुणित अवस्था ही अधिकतर अवस्थाओं में होती है। अतः ऊडोगोनियम हैप्लॉटिंक (Haplontic) प्रकार का जीवन-चक्र प्रदर्शित करता है।

Life Cycle Pattern

इस लेख में हमने ऊडोगोनियम के जीवन चक्र, ऊडोगोनियम का निर्माण, ऊडोगोनियम का प्रजनन आदि के बारे में जाना । अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में ऊडोगोनियम के जीवन चक्र से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

आशा करता हूँ कि ऊडोगोनियम के जीवन चक्र से जुड़ा यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होगा ,अगर आपको यह लेख पसंद आये तो इस लेख को शेयर अवश्य करें।

Subjects -


Active Study Educational WhatsApp Group Link in India

Share -