कोशिका (Cell) को जीव शरीर का सबसे छोटा हिस्सा माना जाता है। इस प्रकार इसकी संरचना भी काफी जटिल होती है, इस पोस्ट में हम आपको कोशिका की पूरी संरचना (Full Cell Structure in Hindi)को विस्तार से बताने वाले है।
Structure of the Cell in Hindi: इस पोस्ट में कोशिका के सभी भाग के बारे में भी बताया गया है।
कोशिका की संरचना (Structure of the Cell in Hindi)
- कोशिका की संरचना (Structure of the Cell in Hindi)
- कोशिका (Cell) किसे कहते है?
- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना (Structure of cell under Compound Microscope)
- (1) कोशिका कला या प्लाज्मा झिल्ली (Cell membrane or Plasma membrane)
- (2) केन्द्रक (Nucleus)
- (3) कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)
- कोशिकांग (Cell organelles)
- (A) माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria)
- (B) लाइसोसोम (Lysosome)
- (C) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
- (D) राइबोसोम (Ribosome)
- (E) तारक-परिकेन्द्र (Centriole)
- (F) अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Endo plasmic Reticulum – E।R।)
- (G) लवक (Plastids)
- (H) रिक्तिका (Vacuoles)
कोशिका की संरचना (Structure of the Cell in Hindi)
कोशिका (Cell) किसे कहते है?
"कोशिका (Cell) सजीवों के शरीर की एक रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है और प्राय: स्वत: जनन में समर्थ है।" यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे-से-छोटा संगठित रूप है जिसमें वे सभी क्रियाएँ होती हैं जिन्हें सामूहिक रूप से हम जीवन करते हैं।
‘कोशिका‘ का अंग्रेजी शब्द सेल (Cell) लैटिन भाषा के ‘शेलुला‘ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ ‘एक छोटा कमरा‘ है। कुछ सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने हुए होते हैं, उन्हें एककोशकीय जीव कहते हैं जबकि कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहुकोशकीय सजीव कहते हैं। कोशिका की खोज रॉबर्ट हूक ने 1665 ई। में किया। 1839 ई। में श्लाइडेन तथा श्वान ने कोशिका सिद्धान्त प्रस्तुत किया जिसके अनुसार सभी सजीवों का शरीर दो या दो से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है तथा सभी कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले से उपस्थित किसी कोशिका से ही होती है।
कोशिका की संरचना का दो शीर्षकों के अन्तर्गत अध्ययन करते हैं-
(अ) संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना (Structure of cell under compound microscope)।
(ब) इलेक्ट्रॉम सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना (Structure of cell under an Electron microscope)।
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी में कोशिका की संरचना (Structure of cell under Compound Microscope)
संयुक्त सूक्ष्मदर्शी यन्त्र (Compound Microscope) से जन्तु कोशिका का अध्ययन करने में कोशिका की संरचना अत्यन्त सरल दिखाई देती है। कोशिका (Cell) में प्लाज्मा झिल्ली (Plasma membrane) से घिरा हुआ जीवद्रव्य (Protoplasm) होता है। कोशिका के मध्य में एक केन्द्रक (Nucleus) होता है जो एक केन्द्रक कला (Nuclear membrane) से घिरा होता है। केन्द्रक के भीतर का जीवद्रव्य, केन्द्रक द्रव्य (Nucleoplasm) तथा केन्द्रक के बाहर शेष जीवद्रव्य कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm) कहलाता है। केन्द्रक में केन्द्रिका (Nucleolus) होती है। इनकी संख्या एक से अधिक होती है। कोशिका द्रव्य में केवल गाल्जी काय (Golgi body), अनेक सूक्ष्म एवं लम्बे माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) के अतिरिक्त एक सेन्ट्रोसोम (Centrosome) तथा लाइसोसोम (Lysosome), राइबोसोम (Ribosome) तथा अनेक धानियाँ (Vacuoles) दिखायी पड़ती हैं। सभी कोशिकांग (Organelles) को कोशिकाद्रव्य में से निकालने के पश्चात् एक आधात्री (Matrix) शेष बचती है इसको हायलोप्लाज्म (Hyaloplasm) कहते हैं।
(1) कोशिका कला या प्लाज्मा झिल्ली (Cell membrane or Plasma membrane)
सभी कोशिकाओं में प्लाज्मा झिल्ली पाई जाती है। प्रकाश सूक्ष्मदर्शी के अन्तर्गत यह दिखाई नहीं देती है, लेकिन इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के अन्तर्गत देखने पर यह लगभग 100 A मोटी एक दोहरी झिल्ली है। कहीं-कहीं पर यह केन्द्रक झिल्ली (Nuclear membrane) से अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Endoplasmic reticulum) द्वारा सम्बन्धित रहती है। वनस्पति कोशिकाओं में कोशिका भित्ति (Cell wall) पायी जाती है तथा यह सेल्यूलोज की बनी होती है। प्लाज्मा झिल्ली कोशिका की बाह्य सीमा ही नहीं बनाती है बल्कि जीवद्रव्य (Protoplasm) एवं ऊतक द्रव्य के मध्य एक गतिशील रोधक (Dynamic barrier) का कार्य भी करती है, इसमें होकर कुछ विलयन (Solutions) एवं विलायक (Solvents) ही आ जा सकते हैं।
(2) केन्द्रक (Nucleus)
यह कोशिका की विभिन्न जैव क्रियाओं का अध्ययन करता है। कोशिका का नियन्त्रण कक्ष (Controlling room) कहलाता है। केन्द्रक के चारों ओर एक सरन्ध्र (Porous), पारगम्य (Permeable) केन्द्रक झिल्ली (Nuclear membrane) होती है जो केन्द्रक को चारों ओर कोशिका द्रव्य से पृथक् रखती है। केन्द्रक के मध्य में केन्द्रक रस (Nuclear sap or karyolymph) भरा रहता है जिसमें केन्द्रक के अन्य अंग-केन्द्रिका Nucleolus) एवं केन्द्रिका (Nucleoli) की संख्या जाति (Species) एवं गुणसूत्रों के समुच्चयों (Set of chromosomes) के अनुसार पाई जाती है।
(3) कोशिकाद्रव्य (Cytoplasm)
कोशिका झिल्ली एवं केन्द्रक के मध्य का भाग जिस तरल पदार्थ से भरा होता है उसे कोशिकाद्रव्य कहते हैं।
कोशिकांग (Cell organelles)
कोशिकाद्रव्य में विभिन्न कार्यों के लिए कोशिकांग पाये जाते है।
(A) माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria)
इनकी आकृतिक संरचना, सूत्राकार या छड़ों (Filamentous or rod) के समान होती है। इसका व्यास 54 एवं लम्बाई 3 u होती है। इनका आकार बदलता रहता है, इनकी संख्या 500–5,00,000 तक हो सकती है। यह दोहरी भित्ति वाली लचीली संरचना, जिसमें अन्दर की ओर क्रिस्टी (Cristae) नामक वलन (Folds) होते हैं। यह भोजन की रासायनिक ऊर्जा (Chemical energy) को अधिक शक्तिशाली एवं उपयोगी ATP में परिवर्तित कर देती है।
(B) लाइसोसोम (Lysosome)
ये कोशिकाद्रव्य में बिखरे हुए पाये जाते हैं। इनका व्यास 0।4 से 0।84 तक हो सकता है। यह वृत्ताकार होते हैं, आकार अनियमित भी हो सकता है। यह लाइपोप्रोटीन की झिल्ली द्वारा परिबद्ध (Bound) होते हैं। (Organelle) है।
(C) गॉल्जी उपकरण (Golgi Apparatus)
यह कोशिका के उपापचय (Metabolism) में भाग लेने वाला महत्वपूर्ण कोशिकांग होते है। स्त्रावी कोशिकाओं (Secretory cells) में इनकी संख्या अत्यधिक होती है।
(D) राइबोसोम (Ribosome)
यह पिन के आकार की सूक्ष्म संरचनाएँ हैं। यह अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (E।R।) के चारों कोशिकाद्रव्य में पाये जाते हैं। इनमें कोशिका की प्रोटीन एवं एन्जाइम का संश्लेषण होता है। इनको कोशिका की प्रोटीन फैक्ट्री (Protein factory) भी कहते हैं।
(E) तारक-परिकेन्द्र (Centriole)
सूत्री विभाजन (Mitotic division) के समय तारक किरणों (Astral rays) के केन्द्र में छोटा-सा तारक परिकेन्द्र पाया जाता है। यह कोशिका की विश्रामावस्था में निष्क्रिय लेकिन विभाजन के समय सक्रिय (Active) हो जाता है।
(F) अन्तः प्रद्रव्यी जालिका (Endo plasmic Reticulum – E।R।)
कोशिकाद्रव्य की आधात्री (Matrix) में झिल्ली द्वारा परिबद्ध नालिका जाल के रूप में पाया जाता है। स्तनी प्राणियों के परिपक्व रक्ताणुओं (Erythrocytes) के अतिरिक्त यह सभी प्रकार की कोशिकाओं में पाया जाता है।
(G) लवक (Plastids)
सामान्यतः यह पादप कोशिकाओं में पाये जाते हैं, परन्तु यह प्राणी कोशिकाओं जैसे कि कशाभिक प्रोटोजोआ (Flagellate protozoans) में भी पाये जाते हैं। पौधों में पाये जाने वाले लवकों में हरितलवक (Chloroplast) सबसे महत्वपूर्ण होता है और हरा रंग प्रदान करता है। इनका व्यास 46 प्र तथा मोटाई 3।1 4 होती है।
(H) रिक्तिका (Vacuoles)
नई पादप कोशिकाओं एवं प्राणी कोशिकाओं में रिक्तिका नहीं पाई जाती है। यदि पायी भी जाती हैं, तो आकार में बहुत ही छोटी तथा संख्या में एक से अधिक रिक्तिकाएँ हो सकती हैं। रिक्तिका जल या जल में घुले पदार्थों से भरी होती हैं। रिक्तिका, कोशिकाद्रव्य से एक झिल्ली द्वारा पृथक् रहता है, इसे टोनोप्लास्ट (Tonoplast) कहते हैं। टोनोप्लास्ट अपने आर-पार जाने वाले पदार्थों का चयन करता है। रिक्तिका कोशिका में निश्चित् दाब (Pressure) बनाए रखते हैं एवं पदार्थों का भी संचय करते हैं।
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