सामान्य विज्ञान से संबंधित प्रश्न उत्तर | general science question answer in hindi
क्या आप जानते है की आंसू क्यों निकलते हैं? या फिर ये की पहाड़ पर चढ़ते समय व्यक्ति आगे की ओर क्यों झुकता है? इन्ही के जैसे 50 सवालों का जवाब इस पोस्ट में आपको निचे मिलने वाला है।
हमारे दैनिक जीवन में बहुत सी घटनाएँ होती रहती है, जिनमे बहुत से सवाल विज्ञान या साइंस से जुड़े रहे है। इस पोस्ट में विज्ञान के कुछ सवालों के जवाब (general science question answer) आप जानने वाले हो।
जैसे की पैन्क्रिआस शरीर के लिए जरूरी क्यों होती है?, क्यों साथ-साथ चलता है चंद्रमा?, पहाड़ों पर खाना पंकाना कठिन क्यों होता है?, बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?।
सामान्य विज्ञान पर आधारित परीक्षापयोगी महत्वपूर्ण प्रश्न (general science question)
01-फ्लोराइड से दांत मजबूत क्यों होते हैं?
उत्तर - प्रत्येक मनुष्य के जीवन काल में दांत दो बार निकलते हैं। जन्म के कुछ महीनों बाद निकलने वाले दांत नौ दस साल की उम्र में गिर जाते हैं। इन्हें दूध के दांत कहते हैं। इनके स्थान पर नए स्थायी दांत आ जाते हैं ! दूध के दांतों की संख्या बीस होती है। स्थायी दांतों की संख्या बत्तीस होती है। प्रत्येक दांत में मसूड़ों से ऊपर क्राउन नामक हिस्सा होता है और प्रत्येक दांत की एक से लेकर तीन तक जड़ें होती हैं, जो उसके आकार-प्रकार और स्थिति पर निर्भर करती हैं। दांत का अधिकांश भाग पीले रंग के एक सख्त पदार्थ से बना होता है, जिसे डेंटाइन कहते हैं। दांत के क्राउन भाग पर एक सफेद रंग के पदार्थ की परत चढ़ी रहती है, जिसे इनेमल कहते हैं। यह मानव शरीर का सबसे सख्त ऊतक है। फ्लोराइड एक ऐसा रासायनिक पदार्थ है जो दांतों के इनेमल को और भी मजबूत बनाता है। जब हम अपने दांतों को फ्लोराइड टूथपेस्ट से ब्रश करते हैं तो फ्लोराइड के अणु दांतों पर चिपक जाते हैं। चूंकि फ्लोराइड *अणु दांत की ऊपरी संरचना में अधिक उपयुक्त रूप से फिट हो जाते हैं, वे दांतों की ऊपरी परत को और भी मजबूत बना देते हैं ।
02-पैन्क्रिआस शरीर के लिए जरूरी क्यों होती है?
उत्तर - पैन्क्रिआस मानव शरीर सहित सभी रीढ़ की हड्डी वाले प्राणियों का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह पेट के निचले भाग में स्थित होता है और पाव से लेटे पलास्क जैसा दिखता है। इस ग्रंथि का रंग गुलाबीपन लिए पीला होता है और यह 12 से 15 सेमी लंबी, 3.8 सेमी चौड़ी और 2.5 सेमी मोटी होती है। आइए जानें यह शरीर के लिए महत्वपूर्ण क्यों होती है। पैन्क्रिआस एक बहुत ही शक्तिशाली पाचक रस पैदा करता है। यह रस ही आंतों में भोजन को तोड़ता है। इससे इंसुलिन और ग्लूकेगोन नामक हार्मोन भी पैदा होते हैं। यह ग्रंथि रोज करीब सवा किलो से डेढ़ किलो पैन्क्रिऑटिक रस पैदा करती है। सोडियम बाइकार्बोनेट युक्त यह रस अम्ल को उदासीन कर एक नली से होता हुआ छोटी आंत या डुओडिनम तक आता है। इस रस में लवण और एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन, स्टार्च, शर्करा और वसा को पचाने में सहायता करते हैं। इस रस में पांच एंजाइम होते हैं, जो प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को पचाने का काम करते हैं। अगर पैन्क्रिआस ग्रंथि नहीं हो, तोन तो भोजन ठीक से पच सकता है और न ही इंसुलिन के अभाव के कारण रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है।
03-आंसू क्यों निकलते हैं?
उत्तर - जब किसी शोक- समाचार या दुख के कारण हम रोने लगते हैं तो हमारी आंखों से आंसू निकलने लगते हैं। रोने का कारण चाहे कुछ भी हो, लेकिन इस क्रिया में सदा ही हमारी आंखों से आंसू निकलते हैं। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? हमारी आंखों की पलकें सदा ही खुलती और बंद होती रहती हैं। पलकों का यह खुलना और बंद होना मांसपेशियों द्वारा होता है। इनकी गति इतनी तीव्र होती है कि पलक झपकने से हमारी दृष्टि पर कोई असर नहीं पड़ता। पलक झपकने की क्रिया हर छः सेकंड के अंतर में सारी उम्र होती है। हमारी आंख के बाहरी कोने के अंदर एक आंसू ग्रंथि होती है। इस ग्रंथि से पतली नलियां आंसुओं को ऊपर की पलक तक ले जाती हैं और वहां से दूसरी पतली नलियों द्वारा आंसू आंखों से बाहर आ जाते हैं। जब भी हम पलक झपकते हैं, वैसे ही आंसू नलिकाओं से कुछ तरल पदार्थ बाहर आ जाता है। यही तरल पदार्थ आंखों को नम रखता है और सूखने से बचाता है |
04-क्यों साथ-साथ चलता है चंद्रमा?
उत्तर - रात के समय ट्रेन की खुली खिड़की से बाहर देखना बहुत अच्छा लगता है। नदियां, पहाड़, पेड़ और शहर पीछे छूटते जाते है, लेकिन चंद्रमा साथ ही चलता रहता है। आइए, देखें कि चंद्रमा क्यों साथ चलता है? जब हम किसी भी चीज को देखते हैं, तो वह हमारी आंखों पर एक कोण बनाती है। यदि उस वस्तु की स्थिति बदल दी जाए, तो उसके कारण आंखों पर बनने वाला कोण भी बदल जाता है। जब हम ट्रेन या किसी अन्य वाहन से जा रहे हों, तो नदियां, मकान, पहाड़ और झाड़-पेड़ पीछे जाते हुए नजर आते हैं, क्योंकि ट्रेन या उस वाहन के आगे बढ़ने से दृश्य द्वारा आंखों पर बनाया जाने वाला कोण बदल जाता है। लेकिन जो चीजें पीछे जाती हुई नजर आती हैं, उनसे हमारी दूरी अधिक नहीं होती, इसलिए स्थिति में जरा से बदलाव से भी कोण बदल जाता है। जबकि चंद्रमा पृथ्वी से 3 लाख 84 हजार किमी. की दूरी पर है। इतनी अधिक दूरी होने के कारण जब हम आगे बढ़ते भी हैं, तो चंद्रमा के कारण आंखों पर बनने वाले कोण में कोई बदलाव नहीं आता। यही वजह है चंद्रमा हमें साथ चलता हुआ दिखाई देता है ।
05-बच्चे क्यों दिखते हैं माता या पिता जैसे?
उत्तर - अक्सर बच्चों का रूप-रंग, उनकी कद-काठी माता या पिता में से किसी एक की तरह होती है। आइए देखें, ऐसा क्यों होता है? मनुष्य के शारीरिक गुण-सूत्र एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी क्रोमोसोम्स के द्वारा हस्तांतरित होते हैं। बच्चे के जन्म के लिए 46 क्रोमोसोम्स जरूरी होते हैं, जिनमें से 23 पिता के द्वारा और 23 माता के द्वारा प्राप्त होते हैं। इसका मतलब यह है कि जन्म लेने वाले बच्चे के पास हर जीन के दो संस्करण होते हैं, एक पिता से प्रदत्त और एक माता का दिया हुआ । जीन क्रोमोसोम्स का छोटा सेक्शन होती है। हर जीन में बच्चे में विशेष गुण के विकास के लिए जरूरी सूचनाएं दर्ज होती हैं। मसलन, कोई जीन आंखों के रंग के लिए जिम्मेदार है, तो कोई बालों के रंग के लिए। बच्चे में उसी जीन के गुण आते हैं, जो प्रभुत्वशाली होता है। उदाहरण के लिए पिता के बालों का रंग काला है और माता के बाल भूरे हैं। अगर वालों के रंग का निर्धारण करने वाले जीनों में माता के जीन का प्रभुत्व है, तो बच्चे के बालों का रंग भी माता के बालों के रंग की तरह ही होगा। इसके विपरीत यदि पिता की जीन अधिक प्रभुत्वशाली है, तो बच्चे के बालों का रंग पिता के बालों की तरह होगा।
06-काटने वाले कीड़े शरीर में कीटाणु कैसे भेजते हैं?
उत्तर - पृथ्वी पर रहने वाले हजारों प्रकार के कीड़ों में से कुछ काटने वाले कीड़े हमारे बहुत बड़े दुश्मन हैं। काटकर रोग फैलाने वाले कीड़ों में मुख्य रूप से मच्छर, ट्सेट्से मक्खी, जुएं, रैट फ्लाई, खटमल आदि ऐसे हैं जो अनेक बीमारियां फैलाते हैं। ये कीड़े जब किसी रोगी को काटते हैं और उसका खून चूसते हैं तो रोगी से बीमारी के कीटाणु उनके शरीर में आ जाते हैं। यही कीड़ा जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो अपनी सुई जैसी खोखली नली द्वारा लार के साथ उस रोग के कीटाणु शरीर में प्रवेश करा देता है। ये कीटाणु उसके शरीर में पहुंचकर उस स्वस्थ व्यक्ति को भी रोगी बना देते हैं। मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया फैलता है। ट्सेट्से मक्खी के काटने से स्लीपिंग सिकनेस, जुओं के काटने से टायफाइड और रैट फ्लाई के काटने से प्लेग के कीटाणु शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। दरअसल, ये कीटाणु स्वयं जीवित रहने के लिए हमारा खून चूसकर अपना पेट भरने हेतु हमें काटते हैं। खून चूसने से पहले थोड़ी-सी लार हमारे शरीर के अंदर भेजते हैं ताकि खून सूखकर गाढ़ा न हो जाए और इसी लार के साथ रोग के कीटाणु हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।
07-छिपकली अपनी पूंछ छोड़कर क्यों भाग जाती है?
उत्तर - छिपकली देखने में डरावनी लगती है, लेकिन यह जहरीली नहीं होती है। कभी-कभी देखा जाता है कि छिपकली अपनी पूंछ छोड़कर भाग जाती है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? जब छिपकली पर उसका कोई शत्रु हमला करता है और इसकी पूंछ जरा सी भी पकड़ में आ जाती है तो यह अपनी पूंछ का वह हिस्सा छोड़कर भाग जाती है और दुश्मन के चुंगल से अपने को बचा लेती है। कटी हुई पूंछ थोड़ी देर तक छटपटाती रहती है। कुछ ही दिनों में छिपकली की नई पूंछ उग आती है। छिपकली द्वारा पूंछ छोड़ने का गुण एक ऐच्छिक गुण है। इसकी पूंछ की हड्डियां दूसरी हड्डियों के साथ में ढीले रूप में जुड़ी होती हैं, इसलिए पूंछ इसके शरीर से आसानी से अलग हो सकती है। पूंछ काटने पर खून भी नहीं निकलता, क्योंकि इसकी रक्त कोशिकाओं के अंतिम सिरे लगभग बंद होते हैं। इन सब कारणों से इसे अपनी पूंछ शरीर से अलग करने में कष्ट नहीं होता और पूंछ कटने पर इसे चलने में भी कोई परेशानी नहीं होती।
08-हवाई जहाज द्वारा सफर करते समय फाउंटेन पेन से स्याही निकाल देने के लिए कहा जाता है, क्यों?
उत्तर पृथ्वी तल की अपेक्षा ऊंचे स्थानों पर दबाव कम होता है। इसलिए जब हम हवाई जहाज में बैठकर ऊंचाई की ओर बढ़ते हैं, तो पेन (लेखनी) के भीतर का दबाव, वातावरण के दबाव से अधिक हो जाता है और इसे समान करने के लिए पेन से अपने आप स्याही निकलने लग जाती है जो हमारे कपड़ों को गंदा व देती है। इसी से बचने के लिए स्याही निकाल देने की सलाह व जाती है ।
09-खोलते पानी की अपेक्षा भाप अधिक गम्भीरता से जलाती है, क्यों?
उत्तर कारण यह है कि भाप में खौलते पानी की अपेक्षा अधिक दाहक शक्ति होती है अथवा यह कहिए कि भाप की ऊष्मा उसी तापमान में खौलते पानी की ऊष्मा की अपेक्षा अधिक होती है, इसलिए भाप अधिक दाहकारी होती है
10-पहाड़ पर चढ़ते समय व्यक्ति आगे की ओर क्यों झुकता है |
उत्तर पहाड़ पर चढ़ते समय स्थायी सन्तुलन रखने के लिए झुकाव आवश्यक है। आगे की ओर का झुकाव हमें आधार क्षेत्र में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण केन्द्र से होकर गुजरने वाली रेखा पर बने रहने देता है और उससे विलग नहीं करता। स्थायी सन्तुलन के लिए यह आवश्यक है।
11-पेट्रोल द्वारा लगी आग पानी से क्यों नहीं बुझती?
उत्तर पेट्रोल की आग में इतनी प्रबल ऊष्मा होती है कि उसके संस्पर्श से पानी स्वयं भाप बन जाता है और वह आग को बुझाने में असफल रहता है।
12-आकाश नीला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर धूल तथा वायु कणों के कारण प्रकाश का बिखराव हो जाता है। यह बिखराव अधिकतर निचली तरंगों की लम्बाई में होता है, इसलिए यह प्रतिछाया के अन्त में रंगों में असमान हो जाता है जो अधिकतर नीला या बैंगनी होता है। इसी वजह से आकाश भी नीला ही दिखाई पड़ता है।
13-लद्दाख जैसे प्रदेश में सूर्य निकलने पर तो खूब गर्मी पड़ती है तथा धूप न होने पर शीतलता बढ़ने लगती है। इसका क्या कारण है?
उत्तर - लद्दाख जैसे ऊंचे (पहाड़ी) स्थानों में वायुमंडल विरल होता है। इस प्रकार का वायुमंडल बाधाहीन होता है अर्थात् उसमें सूर्य की किरणों को सोख लेने और बिखराने आदि की शक्ति नहीं होती इसलिए ऐसे स्थानों पर सूर्य निकलने पर गर्मी काफी पड़ती है । छाया होने पर विरल वायुमंडल मूर्य की किरणों की ऊष्मा से बहुत कम गर्मी ले पाती है और धुपहले अंश का बिखराव भी कम होता है। परिणामस्वरूप शीतलता अधिक हो जाती है।
14-डूबने के कुछ समय पश्चात् लाश पानी में उतराने क्यों लगती है?
उत्तर शरीर में विद्यमान गैसों के निकल जाने पर शव हल्का हो जाता है और उसका भार उसके द्वारा हटाए गए जल से कम हो जाता है। इसलिए लाश उतराने लगती है।
15-बर्फ पानी पर क्यों तैरती है?
उत्तर आर्केमेडीज के सिद्धान्त के अनुसार तरल पदार्थ में कोई वस्तु तब तैरती है जब उसके द्वारा हटाए गए तरल पदार्थ का वजन उस वस्तु के वजन से अधिक होता है। पानी जब जम कर बर्फ बन जाता है तब उसका आपेक्षिक घनत्व कम हो जाता है और इस प्रकार उसके द्वारा हटाए गए जल की अपेक्षा उसका भार कम होता है। फलतः बर्फ जल में तैरती है।
16-पहाड़ों पर खाना पंकाना कठिन क्यों होता है?
उत्तर पर्वतों पर दबाव कम होता है। इसलिए पानी देर से उबलता है और खाना देर से बन पाता है।
17-सर्दी के मौसम में सूती कपड़ों की अपेक्षा ऊनी वस्त्र शरीर को अधिक गर्म क्यों रखते है?
उत्तर गर्म कपड़े ऊष्मा के असंवाहक होते हैं। अत्यधिक मात्रा में छिद्र होने के कारण उसमें हवा भर जाती है और वह भी शरीर के ताप से ऊष्मा हो जाती है तथा बाहरी वातावरण का प्रभाव उस पर इसलिए नहीं पड़ पाता कि वे कपड़े ऊष्मा के असंवाहक हैइसलिए ऊनी कपड़े शरीर के तापमान को बाहर के तापमान (शीतल) से बचाए रखते हैं
18-हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे ऊपर क्यों उठते हैं?
उत्तर हाइड्रोजन गैस से भरे गुब्बारे का हवा में ऊपर उठने का कारण यह है कि उसका वजन गुब्बारे द्वारा हटाई जाने वाली हवा से कम होता है । फलतः गुब्बारा ऊपर उठता जाता है |
19-बिजली का बल्ब प्रकाश कैसे विकीर्ण करता है?
उत्तर बल्ब के भीतर अत्यधिक अवरोध वाला टंगस्टन तार लगा होता है। जब विद्युत तरंगें इससे होकर गुजरती हैं, तो यह गर्म होकर लाल हो जाता है और तार के परमाणु उच्च ऊर्जा में परिवर्तित हो जाते हैं, और कुछ सेकेंड तक उस स्थिति में रहने के पश्चात् निम्न ऊर्जा में प्रत्यावर्तित हो जाते हैं और प्रकाश के रूप में ऊर्जा देने लगते हैं।
20-साइकिल सवार कोने ( मोड़ ) पर घूमते समय आगे की ओर क्यों झुक जाता है?
उत्तर सन्तुलन बनाए रखने के लिए ऐसा किया जाता है । बाहर की ओर केन्द्रापसारी शक्ति ( झुकाव आदि) चक्करदार मोड़ की विशेषता होती है।
21-स्वच्छ जल की अपेक्षा खारे पानी में तैरना आसान क्यों होता है।
उत्तर खारे पानी का घनत्व स्वच्छ पानी की अपेक्षा अधिक होता है। अधिक घनत्व वाले तरल पदार्थ में तैरना कम घनत्व वाले तरल पदार्थ की अपेक्षा अधिक सुगम हैं क्योंकि अधिक घनत्व वाले जल का विस्थापित आयतन का भार अधिक होता है।
22-बलुई भूमि पर चलना मुश्किल होता है, क्यों?
उत्तर प्रत्येक क्रिया की प्रतिगामी क्रिया भी होती है और यही कारण है कि हम पृथ्वी पर खड़े हो पाते हैं। यदि पैरों के तलुवों और धरती की सतह के बीच संघर्षण काफी अधिक होता है तो हम चल नहीं पाते । जब हम बालू पर खड़े होते हैं, तो धीरे मे हमारे ऊपर एक ऊर्ध्व प्रतिगामी क्रिया होती है। किन्तु जब हम चलने का प्रयत्न करते हैं या बालू पर दबाव डालते हैं तो तलुवों और रेत कणों के बीच के संघर्षण की शक्ति में ऊर्ध्वगामी प्रतिक्रिया की शक्ति खो जाती है और हमारे तलुवों में कोई ऊर्ध्वगामी प्रतिक्रिया नहीं हो पाती । यह संघर्षण ही आसानी से चलने में बाधक हो जाता है।
23-जंग लगने पर लोहे का कील के भार में वृद्धि हो जाती है, क्या कारण है?
उत्तर सीले वातावरण में लोहे की कील हवा की नमी को चूस लेती है जिससे उनमें आयरन ऑक्साइड पैदा हो जाती है और जंग लग जाता है। इस आयरन आक्साइड़ के कारण कील का भार बढ़ जाता है
24-मोटर चालक पीछे की वस्तु (आते वाहनों को देखने के लिए उत्तल दर्पण का प्रयोग क्यों करते है?
उत्तर एक छोटे उत्तल दर्पण में बहुत अधिक दूरी में फैली हुई वस्तुओं का प्रतिबिम्ब स्पष्ट दिखाई दे जाता है। इसी कारण से ऐसे दर्पण मोटर कार में ड्राइवर के सामने लगाए जाते हैं, ताकि उसे पीछे से आने वाली गाड़ियों के प्रतिबिम्ब दिखाई दे सकें।
25-किन-किन बातों पर किसी वस्तु का रंग निर्भर करता है?
उत्तर सफेद प्रकाश सात रंगों का मिश्रण होता है। जब वह किसी वस्तु पर पड़ता है तो वह वस्तु इन सात रंगों में से कुछ का अवशोषण कर लेती है और शेष रंगों को परिवर्तित कर देती है। इस परावर्तित प्रकाश से ही वह दिखाई देती है। जो वस्तु लाल दिखाई देती है केवल लाल रंग की किरणों को परावर्तित करती है, शेष सबको अवशोषित कर लेती है। जो वस्तु सब रंगों को अवशोषित कर लेती है वह काली दिखाई पड़ती है और जो वस्तु किसी भी रंग का अवशोषण नहीं करती, वह सफेद दिखाई पड़ती है।
26-कठोर जल साबुन के साथ आसानी से झाग नहीं देता है, क्यों?
उत्तर कठोर जल (खारे पानी) में सल्फेट और मैगनेशियम या कैल्शियम के क्लोराइड होते हैंइनका यौगिक (Compound) साबुन में नहीं घुलता । इसलिए कठोर जल में साबुन आसानी से झाग नहीं देता।
27-लकड़ी पानी में क्यों तैरती है?
उत्तर कोई भी वस्तु किसी द्रव में डूबने से पहले जब अपने भार के बराबर का द्रव हटा लेती है, तो वह उसमें तैरने लगती है ऐसा Qी व कर सकती है, जिसका विशिष्ट गुरुत्व उस द्रव के विशिष्ट गुरुत्व से कम हो । लकड़ी का विशिष्ट गुरुत्व जल के विशिष्ट गुरुत्व से कम है, इसलिए वह पानी में तैरती है
28-क्या पेड़ों की पत्तियों का रंग बदलता रहता है? पतझड़ में उनका रंग पीला क्यों दिखाई देता है?
उत्तर वस्तुतः पत्तियों का रंग बदलता नहीं है। जब पत्तियों में हरा तत्व क्लोरोफिल, बनना कम हो जाता है, जैसे सूखे मौसम में, तो पत्तियों का हरा रंग मन्द पड़ जाता है और पत्तियों में विद्यमान पीला या लाल रंग अपेक्षाकृत अधिक उभर कर सामने आ जाता है। तभी पत्तियों का रंग बदला हुआ प्रायः पीला दिखाई पड़ता है।
29-मच्छर के काटने से जलन क्यों होती है?
उत्तर जब मच्छर काटता है, तो उसका मुंह हमारी खाल के भीतर घुस जाता है और मच्छर खून चूम लेता है। इसी समय मच्छर अपने मुंह से थूक या लार जैसी वस्तु हागरे शरीर में छोड़ देता है। इसी थूक या लार जैसी वस्तु के कारण हमारे शरीर में जलन होती है।
30-फूलों में सुगंध कहां से और कैसे आती है?
उत्तर फूलों की पंखुड़ियों में एक प्रकार का तेल होता है। जब वह तेल वाष्पित होकर हवा में मिल जाता है, तो हमें उसकी सुगंध मिलती है।
31-मकड़ी अपना जाला कैसे बनाती है?
उत्तर मकड़ी के शरीर में एक ग्लैंड होता है, जिनमें से पतला तरल धागे जैसा पदार्थ निकलता है, जो तत्काल सूखता जाता है। मकड़ी के जाले दो किस्म के होते हैं (i) सूखा, और (ii) चिपचिपा । चिपचिपे जाले में ही मक्खियां और कीड़े फंस जाते हैं, जिन्हें मकड़ी खाती है। -
32-बैलगाड़ी के पहिए पर रिम चढ़ाने से पहले रिम को आग में तपाकर लाल क्यों कर देते है?
उत्तर जब रिम को आग में तपाकर लाल कर देते हैं, तो उसका व्याप थोड़ा बढ़ जाता है और वह आसानी से पहिए पर चढ़ जाता है। जब रिम ठंडा हो जाता है तो थोड़ा-सा सिकुड़कर पहिए के साथ खूब चिपक जाता है।
33-तारे और ग्रह में क्या अंतर है?
उत्तर तारा वह आकाशीय पिंड है, जिसका अपना प्रकाश होता है जबकि ग्रह में अपना प्रकाश नहीं होता; ग्रह सूर्य के प्रकाश को प्रतिबिम्बित करता है। तारा स्थिर होता है जबकि ग्रह सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा में घूमता रहता है।
34-चमगादड़ अंधेरे में कैसे उड़ पाता है?
उत्तर रात्रि में चमगादड़ उड़ते है; परन्तु वे उड़ते समय साधारणतः रात के अंधेरे में किसी भी अवरोध से टकराते नहीं हैं। देखा गया है कि चमगादड़ बहुत ही अधिक तारत्व ( पिच) वाली ध्वनि पैदा करते हैं, जिनको मनुष्य के कान नहीं सुन सकते । इन ध्वनियों को अल्ट्रासोनिक ध्वनि (पराश्रव्य ध्वनि ) कहते हैं । ये अल्ट्रासोनिक ध्वनियां अवरोध से टकरा कर प्रतिध्वनि के रूप में चमगादड़ के कानों तक आती है, जिससे चमगादड़ को आगे आने वाली वस्तु (अवरोध) का पूर्ण ज्ञान हो जाता है।
35-किसी देश में हुए परमाणु बम विस्फोट का पता दूसरे देशों के वैज्ञ निकों को कैसे लग जाता है?
उत्तर प्रत्येक आणविक विस्फोट से उच्च आवृत्ति की ऐसी प्रकाश व रेडियोधर्मी तरंगें का जन्म होता है, जिनका ज्ञान दूसरे देशों में रखे गये यंत्रों से हो जाता है। इसके अतिरिक्त सूक्ष्म-वायुभारमापी (माइक्रो बैरोमीटर ) नामक यंत्र भी वायुमंडल से इन तरंगों को ग्रहण कर सकता है। किसी भी आणविक विस्फोट से सारे विश्व की रेडियोधर्मिता बढ़ जाती है, जिसे यंत्रों की सहायता से दुनिया में कहीं भी जाना जा सकता है।
36-क्या परमाणु बिस्फोट के बाद तेज आंधी आ सकती है?
उत्तर परमाणु विस्फोट के बाद आंधी अवश्य आती है । विस्फ़ोट जितना अधिक भयंकर होगा, आंधी भी उतनी ही जबर्दस्त आएगी। सौ मेगाटन के अणु बम के विस्फोट के बाद पौने दो हजार मील प्रति घण्टा तक के वेग की आंधी आ सकती है।
40-धुआं क्या है?
उत्तर धुआं अपूर्ण दहन का परिणाम है। अधिकतर वस्तुएं जिनके जलने पर धुआं पैदा होता है, यदि पूर्ण रूप से जलाई जाएं तो प्रायः रंगहीन गैसों के अतिरिक्त और कुछ नहीं निकलेगा | परन्तु मनुष्य अभी तक उस भट्टी का आविष्कार नहीं कर पाया है, जिससे वस्तु पूर्ण रूप से जल जाए हम लोग लकड़ी, कोयला आदि को अंशतः जलाते हैं, फलस्वरूप वस्तु के कुछ कण दहन के फलस्वरूप उत्पन्न गैसों के साथ निकलते है, और धुएं का निर्माण करते हैं।
41-क्या हम अपने देश की धरती में इतना गहरा छेद कर सकते है कि उसके सहारे अमेरिका पहुंच सकें?
उत्तर ऐसा असम्भव है, क्योंकि बीस-पच्चीस मील की गहराई के आगे इतनी अधिक ऊष्मा मिलेगी, कि मनुष्य तो क्या सभी मशीनें गलने लगेंगी।
42-एण्टीबायोटिक क्या है?
उत्तर 'एण्टीबायोटिक' कुछ चुने हुए जीवाणुओं का नाश करने वाले अत्यधिक शक्तिशाली यौगिक हैं। ये कुछ जड़ी-बूटियों के अवशिष्ट तथा मिट्टी में प्राप्त सूक्ष्म जीवों द्वारा तैयार किये हैं। ये अन्य प्रकार के जीवाणुओं का नाश करते हैं। पेनिसिलीन, स्ट्रेप्टोमाइसिन, क्लोरोमाइसिटिन तथा ओरियोमाइसिन चार प्रकार के मुख्य 'एण्टीबायोटिक' है । ये औषधियां विशिष्ट जीवाणुओं द्वारा उत्पन्न विशेष रोगों का निराकरण करती हैं। न्यूमोकोस जीवाणु द्वारा उत्पन्न निमोनिया रोग को दूर करने के लिए पेनिसिलिन रामबाण औषधि है।
43-लोहे का बना हुआ जहाज पानी में तैरता है परंतु लोहे की सुई पानी में क्यों डूब जाती है?
उत्तर :- किसी भी वस्तु के पानी में तैरने के लिए यह जरूरी है कि उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके भार से अधिक हो । लोहे का बना हुआ जहाज जब पानी में चलता है, तो उसके द्वारा हटाए गए पानी का भार उसके (जहाज के) भार से अधिक होता है अतः जहाज पानी में तैरता है। दूसरी ओर, सुई पानी में डालने पर अपने भार से कम भार का ही पानी हटा पाती है अतः पानी में डूब जाती है।
44-रेल की पटरियों में जोड़ों के बीच खाली स्थान क्यों छोड़ा जाता है?
उत्तर :- रेलगाड़ी जब पटरी पर चलती है, तो पहियों तथा पटरी के बीच में एक. प्रकार का घर्षण होता है । इस घर्षण से बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है जिसके कारण रेल की पटरी फैलती है । पटरी के इस फैलाव के लिए स्थान देने के उद्देश्य से ही कहीं-कहीं खाली स्थान छोड़ा जाता है। यदि स्थान नहीं छोड़ा जाएगा, तो पटरी के फैलाव से वह टेढ़ी-मेढ़ी हो जाएगी और रेलगाड़ी पटरी से उतर जाएगी ।
45--अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर क्यों नहीं बनती?
उत्तर :- सूर्य प्रकाश का बहुत बड़ा स्रोत है, जबकि पक्षी बहुत छोटे । पक्षियों की घटती हुई छाया और बढ़ती हुई उपछाया बनती है। पक्षियों के पृथ्वी से अधिक ऊंचाई पर उड़ने के कारण छाया घटकर रास्ते में ही खो जाती है। उपछाया अधिक बड़ी लेकिन बहुत हल्की होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती। यही कारण है कि अधिक ऊंचाई पर उड़ते हुए पक्षियों की छाया पृथ्वी पर नहीं बनती।
46-डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए चम्मच का प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर :- डिब्बे का ढक्कन खोलने के लिए तुम चम्मच का उपयोग उत्तोलक के रूप में ही करते हो । चम्मच के किनारे को ढक्कन के नीचे रखा जाता है तथा दूसरे किनारे पर हाथ से नीचे को दबाकर बल लगाया जाता है। इस प्रकार चम्मच द्वारा बने उत्तोलक में बल भुजा भार भुजा से बड़ी होती है। अतः कम बल लगाने से बंद हुआ ढक्कन सरलता से खुल जाता है ।
47-बिजली की इस्त्री को तुम अंधेरे में क्यों नहीं देख सकते?
उत्तर :- बिजली की इस्त्री जब गरम होती है, तो इसमें से अवरक्त किरणों का विकिरण होता है (सूर्य विभिन्न तरंगदैर्ध्य के प्रकाश का विकिरण करता है। बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य कम तथा लाल रंग की तरंगदैर्ध्य अधिक होती है। लाल रंग के तरंगदैर्ध्य से अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश को अवरक्त प्रकाश कहते हैं ) । इसका अनुभव तुम इसके निकट आकर कर सकते हो। यह इस्त्री तुम्हें अंधेरे में दिखाई नहीं देती क्योंकि यह इतनी गरम होती नहीं कि दृश्य प्रकाश का विकिरण कर सके । अवरक्त - प्रकाश की किरणें तुम्हें दिखाई नहीं देतीं।
48-कारखानों में चिमनियां क्यों लगाई जाती हैं?
उत्तर :- जिस पर्यावरण में तुम रहते हो, उसमें शुद्ध वायु की अधिकता अवश्य होनी चाहिए ताकि सांस लेने में तुम्हें कोई तकलीफ न हो। कारखानों आदि से धुआं निकलता है जो जहरीली (हानिकारक) गैसों से पर्यावरण को प्रदूषित करता है । अतः इस प्रदूषण से बचने के लिए ही कारखानों में ऊंची-ऊंची चिमनियां लगाई जाती हैं। इन चिमनियों के द्वारा निकला हुआ धुआं ऊपरी वायुमंडल में मिलकर तुम्हें होने वाले नुकसान से बचा लेता है।
49-पानी डालने पर आग बुझ क्यों जाती है?
आग लगने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी को आते हुए तो तुमने अवश्य ही देखा होगा। फायर ब्रिगेड की गाड़ी द्वारा पानी डालने पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग में भी लगी भयंकर आग बुझ जाती है । - किसी भी चीज को जलने के लिए उसका अत्यधिक गरम होना आवश्यक है अर्थात एक निश्चित ज्वलनांक पर ही कोई वस्तु गरम होती है। जब हुई वस्तु पर पानी डाला जाता है, तो उसका ज्वलन- ताप कम हो जाता है और वह बुझ जाती है। ठीक यही आग के साथ भी होता है। परंतु यदि आग तेल, बिजली या अन्य रसायन के कारण लगी हो, तो आग बुझाने के लिए पानी की जगह रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए ।
50-चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम क्यों हो जाता है?
उत्तर :- पृथ्वी प्रत्येक वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इस कार्य के लिए पृथ्वी। कुछ बल लगाना पड़ता है। यही बल वस्तु का भार कहलाता है। जब कोई भी वस्तु चंद्रमा पर होती है, तो उसका भार चंद्रमा के आकर्षण बल पर निर्भर करता है। चंद्रमा का आकर्षण बल पृथ्वी के आकर्षण बल का छठा भाग होता है। यही कारण है कि चंद्रमा पर किसी वस्तु का भार कम अर्थात पृथ्वी पर वस्तु के भार का 1/6 भाग हो जाता है।