हेलो दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम कार्बोहाइड्रेट क्या हैं(what is carbohydrate) और कार्बोहाइड्रेट के प्रकार (Types of carbohydrate), कार्बोहाइड्रेट की संरचना(Structure of carbohydrate) और कार्बोहाइड्रेट का महत्व( Importance of carbohydrate) आदि के बारे में विस्तृत रूप से जानेंगे।
कार्बोहाइड्रेट क्या है - प्रकार, महत्व और संरचना (what is carbohydrate- Types, Importance and Composition)
अक्सर कई परीक्षाओं में कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं जिसमे कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) क्या हैं यह प्रश्न कई बार पूछा जाता हैं इस पोस्ट में कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) से जुड़े सभी सवालों के जवाब आपको नीचे दिए गये हैं।
- कार्बोहाइड्रेट क्या है ( what is carbohydrate)
- कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण (Classification of Carbohydrates)
- कार्बोहाइड्रेट्स की सामान्य रचना (General Structure of Carbohydrates)
- कार्बोहाइड्रेट के जैविकीय महत्व (Biological Significance of Carbohydrates)
कार्बोहाइड्रेट क्या है
कार्बोहाइड्रेट संरचना
carbohydrate kya hai
classification of carbohydrates in hindi
carbohydrates classification in hindi
कार्बोहाइड्रेट के प्रकार
कार्बोहाइड्रेट की संरचना
karbohidrat kya hai
कार्बोहाइड्रेट क्या है (what is carbohydrate)
रासायनिक रूप से कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) को पॉलिहाइड्रिक ऐल्कोहॉल एवं उसके व्युत्पन्नों को कीटोन व्युत्पन्न के रूप में परिभाषित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) क्या हैं-ये वे कार्बनिक यौगिक हैं जो कार्बन, हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन से मिलकर बनते हैं जैसे- ग्लूकोज (C.H,,O.), फ्रक्टोज (C.H,,O.), गन्ने O की शक्कर (C,H.O), स्टार्च (C,H,O,) और सेल्युलोज आदि। इन यौगिकों में हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन में वही अनुपात पाया जाता है जो जल में होता है। अतः इन्हें कार्बन का हाइड्रेट कहते हैं।
इन्हें CH,O, मूलानुपाती सूत्र द्वारा प्रदर्शित करते हैं कुछ कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) ऐसे भी हैं जिनमें हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन इस अनुपात में नहीं पाये जाते (जैसे रैम्नोज तथा रैम्नोहैक्सोज) तथा कुछ यौगिक ऐसे भी है जिनमें हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का अनुपात 2 : 1 तो है है किन्तु उनमें कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) के गुण नहीं पाये जाते हैं। जैसे फॉर्मेल्डिहाइड, ऐसीटिक अम्ल, लैक्टिक अम्ल आदि।
यहाँ हमने जाना की कार्बोहाइड्रेट क्या हैं(What is carbohydrate) अब चलिए जानते हैं की कार्बोहाइड्रेट के प्रकारों के बारे में-
कार्बोहाइड्रेट्स का वर्गीकरण (Classification of Carbohydrates)-
कार्बोहाइड्रेट्स(carbohydrate) को साधारणतः शर्करा (Sugars) एवं अशर्करा (Non-Sugars) में विभाजित किया जाता है जो कि तीन वर्गों में वर्गीकृत किये गये हैं
- मोनोसैकेराइड्स (Monosaccharides)
- ओलीगोसैकेराइड्स (Oligosaccharides)
- पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides)
1. मोनोसैकेराइड्स (Monosaccharides)-(ग्रीक मोनो - एक सैकैटॉन = शुगर) एक कार्बन की श्रृंखला वाली सरलतम शर्करा है जो कि सरल यौगिकों में जल अपघटन (Hydrolysis) के द्वारा विभाजित नहीं हो सकता है। ये कार्बोहाइड्रेटस हैं जिनकी हाइड्रोलाइसिस (Hydroly sis) सरल यूनिट्स (Simple units) में नहीं हो सकती है क्योंकि ये एक ही मोनोसैकेराइड यूनिट या अणुओं से बने होते हैं।
जैसे- ग्लूकोज (Glucose), फ्रक्टोज (Fructose), राइबोज (Ribose), जाइलोज (Xylose), गैलेक्टोज (Ga lactose) आदि।
2. ओलिगोसैकेराइड्स (Oligosaccharides)- ओलिगौसैकेराइड्स दो या दो से अधिक (2 से 10 तक) मोनोसैकेराइड्स (Monosaccharids) के संघनित (Condensed) होने तथा अणु H,0 से मिलकर बनते हैं।
(i) डाइसैकेराइड्स (Disaccharides)- ये चार प्रकार के होते हैं -
उदाहरणार्थ- सुक्रोज (Sucrose), लैक्टोज (Lactose) माल्टोज, (Maltose), सेल्यूलोज। CH1206 +C6H1206 →C2H22011 + H2O
(ii) ट्राइसैकेराइड्स (Trisaccharides)- इनका निर्माण मोनोसैकेराइड्स के 3 अणुओं के संघनन (Condensa tion) से होता है तथा इनका जलीय अपघटन करने पर इनसे मोनोसैकेराइड्स के तीन अणु प्राप्त होता है।
उदाहरणार्थ- रोबिनोज (Robinose) तथा रैफिनोज (Raffinose)।
(iii) टेट्रासैकेराइड (Tetrasaccharides)- इनका निर्माण मोनोसैकेराइड्स के चार अणुओं से मिलकर होता है। उदाहरणार्थ- स्कोरोडोस (Scorodose), स्टेकियोस (Stachyose)।
(iv) पॉलीसैकेराइड्स (Polysaccharides) – कई मोनोसैकेराइड्स (Monosaccharides) यूनिट्स (Units) () - ( ग्लाइकोसाइडिक बंध (Glycosidic bonds) द्वारा जुड़कर पॉलीसैकेराइड्स का निर्माण करते हैं । किन्तु यह निश्चित ज्ञात नहीं है कि एक पॉलीसैकेराइड अणु में कितने मोनोसैकेराइड अणु होते हैं।
अब आप समझ गये होंगे की कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) का वर्गीकरण क्या हैं चलिए अब कार्बोहाइड्रेट की संरचना को ध्यान से समझते हैं -
कार्बोहाइड्रेट्स की सामान्य रचना (General Structure of Carbohydrates)
1. मोनोसैकेराइड्स की संरचना (Structure of Monosaccharides)– कार्बोहाइड्रेट्स प्राकृतिक रूप से दो प्रमुख संरचनाओं के रूप में पाये जाते हैं.
(i) स्ट्रेट चेन (Straight chain)
(ii) वलय (Ring)
एमिल फिशर (Emil Fischer) को 1896 में ग्लूकोज की परमाणु (Molecule) संरचना के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हावर्थ (W.H.H Haworth) ने सन् 1929 में ग्लूकोज परमाणु की संरचना के लिए ऐल्डिहाइड सुगर (Aldehyde sugar) को हेमीएसीटल रूप में माना तथा बताया कि दो प्रकार की हेक्सोज रिंग बन सकती है।
ओलिगोसैकेराइड्स (Oligosaccharides) — मोनोसैकेराइड्स के जुड़ाव के दौरान पानी का एक अणु निकल जाता है और दो इकाइयों के बीच ऑक्सीजन सेतु के रूप में होता है, जिसे ग्लाइकोसाइडिक लिंकेज (Glycosidic linkage) कहते हैं।
डाइसैकेराइड्स (Disaccharides)- प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले ओलिगोसैकेराइड्स हैं। उदाहरण-माल्टोज एवं लैक्टोज माल्टोज (Maltose)- यह स्टार्च को डेक्सट्रिन (Dextrine) और माल्टोज (Maltose) में विभक्त कर देता है।
लैक्टोज (Lactose)- यह प्राकृतिक रूप में स्तन ग्रन्थियों में पाया जाता है। यह मानव दूध में 6% तथा गाय के दूध में 4-5% पाया जाता है। यह भी रिड्यूसिंग शर्करा है तथा a-ग्लूकोज के एक अणु और 8- गैलेक्टोज के अणु के साथ 1,4 ग्लाइकोसाइडिक लिंकेज के द्वारा बना होता है।
ट्राइसैकेराइड्स एवं टेट्रासैकेराइड्स (पॉलीसैकेराइड्स) (Trisaccharides and Tetrasaccharides) (Polysaccharidesh)- अनेक मोनोसैकेराइड इकाइयों से मिलकर पॉलीसैकेराइड्स बने होते हैं। उदाहरण- स्टार्च (Starch), सेल्यूलोज (Cellulose), ग्लाइकोजन (Glycogen), डेक्सट्रान्स, (Dextrans), इन्सुलिन (Insulin) एवं अगर (Agar) हैं।
सेल्यूलोज (Cellulose)- सेल्यूलोज सीधी शृंखला वाला पॉलीसैकेराइड है, जो ग्लूकोज इकाइयों के 8-1, 4-लिंकेज के जुड़ने से बनता है। इसका अणुभार 2,00,000 से लेकर 20,00,000 तक होता है। यह पानी का अणु एक B D-ग्लूकोज के एक परमाणु भार के OH समूह से तथा निकटवर्ती B-D ग्लूकोज अणु के 14 कार्बन वाले OH (समूह) के द्वारा होता है।
उपर हमने जाना की कार्बोहाइड्रेट क्या हैं कार्बोहाइड्रेट के प्रकार और संरचना के बारे में कार्बोहाइड्रेट अंतिम में हम जानेंगे की कार्बोहाइड्रेट का क्या महत्व हैं
कार्बोहाइड्रेट के जैविकीय महत्व (Biological Significance of Carbohydrates)-
- कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) कुछ जन्तुओं तथा सभी पौधों की कोशिकाओं को बनाने में एक महत्वपूर्ण पदार्थ होता है।
- कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) से जन्तुओं को आवश्यक ऊर्जा का अधिकांश भाग प्राप्त होता है। कार्बोहाइड्रेट जीवन के लिए आवश्यक होते हैं।
- कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) अमीनो अम्लों एवं वसीय अम्लों के चयापचय में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
- कुछ कार्बोहाइड्रेट(carbohydrate) के कार्य विशिष्ट होते हैं, जैसे- कोशिकाओं के न्यूक्लिओ प्रोटीन में राइबोज (Ribose) का कार्य तथा दूध का लैक्टोज (Lactose)।
आज के इस आर्टिकल में आपने जाना कार्बोहाईड्रेट(carbohydrate) से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी जैसे-कार्बोहाईड्रेट क्या है(What is carbohydrate), प्रकार तथा महत्व विज्ञान का यह प्रश्न का न केवल परीक्षा की दृष्टि से बल्कि सामान्य जीवन में भी इसकी उपयोगिता है अत: इससे जुडी जानकारी सभी व्यक्ति को होना आवश्यक है
उम्मीद है इस आर्टिकल में दी गई जानकारी आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी ,अगर आपको दी गई जानकारी अच्छी लगी तो इस पोस्ट को जरुर शेयर करें.