वित्तीय विवरण क्या है? प्रकार और सीमाएँ (What is Financial Statement? Types and Limitations)

वित्तीय विवरण क्या है? वित्तीय विवरणों की सीमाएँ

आज हम इस पोस्ट में  वित्तीय विवरण क्या है, और वित्तीय विवरणों की सीमाएँ यह कितने होते है और उन सीमाओं का क्या आशय है। इन सब की जानकारी के बारे में बताया गया है। विभिन्न ऑफिस ,स्कूल, कॉलेज तथा संस्थान में पैसों की लेंन-देंन की जानकारी का कार्य वित्तीय विवरण कहलाता है।

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लेखांकन प्रक्रिया में व्यवसाय से सम्बन्धित विभिन्न व्यवहारों का लेखन, वर्गीकरण और संक्षिप्तीकरण किया जाता है। संक्षिप्तीकरण की प्रक्रिया में उपक्रम की लाभदायक और वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास किया जाता है। वित्तीय विवरण लेखांकन प्रक्रिया में संक्षिप्तीकरण का ही परिणाम है जो व्यवसाय की लाभदायक एवं वित्तीय स्थिति के बारे में विविध सूचनाएं प्रदान करते हैं। 

किसी व्यापार, व्यक्ति या अन्य इकाई के वित्तीय विवरण (financial statement) से आशय उसकी गतिधियों के औपचारिक रिकार्ड से है।

यद्यपि वित्तीय विवरणों को उपयोगकर्ताओं की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए अत्यधिक सावधानी से बनाया जाता है, 

वित्तीय विवरणों की परिभाषाएं(DEFINITIONS OF FINANCIAL STATEMENTS) 

वित्तीय विवरणों की परिभाषाएं प्रमुख विद्वानों के द्वारा निम्न प्रकार दी गई हैं : 

स्मिथ एवं एसबर्न के अनुसार, “वित्तीय लेखांकन के अन्तिम उत्पाद के रूप में वित्तीय विवरण एक व्यावसायिक संस्थान के लेखों द्वारा तैयार किए जाते हैं जिनका उद्देश्य उद्यम की वित्तीय स्थिति तथा उसके हाल ही के कार्यकलापों के परिणाम को प्रकट करना और आय के द्वारा किए गए कार्यों का एक विश्लेषण करना होता है।'' 

एन्थोनी के अनुसार, “वित्तीय विवरण मूलतः वार्षिक रूप से प्रस्तुत अन्तरिम रिपोर्ट तथा एक उद्यम के जीवन के एक खण्ड का कुल मिलाकर थोड़ा बहुत या ऐच्छिक लेखांकन अवधि कुछ हद तक एक वर्ष का प्रतिबिम्बन होता है। 

जॉन एन. मेयर के अनुसार, “वित्तीय विवरण एक उद्यम के खातों के सारांश, तुलन पत्र में परिसम्पत्तियों, दायित्वों तथा निश्चित तिथि पर पूंजी की स्थिति को एक विशिष्ट अवधि के दौरान और संचालन के परिणाम आय विवरण को दर्शाते हैं।"

वित्तीय विवरणों के प्रकार (TYPES OR PACKAGE OF FINANCIAL STATEMENTS) 

वित्तीय विवरणों में निम्न को शामिल किया जाता है : 

1. आय विवरण (Income Statement) अथवा व्यापारिक एवं लाभ-हानि खाता या लाभ-हानि विवरण जो अवधि में उपक्रम के कार्य संचालन के वित्तीय परिणामों अथवा अर्जन को दर्शाता है। 

2. स्थिति विवरण (Position Statement) अथवा आर्थिक चिट्ठा—जो एक लेखांकन अवधि के अन्त में व्यावसायिक उपक्रम की वित्तीय स्थिति को स्पष्ट करता है। 

3. अन्य विवरण - जैसे प्रतिधारित लाभों का विवरण, कोष प्रवाह विवरण, रोकड़ प्रवाह विवरण, समता में परिवर्तन का विवरण इत्यादि। संक्षेप में वित्तीय विवरणों के ढांचे (Anatomy) को निम्न चार्ट द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है

वित्तीय विवरणों की सीमाएँ (Limitations of Financial Statements)

1.वर्तमान स्तिथि में प्रतिबिंबित नहीं करता – वित्तीय विवरणों को ऐतिहासिक लागत के आधार पर तैयार किया जाता है। चूँकि धन की क्रय सकती बदलती रहती है। अत: वित्तीय विवरणों में दर्शायी गई परिसंपत्तिया एवं दवित्यो के मूल्य चालू या वर्तमान बाजार स्तिथि को नहीं दर्शाते है। \

2.परिसंपत्तिया वशुली नहीं जा सकती – लेखांकन को विशेष रूढ़ियो के आधार पर किया जाता है। कुछ परिसंपत्तिया संभवतः कथित मूल्य पर वशुली नहीं जा सकती हैं। तुलन पत्र में दर्शाई गई परिसंपत्तिया केवल असमाप्त या परिशोधन लागत प्रदर्शित करती हैं। 

3.पक्षपाती – वित्तीय विवरण अभिलिखित तथ्यों, संकल्पों तथा प्रयुक्त परम्पराओं का परिणाम होते है और मूल्य निर्णय लेखाकार या लेखापात के द्वारा विभिन्न स्थितियों में किया गया होता है। अतएव परिणाम में पक्षपात या एकाग्रता देखि जा सकती हैं। 

4.समुचित सुचना – वित्तीय विवरण समुचित या कुल सूचना दर्शाते हैं न कि विशिष्ट सूचना। अतएव, वे शायद उपयोग कर्ता को निर्णय लेने में तब तक सन्तुष्ट नही कर सकते जब तक कि उनके अनुकुल दबाव न हो। 

5.अनिवार्य सूचना का अभाव – वित्तीय विवरण या तुलन पत्र बाजार से संबन्धित हनि, समझौते के उल्लंघन के बारे में सूचना या जानकरी नहीं  देते है। 

6.गुणवत्तापुर्ण या गुणात्मक सूचना की कमी – वित्तीय विवरणों में केवल आर्थिक जनकरि समाहित होती है। औद्योगिक संबंधो, औद्योगिक वातावरण, श्रम सम्बन्धों, कार्य एवं श्रम की गुणवत्ता, आदि जैसी गुणात्मक जनकरि नहीं होती हैं।

7.ये केवल अंतरिम रिपोर्ट हैं – वित्तीय विवरण जैसे – लाभ व हानि खाता केवल अंतरिम लाभों को दर्शाते हैं, न कि अंतिम लाभों को। अंतिम लाभ केवल तभी जाने जा सकते हैं जब उद्यम का परिसमापन हो, परिसंपत्तिया बिके और दायित्यो का भुगतान किया गया हो। 

निष्कर्ष - आज हमने वित्तीय विवरणों की सीमाओं के बारे में जाना है। आशा है इस उत्तर को पढ़कर आपके सारे दिक्कत दूर हो गये होंगे।  

उम्मीद करता हूँ कि यह पोस्ट आपके लिये उपयोगी साबित होगा, अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।


वित्तीय विवरणों की सीमाएँ से सम्बंधित FAQs

1. वित्तीय विवरण से आप क्या समझते हो?

ये विवरण-पत्र किसी न किसी रूप में वित्तीय स्थिति प्रकट कहते है। (चाहे वह संपत्तियों तथा दायित्वों के बारे में हो या लाभ तथा हानि के बारे में हो या कोषों, रोकड़ या कार्यशील पूंजी के बारे में हो) अतः इन्हें वित्तीय विवरण पत्र कहा जाता है।

2. वित्तीय विवरण क्या है और इसका महत्व?

प्रबंधकों को नीति-निर्धारण करने में भी ये वित्तीय विवरण काफी सहायता देते है। अतः वित्तीय लेखे प्रबंधकीय नीतियों में सुधार, संचालन में कुशलता तथा लाभप्रद क्रियाओं के निष्पादन में महत्वपूर्ण स्थान रखते है। बैंक तथा ग्राहक का संबंध गोपनीय एवं महत्वपूर्ण संबंध होता है।

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