रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plants in Hindi)
नमस्कार, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम प्रकृति में पाए जाने विभिन्न रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plant in Hindi) के बारे में जानने वाले हैं। भारत वन सम्पदा से समृद्ध देश है। भारत के वनों में बहुत ही उपयोगी पेड़ पौधे पाए जाते हैं। इस लेख में हम ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plant in Hindi) के बारे में जानेंगे। जिससे जुड़े प्रश्न अनेक परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। प्राकृतिक रंग वनस्पति/ पेड़- पौधों से प्राप्त किया जाता है। ऐसे पौधे जिससे रंग प्राप्त किये जाते है ऐसे पौधे को रंग उत्पादक पौधे कहते है। रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plant in Hindi) के बारे में जानने के लिए इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।
Rang Utpadak Paudhe
पौधे के विभिन्न भागों में पाये जाने वाले कुछ प्राकृतिक रंग-
(A) काष्ठ से प्राप्त होने वाले रंग
1.हिमैटाक्सीलीन (Haematoxylin)- हिमैटाक्सीलॉन कम्पेचिएनम नामक लेग्यूमिनस पौधे के अन्तः काष्ठ से प्राप्त किया जाता है और कोशिकाओं के केन्द्रक के अलावा सिल्क, ऊन और कॉटन के रंगने के काम आता है।2.सैण्टेलीन (Santalin)- यह रंग लेग्यूमिनोसी कुल के टेरोकर्पन सैण्टेलिन नामक पौधे के काष्ठ और जड़ से प्राप्त होता है तथा अफ्रीका के लोगों द्वारा त्वचा और कपड़ा रंगने के काम आता है।
3.कत्था (Catechu)-यह लेग्यूमिनोसी कुल के एकैसिया कटेचू नामक पौधे के अन्तः काष्ठ सी प्राप्त किया जाता है, यह कागज रंगने के काम आता है। यह पान के साथ भी खाया जाता है।
(B) पत्तियों से प्राप्त होने वाले रंग
1.नील (Indigo)- यह रंग लेग्यूमिनोसी कुल के इण्डिगोफेरा टिन्क्टोरिया और इण्डिगोफेरा अरेका की पत्तियों से प्राप्त होता है और सूती रेयॉन तथा ऊनी कपड़ों के रंगने के काम आता है। यह इंक, पेण्ट इत्यादि में भी प्रयोग किया जाता है। इस पौधे की खेती किया जाता है।
2.वोड (Woad)- यह रंग इसेटिस टिन्क्टोरिया की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है, और सूती रेयॉन तथा ऊनी कपड़ों के रंगने के काम आता है। यह इंक, पेण्ट इत्यादि में भी प्रयोग किया जाता है।
3.मेंहदी (Henna)- यह लाइथ्रेसी कुल के पौधे लाउसोनिया एल्बा की पत्तियों से प्राप्त लिया जाता है। यह बच्चों तथा औरतों द्वारा हाथ, पैर और अंगुलियों के रंगने के काम आता है।
(C)जड़ या कन्द से प्राप्त होने वाले पौधे1.गुलाब मदार (Rose madder)- रुबिया टिन्क्टोरियम और रुबिया कार्डिफोलिआ की जड़ों से एक प्रकार का लाल रंग प्राप्त होता है जो कपड़ा रंगने काम आता है।
2. इंडिया मलबेरी( Indian mulberry)- रुबिएसी कुल के मोरिण्डा साइट्रीफोलिया के जड़ों की छाल से एक प्रकार का पीला रंग होता है, जो कपड़ा तथा कागज रंगने के काम आता है इसे ग्रेट मोरिण्डा, नोनी, बीच मलबेरी चीस फल के नाम से जाना जाता है।
3.हल्दी (Curcumin)- यह जिन्जीबरेसी कुल की कुरकुमा लोन्गा पौधे के कन्द से प्राप्त किया जाता है तथा खाने के सामानों तथा सभी कपड़ा रंगने के काम आता है।
पढ़ें- वन पारिस्थितिक तंत्र।
(D)कुछ अन्य महत्वपूर्ण से प्राप्त होने वाले रंग1. कुसुम (Carthamus tinctorius)- कुसुम के पुष्प से लाल रंग प्राप्त किया जाता है और केक आदि रंगने के काम आता है।
2.केसर (Crocus sativus)- केशर के पुष्प से रंग प्राप्त किया जाता है, जो कपड़ा, बिस्कुट, चावल तथा सब्जियों को रंगीन तथा स्वादिष्ट बनाने के काम आता है।
3.टर्मिनेलिया चेबुला- इस पौधे के फल से पीला तथा काला रंग प्राप्त किया जाता है।
4.बिक्सा ऑरेलाना- इस पौधे के बीज से चमकीला पीला रंग प्राप्त होता है, जो मक्खन, घी आदि को रंगने के काम आता है।
5.लाइकेन (Laiken)- प्रेमेलिया एम्फोलोडस से कपड़ा रंगने तथा लाइकेन रोसेला से लिटमस रंगने का रंग प्राप्त किया जाता है।
इस लेख में हमने कुछ महत्वपूर्ण रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plant in Hindi) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्वपूर्ण रंग उत्पादक पौधे (Color Producing Plant in Hindi) से जुड़े सवाल पूछे जाते रहे हैं।
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