वाष्पोत्सर्जन क्या है ?- प्रकार, लाभ, हानि Transpiration Most Important Question Answer in Hindi
यह पोस्ट वाष्पोत्सर्जन के बारे में हैं जिसमे आपको वाष्पोत्सर्जन क्या है ? वाष्पोत्सर्जन के प्रकार के साथ वाष्पोत्सर्जन के लाभ और हानि से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवाल और उनके जवाब दिए गए हैं यह वाष्पोत्सर्जन एक बॉटनी अर्थात वनस्पति विज्ञान विषय का एक टॉपिक है जिसके प्रश्न कई परीक्षाओ में पूछे जाते हैं.
1.वाष्पोत्सर्जन क्या हैं? (What is Transpiration in Hindi): -
पौधों द्वारा अवशोषित जल का मात्र 5 से 10 प्रतिशत ही उनके द्वारा अपनी विभिन्न उपापचयिक क्रियाओं में उपयोग किया जाता है तथा शेष 90-95% जल पौधे के वायवीय भाग द्वारा जलवाष्प के रूप में निकाल दिया जाता है। पौधे के वायवीय भागों से उनके ऊतक में स्थित जल का जलवाष्प के रूप में वातावरण में निष्कासन की क्रिया वाष्योत्सर्जन (Transpiration) कहलाती है। एक जल को जलवाष्प में परिणत होने में 540 कैलोरी ताप ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
2.रन्ध्रीय वाष्पोत्सर्जन क्या हैं? (What is Stomatal Transpiration in hindi):-
वाष्पोत्सर्जन की प्रक्रिया यदि रन्ध्रों द्वारा सम्पादित होती है तो उसे रन्ध्रीय वाष्पोत्सर्जन कहते हैं। यह सम्पूर्ण वाष्पोत्सर्जन के 80-90% भाग का प्रतिनिधित्व करता है।
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3.उपत्वचीय वाष्पोत्सर्जन क्या हैं? (What is Cuticular Transpiration):-
क्यूटिकल अर्थात् बाह्यत्वचा पर स्थित क्यूटिन की परत द्वारा यदि वाष्पोत्सर्जन की क्रिया होती है तो उसे उपत्वचीय वाष्पोत्सर्जन (Cuticular transpiration) कहते हैं। यह कुल वाष्पोत्सर्जन का 9-30% भाग का प्रतिनिधित्व करता है।
4.वातरन्ध्रीय वाष्पोत्सर्जन क्या हैं?( What is Lenticular Transpiration):-
वातरन्ध्र की सहायता से होने वाला वाष्पोत्सर्जन वातरन्ध्रीय वाष्पोत्सर्जन कहलाता है। वातरन्ध्र पेरिडर्म के निर्माण के समय तना में बनता है तथा यह कुल फलों को मितियों पर भी पाया जाता है। यह कुल वाष्पोत्सर्जन का 0.1% का+तनिधित्व करता है।
5.छालवाष्पोत्सर्जन क्या हैं? (What is Dark Transpiration):-
इस प्रकार का वाष्पोत्सर्जन छाल के पास होता है। यह कम दर से सम्पादित होता है, लेकिन हाल के विशाल मोर के कारण इसकी दर का गान कुल वाणोत्सर्जन का 0.5% होता है।
वाष्पोत्सर्जन की इस जानकारी में वाष्पोत्सर्जन से जुडी सवालों के बाद चलोये अब जानते हैं वाष्पोत्सर्जन के लाभ और वाष्पोत्सर्जन के हानियों को -
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वाष्पोत्सर्जन के लाभ (Advantage of Transpiration):-
- वाष्पोत्सर्जन से पत्तियों में चूषण दाब बढ़ जाता है। जिससे मूल के मूलरोमों द्वारा जल का अवशोषण एवं मूल से शिखाग्र (Shoot apex) तक जल का रसारोहण तेजी से होता है।
- इस प्रक्रिया के फलस्वरूप पौधे के शरीर में तापक्रम सन्तुलित रहती है, क्योंकि ताप का उपयोग जल को वाष्प में बदलने के लिए उपयोग कर लिया जाता है अर्थात् इसके कारण पौधे गर्म होने से बच जाते हैं।
- वाष्पोत्सर्जन खनिज लवणों के अवशोषण तथा परिवहन में भी मदद करता है।
- इससे पौधे की कोशिकाओं में रासायनिक पदार्थों की सान्द्रता बढ़ जाती है जिससे फलों के मीठे अथवा खट्टे होने की विशिष्टता उत्पन्न होती हैं।
- वाष्पोत्सर्जन मिट्टी से जल को सोखने में मदद करता है।
- जल को जड़ों से पत्तियों तक ले जाने का काम जाइलम वाहिकाओं के द्वारा किया जाता है।
वाष्पोत्सर्जन की हानियाँ (Disadvantages of Transpiration):-
- वाष्पोत्सर्जन की अधिक दर से होते रहने के कारण पत्ती में जल की कमी हो जाती है। इस स्थिति के कारण पत्तियाँ शुष्कण प्रदर्शित करने लगती हैं। इसी स्थिति के चलते रहने से पौधों को अत्यधिक क्षति पहुँचती या उनकी मृत्यु भी हो जाती है।
- मरुद्भिद पौधों में वाष्पोत्सर्जन की दर को कम करने के लिए अनेक संरचनात्मक रूपान्तरण करने पड़ते हैं जिसमें उनकी महत्वपूर्ण ऊर्जा का हास होता रहता है।
- अधिक वाष्पोत्सर्जन की दर वृद्धि को निरोधित करती है।
- लगभग 90-95% अवशोषित जल वाष्पोत्सर्जन के कारण वातावरण में विमुक्त कर दिया जाता है। अतः इतनी बड़ी मात्रा को अवशोषण में खर्च की गयी जैविकीय ऊर्जा यूँ ही व्यर्थ हो जाती है। उपर्युक्त लाभ-हानि के कारणों का आंकलन करते हुए कर्टिस (Curtis, 1926) ने वाष्पोत्सर्जन एक आवश्यक बुराई है (Transpiration is a necessary evil) की संज्ञा दी है।
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