Showing posts with label पारिभाषिक शब्दावली. Show all posts
Showing posts with label पारिभाषिक शब्दावली. Show all posts

जैव विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली (Evolution - Biology Terminology in Hindi)

विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली (Evolution - Biology Terminology)

हेलो दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम जैव विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली (Evolution - Biology Terminology in hindi) के बारे में जानेंगे। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। जीवों में विकास कैसे होता है, उसके क्या आधार हैं, विकास के लिए किन तत्वों की आवश्यकता होती है इन सब के बारे में जैव विकास में पढ़ा जाता  है । जैव विकास को पढ़ने से पहले हमें जैव विकासस से जुड़े पारिभाषिक शब्दावली के बारे में  जान लेना चाहिए जिससे हमें जैव विकास पढ़ने में आसानी हो। इस लेख में हम  जैव विकास -पारिभाषिक शब्दावली के बारे में बताया गया है।

Evolution - Biology Terminology in hindi


Vikas Paribhashik Shabdavali

1. अजीवात जनन (Abiogenesis )-सिध्दांत, जिसके अनुसार जीवों की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से होती है।

2. अनुकूलन (Adaptation)- जीव के शारीरिक (आकारिकीय व आन्तरिक शारीरिकीय), कार्यात्मक व व्यवहारात्मक लक्षण/परिवर्तन जो उसे किसी पर्यावरण विशेष में सफलता से जीवनयापन हेतु उपयुक्त बनाते हैं।

3.अनुकूली विकिरण (Adaptive radiation)-एक सामान पूर्वजों से विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का विकास जो अपने अपने पर्यावासों हेतु अनुकूलित होती है।

4.एलोपेट्रिक स्पेसिएशन (Allopatric speciation)- भौगोलिक रूप से पृथक्कित समष्टियों से नई प्रजातियों की उत्पत्ति ।

5. तुल्यरूप अंग (Analogous organs) - कार्यों की समानता लेकिन संरचना व उद्भव की असमानता, अभिसारी विकास (convergent evolution) की परिचायक।

इसे पढ़ेवंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली

6.बिग बैंग ( Big Bang)- एबी लैमेत्रे (Abbe Lemaitree) द्वारा 1931 में प्रस्तावित अधिकांश वैज्ञानिकों को मान्य परिकल्पना जिसके अनुसार एक अत्यंत सघन ब्रह्माणडीय पदार्थ में हुए महाविस्फोट से ही पूरे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई। है, जिसमें निहारिकाएँ(Galaxies) एक दूसरे से दूर जा रही है।

7. जैव-भूगोल (Bio-geography) - विज्ञान की वह शाखा जिसमें पृथ्वी पर फ्लोरा व फॉना (fauna) के वितरण का अध्ययन किया जाता है।

8. द्विपद चलन (Bipedalism) - दो पैरों पर सीधा खड़ाहोकर चलना।

9. बॉटलनेक प्रभाव (Bottleneck effect)- अपवाह (genetic drift) का कारण, तब उत्पन्न होता है आनुवंशिक जब अधिकांश जीनोटाइप प्राकृतिक आपदा या मानवीय दखल के कारण नई पीढ़ी के निर्माण से वंचित रह जाते हैं।

10. शाखायी अवरोहण (Branching Descent)- विकास अर्थात् पूर्वजों से आकारिक व आनुवंशिक रूप से जीव भिन्न संततियों का विकास या अवतरण का रूप शाखायी। (Branching) है, सीढ़ी समान नहीं।

11.रासायनिक विकास (Chemical Evolution ) - आद्य पृथ्वी पर सरल अकार्बनिक तत्वों से दीर्घ अणुओं व प्रथम जीवन विकास।

12. अभिसारी विकास (Convergent Evolution)-एकसमान पर्यावरणीय परिस्थितियों हेतु या समान कार्य करने हेतु विभिन्न पूर्वज परम्पराओं (ancestry) वाले जीवों में विकसित हुई समानताएँ, तुल्यरूपी अंग अभिसारी विकास के परिचायक हैं।

13. महाद्वीपीय अपवाह (Continentral Drift)-महाद्वीपोंका प्लेट टेक्टोनिक्स या अन्य कारकों से एक-दूसरे से दूर होना।

14. सीलाकैन्थ (Coelacanth)- एक जीवित जीवाश्म मछली जिसे विलुप्त मान लिया गया था, लोबफिन के नाम से जानी जाने वाली इन मछलियों से ही आज के उभयचरों का विकास हुआ है।

15. सह-विकास (Co-Evolution)- संयुक्त विकास जिसमें एक प्रजाति दूसरे पर चयनात्मक बल (Selective pressure) आरोपित करती है।

16. साझा पूर्वज (Common Ancestor)-कम से कम दो वंश परम्पराओं (line of disecent) के समान पूर्वज।

17. विदारक चयन (Disruptive Selection)- प्राकृतिक चयन का वह परिणाम जिसमें औसत जीनोटाइप की अपेक्षा दो अतिकारी फीनोटाइप ( estreme phenotype) का चयन होता है, जिससे एक प्रजाति के दो भिन्न रूप प्रकट होते हैं।-होता है, जिससे एक प्रजाति के दो भिन्न रूप प्रकट होते।

18. दिशात्मक चयन (Directional Selection) - प्राकृतिक चयन का वह परिणाम जिसमें एक अतिकारी फीनोटाइप चयन होता है जिससे एक नये रूप का चयन हो जाता है जैसे औद्योगिक मीलनता में।

19. अपसारी विकास (Divergent Evolution)-एक प्रकार की संरचना का विभिन्न प्रकार के जीवों में विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न रूपों में विकसित होना यह समरूपता (Homology) अपसारी विकास (Divergen evolution) है।

20. डायनासोर (Dinosaurs) - मीजोजोइक विशेषतः जुरैसिक पीरियड में पृथ्वी पर राज करने वाले भीमकाय सरीसृप जो लगभग 65 मिलियन वर्ष पूर्व अचानक विलुप्त हो गये।

21. विकास (Evolution)- समय के साथ विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलन हेतु आनुवंशिक व बाह्य लक्षणों में हुए बदलाव के कारण समान पूर्वजों से भिन्न जीवों का अवतरण।

22. विलुप्त (Extinct)- किसी प्रजाति या समूह का पूर्णरूप से समाप्त / लुप्त हो जाना।

23. उपयुक्तता (Fitness)- किसी जीव की प्रजनन कर अपने जीन/एलील को अगली पीढ़ी तक पहुँचने की क्षमता, जिसे अन्य जीवों की इसी प्रकार के पर्यावरण में प्रजनन करने की क्षमता की तुलना में आँका जाता है।

24. जीवाश्म (Fossil)- पृथ्वी की भू-पर्पटी (Earth crust) में संरक्षित किसी जीव के अवशेष/ चिन्ह।

25. जीवाश्मी अभिलेख (Fossil Record) - प्राचीन समय / भूतकाल के अवशेषों के अभिलेख को जीवन का इतिहास बताते हैं।

26. संस्थापक प्रभाव (Founder effect)- किसी समष्टि के केवल केंचुए जीवों, जो जनक समष्टि से भिन्न जीन आवृतियाँ प्रदर्शित करते हैं, के संयोग के कारण नई पीढ़ी के उत्पादन की आनुवंशिक अपवाह (genetic drift) की प्रक्रिया (जनक समष्टि प्रायः किसी आपदा या अन्य कारण से अगली पीढ़ी के निर्माण से वंचित रहती है)।

27. जीन प्रवाह (Gene flow) - अन्तः प्रजनन द्वारा दो समष्टियों के बीच-जीन की साझेदारी।

इसे पढ़े - वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली

28. जीन पूल (Gene pool)-किसी समष्टि के सभी जीवों की सभी एलिल व जीन।

29. अनुवंशिक अपवाह (Genetic Drift)- किसी समष्टि की एलील आवृत्तियों में यादृच्छिक बदलाव के कारण होने वाली विकास की क्रिया, जो प्रायः छोटी समष्टि में होती है, जब केवल कुछ जीव प्रजनन कर पाते हैं।

30. भू-वैज्ञानिक समय सारणी (Geological time scale)- चट्टानों व उनमें दबे जीवाश्मों से संबंधों के आधार पर तैयार पृथ्वी का इतिहास जिसमें पुरानी समयावधियों को दर्शाया गया है।

31. होमीनिड (Hominid)- कुल होमीनिड के सदस्य जिसमें आस्ट्रेलोपिथकिन्स व होमो वंश शामिल है।

32. होमीनॉइड (Hominoid)- कपि, मनुष्य व उनके निकट पूर्वजों का समूह।

33. समजातता (Homology)- विभिन्न जीवों के अंगों/ संरचनाओं की समानता जो उसके समान पूर्वजों से विकसित होने के कारण होती है तथा आण्विक स्तर पर भी हो सकती है।

34.समजात अंग (Homologous Organ)- विभिन्न जीवों के अंग जो विभिन्न कार्य करने के कारण अलग-अलग प्रकार से अनुकूलित होते हैं मगर संरचना में समान होते हैं।

35. मैक्रोइवोल्यूशन (Macro-Evolution)-बड़े विकासीय बदलाव जैसे नई प्रजाति की उत्पत्ति।

36. माइक्रोइवोल्यूशन (Micro-Evolution)-समष्टि की जीन आवृत्तियों में समय के साथ होने वाला बदलाव।

37. जीवाश्म विज्ञान (Palaeontology) - जीवाश्मों के अध्ययन से सम्बन्धित जीव विज्ञान की शाखा।

38. समानान्तर विकास (Parallel Evolution)- समान जीव समूहों में रचनाओं की समानताएँ जिनमें पूर्वज समान नहीं होते।

39. समष्टि (Population)- किसी भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाने वाला एक समान (एक ही प्रजाति) के जीवों के समूह (किसी विशिष्ट समय।

इसे पढ़े - जैव समष्टि - पारिभाषिक शब्दावली

40. समष्टि आनुवंशिकी (Population Genetics)-समष्टि में जीन आवृत्तियों व उसके बदलावों का अध्ययन

41. प्राइमेट (Primate)- स्तनधारियों के गण प्राइमेटा से सदस्य जैसे- लीमर, बन्दर, कपि व मनुष्य।

42. प्रजाति (Species)-एक समान जीवों का समूह (इन सभी समष्टियाँ) जो आपस में अन्तःप्रजनन कर प्रजननक्षम जीव बनाते हैं। वर्गीकरण की सबसे छोटी इकाई।

43. स्थायीकारी चयन (Stabilizing selection)-प्रकृतिक चयन का प्रकार जिसमें औसत फोनोटाइप का चयन होता है तथा अतिकारी फोनोटाइप (Extreme phenotype) समाप्त होते जाते हैं।

इस लेख में हमने जैव विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली (Evolution - Biology Terminology in Hindi) के बारे में जाना। अगर आप जैव विकास का अध्ययन करने वाले हैं या आपके पाठ्यक्रम में जैव विकास दिया गया है तो आपको जैव विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली (Evolution - Biology Terminology in Hindi) का यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए।

आशा है आपको यह लेख पसन्द आया होगा अगर लेख उपयोगी लगे तो, लेख को शेयर अवश्य करें।

वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology)

 वित्तीय बाजार- पारिभाषिक शब्दावली Financial Management - Terminology

आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस आर्टिकल में वित्तीय बाजार से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। किसी विशेष विषय से सम्बन्धित उस विषय में उपयोग किये जाने वाले चुने हुए शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। अनेक परीक्षाओं में वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते रहते हैं। वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology) के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें।

Financial Management - Terminology



Vittiya Bazar Paribhashik Shabdavali

1.वित्तीय बाजार (Financial Management)- वित्तीय बाजार एक ऐसी संस्था है जहाँ विभिन्न वित्तीय सम्पतियों जैसे जमा- ऋण, स्कन्ध, बाण्ड, प्रतिभूतियाँ, चेक, बिल, अंश, ऋणपत्र आदि का सरलतापूर्वक किन्तु नियमानुसार क्रय- विक्रय किया जाता है।

2.पूँजी बाजार (Capital Market)- पूँजी बाजार वह स्थान होता है जहाँ व्यवसाय व उद्योग के लिये दीर्धकालीन ऋणों की व्यवस्था होती है।

3.संगठित पूँजी बाजार (Formal Capital Market)- इस बाजार के अन्तर्गत वित्त संबंधी कार्य पंजीबद्ध विभिन्न वित्तीय संस्थाये करती है जो विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों से निजी बचतों को एकत्र कर दीर्धकालीन पूँजी व्यवस्था आती है। उदाहरण- जीवन बीमा निगम(LIC), भारतीय यूनिट ट्रस्ट(UTI) आदि।

4. असंगठित पूँजी बाजार (Internal Capital Market)- इसे अनौपचारिक बाजार भी कहते है इसमें काले धन का बहुत बड़ा भाग का वित्त व्यवस्था की जाती है। इनमें देशी बैंकर्स, साहूकार महाजन प्रमुख होते है।

5.प्राथमिक पूँजी बाजार (Primary Capital Market)- ऐसी पूँजी जिसे प्रथम बार सीधे किसी भी माध्यम से प्राप्त किया जाता है उसे प्राथमिक पूँजी बाजार कहते है।

6. द्वितीयक पूँजी बाजार ( Secondary Capital Market)- इस बाजार के अन्तर्गत विभिन्न स्त्रोतों से पूँजी प्राप्त की जाती है उसका पुनः विनियोग करने की क्रिया द्वितीयक पूँजी बाजार कहते है।

7.मुद्रा बाजार(Money Market)- वित्तीय बाजार में जब अल्पकालीन या अल्प मुद्रा प्राप्त करने या वित्त का लेन- देन का सरलतम स्थान मुद्रा बाजार कहते है।

इसे पढ़ेविपणन - पारिभाषिक शब्दावली 

8. बन्धक(Mortgages)- इसमें किस घर,व्यवसाय, फर्म या किसी अचल सम्पत्ति को जमानत में रखकर ऋण लिया जाता है इसे बन्धक कहते है।

9.स्कन्ध विपणि(Stock Exchange)- प्रो.गस्टर्नबर्ग के अनुसार- स्कन्ध विपणि व्यवस्थित बाजार है, जहाँ क्रेता एवं विक्रेता अपने दलालों के माध्यम से मिलते है और पंजीकृत प्रतिभूतियों में व्यवहार करते है।

10.काउन्टर रसीद(Counter Receipt)- जब किसी निवेशक को OTCEI के माध्यम में अंश आबंटित किए जाते है तो उसे एक रसीद दी जाती है जिसे काउन्टर रसीद कहते है।

11.राजकोषीय बिलों(Fiscal Bills)-राजकोषीय बिल केंद्र सरकार की ओर से रिजर्व बैंक द्वारा जरी किया जाता है। ये बिल सरकार द्वारा अल्प अवधि के लिए उधार प्राप्त करने योग्य बनाया जाता है क्योंकि ये बिल बैंको और साधारण जनता को बेचे जाते है।

12.गौण बाजार(Secondary Market)- ऐसे बाजार जिसमे पूर्व निर्गमित प्रतिभूतियों में व्यवहार किया जाता है।

13.रेपो दर(Reop Rate)- भारतीय रिजर्व बैंक जिस दर पर बैंको से सरकारी प्रतिभूतियों को पुनः क्रय करता है उसे रेपो दर कहा जाता है।

14.रिजर्व रेपो दर(Reserve Repo Rate)- रिजर्व रेपो दर अल्पकालीन उधार लेने की दर है जिस पर देश के केन्द्रीय बैंक देश के भीतर वणिज्यिक बैंको से पैसा लेती है।

जानें- वित्तीय प्रबंध- पारिभाषिक शब्दावली।

15.वणिज्यिक बिल(Commercial Bills)- यह एक विनिमय साध्य प्रपत्र है जिसे आसानी से हस्तांतरित किया जाता सकता है। इसका उधार बिक्री के लिये वित्त व्यवस्था हेतु किया जाता है।

16.खजाना बिल(Treasury bill)- खजाना बिल वह बिल है जो रिजर्व बैंक द्वारा भारत सरकार की ओर से अल्प अवधि की देयता के रूप में निर्गमित किया जाता है।

17.अधिकार निर्गमन(Rights Issue)- यह विद्यमान शेयरधारकों को नए अंशो का निर्गमन है इसे अधिकार निर्गमन कहते है।

इस आर्टिकल में हमने वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली (Financial Management - Terminology) का यह आर्टिकल आपके लिये लाभकारी साबित होगा। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इस आर्टिकल को शेयर अवश्य करें। 

व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary)

व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली | Business Related Word Terminology

answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) के बारे में जानेंगे। किसी विषय विशेष से सम्बंधित विशिष्ट शब्दों का परिभाषा सहित संग्रह पारिभाषिक शब्दावली कहलाता है। इस आर्टिकल में व्यवसाय सम्बंधित शब्द का संक्षिप्त पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) से जुड़े सवाल प्राय: पूछे जाते रहते हैं। व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें।

(Business Terms - Glossary)

Vyavsay Sambandhit Shabd Paribhashik Shabdavali 

1.प्रबंध (Management)- प्रबंध सर्वश्रेष्ठ तरीके से कराने की एक कला एवं प्रकिया है। 

2.प्रबंध का महत्व (Importance of Mamgement)- एक सरकार बिना अच्छे प्रबंध के रेत पर बने हुए मकान के समान है। 

3.प्रबंध के सिद्धान्त (Principle of Management)- प्रबंध की सफलता या असफलता इस बात पर निर्भर है कि,  प्रबंध के सिद्धान्तो का अनुसरण कैसे और कहाँ तक किया गया है।

इसे पढ़े -  प्रबन्ध - पारिभाषिक शब्दावली

4.व्यावसायिक वातावरण (Business Enviroment)- ऐसी समस्त सामाजिक क्रियाएं जिनका सम्बन्ध आर्थिक एवं अनार्थिक होता है, व्यावसायिक वातावरण के अंतर्गत आती है। 

5.नियोजन (Planning)- "करने के पहले सोचो एवं कूदने से पहले देखो।"

इसे पढ़े - निर्देशन - पारिभाषिक शब्दावली

6.संगठन (Organizing)- संगठन व्यक्तियों का एक समूह है, जो निश्चित उदेश्यों की पूर्ति के लिये संगठित किया जाता है। 

7.कर्मचारी संगठन (Staff Organization)- लाइन व्यक्ति का अधिकार प्रदर्शित करता है, स्टाफ विचारो का अधिकार।

8.नियुक्तिकरण(Staffing)- मानव शक्ति के बिना प्रबंध की कल्पना करना बेकार है।

9.प्रशिक्षण(Training)-प्रशिक्षण अधिक और उच्च ज्ञान प्राप्त करने की कार्यशाला है। 

10.अभिप्रेरणा(Motivation)- कार्य के प्रति लगाव या रूचि उत्पन्न करने की शक्ति ही अभिप्रेरणा है। 

11.नेतृत्व(Leadership)- नेतृत्व एक व्यावहारिक गुण है जिसके द्वारा वह अन्य लोगों को एक समूह में रखकर उचित मार्गदर्शन करता है। 

12.सम्प्रेषण(Comunication)- दो व्यक्तियों या पक्षकरों के मध्य व्यवहारों,विचारो तथा तथ्यों के आदान-प्रदान को सम्प्रेषण कहा जाता है। 

13.नियंत्रण(Control)- नियंत्रण का प्रबंध में वहीं स्थान होता है जो स्थान शरीर में मस्तिष्क का होता है। जिस प्रकार मस्तिष्क शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है उसी प्रकार नियंत्रण प्रबंध की गतिविधियों को नियंत्रित करता है। 

14.वित्तीय प्रबंध(Financial Management)- सुदृढ़ वित्तीय प्रबंध निगमों की सफलता की कुंजी है।

इसे पढ़े - वित्तीय प्रबन्ध - पारिभाषिक शब्दावली

15.वित्तीय नियोजन(Financial Planning)- वित्त सीमित होता है,इसके अधिकतम उपयोग के लिये वित्तीय अनिवार्य है। 

16.स्थायी पूँजी(Fixed Capital)- स्थायी पूँजी व्यापार का वह भाग है जिसके द्वारा व्यापार स्थापित किया जाता है। 

17.कार्यशील पूँजी(Working Capital)-  कार्यशील पूँजी व्यवसाय का वह अंग है जिसके द्वारा व्यापार आगे बढ़ता है,सजता है एवं सँवरता है। 

18.मुद्रा बाजार(Money Market)- अल्पकालीन एवं अल्प मुद्रा प्राप्त करने का सरलतम स्थल मुद्रा बाजार होता है।

 इसे पढ़े - वित्तीय बाजार - पारिभाषिक शब्दावली

19.पूँजी बाजार(Capital Market)- दीर्धकालीन ऋणों व वित्त का लेन-देन या व्यवस्था होती है तब इसे पूँजी बाजार कहते है। 

20.स्कन्ध विपणि(Stock Exchange)- स्कन्ध विपणि एक दर्पण के समान है,जिसमे किसी राष्ट्र की सामाजिक,आर्थिक एवं राजनैतिक स्थिति प्रतिबिम्बित होती है। 

21.विपणन प्रबंध(Marketing Management)- विपणन एक आधारभूत व्यापारिक दर्शन है।

 इसे पढ़े - विपणन - पारिभाषिक शब्दावली 

22.पहचान चिन्ह(Branding)- ब्राण्ड किसी वस्तु को पहचाने का विशिष्ट ढंग है। 

23.पर्ची(Labelling)- पर्ची वस्तु की पहचान को बढ़ता है। 

24.संवेष्ठन(Packaging)- पैकिंग किसी उत्पाद का सुरक्षा कवच है। 

25.कीमत निधारण (Pricing)- कीमत वह प्रतिफल है जो एक क्रेता द्वारा विक्रेता को मुद्रा के माप में दिया जाता है। 

26.विज्ञापन(Advertisment)- विज्ञापन आधुनिक व्यवसाय में विटामिन का कार्य करता है। 


इस आर्टिकल में हमने व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) के बारे में जाना। विभिन्न परीक्षाओं में व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि व्यवसाय सम्बंधित शब्द - पारिभाषिक शब्दावली (Business Terms - Glossary) का यह पोस्ट आपके लिए  उपयोगी साबित होगा । अगर आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें। 

वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली (Principal of Inheritance - Biology Terminology)

वंशागति के सिध्दांत - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली |Principal of Inheritance - Biology Terminology

आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस पोस्ट में  वंशागति के सिद्धान्त से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। किसी भी विषय या टॉपिक का पारिभाषिक शब्दावली ,उस विषय या टॉपिक की जानकारी को सरल करने में मदद करता है क्योंकि भिन्न- भिन्न विषयों में एक ही शब्द का अलग अलग अर्थ होता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS, RRB, NTPC, RAILWAY, SSC, CDS इत्यादि में वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली (Principal of Inheritance  - Biology Terminology) से सम्बंधित सवाल पूछे जाते हैं।

Principal of Inheritance  - Biology Terminology

Vanshagati ke siddhant Paribhashik Shabdavali

1. पश्चावस्था (Anaphase)-कोशिका विभाजन की मध्यावस्था के बाद की अवस्था जिसमें क्रोमोसोम (अर्धसूत्री विभाजन में) अथवा क्रोमेटिड (सूत्री विभाजन में) विपरीत ध्रुवों की ओर गति करते हैं।

2. असुगुणिता (Aneuploidy)- वह स्थिति में जिसमें जीव में कुल गुणसूत्र संख्या से 1 या अधिक गुणसूत्र ज्यादा या कम होते हैं, जैसे 2n + 1 या 2n 1 आदि।

3.एलील (Allele) – एक ही जीन के विभिन्न रूप या प्रति जैसे TT या IA, IB, i (रक्त समूह को नियन्त्रित करने वाले जीन के रूप)।

4.क्रोमोसोमल उत्परिवर्तन (Chromosomal Mutation) - क्रोमोसोम की संरचना या संख्या में हुए वंशागत परिवर्तन।

5.सह प्रभाविता (Codominance) - वंशागति का वह तरीका जिसमें एक जीन के दोनों एलील अपना-अपना बरावर प्रभाव दिखाते हैं।

6. उत्परिवर्तन (Deletion) - जिसमें किसी क्षारक युग्म, जीन अथवा क्रोमोसोम भाग की कमी हो जाती है जैसे क्राइडू चैट सिन्ड्रोम में।

इसे पढ़े वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली

इसे पढ़े - विकास - पारिभाषिक शब्दावली

7. द्विसंकर संकरण (Dihybrid Cross )-संकरण जो दो लक्षणों में असमान हों।

8. प्रभावी एलील (Dominant allele)- वह एलिल विषमयुग्मजी अवस्था में भी अपना पूर्ण प्रभाव प्रदर्शित करता है तथा अप्रभावी एलील के प्रभाव को प्रकट नहीं होने देता।

9. डुप्लीकेशन (Duplication ) – क्रोमोसोम की संरचना में ऐसा बदलाव जिसमें इसका कोई भाग उसी क्रोमोसोम में एक से अधिक बार उपस्थित होता है।।

10. फ्रेमशिफ्ट म्यूटेशन (Frame shift Mutation) – जीन में कम से कम एक क्षारक की कमी या अधिकता हो जाना जिसमें mRNA का पूरा रीडिंग फ्रेम बदल जाता है।।

11. जीन (Gene) - वंशागति की इकाई जो क्रोमोसोम पर एलील के रूप में पाई जाती है।।

12. जीन लोकस (Gene locus) – समजात क्रोमोसोम पर किसी जीन का स्थान।

13. आनुवंशिक पुनर्संयोजन (Genetic Recombination) - वह प्रक्रिया जिसमें किसी DNA खण्ड या क्रोमोसोम में नई आनुवंशिक सूचना निवेशित हो जाती है।

इसे पढ़े - जैव प्रौद्योगिकी - पारिभाषिक शब्दावली

14. जीनोटाइप (Genotype) - किसी लक्षण विशेष के लिए जीव का जीन जिन्हें प्रायः प्रतीकों द्वारा प्रदर्शित किया जाता।

15. विषमयुग्मजी (Heterozygous) - किसी विशेषक की असमान एलील धारण करने वाला।

16. समजात क्रोमोसोम (Homologous Chromosome)- क्रोमोसोम जोड़े के क्रोमोसोम जो दूसरे क्रोमोसोम के समान होते हैं तथा अर्धसूत्री विभाजन की प्रोफेज अवस्था में युग्मन सिनैप्स बनते समय साथ-साथ आ जाते हैं।

17. समयुग्मकी (Homozygous) – किसी लक्षण/विभेदक के दो समान एलील धारण करने वाला।

18. संकरण (Hybridization)-विभिन्न किस्मो \प्रजातियों के बीच का संकरण।

19. अपूर्ण प्रभाविता ( Incomplete Dominance) - वंशागति का वह प्रकार जिसमें संतति दोनों जनकों के बीच का फीनोटाइप प्रदर्शित करता है।

20. स्वतंत्र अपव्यूहन ( Independent Assortment)- अर्धसूत्री विभाजन के समय असहलग्न (Unlinked) जीनो के एलील का एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से पृथक होना जिससे युग्मकों में एलील के सभी संभावित संयोजन होते हैं।

21. इनवर्सन ( Inversion)- क्रोमोसोम की संरचना में बदलाव जिसमें क्रोमोसोम का एक खण्ड 180° पर घूम जाता है, फलस्वरूप जीनों का क्रम बदल जाने में असामान्यता उत्पन्न हो जाती है।

22. कैरियोटाइप (Karyotype)-आकार प्रकार के आधार पर माइटोटिक विभाजन की मेटाफेज अवस्था के क्रोमोसोम का व्यवस्थित रूप।

23. मध्यावस्था (Metaphase)- कोशिका विभाजन की अवस्था जिसमें क्रोमोसोम मध्य में मेटाफेज प्लेट पर व्यवस्थित हो जाते हैं।

24. एक संकर संकरण (Monohybrid Cross) - ऐसे जनकों में संकरण जो केवल एक लक्षण में भिन्नता प्रदर्शित करते हैं। एक लक्षण की वंशागति हेतु किए क्रॉस।

25. एकसूत्रता (Monosomy) - सामान्य क्रोमोसोम संख्या से एक क्रोमोसोम कम होने की स्थिति ( 2n 1 )।

26. बहु एलील (Multiple allele) - वंशागति का वह प्रकार जिसमें किसी एक लक्षण की जीन के 2 से अधिक एलील होते हैं।

27. नॉन डिस्जंक्शन (Non-disjunction)-समजात क्रोमोसोम की अर्धसूत्री विभाजन के समय पृथक् न हो पाने की स्थिति।

28. फीनोटाइप (Phenotype)- किसी जीनोटाइप की प्रेक्षणीय अभिव्यक्ति जैसे आँखों का रंग।

29. प्लियोट्रापी (Pleiotropy)- वंशागति का वह तरीका जिसमें एक जीन जीव एक से अधिक फीनोटाइप को प्रभावित करती।

30. पुन्नेट वर्ग (Punnett square) -आनुवंशिक प्रयोगों में आपेक्षित परिणाम ज्ञात करने की सरल चित्रीय विधि।

31. अप्रभावी एलील (Recessive allele)-वह एलील जो केवल समयुग्मकी अवस्था में अभिव्यक्त होता है तथा विषम युग्मजी अवस्था में प्रभावी एलील के कारण अभिव्यक्त नहीं हो पाता।

32. लिंग क्रोमोसोम (Sex Chromosome) - वह क्रोमोसोम जो किसी जीव के लिंग का निर्धारण करता है।

33. परीक्षार्थ संकरण (Test Cross )- किसी प्रभावी लक्षण वाले जीव का अप्रभावी लक्षण वाले जीव से क्रॉस जिससे यह पता लगाया जा सके कि प्रभावी जीव समयुग्मजी है या विषमयुग्मजी।

34. त्रिसूत्रता (Trisomy)- किसी द्विगुणित जीव में किसी क्रोमोसोम की तीन प्रतियों का पाया जाना (2n + 1) जैसे डाउन सिन्ड्रोम में।

35. X सहलग्न (X-linked)- एलील जो X क्रोमोसोम पर स्थित हो तथा लैंगिक लक्षणों के अतिरिक्त अन्य लक्षण को भी प्रभावित करें।


इस पोस्ट में हमने वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली (Principal of Inheritance  - Biology Terminology) के बारे में जाना विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली (Principal of Inheritance  - Biology Terminology) से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली (Principal of Inheritance  - Biology Terminology) की यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी ,अगर आपको पोस्ट पसन्द आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology

पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology

नमस्कार, आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस आर्टिकल में हम पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology के बारे में जानेंगे। ज्ञान के किसी विशेष कार्य क्षेत्र में प्रयोग किये जाने वाले शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है। अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं में पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। 

Ecosystem - Biology Terminology

Ecosystem Paribhashik Shabdawali

1. कृषि पारितंत्र (Agroecosystem) - मानव निर्मित फसली क्षेत्र का पारितंत्र है।

2. जैवभार (Biomass) - जीव के शरीर में जैव पदार्थ की मात्रा जिसे प्रायः शुष्क भार के रूप में मापा जाता है।

3. चरम समुदाय (Climax Community) - अनुक्रमण के अन्त में विकसित हुआ स्थायी अधिक विविधता वाला समुदाय पर्यावरण के साथ साम्यावस्था में होता है।

4. उपभोक्ता (Consumer) – पारितंत्र में उत्पादकों के अतिरिक्त अन्य सभी जीव जिनमें शाकाहारी व माँसाहारी जन्तु, व विशेष प्रकार के उपभोक्ता अपघटक भी शामिल है।

5. अपघटक (Decomposer) — वे जीव जो मृत कार्बनिक पदार्थ से अपना पोषण प्राप्त करते हैं जैसे जीवाणु व कवक

6. अपरद (Detritus) – मृत पौधे व जन्तुओं के मृदा में पड़े भाग जैसे पत्तियाँ, पुष्प, जन्तुओं के अपशिष्ट पदार्थ आदि जिस सूक्ष्मजीव वृद्धि करते हैं।

7. अपदाहारी (Detritivore)- अपरदा को खाने वाले जीव जैसे केंचुआ, कुछ लार्वा।

8. पारितंत्र ( Ecosystem)- जैव समुदाय व उसके पर्यावरण के बीच पारस्परिक क्रिया से बना स्वपोषित तंत्र प्रकृति की कार्यात्मक इकाई।

9. खाद्य श्रृंखला (Food Chain) - अपने सरलतम रूप में खाद्य सम्बन्ध जिसमें उत्पादक व उपभोक्ता शामिल हों, पारितंत्र पोषण स्तर दिखाते सम्बन्ध।

10. खाद्य जाल (Food web) – अनेक खाद्य शृंखलाओं के आपस में जुड़ने से बना जाल।।

11. विखण्डन (Fragmentation)- अपरदहारी जीवों का अपरद या डेट्रिटस को खाकर छोटे-छोटे कणों में विभाजित कर जिससे उनका सतही क्षेत्र बढ़ जाता है।

12. ह्यूमस (Hymus) – अपरद पर सूक्ष्मजीवों की क्रिया से बना गहरे रंग का एमार्फस (amorphous) पदार्थ जो धीरे -धीरे खनिज मुक्त कर भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाता है।


13. जलारम्भी अनुक्रमण (Hydrarch)- जलाशयों से प्रारंभ होने वाला प्राथमिक अनुक्रम।

14. कर्कट (Littler) – पौधों से नीचे गिरी पत्तियाँ जो भूमि में पड़ी रहकर अपरद बन जाती है।

15. निक्षालन (Leaching)- अपघटन प्रक्रिया में जल में घुलित पदार्थों लवणों आदि की भूमि के निचले स्तरों में चले जाना।

16. मृदा निर्माण (Pedogenesis) – लाइकेज व अन्य कारकों द्वारा मृदा का निर्माण।

17. पादप प्लवक (Phytoplankton) - जलाशयों में निष्क्रिय रूप से तैरने वाले सूक्ष्म पादप।

18. मूल अन्वेषक प्रजाति ( Pioneer species) - वह प्रजाति जो प्राथमिक अनुक्रमण में सबसे पहले नये पार्यावास में पहुँचती है जैसे लाइकेन।

19. उत्पादकता (Productivity)- जैवभार उत्पादन की दर इसे g प्रति वर्गमीटर प्रतिवर्ष के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।

20. प्राथमिक अनुक्रमण (Primary Succession)- ऐसे स्थान में हुआ जहाँ पहले किसी प्रकार की वनस्पति नहीं था जैसे नग्न चट्टान, ठण्डा लावा।

21. द्वितीयक अनुक्रमण (Secondary Succession ) – ऐसे स्थान में हुआ जहाँ पहले के समुदाय किसी कारण से नष्ट हो गए।

22. स्टैंडिंग क्रॉप (Standing Crop) - किसी पोषण स्तर (Trophic level) में नियत समय पर उपलब्ध जैव भार

23. स्टैंडिंग स्टेट (Standing state) - किसी नियम समय पर मृदा में उपस्थित पोषक पदार्थों की मात्रा।

24.शुष्कारम्भी अनुक्रमण (Xerarch)- शुष्क स्थानों जैसे नग्न चट्टान से प्रारम्भ होने वाला प्राथमिक अनुक्रमण।


इस पोस्ट में हमने पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology के बारे में जाना।  विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology से जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते हैं।

आशा करता हूँ कि पारिस्थितिक तंत्र - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Ecosystem - Biology Terminology की यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी , यदि आपको पोस्ट अच्छा लगा हो तो पोस्ट को शेयर अवश्य करें।

पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन -पारिभाषिक शब्दावली(Sexual Reproduction in Floral Plant - Biology Terminology)

पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Sexual Reproduction in Floral Plant - Biology Terminology

इस पोस्ट में  पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। पारिभाषिक शब्दावली किसी भी विषय को पढ़ने से पहले उसका आधार बनाती है। एक शब्द का विभिन्न विषयों में भिन्न-भिन्न अर्थ होता है। ऐसे ही पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली इस पोस्ट में दिया जा रहा है।

Pushpiya Padpo me Laigik Janan Paribhashik Shabdavali

Pushpiya Padpo me Laigik Janan Paribhashik Shabdavali

1.अन्त:चोल(Intine)-परागकण की आंतरिक सतत पतली भित्ति जो पेंटासेल्युलोज की बनी होती है।

2.मध्यफलभित्ति(Mesocarp)-त्रिस्तरीय पेरीकार्प या फल भित्ति के बीज का स्तर।

3.मीजोगैमी(Mesogamy)-परागनलिका का अध्यावरण से होते हुए भ्रूणकोष में प्रवेश।


जानें- ऊडोगोनियम का जीवन चक्र।

4.बीजांडव्दार(Micropyle)-बीजांड के अध्यावरण में स्थित वह छिद्र जिससे प्राय: परागनलिका बीजांड में प्रवेश करती है व जो बीज में भी वैसा ही बना होता है।

5.एकबीजाणुक(Monosporic)-ऐसा भ्रूण कोष जिसके निमार्ण से केवल एकगुरुबीजाणुक भाग लेता है।

6.उभयलिंगाश्रयी(Monoccious)-नर व मादा दोंनो प्रकार के एकलिंगी पुष्पों को धारण करने वाला पौधा।

7.बीजांडकाय(Nucellus)-बीजांड के बीचो -बीच स्थिर भाग जिसमें भ्रूण कोष विकसित होता है।

8.अणडाशय(Ovary)-पुष्प के मादा जनन भाग अणडप का निचला फैला हुआ भाग जिसमे बीजांड स्थिर होता है ,जो निषेचन के बाद फल में बदल जाता है।

9.बीजांड(Ovary)-अंडाशय में स्थिर गुरुबीजाणुधानी जिसमें अर्धसूत्री विभाजन व्दारा भ्रूण कोष का निर्माण होता है

10.अनिषेकफलन(Parthenocarpy)-बिना निषेचन के फलों का विकास ,ऐसे फल बीज रहित होते हैं व अनिषेक जनन कहलाते हैं।

11.फलभित्ति(Pericarp)-परिपक्व अंडाशय की भित्ति जो निषेचनोपरांत फलभित्ति में बदल जाती है।

12.बीजांडासन(Placenta)-अंडाशय का वह स्थान जहाँ बीजांड लगे होते हैं।

13.बीजांडन्यास(Placentation)-बीजांडासन पर बीजांडो के लगे होने के क्रम अर्थात विन्यास का तरीका।

14.त्रिकर्सलयन(Tripalfusion)-2 ध्रुवीय केन्द्र को के एक नर युग्मक के साथ संलयन से त्रिगुणित भ्रूणपोष कोशिका बनना।

15.परागण (Pollination)-परागकणों के एक पुष्प के परागकोष से उसी पुष्प अथवा उसी प्रजाति के किसी अन्य पुष्पों के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरण की प्रक्रिया।

16.सिनगैमी(Syngamy)-नर व मादा युग्मकों का संलयन \निषेचन

पढ़ें- TOP 100 जनरल नॉलेज प्रश्नोत्तर।

17.परागकण(Pollen)-परागकोष में बने अगुणित लघुबीजाणु जो नर युग्मकोदभिद का प्रतिनिधित्व करते हैं।

18.बहुभ्रूणता(Polyembryony)-बीज में एक से अधिक भ्रूणों के पास जाने की अवस्था।

19.बरुथीकास्क्यूटेलम(Scutellum)-एकबीजपत्रियों का एकमात्र बीजपत्र।

20.परिपक्वभ्रूणकोष(MatureEmbryoSac)-परिपक्व भ्रूणकोष में 7 कोशिकीय और 8 केन्दीकीय होते है।

21.बीज(Seed)-परिपक्व बीजांड जिसमे भ्रूण स्थित होता है।

22.साइफोनोगैमी(Siphonogamy)-परागनलिका की मदद से नरयुग्मक को मादा युग्मक के पास पहुचाने की क्रिया।

23.पुंकेसर(Stamen)-पुष्प के नर लैंगिक भाग की इकाई जो पुतंतु व परागकोष से बनी हो।

24.टेपीटम(Tapetum)-परागकोष भित्ति का सबसे भीतरी पोषक स्तर जो लघुबीजाणु मातृकोशिका व लघुबीजाणुओं को पोषण प्रदान करता है।25.टेस्टा(Testa)-बीज का बाह्य कवच जो बीजाण्ड के बाहरी अध्यावरण से विकसित होता है।

26.पुष्पासन(Thalamus)-पुष्प वृन्त का ऊपरी फूला हुआ भाग जिस पर पुष्प की चारों भूमियाँ(Whoris) लगी होती है।

27.जीवनक्षमता(Viability)- परागकण अथवा बीजों की अंकुरण करने में सक्षम होने की क्षमता ।

28.परपरागण(Xenogamy)-वह परागण जिसमें परागकण एक पुष्प के परागकोष से उसी प्रजाति के किसी अन्य पौधे पर स्थित पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरित होते हैं।

29.युग्मनज(Zygote)-लैंगिक जनन में नर व मादा युग्मक के संलयन से बनी द्विगुणित कोशिका।

30.भ्रूणपोषी(Albuminous)-ऐसे परिपक्व बीज जिनमें भ्रूणपोष बना रहता है। जैसे-नारियल,मक्का।

31.एल्यूरॉनपरत(Aleuronelayer)-एकबीजपत्री बीजों में भ्रूणपोष के चारों ओर पायी जाने वाली परत जिसकी कोशिकाओं में एल्यूरॉन होती है।

32.पीढ़ीएकान्तरण(AlternationofGeneration)-पौधों का प्रारूपिक जीवन-चक्र जिसमें द्विगुणित बीजाणुद्भिद पीढ़ी अगुणित युग्मकोद्भिद पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

33.ऑटोगैमी(Autogamy)-स्वपरागण का एक प्रकार जिसमें किसी पुष्प के परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित होते हैं।

34.एकीन(Achene)-एकबीज वाले अस्फुट्नशील सरल फल।

35.कृत्रिमसंकरण(Artificialhybridization)-पादप प्रजनन की ए तकनीक जिसमें दो जनक पौधों के बीच मनुष्य द्वारा परागण कर संकरण कराया जाता है।36.प्रतिमुखकोशिकाएँ(Antipodalcells)-भ्रूणकोष में निभागीय सिरे (बीजाण्डद्वार के विपरीत सिरे) की ओर स्थित कोशिकाएँ जो भ्रूण को पोषण प्रदान करने के बाद नष्ट हो जाती है।

37.परागकोष(Anther)-पुंकेसर का वह भाग जिसमें परागकणों का निर्माण होता है।

38.मुक्ताण्डपी(Apocarpous)-वह बहुअण्डपी अवस्था जिसमें प्रत्येक अण्डप एक-दूसरेसे पृथक होता है

39.असंगजनन(Apomixis)-बिना युग्मक संलयन/निषेचन के बीज का निर्माण।


जानें- जल चक्र क्या है।

40.एलर्जन(Allergen)-एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारक जैसे परागकण।

41.पुष्पीयपौधे(Angiosperm)-पुष्पीय पौधे जिनमें बीज फल के अन्दर स्थित होता है।42.अण्डप(Carpel)-पुष्प का मादा जनन भाग जो वर्तिकाग्र व अण्डाशय से मिलकर बना होता है।

43.उन्मीलपरागणी(Chasmogamous)-सामान्य पुष्प जिन के परागकोष व वर्तिकाग्र अनावृत (खुले) होते हैं।

44.अनुन्मील्यपरागणी(Cleistogamous)-ऐसे पुष्प जो कभी नहीं खुलते जैसे को मेलाइना।

45.सहविकास(Coevolution)-ऐसा संयुक्त विकास जिसमें एक प्रजाति दूसरी पर चयनात्मक बल लगाती है।

46.प्रांकुरचोल(Coleoptile)- एकबीजपत्री भ्रूण में एकबीजपत्री भ्रूण प्रांकुर व आद्यपत्तियों का सुरक्षात्मक आवरण

47.मूलांकरचोल(Coleorhiza)-एकबीजपत्री भ्रूण में मूलांकुर का सुरक्षात्मक आवरण।

48.बीजपत्र(Cotyledon)-पुष्पीय पौधों के भ्रूण के बीजपत्र,जो अंकुरण व बढ़ते नवांकुर को प्रकाश संश्लेषण प्रारम्भ होने तक पोषण उपलब्ध कराते हैं।49.एकलिंगाश्रयी(Dioecious)-एकलिंगी पुष्प धारण करने वाले नर अथवा मादा पादप डाइथिकस(Dithecous)-द्विपालित परागकोष जिसकी प्रत्येक पालि में दो थीका होते हैं।

51.प्रसुप्ति(Dormancy)-बीजों की वह अवस्था जिसमें वृद्धि रूक जाती है व अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर भी अंकुरण नहीं होता है।

52.द्विनिषेचन(Doublefertilization)-पुष्पीय पादपों का विशिष्ट लक्षण जिसमें भ्रूणकोष में सिनगैमी व त्रिकसंलयन के रूप में दो बार संलयन होता है।

53.भ्रूण(Embryo)-युग्मनज के विभाजन में बनी मुक्तजीवी जीवन से पहले की बहुकोशिकीय अवस्था।

54.भ्रूणकोष(Embryosac)-पुष्पीय पौधों का मादा युग्मकोद्भिद।

55.भ्रूणपोष(Endosperm)-पुष्पीय पौधों का त्रिगुणित पोषक ऊतक जो त्रिकसंलयन के फलस्वरूप बनता है।

56.भ्रूणीयअक्ष(Embryonalaxis)-बीज का भ्रूण जिसमें हाइपोकोटिल,एपीकॉटिल के साथ मूलांकर व प्रांकुर शामिल होते हैं व जो बीजपत्र से जुड़ा होता है।

57.विपुंसन(Emasculation)-पादप प्रजनन प्रक्रिया में मादा जनक पौधे के द्विलिंगी पुष्प से कलिका अवस्था में ही परागकोषों को काटकर अलग कर देना ताकि वर्तिकाग्र पर वांछित प्रकार के परागकण डाले जा सके।

58.बाह्यचोल(Exine)-परागकण की स्पोरोपोलेनिन से बनी बाहरी मोटी भित्ति जिसमें जनन छिद्र होते हैं।

59.भ्रूणविकास(Embryogeny)-युग्मनज से भ्रूण का विकास।

60.निषेचन(Fertilization)-नर व मादा युग्मक का संलयन जिसके फलस्वरूप द्विगुणित युग्मनज बनता है।

61.पुतंतु(Filament)–पुंकेसर का निचला तंतुवत भाग जिस पर परागकोष लगा रहता है।

62.पुष्प(Flower)-पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन सम्पन्न कर ने हेतु बना प्ररोह का एकरूपान्तरण।

63.फल(Fruit)-परिपक्व अण्डाशय जिसमें प्राय: बीज होते हैं।

64.युग्मक(Gamete)-अगुणित लिंग कोशिका जैसे अण्डकोशिका।65.युग्मकजनन(Gametogenesis)–नर या मादा युग्मकों का निर्माण व विकास।

66.जननछिद्र(Germpore)-परागकण की बाह्य भित्ति एक्जाइन के पतले क्षेत्र जहाँ स्पोरोपोलेनिन नहीं होता और जिनसे परागनलिका निकलती है।

67.जननकोशिका(Generativecell)-द्विकोशिकीय परागकण की छोटी कोशिका जो विभाजित होकर दो नरयुग्मक बनाती है।

68.जीटोनोगैमी(Geitonogamy)-परागकणों का एक पुष्प के परागकोष से उसी पौधे पर स्थित किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरण (स्वपरागण)।

69.विषमबीजाणुक(Heterosporous)-बीजीय पादप जो दो प्रकार के बीजाणु (लुघबीजाणुवगुरुबीजाणु)बनातेहैं।जैसे जिम्नोस्पर्म व एंजियोस्पर्म।

70.असंगततायाअनिषेच्यता(Incompatibility)-असंगत या अन्तःप्रजनन रोकने की एक युक्ति जिसमें असंगत परागकण का वर्तिकाग्र पर अंकुरण या परागनलिका की वृद्धि अवरोधित हो जाती है।

आशा करता हूँ कि पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन की पारिभाषिक शब्दावली का यह पोस्ट आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर जरुर करें।

वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली (Molecular Basis of Inheritance - Terminology)

वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली(Molecular Basis of Inheritance - Terminology) 

आपका, answerduniya.com में स्वागत है। इस पोस्ट में  वंशागति का आण्विक आधार से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया जा रहा  है। वंशागति, जीव विज्ञान से सम्बंधित टॉपिक है। जिससे जुड़े प्रश्न प्राय: विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछा जाता है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली(Molecular Basis of Inheritance - Terminology) के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।

(Molecular Basis of Inheritance - Terminology)

Vanshagati Ka Aanvik Aadhar Paribhashik Shabdavali

1.एडीनीन (Adenine)-डी.एन.ए. व आर. एन. ए की संरचनात्मक इकाई में उपस्थित 4 नाइट्रोजन क्षारकों में एक।

2.एडीनोसीन (Adenosine)-नाइट्रोजन क्षारक एडीनीन व राइबोज शर्करा के जुड़ने से बना एक न्यूक्लियोसाइड जो न्यूक्लियोटाइड बनाता है।

3.अमीनो अम्ल (Amino Acid)- एक अमीनों समूह व एक कार्बोक्सिलिक समूह वाला कार्बनिक अणु पेप्टाइड बंध द्वारा जुड़कर प्रोटीन की संरचनात्मक इकाई बनाता है।

4.एंटीकोडॉन (Anticodon)- tRNA पर स्थित तीन क्षारकों का अनुक्रम जो RNA के पूरक कोडॉन से युग्मित होता है।

5.प्रतिसमानान्तर (Antiparallel)- द्वि-रज्जूकी डी. एन. ए. में दोनों रज्जूकों के एक-दूसरे के विपरीत होने की अवस्था जिसमें एक रज्जूक की दिशा 5'→3' तथा दूसरे की 3'→5' होती है।

6.जीवाणुभोजी (Bacteriophage)– जीवाणु को संक्रमित करने वाला विषाणु।

7. Bacterial Artificial Chromosome (B.A.C.)- जीन क्लोनिंग में प्रयुक्त जीवाणु क्रोमोसोम आधारित कृत्रिम रूप से तैयार वाहक (Vector)।

8.जैवसूचना विज्ञान (Bioinformatics)- जीनोम अध्ययन व अनुप्रयोगों में कम्प्यूटर तकनीकी का प्रयोग।

9.कैपिंग (Capping)- अनुलेखित mRNA के 5' सिरे पर - मिथाइल ग्वानोसीन फॉस्फेट का जुड़ना जो mRNA की रक्षा करता है।

10.कैप्सिड (Capsid)- विषाणु का प्रोटीन से बना बाह्यतम आवरण जिसके अन्दर आनुवंशिक पदार्थ सुरक्षित रहता है।

11.अपकेन्द्रण (Centrifugation)- किसी निलम्बन को अपकेन्द्रण नलिकाओं में तेजी से घुमाने वाली पृथक्करण विधि जिसमें सबसे भारी कण सबसे नीचे व हल्के कण घनत्व प्रवणता (density gradient) के अनुसार व्यवस्थित होते हैं।

12.RNA की चार्जिंग (Charging of tRNA)- सक्रिय, ऊर्जा वान अमीनो अम्ल का RNA से जुड़ना।

13.राइबोसोमल RNA (Ribosomal RNA)- प्रकार का RNA जो राइबोसोम में पाया जाता है तथा अनुवाद में मदद करता है।

14.राइबोजाइम (Ribozyme)- एंजाइम के रूप में कार्यकरने वाले आर. एन. ए. का प्रकार।

15.आर. एन. ए. (RNA)- राइबोन्यूक्लियोटाइड इकाइयों से बना बहुलक नाभिकीय अम्ल जो विषाणु में आनुवंशिक पदार्थ का तथा कोशिकीय जीवों में विभिन्न रूपों में आनुवंशिक सूचनाओं के स्थानान्तरण में मदद करता है।

16.आर. एन. ए. पॉलीमिरेज (RNA polymerase)- अनुलेखन के समय डी. एन. ए. टेमप्लेट पर राइबोन्यूक्लिटाइडों के बहुलकीकरण में सहायक एन्जाइम।

17.सैटेलाइट डी. एन. ए. (Satellite DNA)- ऐसा डी. एन. ए. अनुक्रम जो पुनरावृत्त डी. एन. ए. अनुक्रमों से ही बना होता है। पुनरावृत्त डी. एन. ए. के प्रत्येक समूह को सैटेलाइट कहा जाता है।

18.अर्द्धसंरक्षी प्रतिकृतिकरण (Semi conservative Rep lication)- डी. एन. ए. अणु का द्विगुणन या प्रतिकृतिकरण जिससे डी. एन. ए. के दो द्विकुंडलित अणु बन जाते हैं, जिनमें से प्रत्येक में एक रज्जूक पैत्रिक व दूसरा नवसंश्लेषित होता है।

19.एकल न्यूक्लियोटाइड बहुरूपता (SNPs Single Nucle otide Polymorphism)- मानव जीनोम के 1-4 मिलियन ऐसे स्थान जहाँ एकल क्षारक डी. एन. ए. भिन्नता पाई जाती है अर्थात् डी. एन. ए. केवल एक क्षारक के आधार पर भिन्न होता है।

20.स्प्लाइसिंग (Splicing )- प्रारम्भिक m RNA का प्रसंस्करण या प्रोसेटिंग अथवा एडीटिंग जिससे उसमें से इंट्रान खण्ड निकाल दिये जाते हैं तथा एक्जान को आपस में जोड़ दिया जाता है।

21.सीक्वेंस एनोटेशन (Sequence Annotation)– जीनोम अध्ययन की विधि जिसमें क्षारकों के सभी अनुक्रमों का निर्धारण कर बाद में उन्हें उनके कार्यों के साथ सम्बद्ध किया जाता है।

22.संरचनात्मक जीन (Structural Gene)– किसी उपापचयी पथ के एंजाइमों को कोड करने वाली जीन।

23.पुच्छन (Tailling)- अनुलेखित m RNA के 3' सिरे पर m लगभग 200 एडीनीन क्षारकों का जुड़ना।

24.सांचा, टेम्पलेट (Template)- डी. एन. ए. प्रतिकृतिकरण में डी. एन. ए. का अलग हुआ पैत्रिक रज्जूक जो पूरक रज्जू संश्लेषण के लिए निर्देशक का कार्य करता है। अनुलेखन में डी. एनए. 3'5' दिशा वाला रज्जुक जिसकी सूचना के आधार पर m RNA का संश्लेषण होता है।

25.थायमिन (Thymine)- डी. एन. ए. के संरचनात्मक घटक न्यूक्लियोटाइड के चार नाइट्रोजनी क्षारकों में से एक पिरीमिडीन।

26.अनुलेखन (Transcription)- डी. एन. ए. टेम्पलेट से आर. एन. ए. का निर्माण।

इसे पढ़े वंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली

27 अनुलेखन कारक (Trancription factor)- कारक, प्रमुखत : प्रोटीन जो अनुलेखन विशेषतः इसके प्रारम्भन में मदद करती है।

28.ट्रांसडक्शन (Transduction)- जीवाणुभोजी की मदद से जीवाणुओं के बीच होने वाला आनुवंशिक पदार्थ का विनिमय।

29.टी-आर एन. ए. (7-RNA)- एक प्रकार का आर. एनए. जो विशिष्ट प्रकार के अमीनों अम्ल को प्रोटीन संश्लेषण स्थल राइबोसोम तक लाता है तथा अपने एंटीकोडॉन की मदद से M RNA से जुड़कर अनुवाद में अनुकूलक (adapter) अणु का कार्य करता है।

30.रूपान्तरण (Transformation)- जीवाणुओं द्वारा कोशिका के बाहर स्थित आनुवंशिक पदार्थ को ग्रहण कर रूपान्तरित हो जाना।

31.अनुवाद (Translation)- वह प्रक्रिया जिसमें m-RNA की आनुवंशिक सूचना के आधार पर, राइबोसोम स्थल पर -RNA के द्वारा लाए गये अमीनों अम्लो की मदद से प्रोटीन संश्लेषण होता है।

32. ट्रांसपोसोन (Transposon)- डीएन. ए. के ऐसे खण्ड जो किसी जीनोम में एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने में सक्षम होते हैं।

33.रोगकारी (Virulent)- क्षमता वाला कोई जीव पोषक में रोग उत्पन्न करने की क्षमता वाला कोई जीव।

34.वोबेल संकल्पना (Wobble Hypothesis) - जेनेटिक कोड की अपहासित प्रकृति की व्याख्या करने वाली परिकल्पना जिसके अनुसार त्रिक कोड के प्रथम दो अक्षर किसी अमीनों अम्ल को कोड करने में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, तीसरा भिन्नता प्रदर्शित कर सकता है। UUU व UUC दोनों फिनाइल एलेनीन को कोड करते हैं।

जानें- मृदा अपरदन क्या है।

35.हाइड्रोजन बन्ध (Hydrogen Bond )- कमजोर बन्ध जो एक हल्के धनावेशित हाइड्रोजन परमाणु व किसी अन्य अणुओं के हल्के ऋणावेशित परमाणु के बीच बनते हैं।

36.प्रेरक (Inducer)- ऐसा अणु जो दमनकारी पदार्थ (repressor) से जुड़कर उसे ओपरेटर जीन से बँधने से रोक लेता हैं तथा ओपेरॉन को स्विच ऑन अर्थात् सक्रिय कर देता है।

37.इन्ट्रॉन (Intron)- यूकेरियोटिक विखण्डित (Split) जीनों के वह भाग जो पॉलीपेप्टाइड को कोड नहीं करते व अंतिम m-RNA अनुलेख से स्प्लाइसिंग द्वारा निकाल दिये जाते हैं।

38.मोनोसिस्ट्रानिक (Monocistronic)- यूकैरियोटिकसंरचनात्मक जीन जो प्रायः विखण्डित (splite) होती है तथा कोडिंग एक्सान व नॉन कोडिंग इंट्रान की बनी होती है।

39.एम आर. एनए. (m-RNA)- एक प्रकार का आर. एन. एजो. डी. एनएसे अनुलेखित होता है तथा पॉलीपेप्टाइड में अमीनों अम्लों के अनुक्रम की सूचना संग्रहीत करता है।

40.नाभिकीय अम्ल (Nucleic Acid)- न्यूक्लियोटाइड के बहुलक जैसे डी. एन. ए. जो आनुवंशिक पदार्थ के रूप में कार्य करते हैं।

41.केन्द्रकाभ (Nucleoid)- प्रोकेरियोटिक कोशिकाओं का वह क्षेत्र जहाँ डी. एन. ए. स्थित होता है तथा जो केन्द्रक कला विहीन होता है।

42.न्यूक्लिओसोम (Nucleosome)- यूकैरियोटिक कोशिका में 8 हिस्टोन प्रोटीन से बनी कोर व उस पर लिपटे डी. एन. ए. से बनी इकाई जो मनकों (beds) की माला के रूप में दिखाई देती है।

43.यूक्लियोटाइड्स (Nucleotide)- डी. एन. ए. व आर. एन. एका संरचनात्मक इकाई जो एक पेन्टोन शर्करा, नाइट्रोजन क्षारक व फास्फोरस समूह से बनी होती है (यूक्लियोटाइड्स के फास्फेट)।

44.ऑकोजीन (Oncogene)- कैंसरकारी जीन।

 पढ़ें- जल चक्र क्या है।

45.ओपेरॉन (Operon)- संरचनात्मक व नियामक जीनों का समूह जो एक इकाई के रूप में कार्य करता है।

46.बिन्दु उत्परिवर्तन (Point mutation)- किसी जीन के क्षारक अनुक्रम में केवल एक क्षारक के परिवर्तन से हुए उत्परिवर्तन।

47.बहुरूपता (Polymorphism)- मानव जनसंख्या में एक लोकस पर एक से अधिक एलिल की 0-01 से अधिक आवृत्ति में पाये जाने की अवस्था व्यक्तियों में पुनरावृत्त डी. एन. ए. की भिन्नता।

48.पॉलीपेप्टाइड (Polypeptide)- पेप्टाइड बन्धों से जुड़ी अमीनों अम्लों की एक श्रृंखला।

49.पॉलीराइबोसोम (Polyribosome)- के दौरान एक ही mRNA के खण्डों का अनुवाद करती प्रोटीन संश्लेषण राइबोसोमों की श्रृंखला।

50.प्रियॉन (Prion)– संक्रमणकारी कण जो केवल प्रोटी के बने होते हैं तथा जिनमें न्यूक्लिक अम्ल नहीं होता।

51.प्रमोटर (Promotor)- किसी ओपेरॉन का वह डी. एन ए. अनुक्रम जहाँ अनुलेखन से पहले आर. एन. ए. पॉलीमरेज जुड़ता है।

52.प्रूफ रीडिंग (Proof reading)- डी. एनएप्रतिकृति करण में नये बने डीएन. एकी परिशुद्धता जाँचने की विधि जिसमें गलती से जुड़े किसी गलत क्षारक को हटाकर उसकी जगह सभी क्षारक लगा दिया जाता है।

53.प्रोटीन कूट लेखन जीन (Protein coding Gene)- ऐसी जीन जो mRNA में अनुलेखित हो जाती है।

54.प्रोटियोमिक्स (Proteomics)- एक जीव द्वारा उत्पन्न सभी प्रकार के प्रोटीनों का अध्ययन।

55.प्यूरीन (Purine)- नाइट्रोजनी क्षारक जैसे एडीनीन व ग्वानीन जो दो चक्रों (Rings) के बने होते हैं।

56.पिरीमिडीन (Pyrimidine)- नाइट्रोजन क्षारक जैसे साइटोसोम, थायमीन व यूरेसिल जिनमें केवल एक चक्र (Ring) होता है।

57.नियामक जीन (Regulatory Gene)- किसी ओपेरॉन में वह जीन जो ऐसी प्रोटीन का निर्माण करती है जो अन्य जीनों की अभिव्यक्ति का नियमन करती है।

58.प्रतिकृति द्विशाख (Replication Fork)- यूकैरियोटिक कोशिका में डी. एन. ए. अणु का वह बिन्दु जहाँ से दोनों पैतृक रज्जूक अलग-अलग होकर प्रतिकृतिकरण का अवसर प्रदान करते हैं।

59.दमनकारी (Repressor)- किसी ओपेरान में प्रोटीन अणु जो ओपेरेटर से जुड़कर संरचनात्मक जीन का अनुलेखन बाधित कर देता है।

60.क्रोमेटिन (Cromatin)– डी. एन.ए. व सम्बद्ध प्रोटीनों के तंतुओं का जाल जो ऐसे केन्द्रक में स्पष्ट होता है जो विभाजित न हो रहा हो।

61. कोडॉन (Codon)- mRNA पर स्थित तीन क्षारकों का अनुक्रम जो विशिष्ट अमीनो एम्ल को कोड करता है, तीन समापन कोडोन इसके अपवाद है व अमीनो अम्लों को कोड नहीं करते।

62.कूटलेखन रज्जूक (Coding Strand)- अनुलेखन में टेम्पलेट रज्जूक का पूरक 5'→ 3' दिशा वाला डी. एन.ए. रज्जूक जो अनुलेखन में भाग नहीं लेता।

63.पूरक क्षारक युग्म (Complementary Base Pairing)- डी. एन.ए. पूरक प्यूरीन व पिरीमिडीन के बीच हाइड्रोजन बन्ध बनाना।

64.Complementary DNA (c DNA)- mRNA में एंजाइम रिवर्स ट्रांससक्रिप्टेज रिवर्स की क्रिया द्वारा संश्लेषित हुआ डी. एन. ए.।

65.सहदमनकारी (Co-repressor)- अणु जो दमनकारी(repressor)से जुड़कर दमन योग्य ओपेरान में दमनकारी को ओपेरेटर से जुड़ने में सक्षम बनाता है। जैसे ट्रिप ओपेरान में।

66.सहसंयोजी बंध (Covalent Bond)- रासायनिक बंधजिनमें परमाणुओं के बीच एक युग्म (Pair) इलेक्ट्रान की साझेदारी होती है।

67.साइटोसीन (Cytosine C)- डी. एन. ए. व आर. एन. ए. की संरचनात्मक इकाई के चार, नाइट्रोजनधारी क्षारकों में से एक पिरीमिडीन।

68.डीऑक्सीराइयोज (Deoxyribose)- डी. एन. ए. की पेन्टोज शर्करा।

69.डाईसैकेराइड (Disaccharide)- ऐसी शर्करा जिसमें दो मोनोसैकेराइड इकाइयाँ होती है, जैसे लैक्टोज माल्टोज।

70.डी. एन. ए. (DNA)- लगभग सभी कोशिकीय जीवों का आनुवंशिक पदार्थ जो डी ऑक्सी राइबोन्यूक्लियोटाइड इकाईयों का बना होता है।

71.डी. एन. ए. अंगुलिछापी (DNA fingerprinting)- व्यक्तियों में डी. एन. ए. के स्तर पर पाई जाने वाली विभिन्नताओं की पहचान करने की विधि जिसके आधार पर किसी व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित की जा सकती है।

72. डीएन. ए. लाइगेज (DNA ligase)-एंजाइम जो डी. एनए. खण्डों को जोड़ता है।

73. डीएन. ए. पॉलीमरेज (DNA Polymerase)- डी. एन. ए. प्रतिकृतिकरण के समय पूरक न्यूक्लियोटाइडों को टेम्पलेट डी. एन. ए. पर जोड़ने वाला एन्जाइम।

74. डी. एन. ए. रिपेयर एंजाइम (DNA repair enzyme)- अनेक एंजाइमों में से एक जो डीएन. ए. के बदले या परिवर्तित रज्जूक में मौलिक क्षारक अनुक्रम वापस लाने में मदद करता है।

75. डी. एन. ए. प्रतिकृतिकरण (DNA replication)- कोशिका विभाजन से पहले डी. एन. ए. के द्विकुंडलित अणु से अर्धसंरक्षी विधि द्वारा संतति डी. एन. ए. का संश्लेषण।

76. अभिव्यक्त अनुक्रम टैग (EST Expressed Sequence Tags)-डी. एन. ए. में क्षारक अनुक्रम निर्धारण की विधि जिसमें डीएन. ए. द्वारा अनुलेखित एमआर. एन. ए. की पहचान द्वारा डी. एनए. क्षारकों का क्रम निर्धारित किया जाता है।

77.यूक्रोमेटिन (Euchromatin)- क्रोमेटिन का वह भाग जो कम संघनित होता है, रंगने पर हल्का रंग लेता है तथा अनुलेखन को उपलब्ध होता है।

78.Exon - यूकैरियोटिक विखण्डित (split) जीनों के कोंडिंग अनुक्रम (Coding sequence) जो पॉलीपेप्टाइड को कोड करते हैं।

79.जीन (Gene) - आनुवंशिकता की इकाई जो द्विगुणित जीवों में अलील के रूप में दो प्रतियों में उपस्थित रहती है।

80.आनुवंशिक कूट (Genetic Code)- सार्वत्रिक कोड जो सभी जीवों में प्रोटीन संश्लेषण हेतु विशिष्टीकृत सूचना प्रदान करता है, त्रिक या ट्रिपलेट कोडोन के रूप में एक विशिष्ट अमीनों अम्ल को कोड करता है।

81.जीनोमिक्स (Genomics)- जीनोम का अध्ययन।

82.जीनोम (Genome)- अगुणित क्रोमोसोम सैट की सभी जीन।

83.G- ग्वानीन (Guanine)- डी. एन. ए. व आर. एन. एकी संरचनात्मक इकाई के चार नाइट्रोजनी क्षारकों में से एक प्यूरीन क्षारक।

84.एच एन. आर. एन. ए. (hnRNA)- डी. एनए. के आर. एन. ए. पॉलीमरेज की मदद से हुए अनुलेखन से बना mRNA का पूर्ववर्ती (अप्रसंस्कारित mRNA)।

85.हेटेरोक्रोमेटिन (Hetero chromation)- अत्यधिक संघनित क्रोमेटिन जो अनुलेखन हेतु उपलब्ध नहीं हो पाता तथा गहरा रंग लेता है।

86.हिस्टोन (Histone)- क्रोमोसोम में डी. एन. ए. को बाँधने वाली क्षारकीय प्रोटीन जो न्यूक्लियोसोम बनाती है।


इस पोस्ट में हमने वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली(Molecular Basis of Inheritance - Terminology) के बारे में जाना । किसी विषय विशेष से सम्बद्ध शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है।

आशा करता हूँ कि वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली(Molecular Basis of Inheritance - Terminology) का यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगा, यदि आपको यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो पोस्ट को शेयर अवश्य करें।

सूक्ष्मजीव - पारिभाषिक शब्दावली (Microorganisms - Terminology in Hindi)

सूक्ष्मजीव - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Micro-Organisms - Biology Terminology

हेलो दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम सूक्ष्म जीव- पारिभाषिक शब्दावली (Microorganisms - Terminology) के बारे में जानने वाले हैं। किसी विषय विशेष से सम्बंधित विशेष शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है। सूक्ष्म जीव, जीवविज्ञान से सम्बन्धित एक टॉपिक है। जिससे जुड़े सवाल अक्सर पूछे जाते हैं। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Microorganisms - Terminology

Sukshmjeev Paribhashik Shabdavali

1.सुक्ष्मजैविकी (Microbiology)-जीव विज्ञान की वह शाखा जिसमे सुक्ष्मदर्शीय जीवों का अध्ययन किया जाता है।

2.वायवीय (Aerobe)- वह सूक्ष्मजीव जो ऑक्सीजन कीकी उपस्थिति में श्वसन करता है।

3.अवायवीय (Anaerobe)- वह सूक्ष्म जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में श्वसन कर सकता है।

4.वातन (Aeration)- किसी जल / द्रव से भरे पात्र में वायु का संचरण सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में।

5.सक्रियत आपंक (Activated sludge)- कवक तंतुओंमें फंसे जीवाणुओं के टैंक में अवसादित झुंड जो वायवीय रूप से कार्बनिक पदार्थ का अपघटन करते हैं।

6.प्रतिजैविक (Antibioties)- सूक्ष्मजीवियों द्वारा उत्पादित वह पदार्थ जो रोगजनक जीवाणुओं को या तो मार देते हैं या उनकी वृद्धि को निरोधित कर देते हैं।

इसे पढ़े जैव प्रौद्योगिकी   - पारिभाषिक शब्दावली

7. बैक्यूलो(Baculovirus)- बैक्यूलो वाइरस दोहरे डी. एन. ए. वाले विषाणु जो कीट व आथ्रोपोड के रोगजनक है। जैव नियंत्रण व उपयोगी।

8.जैव सक्रिय अणु (Bioactive molecules)- सूक्ष्मजीवों द्वारा उत्पन्न कुछ रसायन जो मनुष्य की जैविक क्रियाओं को प्रभावित करते हैं जैसे स्टेटिन।

9.जैव नियंत्रण (Biocontrol)- रोगकारकों/पीड़को का लाभप्रद जीवधारियों द्वारा नियंत्रण।

10.बायोगैस (Biogas)- मेथेन सहित कुछ गैसों का ज्वलनशील मिश्रण जो कार्बनिक पदार्थों पर सूक्ष्मजीवों (मेथेनोजेन्स) की क्रिया से उत्पन्न होता है।

11.बायोकैमिकल ऑक्सीजन डिमॉड (BOD)- एक लीटर जल उपस्थित कार्बनिक पदार्थ के जीवाणुओं द्वारा अपघटन हेतु आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा।

12.आवसन (Distillation)- द्रव शुद्धीकरण की एक विधि जिसमें द्रव को गर्म कर उसकी वाष्प के संघनीकरण से शुद्ध रूप प्राप्त किया जाता है।

13.किण्वन (Fermentors)- वह बड़ा पात्र जिसमें किण्वन कराया जाता है।

14.ऊर्णन या फ्लॉक्स (Flocs)- कवक तन्तुओं में फसे जीवाणु झुंड।

15.आरम्भक (Inoculum)- सम्वर्धन को प्रारंभ कराने वाला।

पढ़ें- अधिगम - पारिभाषिक शब्दावली।

16.समाकलित कीट प्रबंधन (IPM)- संश्लेषित पीड़कनाशियों के सीमित अथवा प्रयोग किए बिना जैव नियंत्रण व अन्य इकोफ्रैन्डली विधियों द्वारा पीड़कों का नियंत्रण।

17.मेथेनोजेन्स (Methanogens)- मेथेन उत्पन्न करने वाले सूक्ष्मजीव (आर्किया)।

18.माइकोराइजा (Mycorrhizae)- कवक व उच्च वर्ग पौधों की जड़ों के बीच का सहजीवी सम्बन्ध।

19.कृषि का एक जैविक कृषि (Organic Farming)- पारम्परिक इकोफ्रैंडली तरीका जो संश्लेषित रासायनों के प्रयोग के बिना, प्राकृतिक पद्धतियों के प्रयोग से वहनीय कृषि पर बल देता है।

20.प्राथमिक उपचार (Primary Treatment)- सीवेज का प्रारम्भिक भौतिक / यान्त्रिक उपचार।

21.द्वितीयक उपचार (Secondary Treatment)-सीवेज का द्वितीयक जैविक वायवीय व अवायवीय उपचार।

22.सीवेज/वाहित मल (Sewage)- नगरों / शहरों से निकला व्यर्थ / अपशिष्ट जल जिसमें मनुष्य के मलमूत्र व अन्य नगरीय व्यर्थ पदार्थ होते हैं।

23.पाश्चुरीकरण(Pstieurization)- यह वह विधि है जिसमे तापक्रम व्दारा किसी चीज में पाये जाने वाले सुक्ष्मजीव को नष्ट किया जाता है।

24.औद्योगिक सुक्ष्मजैविकी(Industrial Microbiology)- जिन सुक्ष्मजीव का उपयोग आर्थिक महत्व के उत्पाद या दवा की प्राप्ति के लिये करते है।


इस लेख में हमने सूक्ष्मजीव - पारिभाषिक शब्दावली(Microorganisms - Terminology) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC,STATE PCS, SSC,RRB, NTPC, CDS इत्यादि में सूक्ष्मजीव - पारिभाषिक शब्दावली(Microorganisms - Terminology) से सम्बंधित प्रश्न प्राय: पूछे जाते रहते हैं।

आशा करता हूँ कि सूक्ष्मजीव - पारिभाषिक शब्दावली(Microorganisms - Terminology) का यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा , यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इस लेख को शेयर अवश्य करें।

विकास - पारिभाषिक शब्दावली( Evolution - Biology Terminology in Hindi)

विकास - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली Evolution - Biology Terminology

आपका ANSWERDUNIYA.COM में स्वागत है। इस लेख में हम विकास - पारिभाषिक शब्दावली( Evolution - Biology Terminology in Hindi) के बारे में जानेंगे। अलग-अलग विषय के अनुसार विकास का अलग-अलग अर्थ होता है। जीव विज्ञान में विकास की एक अलग परिभाषा है। जीव विज्ञान का अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को विकास के सही अर्थ के बारे में जानकारी अवश्य होनी चाहिए क्योंकि जीव विज्ञान के सन्दर्भ में विकास की परिभाषा सामान्य से भिन्न होती है।  

Evolution - Biology Terminology in Hindi
Vikas Paribhashik Shabdavali

1. अजीवात जनन (Abiogenesis )-सिध्दांत, जिसके अनुसार जीवों की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से होती है।

2. अनुकूलन (Adaptation)- जीव के शारीरिक (आकारिकीय व आन्तरिक शारीरिकीय), कार्यात्मक व व्यवहारात्मक लक्षण/परिवर्तन जो उसे किसी पर्यावरण विशेष में सफलता से जीवनयापन हेतु उपयुक्त बनाते हैं।

3.अनुकूली विकिरण (Adaptive radiation)-एक सामान पूर्वजों से विभिन्न प्रकार की प्रजातियों का विकास जो अपने अपने पर्यावासों हेतु अनुकूलित होती है।

4.एलोपेट्रिक स्पेसिएशन (Allopatric speciation)- भौगोलिक रूप से पृथक्कृत समष्टियों से नई प्रजातियों की उत्पत्ति ।

5. तुल्यरूप अंग (Analogous organs) - कार्यों की समानता लेकिन संरचना व उद्भव की असमानता, अभिसारी विकास (convergent evolution) की परिचायक।

इसे पढ़ेवंशागति के सिद्धान्त - पारिभाषिक शब्दावली

6.बिग बैंग ( Big Bang)- एबी लैमेत्रे (Abbe Lemaitree) द्वारा 1931 में प्रस्तावित अधिकांश वैज्ञानिकों को मान्य परिकल्पना जिसके अनुसार एक अत्यंत सघन ब्रह्माणडीय पदार्थ में हुए महाविस्फोट से ही पूरे ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई। है, जिसमें निहारिकाएँ(Galaxies) एक दूसरे से दूर जा रही है।

7. जैव-भूगोल (Bio-geography) - विज्ञान की वह शाखा जिसमें पृथ्वी पर फ्लोरा व फॉना (fauna) के वितरण का अध्ययन किया जाता है।

8. द्विपद चलन (Bipedalism) - दो पैरों पर सीधा खड़ा होकर चलना।

9. बॉटलनेक प्रभाव (Bottleneck effect)- अपवाह (genetic drift) का कारण, तब उत्पन्न होता है आनुवंशिक जब अधिकांश जीनोटाइप प्राकृतिक आपदा या मानवीय दखल के कारण नई पीढ़ी के निर्माण से वंचित रह जाते हैं।

10. शाखायी अवरोहण (Branching Descent)- विकास अर्थात् पूर्वजों से आकारिक व आनुवंशिक रूप से जीव भिन्न संततियों का विकास या अवतरण का रूप शाखायी। (Branching) है, सीढ़ी समान नहीं।

11.रासायनिक विकास (Chemical Evolution ) - आद्य पृथ्वी पर सरल अकार्बनिक तत्वों से दीर्घ अणुओं व प्रथम जीवन विकास।

12. अभिसारी विकास (Convergent Evolution)-एकसमान पर्यावरणीय परिस्थितियों हेतु या समान कार्य करने हेतु विभिन्न पूर्वज परम्पराओं (ancestry) वाले जीवों में विकसित हुई समानताएँ, तुल्यरूपी अंग अभिसारी विकास के परिचायक हैं।

13. महाद्वीपीय अपवाह (Continentral Drift)-महाद्वीपों का प्लेट टेक्टोनिक्स या अन्य कारकों से एक-दूसरे से दूर होना।

14. सीलाकैन्थ (Coelacanth)- एक जीवित जीवाश्म मछली जिसे विलुप्त मान लिया गया था, लोबफिन के नाम से जानी जाने वाली इन मछलियों से ही आज के उभयचरों का विकास हुआ है।

15. सह-विकास (Co-Evolution)- संयुक्त विकास जिसमें एक प्रजाति दूसरे पर चयनात्मक बल (Selective pressure) आरोपित करती है।

16. साझा पूर्वज (Common Ancestor)-कम से कम दो वंश परम्पराओं (line of disecent) के समान पूर्वज।

17. विदारक चयन (Disruptive Selection)- प्राकृतिक चयन का वह परिणाम जिसमें औसत जीनोटाइप की अपेक्षा दो अतिकारी फीनोटाइप ( estreme phenotype) का चयन होता है, जिससे एक प्रजाति के दो भिन्न रूप प्रकट होते हैं।-होता है, जिससे एक प्रजाति के दो भिन्न रूप प्रकट होते।

18. दिशात्मक चयन (Directional Selection) - प्राकृतिक चयन का वह परिणाम जिसमें एक अतिकारी फीनोटाइप चयन होता है जिससे एक नये रूप का चयन हो जाता है जैसे औद्योगिक मीलनता में।

19. अपसारी विकास (Divergent Evolution)-एक प्रकार की संरचना का विभिन्न प्रकार के जीवों में विभिन्न आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न रूपों में विकसित होना यह समरूपता (Homology) अपसारी विकास (Divergen evolution) है।

20. डायनासोर (Dinosaurs) - मीजोजोइक विशेषतः जुरैसिक पीरियड में पृथ्वी पर राज करने वाले भीमकाय सरीसृप जो लगभग 65 मिलियन वर्ष पूर्व अचानक विलुप्त हो गये।

21. विकास (Evolution)- समय के साथ विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलन हेतु आनुवंशिक व बाह्य लक्षणों में हुए बदलाव के कारण समान पूर्वजों से भिन्न जीवों का अवतरण।

22. विलुप्त (Extinct)- किसी प्रजाति या समूह का पूर्णरूप से समाप्त / लुप्त हो जाना।

23. उपयुक्तता (Fitness)- किसी जीव की प्रजनन कर अपने जीन/एलील को अगली पीढ़ी तक पहुँचने की क्षमता, जिसे अन्य जीवों की इसी प्रकार के पर्यावरण में प्रजनन करने की क्षमता की तुलना में आँका जाता है।

24. जीवाश्म (Fossil)- पृथ्वी की भू-पर्पटी (Earth crust) में संरक्षित किसी जीव के अवशेष/ चिन्ह।

25. जीवाश्मी अभिलेख (Fossil Record) - प्राचीन समय / भूतकाल के अवशेषों के अभिलेख को जीवन का इतिहास बताते हैं।

26. संस्थापक प्रभाव (Founder effect)- किसी समष्टि के केवल केंचुए जीवों, जो जनक समष्टि से भिन्न जीन आवृतियाँ प्रदर्शित करते हैं, के संयोग के कारण नई पीढ़ी के उत्पादन की आनुवंशिक अपवाह (genetic drift) की प्रक्रिया (जनक समष्टि प्रायः किसी आपदा या अन्य कारण से अगली पीढ़ी के निर्माण से वंचित रहती है)।

27. जीन प्रवाह (Gene flow) - अन्तः प्रजनन द्वारा दो समष्टियों के बीच-जीन की साझेदारी।

इसे पढ़े - वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली

28. जीन पूल (Gene pool)-किसी समष्टि के सभी जीवों की सभी एलिल व जीन।

29. अनुवंशिक अपवाह (Genetic Drift)- किसी समष्टि की एलील आवृत्तियों में यादृच्छिक बदलाव के कारण होने वाली विकास की क्रिया, जो प्रायः छोटी समष्टि में होती है, जब केवल कुछ जीव प्रजनन कर पाते हैं।

30. भू-वैज्ञानिक समय सारणी (Geological time scale)- चट्टानों व उनमें दबे जीवाश्मों से संबंधों के आधार पर तैयार पृथ्वी का इतिहास जिसमें पुरानी समयावधियों को दर्शाया गया है।

31. होमीनिड (Hominid)- कुल होमीनिड के सदस्य जिसमें आस्ट्रेलोपिथकिन्स व होमो वंश शामिल है।

32. होमीनॉइड (Hominoid)- कपि, मनुष्य व उनके निकट पूर्वजों का समूह।

33. समजातता (Homology)- विभिन्न जीवों के अंगों/ संरचनाओं की समानता जो उसके समान पूर्वजों से विकसित होने के कारण होती है तथा आण्विक स्तर पर भी हो सकती है।

34.समजात अंग (Homologous Organ)- विभिन्न जीवों के अंग जो विभिन्न कार्य करने के कारण अलग-अलग प्रकार से अनुकूलित होते हैं मगर संरचना में समान होते हैं।

35. मैक्रोइवोल्यूशन (Macro-Evolution)-बड़े विकासीय बदलाव जैसे नई प्रजाति की उत्पत्ति।

36. माइक्रोइवोल्यूशन (Micro-Evolution)-समष्टि की जीन आवृत्तियों में समय के साथ होने वाला बदलाव।

37. जीवाश्म विज्ञान (Palaeontology) - जीवाश्मों के अध्ययन से सम्बन्धित जीव विज्ञान की शाखा।

38. समानान्तर विकास (Parallel Evolution)- समान जीव समूहों में रचनाओं की समानताएँ जिनमें पूर्वज समान नहीं होते।

39. समष्टि (Population)- किसी भौगोलिक क्षेत्र में पाया जाने वाला एक समान (एक ही प्रजाति) के जीवों के समूह (किसी विशिष्ट समय।

इसे पढ़े - जैव समष्टि - पारिभाषिक शब्दावली

40. समष्टि आनुवंशिकी (Population Genetics)-समष्टि में जीन आवृत्तियों व उसके बदलावों का अध्ययन

41. प्राइमेट (Primate)- स्तनधारियों के गण प्राइमेटा से सदस्य जैसे- लीमर, बन्दर, कपि व मनुष्य।

42. प्रजाति (Species)-एक समान जीवों का समूह (इन सभी समष्टियाँ) जो आपस में अन्तःप्रजनन कर प्रजननक्षम जीव बनाते हैं। वर्गीकरण की सबसे छोटी इकाई।

43. स्थायीकारी चयन (Stabilizing selection)-प्रकृतिक चयन का प्रकार जिसमें औसत फोनोटाइप का चयन होता है तथा अतिकारी फोनोटाइप (Extreme phenotype) समाप्त होते जाते हैं।

इस आर्टिकल में हमने जीव विज्ञान के सन्दर्भ में विकास - पारिभाषिक शब्दावली( Evolution - Biology Terminology in Hindi)  के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में विकास - पारिभाषिक शब्दावली( Evolution - Biology Terminology in Hindi) से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि विकास - पारिभाषिक शब्दावली( Evolution - Biology Terminology in Hindi) का यह आर्टिकल आपके लिए लाभकारी साबित होगा, यदि आपको यह आर्टिकल अच्छा लगे तो इस आर्टिकल को शेयर जरुर करें। 

जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली (Reproduction in Organisms - Terminology in Hindi)

जीवों में जनन - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Reproduction in Organisms - Biology Terminology

इस पोस्ट में जीवों में जनन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। जीवो में जनन का अध्ययन करने से पूर्व हमें जीवों में जनन से जुड़े पारिभाषिक शब्दावली के बारे में सामान्य जानकारी अवश्य रखनी चाहिए जिससे जीवों में जनन का अध्ययन करते समय महत्वपूर्ण  शब्दों के अर्थ समझने में कठिनाई न हो। जीवों में जनन से सम्बंधित महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली के बारे में जानने के इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।

Reproduction in Organisms - Terminology in Hindi

Jivo me Janan Paribhashik Shabdawali

1. बाह्यदल पुंज (Calyx) - बाह्यदलों का समूह नाम।

2. अण्डप (Carpel) - जायांग / स्त्रीकेसर का बीजाण्ड धारण करने वाला भाग, अण्डाशय, वर्तिका व वर्तिकाग्र से मिलकर बनता है।

3. कोशिकीय भिन्नन (Cellular differentiation) -भ्रूणोद्भव प्रक्रिया व विकास की प्रावस्था जिसके द्वारा अभिन्नित कोशिका किसी कार्य विशेष हेतु विशिष्टीकृत हो जाती है।

4. कोनिडिया (Conidia) - कुछ कवकों जैसे पेनिसीलियम द्वारा बहिर्जात (Exogenously) बनाए जाने वाले अलैंगिक बीजाणु।

5. दलपुंज (Corolla) -दल (Petals) का सामूहिक नाम।

6. क्रोसिंग ओवर (Crossing over) - अर्धसूत्री विभाजन की अवस्था प्रोफेज को पेकीटीन अवस्था में समजात गुणसूत्र जोड़े के नान सिस्टर अर्धगुणसूत्र (क्रोमेटिड्स) के जीव होने वाला जीन विनिमय।

7. एकलिंगाश्रयी (Dioecious) - एक लिंगी पुष्पों शंकुओं को धारण करने वाले पौधा अर्थात् नर व मादा पौधों के अलग-अलग पाये जाने की अवस्था।

पढ़ेजनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक  शब्दावली

8. द्विगुणित (Dioploid) - कोशिका / जीव जिसमें प्रत्येक गुणसूत्र युग्म के दोनों गुणसूत्र उपस्थित हो।

9. भ्रूण (Embryo) -बहुकोशिकीय जीवों की वह अवस्था जो युग्मनज के विभाजन से जीव के स्वतंत्र जीव बनने तक रहती है (बीज में स्थित भ्रूण)।

10. भ्रूणकोष (Embryo sac ) -पुष्पी पादपों का मादा युग्मकोद्भिद जिसमें अण्ड स्थित होता है।

11. एन्ड्रोमेट्रियम (Endrometrium)- गर्भाशय का आन्तरिक स्तर (गर्भाशय की श्लेष्मिक कला) |

12. जैव विकास (Evolution) -समान पूर्वजों से जीवों का अवतरण जिसमें समय के साथ आनुवंशिक व बाह्य लक्षण परिवर्तन होते हैं जो जीवों को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बना देते हैं।

13. मादा युग्मकोद्भिद (Female gametophyte) - बीजीय पादपों में वह युग्मकोद्भिद जो अण्ड बनाता है, पुष्पी पादपों में भ्रूणकोष।

14. निषेचन (Fertilization) - नर व मादा युग्मकों का संलयन जिससे युग्मनज का निर्माण होता है।

15. पुष्प (Flower) - पुष्पी पादपों का जनन अंग जो अनेक प्रकार की रूपान्तरित पत्तियों से बना होता है, जो एक पुष्पासन पर संकेन्द्रिक क्रम में लगी रहती है।

16. युग्मक (Gamete) -अगुणित लैंगिक कोशिका जैसे शुक्राणु व अण्ड।

17. युग्मक जनन (Gametogenesis) - नर या मादा युग्मकों का बनना व भिन्नता।

18. युग्मकोद्भिद (Gametophyte) - पौधों के जीवन चक्र में पीढ़ी एकान्तरण की अगुणित अवस्था जो युग्मकों का निर्माण करती है।

इसे पढ़े - पादपो में लैंगिक जनन  -पारिभाषिक शब्दावली

19. आनुवंशिक पुनर्संयोजन (Genetic Recombina tion) - वह प्रक्रिया जिसमें गुणसूत्रों में नई आनुवंशिक सूचना समाहित होती है।

इसे पढ़े वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली

20. अगुणित (Haploid) - कोशिका जीव की वह अवस्था जिसमें प्रत्येक गुणसूत्र जोड़े का केवल एक गुणसूत्र उपस्थित होता है।

21. द्विलिंगी (Hermaphrodite) - मादा दोनों प्रकार के जनन अंग होते हैं।

22. जीवन चक्र (Life cycle)- जीव जिसमें नर व आनुवंशिक रूप से नियोजित परिघटनाओं के दोहराने का पैटर्न जिसमें जीव वृद्धि, विकास, रखरखाव व प्रजनन कर मृत्यु को प्राप्त होता है।

23.नर युग्मकोद्भिद (Male gametophyte) - बीजीय पादपों में वह युग्मकोद्भिद जो नर युग्मक (शुक्राणु) बनाता है।

24.अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) - लैंगिक प्रजनन के भाग के रूप में पाया जाने वाला कोशिका विभाजन जिसमें संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के गुणसूत्रों की संख्या की आधी रह जाती है।

25.सूत्री विभाजन (Mitosis) - कोशिका विभाजन जिसमें मातृ कोशिका के विभाजन से दो संतति कोशिकाएँ बनती है। जिनमें गुणसूत्रों की संख्या व प्रकार मातृ कोशिका के गुणसूत्रों के समान होता है।

26.उभयलिंगाश्रयी (Monoecious) - एकलिंगी नर व मादा पुष्पों / शंकु की एक ही पौधे पर उपस्थित होने की अवस्था।

27. मादा चक्र (Oestrous cycle) - गैर प्राइमेट स्तनधारियों के प्रजनन काल में मादा जन्तु के एकान्तरित रूप से मद या हीट (Heat) में आने की अवस्था जिसमें वह प्रजनन हेतु तैयार होती है।

28.अनुकूलन (Adaptation) - जीव के आकारिकीय, शारीरिक, शरीर क्रियात्मक या व्यवहार सम्बन्धी गुण जो उसे किसी पर्यावरण विशेष में सफलतापूर्वक जीवन यापन हेतु सक्षम बनाते हैं।

29. अपस्थानिक जड़ें (Adventitious roots) - पौधों में मूलांकुर के अतिरिक्त किसी अन्य भाग से विकसित होने वाली जड़ें।

30.पीढ़ी एकान्तरण (Alternation of generation) - पौधों का प्रारूपिक जीवन-चक्र जिसमें द्विगुणित बीजाणुद्भिद पीढ़ी अगुणित युग्मकोद्भिद पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

31.अलैंगिक जनन - (Asexual reproduction) - वह जनन जिसमें एक जनक भाग लेता है तथा जिसमें युग्मकों का निर्माण, अर्धसूत्री विभाजन पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

32.द्विविभाजन (Binary fission) - जनक कोशिका का दो बराबर की संतति कोशिकाओं में बट जाना। जीवाणु प्रोटिस्टा में अलैंगिक जनन की विधि।


इस लेख में हमने जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली (Reproduction in Organisms - Terminology in Hindi) के बारे में जाना । विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली (Reproduction in Organisms - Terminology in Hindi) से सम्बंधित सवाल अक्सर पूछे जाते हैं।

उम्मीद करता हूँ कि जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली (Reproduction in Organisms - Terminology in Hindi) की यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी, यदि आपको पोस्ट पसंद आये तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

जनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक शब्दावली (Reproductive Health - Terminology)

जनन स्वास्थ्य - जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली | Reproductive Health - Biology Terminology

नमस्कार, आपका answerduniya.com स्वागत है। इस पोस्ट में जनन स्वास्थ्य से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। किसी विषय विशेष से सम्बंधित शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है।विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- UPSC, STATE PCS, RRB,NTPC, RAILWAY, SSC, CDS इत्यादि में जनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक  शब्दावली (Reproductive Health - Terminology) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है। जनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक  शब्दावली (Reproductive Health - Terminology) के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।

Reproductive Health - Terminology

Jann vasthy Paribhashik Shabdawali

1. उल्ब परीक्षण (Amniocentesis) – भ्रूण में गुणसूत्रीय असामान्यताओं को ज्ञात करने की एक विधि जिसका दुरूपयोग भ्रूण के लिंग परीक्षण हेतु किया जाता है।

2. कृत्रिम वीर्य सेचन (Artificial Insemination) - वह तकनीक जिसमें किसी बन्ध्य पति/दाता का वीर्य कृत्रिम रूप से स्त्री की योनि अथवा गर्भाशय में प्रविष्ठ कराया जाता है।

3. सहायक जनन प्रौद्योगिकीयाँ (Assisted Reproductive Technologies ) – वह चिकित्सीय तकनीकें जो बन्ध्य लोगों के लिए सगर्भता के अवसर सुलभ करा देती है।

4. रोधक विधियाँ (Barrier Method) – गर्भ निरोधन के ऐसे उपाय जिसमें किसी यांत्रिक/ भौतिक साधन द्वारा शुक्राणुओं का अण्डकोशिका तक पहुँचना रोक दिया जाता है।

5. गर्भाशयी ग्रीवा टोपी (Cervical Cap) - गर्भ निरोध हेतु रबर/ प्लास्टिक से बनी एक टोपीनुमा रचना जो रोध या बैरियर की भाँति कार्य करती है।

पढ़े जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली

6. डायफ्रॉम (Diaphragms)-गर्भाशयी ग्रीवा पर लगाने वाला एक रोधक निरोध उपाय।

7. भ्रूण स्थानान्तरण (Embryo Transfer)-इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से बने भ्रूण को फैलोपियन नलिका अथवा गर्भाशय में स्थानान्तरित करना।

8. अन्तः कोशिकाद्रव्यीय शुक्राणु अन्तःक्षेपण (ICSI - In tra Cytoplasmic Sperm Injection) – सहायक जनन प्रौद्योगिकी की वह तकनीक जिसमें किसी बन्ध्य पुरुष के एक शुक्राणु को अण्ड कोशिका में इंजैक्ट किया जाता है।

9. बन्ध्यता ( Infertillty) - सन्तान पैदा करने की अक्षमता।

10. शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate)- एक वर्ष में प्रति 1000 जीवित शिशु जन्मों पर एक वर्ष के अन्दर मरने वाले शिशुओं की संख्या।

11.अन्तःगर्भाशयी युक्तियाँ (IUD Intra Uterine Device) - गर्भ निरोध की गर्भाशय में स्थापित की जाने वाली युक्तियाँ जो हॉर्मोन्स, कॉपर आधारित होती है। IUCD भी कहलाती है |

12.अन्तः गर्भाशयी वीर्य सेंचन (IUI Intra Uterine In semination ) – पति/दाता से प्राप्त वीर्य को कृत्रिम रूप से स्त्री के गर्भाशय में प्रविष्ट कराना।

13. अन्तः गर्भाशयी स्थानान्तरण (IUT Intra Uterine Transfer)- पात्रे निषेचन से बने 8 से अधिक कोरक खण्डों वाले भ्रूण को स्त्री के गर्भाशय में स्थानान्तरित करना।

14. दुग्धस्रावी अनार्तव (स्तनपान अनार्तव (Lactational Amenorrhea)- प्रसव के कुछ माह बाद तक सक्रिय स्तनपान के कारण माहवारी का अनुपस्थित होना।

15. मातृ मृत्यु दर (MMR-Maternal Mortality Rate) -प्रति 1000 सगर्भता स्थितियों में प्रतिवर्ष होने वाली मृत्यु की संख्या जिसमें सगर्भता अवधि, प्रसव व प्रसव के 42 दिनों के अन्दर हुई मृत्यु शामिल है।

16. सगर्भता का चिकित्सीय समापन (MTP - Medical Ter mination of Pregnancy) – प्रेरित गर्भपात या ऐच्छिक गर्भपात।

इसे भी पढ़ें- मानव जनन-जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली।

17. मुखिय गर्भ निरोधक (Oral Contraceptives)- हॉर्मोनल गोलियाँ जिन्हें गर्भ निरोध हेतु प्रयोग किया जाता है।

18. गोलियाँ (Pills)- गर्भनिरोध हेतु बनी हार्मोनल मुखीय औषधियाँ, एक प्रकार का मुखीय गर्भनिरोधक।

19. बन्ध्याकरण (Sterillzation)-गर्भनिरोध की शल्य चिकित्सीय विधियाँ, जैसे ट्यूबैक्टॉमी व वेसेक्टॉमी।

20. यौन संचरित रोग (STD Sexually Transmitted Dis eases)- प्राथमिक रूप से लैंगिक संपर्क द्वारा संचरित होने वाले रोग जैसे सिफलिस, एड्स आदि |

21. परखनली शिशु / टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube baby) - पात्रे निषेचन या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन व बाद में भ्रूण के गर्भाशय में स्थानान्तरण से विकसित शिशु |

22. वाल्ट (Vault)- रोधक गर्भ निरोध का एक उपाय।

23. रजित रोग (VD Venereal Disease)- यौन संचरित रोगों का ही एक नाम |

24. युग्मनज का अन्तः फैलोपियन नलिका स्थानान्तरण (ZIFT Zygote Intra Fallopian Transfer)- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से विकसित 8 कोशिकीय भ्रूण का फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरण


इस पोस्ट में हमने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले जनन स्वास्थ्य से जुड़े - पारिभाषिक  शब्दावली (Reproductive Health - Terminology) के बारे में जाना। इस पोस्ट में बहुत ही महत्वपूर्ण पारिभाषिक  शब्दावली का संग्रह किया गया है।

उम्मीद करता हूँ कि यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी, अगर आपको जनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक  शब्दावली (Reproductive Health - Terminology) की यह पोस्ट पसंद आये तो इस पोस्ट को शेयर जरुर करें।

अंश - पारिभाषिक शब्दावली (Shares Terminology in Hindi)

अंश - पारिभाषिक शब्दावली | Shares Terminology




हेलो दोस्तों, इस आर्टिकल में हम अंश - पारिभाषिक शब्दावली (Shares Terminology in Hindi) के बारे में जानेंगे। अंश को अंग्रेजी में शेयर कहा जाता है। अंश शब्द का अंग्रेजी अर्थ अधिकतर सभी लोंगो को SHARES के नाम से पता होता है क्यूंकि अंश शब्द का अर्थशास्त्र के अंतर्गत शेयर शब्द का प्रयोग सर्वाधिक प्रचलित है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अंश जिसे शेयर कहा जाता है के बारे में अधिकतर सवाल पूछे जाते हैं। अंश(Shares) के बारे में जानने से पहले हमें अंश(Shares) के पारिभाषिक शब्दावली के बारे में जान लेना चाहिए जिससे इस टॉपिक के बारे में पढ़ना आसान हो जाये। अंश(Shares) के बारे में जानने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़ें। 

Shares Terminology in hindi


Ansh Paribhashik Shabdavali 

1.अंश (Shares)- अंश का अर्थ- कंपनी को अधिक मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है। जिसे अनेकों व्यक्ति प्रदान करते है। अतः सुविधा के लिये पूँजी को छोटे- छोटे भागों में विभाजित कर दिया जाता है। ऐसे छोटे भागों को अंश कहा जाता है।

2.अंश (Shares)- अंश की परिभाषा- न्यायाधीश लिण्डले के अनुसार- "पूँजी का वह आनुपातिक भाग जो हर सदस्य लेता है, अंश कहलाता है।

3.समता अंश (Equity Shares)- समता अंशो से अभिप्राय उन अंशो से है, जिन पर कंपनी के विभाजन योग्य लाभ में से लाभांश पूर्वाधिकारी अंशो पर लाभांश बाँँटने के बाद ही मिलता है। इसे लाभांश बाँँटना अनिवार्य नहीं है।

4.पूर्वाधिकारी अंश (Preference Shares)- पूर्वाधिकारी अंश उन अंशों को कहते है, जिन्हें आजीवन एक निश्चित दर से लाभांश का भुगतान प्राप्त करने तथा कंपनी के समापन की दशा में पूँजी की वापसी में पूर्वाधिकारी प्राप्त होती है।

5.संचयी पूर्वाधिकारी अंश (Cumulative Preference Shares)- यदि किसी वर्ष में अपर्याप्त लाभ होने से इन अंशों को धारकों को लाभांश नहीं दिया जा सका है तो इसका संचय होता रहता है। आगामी वर्षों में मिलने वाले लाभों में से इसे पूरा किया जाता सकता है इसलिए इसे संचयी पूर्वाधिकारी अंश कहते है।

6.असंचयी पूर्वाधिकारी अंश (Non- Cumulative Preference Shares)- इन अंशों के धारकों को प्रत्येक वर्ष के लाभों में से लाभांश दिया जाता है। यदि किसी वर्ष कंपनी को लाभ नहीं होता है, या लाभ अपर्याप्त होता है, तो इन्हें लाभांश दिया जाता है।

7.परिवर्तन पूर्वाधिकारी अंश (Change Preference Shares)- ऐसे पूर्वाधिकारी अंश जिन्हें निश्चित शर्तो के अधीन समता अंशों में परिवर्तित किया जा सकता है, परिवर्तन पूर्वाधिकारी अंश कहलाते है।

8.अपरिवर्तन पूर्वाधिकारी अंश (Unchanged Preference Shares)- ऐसे पूर्वाधिकारी अंशजिन्हें समता में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है, परिवर्तन पूर्वाधिकारी अंश कहलाते है।

9.शोध्य पूर्वाधिकारी अंश (Due Preference Shares)- जिन पूर्वाधिकारी अंशों का शोधन एक निश्चित अवधि के बाद कर दिया जाता है, उन्हें शोध्य पूर्वाधिकारी अंश कहते है।

10.अशोध्य पूर्वाधिकारी अंश (Impure Preference Shares)- ऐसे पूर्वाधिकारी अंश जिनका शोधन कंपनी के जीवनकाल में नहीं किया जाता है, अशोध्य पूर्वाधिकारी अंश कहते है।

11.भागित पूर्वाधिकारी अंश (Divided Preference Shares)- ऐसे पूर्वाधिकारी अंश जिन पर एक निश्चित दर के अलावा अधिक लाभ होने की दशा में अतिरिक्त लाभांश भी दिया जाता है, भागित पूर्वाधिकारी अंश कहते है।

12.अभागित पूर्वाधिकारी अंश (Undivided Preference Shares)- जिन पूर्वाधिकारी अंशों पर एक निश्चित दर से लाभांश दिया जाता है एवं कंपनी के अतिरिक्त लाभ में उनका भाग नहीं रहता है। उन्हें अभागित पूर्वाधिकारी अंश कहते है।

13.अधिकृत पूँजी (Reverse Capital)- पार्षद सीमानियम में उल्लेख की गई पूँजी को अधिकृत पूँजी कहते है। कंपनी का रजिस्ट्रेशन इसी पूँजी के आधार पर होता है, अतः इसे रजिस्टर्ड पूँजी भी कहते है।

14.निर्गमित पूँजी (Issued Capital)- निर्गमित पूँजी अधिकृत पूँजी का वह भाग है, जो जनता में बेचने हेतु जारी किया जाता है।

15.पूँजीगत संचय (Capital Reverse)- सामान्य लाभों को छोडकर अन्य पूँजीगत लाभों से बनाया गया संचय ही पूँजीगत संचय कहलाता है।

16.संचित पूँजी (Reverse Capital)- संचित पूँजी कंपनी द्वारा न माँगी गई पूँजी का वह भाग है, जिसे कंपनी के समापन पर ही माँगा जाता है।

17.अंश प्रमाण पत्र (Shares Certificate)- कंपनी द्वारा अपने अंशधारियों को उसके द्वारा लिए गए अंशों के प्रमाण स्वरूप अपनी मोहर लगाकर जो प्रमाण पत्र दिया जाता है, उसे अंश प्रमाण पत्र कहते है।


इस आर्टिकल में हमने अंश - पारिभाषिक शब्दावली (Shares Terminology in Hindi) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अंश (Shares) से जुड़े पूछे गए प्रश्नों को ध्यान में रखकर अंश - पारिभाषिक शब्दावली (Shares Terminology in Hindi) का  यह आर्टिकल लिखा गया है।

उम्मीद करता हूँ कि अंश - पारिभाषिक शब्दावली (Shares Terminology in Hindi) का यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा, अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा हो तो इस आर्टिकल को शेयर अवश्य करें।