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बजट और कर से संबंधित अर्थ (Meaning related to budget and tax in Hindi)

बजट और कर से संबंधित अर्थ(Meaning related to budget and tax)

हेलो दोस्तों, आपका answerduniya.com में स्वागत है। बजट और कर अर्थशास्त्र से जुड़े हुए शब्द हैं, जिनसे हर कोई अवगत है। परन्तु बजट और कर केवल इन्हीं शब्दों तक सीमित नहीं है, इनका विशाल अर्थ है। आज के इस लेख में बजट और कर से सम्बंधित महत्वपूर्ण पारिभाषिक शब्दावली के बारे जानने वाले हैं।  बजट और कर से संबंधित अर्थ (Meaning related to budget and tax in Hindi) से जुड़े सवाल विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते रहते हैं। 
Meaning related to budget and tax in Hindi

Bajt or Kar se Smbndhit Arth 

1.बजट (Budget)- जाॅनसन के अनुसार- एक राजकीय बजट आने वाले समय प्रायः एक वर्ष में राज्य के अनुमानित आय- व्ययों का विवरण है।

2.केन्द्रीय बजट (Central Budget)- केन्द्रीय बजट को केंद्र सरकार तैयार करती है केन्द्रीय सरकार के द्वारा अनुमानित प्राप्तियों और प्रस्तावित खर्चो तथा भुगतानों का विस्तृत वर्णन करता है।

3.राज्य बजट (State Budget)- राज्य सरकार द्वारा जो बजट तैयार किया जाता है उसे राज्य बजट कहते है।

4.राजस्व बजट (Revenue Budget)- राजस्व बजट में कर राजस्व और गैर-राजस्व प्राप्तियों और इस राजस्व से सम्बन्धित खर्चे आते है राजस्व खाते अन्तर्गत वे मन्दे आते है जिन्हें चुकाना नहीं पड़ता है।

जानें- राष्ट्रीय आय से सम्बंधित अर्थ।

5.पूँजीगत बजट (Capital Budget)- पूँजीगत बजट के अन्तर्गत सरकार की प्राप्तियाँँ और पूँजीगत खर्चे आते है।पूँजीगत प्राप्तियाँँ सरकार की वे प्राप्तियाँँ है जो दायित्व बढ़ाती है। जैसे- बाजार से उधार, विदेशी ऋण आती है।

6.योजना बजट (Plan Budget)योजना बजट एक दस्तावेज है, जो केंद्रीय योजना में सम्मिलित परियोजनाओं कार्यक्रमों और अन्य योजनाओं के लिए बजट संबंधी प्रावधान प्रस्तुत करता है। जैसे- कृषि और उससे सम्बन्धित विवरण प्रस्तुत करता है।

7.मुख्य बजट (Main Budget)- मुख्य बजट सरकार के द्वारा सम्पूर्ण वर्ष के लिए प्रस्तुत अनुमानित प्राप्तियों और खर्च का एक वित्तीय वार्षिक विवरण है।

8.अनुपूरक बजट (Supplementary Budget)- अनुपूरक बजट वह बजट है जो किसी देश की सरकार के द्वारा युद्ध,भूकम्प, बाढ़ जैसे आपातकालीन परिस्थितियों में संसद में प्रस्तुत किया जाता है।

9.सन्तुलित बजट (Balanced Budget)जब सरकारी राजस्व और खर्चे समान हों, तब उसे सरकारी बजट कहते है।

10.असन्तुलित बजट (Unbalanced Budget)-जब राजस्व की तुलना में खर्चे अधिक या कम होता है, तो उस बजट को असन्तुलित बजट कहते है।

पढ़ें- अर्थशास्त्र की परिभाषा।

11.सार्वजनिक आय(Public Revenue)- सार्वजनिक आय से तात्पर्य, सरकार की उन सभी मौद्रिक प्राप्तियों से है, जो सरकार व्यय के लिए आवश्यक है।

12.कर (Tax)- कर एक ऐसी अनिवार्य भुगतान है, जो आवश्यक रूप से सरकार को उसके बनाए कानूनों के अनुसार दिया जाता है। इसके बदले में किसी सेवा प्राप्ति की आशा नहीं की जा सकती है।

13.प्रगतिशील कर (Progressive Tax)- डाॅॅल्टन के अनुसार- प्रगतिशील करों में करदाता की आय जितनी अधिक होती है, उतने ही अधिक अनुपात में वे कर अदा करते है।

14.प्रतिगामी कर (Regressive Tax)- इस कर में कम आय वाले व्यक्तियों पर कर अधिक दर से लगाया जाता है अधिक आय वालोँ पर कर की दर अपेक्षाकृत कम होती है। इनका वास्तविक भर निर्धन व्यक्तियों पर अधिक तथा धनी व्यक्तियों में कम पड़ता है।

15.प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)- प्रत्यक्ष कर वे कर होते है जिनका भुगतान एक बार में कर दिया जाता है तथा वे ही व्यक्ति उनका भुगतान करते है जीन पर वह लगाया जाता अर्थात उनके भर को दूसरों पर टाला नहीं जा सकता है।

16.अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)- अप्रत्यक्ष कर वे कर होते है जिनका भुगतान दूसरे व्यक्तियों पर टाला जा सकता है अर्थात अप्रत्यक्ष कर का कराघात किसी एक व्यक्ति पर पड़ता है जो कर के मौद्रिक भर को अन्य व्यक्तियों के कन्धे पर टाल देता है। जैसे- बिक्री कर, आयात एवं निर्यात आदि।

17.विशिष्ट कर (Specific Tax )- जब किसी वस्तु पर उसके वजन के अनुसार या उसकी इकाई या आकर के अनुसार कर लगाया जाता है, तब उसे विशिष्ट कर कहते है।

18.मूल्यानुसार कर (Advalorem Tax)- जब किसी वस्तु पर उसके मूल्य के अनुसार कर लिया जाता है, तब उसे मूल्यानुसार कर कहते है।

19.सार्वजनिक ऋण (Public Debt)- प्रो. टेलर के अनुसार- सार्वजनिक ऋण सरकार द्वारा देश के अन्दर तथा विदेशों में बैंकों, व्यावसायिक संस्थओं तथा व्यक्तियों से लिया गया उर्जा है।

20.सार्वजनिक व्यय (Public Expenditure)- सार्वजनिक व्यय से तात्पर्य, उन समस्त व्ययों से है, जिन्हें किसी देश की केन्द्रीय राज्य तथा स्थानीय सरकारें एक वित्तीय वर्ष में अपने प्रशासन, सामाजिक कल्याण, आर्थिक विकास तथा अन्य देशों की सहायता के लिए करते है।

21.विकासात्मक व्यय (Development Expenditure)- विकासात्मक व्यय वह व्यय है जो आर्थिक विकास तथा सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता है। इसके अन्तर्गत शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग आदि पर विकास पर खर्चे की जाने वाली धन आती है।

22.गैर- विकासात्मक व्यय (Development Expenditure)- गैर- विकासात्मक व्यय, वह व्यय, है जो सरकार के प्रशासन की सुरक्षा कानून व्यवस्था आदि पर खर्चे किया जाता है। इसके अन्तर्गत कर्मचरियों के वेतन, सेना, पुलिस, जेल आदि पर किया जाने व्यय आता है।

इस लेख में हमने बजट और कर से संबंधित अर्थ (Meaning related to budget and tax in Hindi) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को ध्यान में रखकर यह लेख तैयार किया गया है।

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ऋणपत्र-पारिभाषिक शब्दावली (DebentureTerminology in hindi)

ऋणपत्र- पारिभाषिक शब्दावली (Debenture Terminology)


हेलो दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में हम ऋणपत्र-पारिभाषिक शब्दावली (DebentureTerminology in hindi) के बारे में जानेंगे। ऋणपत्र, ऋण राशि की एक इकाई होती है, जब भी कोई कंपनी लोंगो से ऋण राशि संगृहीत करना चाहती है तो ऋण पत्र जारी करती है। ऋण पत्र अर्थशास्त्र से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। ऋणपत्र न केवल व्यवसाय बल्कि सामान्य लोंगो के जीवन में भी उपयोग में आता रहता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ऋणपत्र-पारिभाषिक शब्दावली (DebentureTerminology in hindi)
से सम्बंधित सवाल पूछे जाते रहते हैं।

DebentureTerminology in hindi



Rin Patra Paribhashik Shabdavali

1.ऋणपत्र (Debenture)- ऋणपत्र का अर्थ- कंपनी जब ऋण लेती है तो इसकी स्वाकृति के लिए ऋणदाता को वह एक प्रमाण पत्र देती है यही प्रमाण पत्र ऋण कहलाता है।

2.ऋणपत्र (Debenture)- ऋणपत्र का परिभाषा- ऋण-पत्र एक प्रपत्र है जिसमें ब्याज एवं पूँजी की वापसी की शर्ते होती है एवं जो ऋण निर्माण अथवा स्वीकार करता है।

3.रजिस्टर्ड ऋणपत्र (Registered Debenture)- यह वे ऋणपत्र होते है, जो कंपनी अधिनियम के अन्तर्गत निर्गमित किये गए हों और जिनकी प्रविष्टि कंपनी ने ऋणपत्रधारियों के रजिस्टर में की हों अर्थात् मूलधन तथा ब्याज का भुगतान उन्हीं ऋणपत्रधारियों द्वारा किया जाता है, जिनकी नाम उक्त रजिस्टर में दर्ज की हों।

4.वाहक ऋणपत्र (Bearer Debenture )- वाहक ऋणपत्र वे ऋणपत्र होते है जिसके मूलधन तथा ब्याज का भुगतान वह व्यक्ति को किया जाता जिसके पास ऋणपत्र होता है।

जानें- मुद्रा एवं बैंकिंग से सम्बंधित अर्थ

5.सुरक्षित ऋणपत्र (Secured Debenture )- वे ऋणपत्र जो कंपनी की चल एवं अचल सम्पत्ति पर प्रभार द्वारा सुरक्षित होते है, इसे सुरक्षित या बंधक ऋणपत्र कहलाते है। यह प्रभार स्थायी या अस्थायी हों सकता है।

6.असुरक्षित ऋणपत्र (Unsecured Debenture)- ये वे ऋणपत्र होते है जिन पर कंपनी ऋण तथा ब्याज के भुगतान के लिए कोई प्रतिभूति गिरवी नहीं रखती है। इनके भुगतान होने की कोई गारण्टी नहीं होती है।

7.शोध्य ऋणपत्र (Due Debenture )- वे ऋणपत्र होते है, जिनका भुगतान निश्चित अवधि समाप्त होने पर अथवा निश्चित अवधि के अभाव में, कंपनी की इच्छा पर कभी कंपनी के जीवनकाल में कर दिया जाता है। ये अस्थायी या प्रतिदेय ऋणपत्र कहते हैं।

8.अशोध्य ऋणपत्र (Bad Debenture )- वे ऋणपत्र होते है, जिनका भुगतान कंपनी के जीवनकाल में नहीं किया जा सकता है अर्थात् कंपनी की समापन पर ही इनकी भुगतान हों सकता है।

9.परिवर्तनशील ऋणपत्र (Convertible  )- परिवर्तनशील ऋणपत्रों से आशय ऐसे ऋणपत्रों से है, जिन्हें एक निश्चित अवधि में अंशों या नये ऋणपत्रों में परिवर्तित किया जा सकता है।

10.अपरिवर्तनशील ऋणपत्र (Non convertible )- ऐसे ऋणपत्र जिनको समता या अधिमान अंशों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है, अपरिवर्तनशील ऋणपत्र कहलाता है। ऐसे ऋणपत्रों की ब्याज की दर ऊँची होती है।

11.शून्य कूपन दर वाले ऋणपत्र (Zero coupon rate debenture )- जिन ऋणपत्रों पर किसी विशेष दर से ब्याज नहीं मिलता है, उन्हें शून्य कूपन दर वाले ऋणपत्र कहते है।

12.विशिष्ट कूपन दर वाले ऋणपत्र (debenture with specific coupon rate )- जिन ऋणपत्रों पर किसी विशेष दर से ब्याज देय हों, उन्हें विशिष्ट कूपन दर वाले ऋणपत्र कहते है।

पढ़ें- विपणन- पारिभाषिक शब्दावली

13.बंधपत्र (Bond)- बंधपत्र या बॉण्ड की प्रकृति भी ऋणपत्र से मिलती- जुलती होती है। बॉण्ड सरकारी, अर्द्ध सरकारी या गैर- सरकारी संगठनों द्वारा निर्गमित किये जा सकते है जो ऋणपत्र में स्वीकृति दर्शाते है।

14.अवशिष्ट याचना राशि (Calls in Arrears)- ऋणपत्रों की ऐसी राशि अदत्त या अवशिष्ट राशि कही जाती है जो ऋणपत्रधारियों पर देय हों चुकी है तथा कंपनी ने उसे माँग लिया है, किन्तु निर्धारित तिथि पर ऋणपत्रधारियों ने उसका भुगतान नहीं किया जाता है।

15.अग्रिम याचना राशि (Calls in Advance)- कभी- कभी कुछ ऋणपत्रधारियों से ऋणपत्रों का भुगतान उसकी माँग करने के पहले ही प्राप्त हों जाता है, तब इस तरह प्राप्त की गई ऋणपत्र की राशि को अग्रिम याचना राशि कहा जाता है।

16. ऋणपत्र का शोधन (Redemption of debenture)- यह ऋणपत्र शोधन का अर्थ ऋणपत्रों के प्रति देयता को समाप्त करना है अर्थात् ऋणपत्रों पर देय राशि का भुगतान करना है।

17.अत्यधिक अभिदान (Over subscription)- कंपनी द्वारा निर्गमित ऋणपत्रों की संख्या से अधिक संख्या में ऋणपत्रों के लिए जनता से आवेदन प्राप्त होता है।


इस पोस्ट में हमने  ऋणपत्र-पारिभाषिक शब्दावली (DebentureTerminology in hindi) के बारे में जाना । विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में ऋणपत्र-पारिभाषिक शब्दावली (DebentureTerminology in hindi) से जुड़े सवाल पूछे जाते रहते हैं।

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जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली (Reproduction in Organisms -Terminology)

जीवों में जनन-पारिभाषिक शब्दावली(Reproduction in Organisms Terminology)

नमस्कार, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस लेख में हम जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली(Reproduction in Organisms -Terminology) के बारे में जानने वाले हैं। जीवों में जनन एक महत्वपूर्ण टॉपिक है । जीव की उत्पति किसी पूर्ववर्ती जीव से होती है। जनन के द्वारा कोई भी जीव अपने ही समान अन्य जीवों को जन्म देकर अपने जाति  की वृद्धि करता है। इस लेख में इसी जनन विषय से जुड़े शब्दों के पारिभाषिक शब्दावली और पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Reproduction in Organisms -Terminology

Jivo me Janan Paribhashik Shabdawali

1. बाह्यदल पुंज (Calyx) - बाह्यदलों का समूह नाम।

2. अण्डप (Carpel) - जायांग / स्त्रीकेसर का बीजाण्ड धारण करने वाला भाग, अण्डाशय, वर्तिका व वर्तिकाग्र से मिलकर बनता है।

3. कोशिकीय भिन्नन (Cellular differentiation) -भ्रूणोद्भव प्रक्रिया व विकास की प्रावस्था जिसके द्वारा अभिन्नित कोशिका किसी कार्य विशेष हेतु विशिष्टीकृत हो जाती है।

4. कोनिडिया (Conidia) - कुछ कवकों जैसे पेनिसीलियम द्वारा बहिर्जात (Exogenously) बनाए जाने वाले अलैंगिक बीजाणु।

5. दलपुंज (Corolla) -दल (Petals) का सामूहिक नाम।

6. क्रोसिंग ओवर (Crossing over) - अर्धसूत्री विभाजन की अवस्था प्रोफेज को पेकीटीन अवस्था में समजात गुणसूत्र जोड़े के नान सिस्टर अर्धगुणसूत्र (क्रोमेटिड्स) के जीव होने वाला जीन विनिमय।

7. एकलिंगाश्रयी (Dioecious) - एक लिंगी पुष्पों शंकुओं को धारण करने वाले पौधा अर्थात् नर व मादा पौधों के अलग-अलग पाये जाने की अवस्था।

पढ़ेजनन स्वास्थ्य - पारिभाषिक  शब्दावली

8. द्विगुणित (Dioploid) - कोशिका / जीव जिसमें प्रत्येक गुणसूत्र युग्म के दोनों गुणसूत्र उपस्थित हो।

9. भ्रूण (Embryo) - बहुकोशिकीय जीवों की वह अवस्था जो युग्मनज के विभाजन से जीव के स्वतंत्र जीव बनने तक रहती है (बीज में स्थित भ्रूण)।

10. भ्रूणकोष (Embryo sac ) -पुष्पी पादपों का मादा युग्मकोद्भिद जिसमें अण्ड स्थित होता है।

11. एन्ड्रोमेट्रियम (Endrometrium)- गर्भाशय का आन्तरिक स्तर (गर्भाशय की श्लेष्मिक कला) |

12. जैव विकास (Evolution) -समान पूर्वजों से जीवों का अवतरण जिसमें समय के साथ आनुवंशिक व बाह्य लक्षण परिवर्तन होते हैं जो जीवों को पर्यावरण के और अधिक अनुकूल बना देते हैं।

13. मादा युग्मकोद्भिद (Female gametophyte) - बीजीय पादपों में वह युग्मकोद्भिद जो अण्ड बनाता है, पुष्पी पादपों में भ्रूणकोष।

14. निषेचन (Fertilization) - नर व मादा युग्मकों का संलयन जिससे युग्मनज का निर्माण होता है।

15. पुष्प (Flower) - पुष्पी पादपों का जनन अंग जो अनेक प्रकार की रूपान्तरित पत्तियों से बना होता है, जो एक पुष्पासन पर संकेन्द्रिक क्रम में लगी रहती है।

16. युग्मक (Gamete) -अगुणित लैंगिक कोशिका जैसे शुक्राणु व अण्ड।

17. युग्मक जनन (Gametogenesis) - नर या मादा युग्मकों का बनना व भिन्नता।

18. युग्मकोद्भिद (Gametophyte) - पौधों के जीवन चक्र में पीढ़ी एकान्तरण की अगुणित अवस्था जो युग्मकों का निर्माण करती है।

इसे पढ़े - पादपो में लैंगिक जनन  -पारिभाषिक शब्दावली

19. आनुवंशिक पुनर्संयोजन (Genetic Recombina tion) - वह प्रक्रिया जिसमें गुणसूत्रों में नई आनुवंशिक सूचना समाहित होती है।

इसे पढ़े वंशागति का आण्विक आधार - पारिभाषिक शब्दावली

20. अगुणित (Haploid) - कोशिका जीव की वह अवस्था जिसमें प्रत्येक गुणसूत्र जोड़े का केवल एक गुणसूत्र उपस्थित होता है।

21. द्विलिंगी (Hermaphrodite) - मादा दोनों प्रकार के जनन अंग होते हैं।

22. जीवन चक्र (Life cycle)- जीव जिसमें नर व आनुवंशिक रूप से नियोजित परिघटनाओं के दोहराने का पैटर्न जिसमें जीव वृद्धि, विकास, रखरखाव व प्रजनन कर मृत्यु को प्राप्त होता है।

23. नर युग्मकोद्भिद (Male gametophyte) - बीजीय पादपों में वह युग्मकोद्भिद जो नर युग्मक (शुक्राणु) बनाता है।

24. अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis) - लैंगिक प्रजनन के भाग के रूप में पाया जाने वाला कोशिका विभाजन जिसमें संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के गुणसूत्रों की संख्या की आधी रह जाती है।

25. सूत्री विभाजन (Mitosis) - कोशिका विभाजन जिसमें मातृ कोशिका के विभाजन से दो संतति कोशिकाएँ बनती है। जिनमें गुणसूत्रों की संख्या व प्रकार मातृ कोशिका के गुणसूत्रों के समान होता है।

26. उभयलिंगाश्रयी (Monoecious) - एकलिंगी नर व मादा पुष्पों / शंकु की एक ही पौधे पर उपस्थित होने की अवस्था।

27. मादा चक्र (Oestrous cycle) - गैर प्राइमेट स्तनधारियों के प्रजनन काल में मादा जन्तु के एकान्तरित रूप से मद या हीट (Heat) में आने की अवस्था जिसमें वह प्रजनन हेतु तैयार होती है।

28. अनुकूलन (Adaptation) - जीव के आकारिकीय, शारीरिक, शरीर क्रियात्मक या व्यवहार सम्बन्धी गुण जो उसे किसी पर्यावरण विशेष में सफलतापूर्वक जीवन यापन हेतु सक्षम बनाते हैं।

29. अपस्थानिक जड़ें (Adventitious roots) - पौधों में मूलांकुर के अतिरिक्त किसी अन्य भाग से विकसित होने वाली जड़ें।

30. पीढ़ी एकान्तरण (Alternation of generation) - पौधों का प्रारूपिक जीवन-चक्र जिसमें द्विगुणित बीजाणुद्भिद पीढ़ी अगुणित युग्मकोद्भिद पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

31. अलैंगिक जनन - (Asexual reproduction) - वह जनन जिसमें एक जनक भाग लेता है तथा जिसमें युग्मकों का निर्माण, अर्धसूत्री विभाजन पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

32. द्विविभाजन (Binary fission) - जनक कोशिका का दो बराबर की संतति कोशिकाओं में बट जाना। जीवाणु प्रोटिस्टा में अलैंगिक जनन की विधि।

इस लेख में हमने जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली(Reproduction in Organisms -Terminology) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में जीवों में जनन से सम्बंधित जानकारी के बारे में पूछा जाता है।

आशा करता हूँ कि जीवों में जनन का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा, अगर आपको यह लेख पसंद आये तो इस लेख को शेयर अवश्य करें।

कृषि एवं जन्तु पालन-शब्दावली (Agriculture and Animal Husbandry-Terminology)

कृषि एवं जन्तु पालन-पारिभाषिक शब्दावली (Agriculture and Animal Husbandry-Terminology)

हेलो दोस्तों, आपका answerduniya.com में स्वागत है। आप सभी इस बात को अक्सर सुनते आ रहे हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारत में पशुपालन को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। अगर आप कृषि एवं जंतु के पालन के बारे में पढ़ना या जानना चाहते हैं तो आपको पहले कृषि एवं जन्तु पालन-पारिभाषिक शब्दावली (Agriculture and Animal Husbandry-Terminology) के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। इस पोस्ट में आपको कृषि एवं जन्तु पालन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया जा रहा  है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Agriculture and Animal Husbandry-Terminology)

Krishi Evam Jantu Paribhashik Shabdavali

1. कृषि ( Agriculture) - 

विज्ञान की शाखा या पद्धति जो फसलों को उगाने, फसलों के लिए भूमि तैयार करने तथा पशु पालन से सम्बन्धित है, फसलों का उगाना संग्रहण व विपणन भी इसी के भाग है।

2.पशु पालन (Animal Husbandry)- कृषि की वह शाखा जो पशुओं की देखभाल, प्रबन्धन व प्रजनन से सम्बन्धित है।

3.कृत्रिम मधुमक्खी छत्ता (Apiary)- लकड़ी से बना कक्ष जिसमें मधुमक्खी पालन किया जाता है।

4. मधुमक्खी पालन (Apiculture)- व्यावसायिक रूप से शहद उत्पादन के लिए किया जाने वाला मधुमक्खी संवर्धन।

5. जल कृषि (Aquaculture)- मछली, क्रस्टेशियन, मोलस्क या जलीय पादपों का व्यावसायिक संवर्धन।

6.कृत्रिम वीर्यसेचन ( Artificial Insemination)-उन्नत नस्ल के नर का वीर्य मादा के जननमार्ग में अन्तःक्षेपित या इंजेक्ट करना।

पढ़ें- मृदा अपरदन क्या है।

7. जैव पुष्टिकरण (Biofortification)- पादप प्रजनन की विभिन्न तकनीकों द्वारा फसली पौधों के पोषक मान में वृद्धि - करना।

8कैलस (Callus)- ऊतक संवर्धन में एक्सप्लाण्ड की संवर्धन माध्यम में वृद्धि से बना असंगठित व अविभेदित कोशिकाओं का समूह।

9. सांद्रिक पोषक (Concentrates nutrient)- पशुओं के - खाने में पोषक पदार्थों जैसे विटामिन, खनिजप्रोटीन या वसा आदि से समृद्ध भाग जैसे धान्य, खलीबिनौला।

10. घरेलूकरण (Domestication)- किसी जीव (पादप या जन्तु) को उसरी वन्य अवस्था से मानव प्रबन्धन की स्थिति में लाना।

11. कत्र्त्तातक (Explant)- किसी पौधे की वह कोशिका या ऊतक जिसे ऊतक संवर्धन हेतु पोषक माध्यम पर उगाया जाता है।

12. विदेशी नस्ल (Exotic Breed) -किसी क्षेत्र में प्रवेशित विदेशी नस्ल।

13. जनन द्रव्य (Germplasm)- किसी पौधे के सभी जीनों के सभी एलील्ससभी सम्भावित स्रोतों से।

14. उद्यानिकी (Horticulture)- कृषि की शाखा जो फलो, वृक्षों, उद्यानों, सजावटी पौधों की कृषि से सम्बन्धित है।

15. संकरण (Hybridisation)- दो भिन्न लक्षणों वाले जनकों के लैंगिक प्रजनन से संकरों का निर्माण।

16. हेटेरोसिस (Heterosis)- संकरों की दोनों जनकों से श्रेष्टता की अवस्था।

17. अन्तः प्रजनन (Inbreeding)- एक ही किस्म (Variety) नस्ल (Breed) के जीवों के बीच प्रजनन।

18. पशु सम्पदा (Livestock)- घरेलू कृत पशु जैसे गौवंश, भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ाऊँट आदि।

19. दुधारू पशु (Milch Animal)- दूध देने वाले पशु जैसे गाय, भैंस, बकरी आदि।

20. पादप प्रजनन (Plant Breeding)- अनुप्रयोज्य वनस्पति विज्ञान की एक शाखा जो फसली पौधों में आनुवंशिक सुधार सम्बन्धित है।

इसे पढ़े पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन  -पारिभाषिक शब्दावली 

21. मत्स्य पालन उत्पादन(Pisciculture)- मछलियों का व्यावसायिक।

22. पोल्ट्री (Poultry)- अण्डे व माँस प्राप्ति हेतु मुर्गी व अन्य पक्षियों का पालन।

23. चयन (Selection)- मिश्रित समष्टि से वांछित गुणों वाले जीवों की पहचान व चयन।

24. सुपरओव्युलेशन (Superovulation)- उन्नत नस्ल को मादा (गाय आदि) में हॉर्मोनों के इंन्जेक्शन द्वारा अनेक अण्डों का निर्माण (अण्डोत्सर्ग) की प्रक्रिया।

25. स्वमिंग ( Swarming) - पुरानी रानी (Queen) मक्खी को कुछ श्रमिकों के साथ छोड़कर नए स्थान पर नयी कॉलोनी निर्माण की प्रक्रिया।

26.लवणन (Salting)- मछलियों को सोडियम क्लोराइड सहित परासरण के व्दारा आंशिक निर्जलीकरण को लवणन कहते है।

27.कृमि खाद उत्पादन(Vermicomposting) - कार्बनिक कचरे के कम्पोस्टिंग केंचुए व्दारा कराने की क्रिया।

28.कीटनाशक(Insecticides) - रसायन जिनका उपयोग कीटों को मारने,भगाने और इनकी संख्या कम करने में होता है।

29.अथाह हिमीकरण (Deep freezing)- हिमीकरण से पूर्व मछलियों को ठीक प्रकार से साफ धोया जाता है और मछलियों का सिर काटकर - 18C तापक्रम पर लम्बे समय के लिए रखा जाता है।

30.सूर्य शुष्कन (Sun drying ) - छोटी मछलियों को सूर्य के प्रकाश में अनेक बार पलटकर सुखाया जाता है। बड़ी मछलियों को छोटे-छोटे टुकडों में काटकर सुखाया जाता है।

इस पोस्ट में हमने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले कृषि एवं जन्तुपालन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली के बारे में जाना। 

उम्मीद है आपको कृषि एवं जन्तु पालन-पारिभाषिक शब्दावली (Agriculture and Animal Husbandry-Terminology) का यह पोस्ट पसंद आया होगा। अगर आपको यह पोस्ट उपयोगी लगा हो तो इस पोस्ट को शेयर जरुर करें।

पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन-पारिभाषिक शब्दावली (Sexual Reproduction in Floral Plant-Terminology)

पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन-पारिभाषिक शब्दावली (Sexual Reproduction in Floral Plant-Terminology)

नमस्कार, आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस लेख में हम पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन-पारिभाषिक शब्दावली (Sexual Reproduction in Floral Plant-Terminology) के बारे में जानने वाले हैं। किसी विषय विशेष से सम्बंधित महत्वपूर्ण शब्दों की परिभाषा सहित सूची को पारिभाषिक शब्दावली कहा जाता है। किसी भी विषय को पढ़ने से पहले उसके पारिभाषिक शब्दावली के बारे में हमें जरूर जान लेना चाहिए ।

Reproduction in Floral Plant-Terminology

Pushpiya Padpo me Laigik Janan Paribhashik Shabdavali

1.अन्त:चोल(Intine)-परागकण की आंतरिक सतत पतली भित्ति जो पेंटासेल्युलोज की बनी होती है।

2.मध्यफलभित्ति(Mesocarp)-त्रिस्तरीय पेरीकार्प या फल भित्ति के बीज का स्तर।

3.मीजोगैमी(Mesogamy)-परागनलिका का अध्यावरण से होते हुए भ्रूणकोष में प्रवेश।

4.बीजांडव्दार(Micropyle)-बीजांड के अध्यावरण में स्थित वह छिद्र जिससे प्राय: परागनलिका बीजांड में प्रवेश करती है व जो बीज में भी वैसा ही बना होता है।

5.एकबीजाणुक(Monosporic)-ऐसा भ्रूण कोष जिसके निमार्ण से केवल एकगुरुबीजाणुक भाग लेता है।

जानें- मानव जनन-जीवविज्ञान पारिभाषिक शब्दावली

6.उभयलिंगाश्रयी(Monoccious)-नर व मादा दोंनो प्रकार के एकलिंगी पुष्पों को धारण करने वाला पौधा।

7.बीजांडकाय(Nucellus)-बीजांड के बीचो -बीच स्थिर भाग जिसमें भ्रूण कोष विकसित होता है।

8.अणडाशय(Ovary)-पुष्प के मादा जनन भाग अणडप का निचला फैला हुआ भाग जिसमे बीजांड स्थिर होता है ,जो निषेचन के बाद फल में बदल जाता है।

9.बीजांड(Ovary)-अंडाशय में स्थिर गुरुबीजाणुधानी जिसमें अर्धसूत्री विभाजन व्दारा भ्रूण कोष का निर्माण होता है

10.अनिषेकफलन(Parthenocarpy)-बिना निषेचन के फलों का विकास ,ऐसे फल बीज रहित होते हैं व अनिषेक जनन कहलाते हैं।

11.फलभित्ति(Pericarp)-परिपक्व अंडाशय की भित्ति जो निषेचनोपरांत फलभित्ति में बदल जाती है।

12.बीजांडासन(Placenta)-अंडाशय का वह स्थान जहाँ बीजांड लगे होते हैं।

13.बीजांडन्यास(Placentation)-बीजांडासन पर बीजांडो के लगे होने के क्रम अर्थात विन्यास का तरीका।

14.त्रिकर्सलयन(Tripalfusion)-2 ध्रुवीय केन्द्र को के एक नर युग्मक के साथ संलयन से त्रिगुणित भ्रूणपोष कोशिका बनना।

15.परागण (Pollination)-परागकणों के एक पुष्प के परागकोष से उसी पुष्प अथवा उसी प्रजाति के किसी अन्य पुष्पों के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरण की प्रक्रिया।

पढ़ें- जैव प्रौद्योगिकी- पारिभाषिक शब्दावली

16.सिनगैमी(Syngamy)-नर व मादा युग्मकों का संलयन \निषेचन

17.परागकण(Pollen)-परागकोष में बने अगुणित लघुबीजाणु जो नर युग्मकोदभिद का प्रतिनिधित्व करते हैं।

18.बहुभ्रूणता(Polyembryony)-बीज में एक से अधिक भ्रूणों के पास जाने की अवस्था।

19.बरुथीकास्क्यूटेलम(Scutellum)-एकबीजपत्रियों का एकमात्र बीजपत्र।

20.परिपक्वभ्रूणकोष(MatureEmbryoSac)-परिपक्व भ्रूणकोष में 7 कोशिकीय और 8 केन्दीकीय होते है।

21.बीज(Seed)-परिपक्व बीजांड जिसमे भ्रूण स्थित होता है।

22.साइफोनोगैमी(Siphonogamy)-परागनलिका की मदद से नरयुग्मक को मादा युग्मक के पास पहुचाने की क्रिया।

23.पुंकेसर(Stamen)-पुष्प के नर लैंगिक भाग की इकाई जो पुतंतु व परागकोष से बनी हो।

24.टेपीटम(Tapetum)-परागकोष भित्ति का सबसे भीतरी पोषक स्तर जो लघुबीजाणु मातृकोशिका व लघुबीजाणुओं को पोषण प्रदान करता है।25.टेस्टा(Testa)-बीज का बाह्य कवच जो बीजाण्ड के बाहरी अध्यावरण से विकसित होता है।

26.पुष्पासन(Thalamus)-पुष्प वृन्त का ऊपरी फूला हुआ भाग जिस पर पुष्प की चारों भूमियाँ(Whoris) लगी होती है।

27.जीवनक्षमता(Viability)- परागकण अथवा बीजों की अंकुरण करने में सक्षम होने की क्षमता ।

जानें- पादप ऊतक -पारिभाषिक शब्दावली 

28.परपरागण(Xenogamy)-वह परागण जिसमें परागकण एक पुष्प के परागकोष से उसी प्रजाति के किसी अन्य पौधे पर स्थित पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरित होते हैं।

29.युग्मनज(Zygote)-लैंगिक जनन में नर व मादा युग्मक के संलयन से बनी द्विगुणित कोशिका।

30.भ्रूणपोषी(Albuminous)-ऐसे परिपक्व बीज जिनमें भ्रूणपोष बना रहता है। जैसे-नारियल,मक्का।

31.एल्यूरॉनपरत(Aleuronelayer)-एकबीजपत्री बीजों में भ्रूणपोष के चारों ओर पायी जाने वाली परत जिसकी कोशिकाओं में एल्यूरॉन होती है।

32.पीढ़ीएकान्तरण(AlternationofGeneration)-पौधों का प्रारूपिक जीवन-चक्र जिसमें द्विगुणित बीजाणुद्भिद पीढ़ी अगुणित युग्मकोद्भिद पीढ़ी से एकान्तरित होती है।

33.ऑटोगैमी(Autogamy)-स्वपरागण का एक प्रकार जिसमें किसी पुष्प के परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर स्थानान्तरित होते हैं।

34.एकीन(Achene)-एकबीज वाले अस्फुट्नशील सरल फल।

35.कृत्रिमसंकरण(Artificialhybridization)-पादप प्रजनन की ए तकनीक जिसमें दो जनक पौधों के बीच मनुष्य द्वारा परागण कर संकरण कराया जाता है।36.प्रतिमुखकोशिकाएँ(Antipodalcells)-भ्रूणकोष में निभागीय सिरे (बीजाण्डद्वार के विपरीत सिरे) की ओर स्थित कोशिकाएँ जो भ्रूण को पोषण प्रदान करने के बाद नष्ट हो जाती है।

37.परागकोष(Anther)-पुंकेसर का वह भाग जिसमें परागकणों का निर्माण होता है।

38.मुक्ताण्डपी(Apocarpous)-वह बहुअण्डपी अवस्था जिसमें प्रत्येक अण्डप एक-दूसरेसे पृथक होता है

39.असंगजनन(Apomixis)-बिना युग्मक संलयन/निषेचन के बीज का निर्माण।

40.एलर्जन(Allergen)-एलर्जी उत्पन्न करने वाले कारक जैसे परागकण।

41.पुष्पीयपौधे(Angiosperm)-पुष्पीय पौधे जिनमें बीज फल के अन्दर स्थित होता है।42.अण्डप(Carpel)-पुष्प का मादा जनन भाग जो वर्तिकाग्र व अण्डाशय से मिलकर बना होता है।

43.उन्मीलपरागणी(Chasmogamous)-सामान्य पुष्प जिन के परागकोष व वर्तिकाग्र अनावृत (खुले) होते हैं।

44.अनुन्मील्यपरागणी(Cleistogamous)-ऐसे पुष्प जो कभी नहीं खुलते जैसे को मेलाइना।

45.सहविकास(Coevolution)-ऐसा संयुक्त विकास जिसमें एक प्रजाति दूसरी पर चयनात्मक बल लगाती है।

46.प्रांकुरचोल(Coleoptile)- एकबीजपत्री भ्रूण में एकबीजपत्री भ्रूण प्रांकुर व आद्यपत्तियों का सुरक्षात्मक आवरण

47.मूलांकरचोल(Coleorhiza)-एकबीजपत्री भ्रूण में मूलांकुर का सुरक्षात्मक आवरण।

48.बीजपत्र(Cotyledon)-पुष्पीय पौधों के भ्रूण के बीजपत्र,जो अंकुरण व बढ़ते नवांकुर को प्रकाश संश्लेषण प्रारम्भ होने तक पोषण उपलब्ध कराते हैं।49.एकलिंगाश्रयी(Dioecious)-एकलिंगी पुष्प धारण करने वाले नर अथवा मादा पादप डाइथिकस(Dithecous)-द्विपालित परागकोष जिसकी प्रत्येक पालि में दो थीका होते हैं।

51.प्रसुप्ति(Dormancy)-बीजों की वह अवस्था जिसमें वृद्धि रूक जाती है व अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर भी अंकुरण नहीं होता है।

52.द्विनिषेचन(Doublefertilization)-पुष्पीय पादपों का विशिष्ट लक्षण जिसमें भ्रूणकोष में सिनगैमी व त्रिकसंलयन के रूप में दो बार संलयन होता है।

53.भ्रूण(Embryo)-युग्मनज के विभाजन में बनी मुक्तजीवी जीवन से पहले की बहुकोशिकीय अवस्था।

54.भ्रूणकोष(Embryosac)-पुष्पीय पौधों का मादा युग्मकोद्भिद।

इन्हें भी पढ़ें- पर्यावरण के महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी 

55.भ्रूणपोष(Endosperm)-पुष्पीय पौधों का त्रिगुणित पोषक ऊतक जो त्रिकसंलयन के फलस्वरूप बनता है।

56.भ्रूणीयअक्ष(Embryonalaxis)-बीज का भ्रूण जिसमें हाइपोकोटिल,एपीकॉटिल के साथ मूलांकर व प्रांकुर शामिल होते हैं व जो बीजपत्र से जुड़ा होता है।

57.विपुंसन(Emasculation)-पादप प्रजनन प्रक्रिया में मादा जनक पौधे के द्विलिंगी पुष्प से कलिका अवस्था में ही परागकोषों को काटकर अलग कर देना ताकि वर्तिकाग्र पर वांछित प्रकार के परागकण डाले जा सके।

58.बाह्यचोल(Exine)-परागकण की स्पोरोपोलेनिन से बनी बाहरी मोटी भित्ति जिसमें जनन छिद्र होते हैं।

59.भ्रूणविकास(Embryogeny)-युग्मनज से भ्रूण का विकास।

60.निषेचन(Fertilization)-नर व मादा युग्मक का संलयन जिसके फलस्वरूप द्विगुणित युग्मनज बनता है।

61.पुतंतु(Filament)–पुंकेसर का निचला तंतुवत भाग जिस पर परागकोष लगा रहता है।

62.पुष्प(Flower)-पुष्पीय पौधों में लैंगिक जनन सम्पन्न कर ने हेतु बना प्ररोह का एकरूपान्तरण।

63.फल(Fruit)-परिपक्व अण्डाशय जिसमें प्राय: बीज होते हैं।

64.युग्मक(Gamete)-अगुणित लिंग कोशिका जैसे अण्डकोशिका।65.युग्मकजनन(Gametogenesis)–नर या मादा युग्मकों का निर्माण व विकास।

66.जननछिद्र(Germpore)-परागकण की बाह्य भित्ति एक्जाइन के पतले क्षेत्र जहाँ स्पोरोपोलेनिन नहीं होता और जिनसे परागनलिका निकलती है।

67.जननकोशिका(Generativecell)-द्विकोशिकीय परागकण की छोटी कोशिका जो विभाजित होकर दो नरयुग्मक बनाती है।

68.जीटोनोगैमी(Geitonogamy)-परागकणों का एक पुष्प के परागकोष से उसी पौधे पर स्थित किसी अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानान्तरण (स्वपरागण)।

69.विषमबीजाणुक(Heterosporous)-बीजीय पादप जो दो प्रकार के बीजाणु (लुघबीजाणुवगुरुबीजाणु)बनातेहैं।जैसे जिम्नोस्पर्म व एंजियोस्पर्म।

70.असंगततायाअनिषेच्यता(Incompatibility)-असंगत या अन्तःप्रजनन रोकने की एक युक्ति जिसमें असंगत परागकण का वर्तिकाग्र पर अंकुरण या परागनलिका की वृद्धि अवरोधित हो जाती है।


इस लेख में हमने पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन-पारिभाषिक शब्दावली (Sexual Reproduction in Floral Plant-Terminology) के बारे में जाना। 

उम्मीद करता हूँ कि पुष्पीय पादपो में लैंगिक जनन-पारिभाषिक शब्दावली (Sexual Reproduction in Floral Plant-Terminology) का यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा, यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इस लेख को शेयर अवश्य करें । 

जनन स्वास्थ्य-पारिभाषिक शब्दावली (Reproductive Health-Terminology)

जनन स्वास्थ्य-पारिभाषिक शब्दावली(Reproductive Health - Terminology)

नमस्कार, आपका answerduniya.com में स्वागत है। इस आर्टिकल में हम जनन स्वास्थ्य-पारिभाषिक शब्दावली (Reproductive Health-Terminology) के बारे में जानेंगे। जनन स्वास्थ्य जीवविज्ञान का एक टॉपिक है जिससे जुड़े प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में देखने को मिल जाते हैं। विभिन्न परीक्षाओं को ध्यान में रखकर यह आर्टिकल लिखा गया है। अगर आप जनन स्वास्थ्य पढ़ने वाले हैं तो आपको जनन स्वास्थ्य -पारिभाषिक शब्दावली के बारे में  अवश्य जान लेना चाहिए। 

janan swasthay paribhashik shabdawali

Jann vasthy Paribhashik Shabdawali

1. उल्ब परीक्षण (Amniocentesis) – भ्रूण में गुणसूत्रीय असामान्यताओं को ज्ञात करने की एक विधि जिसका दुरूपयोग भ्रूण के लिंग परीक्षण हेतु किया जाता है।

2. कृत्रिम वीर्य सेचन (Artificial Insemination) - वहतकनीक जिसमें किसी बन्ध्य पति/दाता का वीर्य कृत्रिम रूप से स्त्री की योनि अथवा गर्भाशय में प्रविष्ठ कराया जाता है।

3. सहायक जनन प्रौद्योगिकीयाँ (Assisted Reproductive Technologies ) – वह चिकित्सीय तकनीकें जो बन्ध्य लोगों के लिए सगर्भता के अवसर सुलभ करा देती है।

4. रोधक विधियाँ (Barrier Method) – गर्भ निरोधन के ऐसे उपाय जिसमें किसी यांत्रिक/ भौतिक साधन द्वारा शुक्राणुओं का अण्डकोशिका तक पहुँचना रोक दिया जाता है।

5. गर्भाशयी ग्रीवा टोपी (Cervical Cap) - गर्भ निरोध हेतु रबर/ प्लास्टिक से बनी एक टोपीनुमा रचना जो रोध या बैरियर की भाँति कार्य करती है।

पढ़े - जीवों में जनन - पारिभाषिक शब्दावली

6. डायफ्रॉम (Diaphragms)-गर्भाशयी ग्रीवा पर लगाने वाला एक रोधक निरोध उपाय।

7. भ्रूण स्थानान्तरण (Embryo Transfer)-इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से बने भ्रूण को फैलोपियन नलिका अथवा गर्भाशय में स्थानान्तरित करना।

8. अन्तः कोशिकाद्रव्यीय शुक्राणु अन्तःक्षेपण (ICSI - In tra Cytoplasmic Sperm Injection) – सहायक जनन प्रौद्योगिकी की वह तकनीक जिसमें किसी बन्ध्य पुरुष के एक शुक्राणु को अण्ड कोशिका में इंजैक्ट किया जाता है।

9. बन्ध्यता ( Infertillty) - सन्तान पैदा करने की अक्षमता।

10. शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate)- एक वर्ष में प्रति 1000 जीवित शिशु जन्मों पर एक वर्ष के अन्दर मरने वाले शिशुओं की संख्या।

11.अन्तःगर्भाशयी युक्तियाँ (IUD Intra Uterine Device) - गर्भ निरोध की गर्भाशय में स्थापित की जाने वाली युक्तियाँ जो हॉर्मोन्स, कॉपर आधारित होती है। IUCD भी कहलाती है |

12.अन्तः गर्भाशयी वीर्य सेंचन (IUI Intra Uterine In semination ) – पति/दाता से प्राप्त वीर्य को कृत्रिम रूप से स्त्री के गर्भाशय में प्रविष्ट कराना।


पढ़ें- मानव जनन- पारिभाषिक शब्दावली।

13. अन्तः गर्भाशयी स्थानान्तरण (IUT Intra Uterine Transfer)- पात्रे निषेचन से बने 8 से अधिक कोरक खण्डों वाले भ्रूण को स्त्री के गर्भाशय में स्थानान्तरित करना।

14. दुग्धस्रावी अनार्तव (स्तनपान अनार्तव (Lactational Amenorrhea)- प्रसव के कुछ माह बाद तक सक्रिय स्तनपान के कारण माहवारी का अनुपस्थित होना।

15. मातृ मृत्यु दर (MMR-Maternal Mortality Rate) -प्रति 1000 सगर्भता स्थितियों में प्रतिवर्ष होने वाली मृत्यु की संख्या जिसमें सगर्भता अवधि, प्रसव व प्रसव के 42 दिनों के अन्दर हुई मृत्यु शामिल है।

16. सगर्भता का चिकित्सीय समापन (MTP - Medical Ter mination of Pregnancy) – प्रेरित गर्भपात या ऐच्छिक गर्भपात|

17. मुखिय गर्भ निरोधक (Oral Contraceptives)- हॉर्मोनल गोलियाँ जिन्हें गर्भ निरोध हेतु प्रयोग किया जाता है।

18. गोलियाँ (Pills)- गर्भनिरोध हेतु बनी हार्मोनल मुखीय औषधियाँ, एक प्रकार का मुखीय गर्भनिरोधक।

19. बन्ध्याकरण (Sterillzation)-गर्भनिरोध की शल्य चिकित्सीय विधियाँ, जैसे ट्यूबैक्टॉमी व वेसेक्टॉमी।

20. यौन संचरित रोग (STD Sexually Transmitted Dis eases)- प्राथमिक रूप से लैंगिक संपर्क द्वारा संचरित होने वाले रोग जैसे सिफलिस, एड्स आदि |

21. परखनली शिशु / टेस्ट ट्यूब बेबी (Test Tube baby) - पात्रे निषेचन या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन व बाद में भ्रूण के गर्भाशय में स्थानान्तरण से विकसित शिशु |

22. वाल्ट (Vault)- रोधक गर्भ निरोध का एक उपाय।

23. रजित रोग (VD Venereal Disease)- यौन संचरित रोगों का ही एक नाम |

24. युग्मनज का अन्तः फैलोपियन नलिका स्थानान्तरण (ZIFT Zygote Intra Fallopian Transfer)- इन विट्रो फर्टिलाइजेशन से विकसित 8 कोशिकीय भ्रूण का फैलोपियन नलिका में स्थानान्तरण।


इस आर्टिकल में हमने जनन स्वास्थ्य-पारिभाषिक शब्दावली (Reproductive Health-Terminology) के बारे  में जाना। विभिन्न प्रतिस्पर्धी परीक्षा में जनन स्वास्थ्य से जुड़े प्रश्न देखने को मिलते हैं।

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राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income)

राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income)

हेलो दोस्तों, answerduniya.com में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income) के बारे में जानने वाले हैं। राष्ट्रीय आय किसी भी देश की आर्थिक विकास को दर्शाता है। एक वित्तीय वर्ष में देश की कुल उत्पादित वस्तु एवं सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य को राष्ट्रीय आय कहा जाता है। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में देश की राष्ट्रीय आय के बारे में पूछा जाता है।  राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income) के बारे में जानने के लिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़ें।

meaning of national income


Rashtriya Aay Se Sambandhit Arth

1.राष्ट्रीय आय (National Income)- राष्ट्रीय आय से अभिप्राय- किसी देश द्वारा एक वर्ष में उत्पादित सभी अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य से है।

2.राष्ट्रीय आय (National Income)- प्रो.मार्शल के अनुसार- देश के प्राकृतिक साधनों पर श्रम और पूँजी द्वारा कार्य करने पर प्रतिवर्ष भौतिक एवं अभौतिक वस्तुओं व सेवाओं का उत्पादन होता है। इन सब की शुद्ध उत्पत्ति के योग को वास्तविक वार्षिक आय या वार्षिक राजस्व या राष्ट्रीय लाभांश कहते है।

3.सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product)- सकल घरेलू उत्पाद से अभिप्राय- किसी देश में एक निश्चित समयावधि में उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्यों का योग होता है। विभिन्न प्रकार की वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन में लगे हुए होते है। इनके द्वारा उत्पादित अन्तिम वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्यों का योग को सकल घरेलू उत्पाद कहते है।

पढ़ें- वित्तीय विवरण क्या है।

4.सकल राष्ट्रीय उत्पाद (Gross National Product)- इसका सम्बन्ध देश की घरेलू सीमा से ण होकर उसके सामान्य निवासियों से होता है। देश के सामान्य निवासियों द्वारा एक लेखा वर्ष में देश के अन्दर व बाहर सृजित आय का योग सकल राष्ट्रीय उत्पाद कहलाता है।

5.विशुद्ध घरेलू उत्पाद (Net Domestic Product)- एक देश के सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य में से स्थिर पूँजी के उपभोग अथवा मशीनों एवं कल- पुर्जो के घिसावट व्यय को निकल देने से जो शेष राशि बचती है, उसे ही विशुद्ध घरेलू उत्पाद कहते है।

6. विशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद (Net National Product)- एक देश के सकल घरेलू उत्पाद के मूल्य में से स्थिर पूँजी के उपभोग अथवा मशीनों एवं कल- पुर्जो के घिसावट व्यय को घटा देने से जो शेष राशि बचती है, उसे ही विशुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद कहते है।

7.निजी आय (Private Income)-केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन- निजी आय वह आय है जो निजी क्षेत्र के सभी स्त्रोतों से प्राप्त साधन आय तथा सरकार से प्राप्त वर्तमान हस्तान्तरण और शेष विश्व से प्राप्त वर्तमान हस्तान्तरण का योग है।

8.वैयक्तिक आय (Personal Income)- पीटरसन के अनुसार- वैयक्तिक आय व्यक्तियों द्वारा सभी स्त्रोतों से वास्तव में प्राप्त साधन आय तथा वर्तमान हस्तान्तरण भुगतान का जोड़ है।

9.प्रति व्यक्ति आय (Per Capital Income)- एक देश की किसी वर्ष विशेष में औसत आय की ही प्रति व्यक्ति आय कहते है।

10.प्रयोज्य आय (Disposable Income)- वैयक्तिक आय का वह भाग, जिसे लोग अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकते है अथवा बचाकर रख सकते है, प्रयोज्य आय कहलाती है।

11.बंद अर्थव्यवस्था (Close Economy)- जब किसी देश का अन्य दूसरे देशों से कोई आर्थिक संबंध नहीं होती है, तो उसे बंद अर्थव्यवस्था कहते है।

12.खुली अर्थव्यवस्था (Open Economy)- जब किस भी देश का अन्य देशों से आर्थिक संबंध स्थापित हों जाता है, तो उसे खुली अर्थव्यवस्था कहते है।

पढ़ें- महत्वपूर्ण जनरल नॉलेज।

13.मजदूरी आय (Wage Income)- मजदूरी आय से तात्पर्य- उस आय से है जो श्रमिक को उनकी सेवाओं के बदले मौद्रिक या किस्त के रूप में प्राप्त होती है उसे मजदूरी आय कहते है।

14.गैर- मजदूरी आय (Non-Wage Income)- भूमि के स्वामी, पूँजीपति तथा साहसी को किराया(लगान), ब्याज तथा लाभांश के रूप में प्राप्त आय को गैर- मजदूरी आय कहते है।



इस आर्टिकल में हमने राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income) के बारे में जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में राष्ट्रीय आय से संबंधित अर्थ (meaning of national income) से  जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

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जनरल नॉलेज Top 100 प्रश्न उत्तर IMP 2023 | Gk Prashn Uttar in Hindi

हेलो दोस्तों , इस पोस्ट में आप पाएंगे महत्वपूर्ण 100+ प्रश्नों का संग्रह जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में विशेष सहायक साबित होंगे क्यूंकि ये प्रश्न विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं। 100+ Important General Knowledge prashn uttar – इस पोस्ट में आपको सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न उत्तर दिए हैं।

यह prashn uttar पहले परीक्षाओं में भी पूछे जा चुके हैं और आगे भी पूछे जा सकते है। अगर कोई भी विद्यार्थी किसी भी परीक्षा की तैयारी कर रहे है तो, उनको GK की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। Study Number One। 100+ gk prashn uttar in hindi | 100+ जनरल नॉलेज प्रश्न उत्तर 2023

Top 100 सामान्य ज्ञान प्रश्न उत्तर | prashn uttar in hindi 2023

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जनरल नॉलेज प्रश्न उत्तर 2023

प्रश्न - किस वर्ष में महात्मा गांधी का जन्म हुआ था?
उत्तर - 1869

प्रश्न - स्वतन्त्र भारत के प्रथम भारतीय गवर्नर जनरल कौन थे?
उत्तर - राजगोपालाचारी

प्रश्न - तेलगु किस राज्य की राजभाषा है?
उत्तर - आंध्रप्रदेश

प्रश्न - एक वस्तु का जड़त्व किस पर निर्भर करता है?
उत्तर - द्रव्यमान पर

प्रश्न - प्रसिद्ध नाटक ‘शकुंतला’ किसने लिखी थी?
उत्तर - महाकवि कालिदास

प्रश्न - “किसी चालक के सिरो के बीच विभवातर उसमे बहने वाली धारा के समानुपाती होता है?
उत्तर - ” ओम का नियम

प्रश्न - कौन सा शहर अफगानिस्तान की राजधानी है?
उत्तर - काबुल

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प्रश्न - भारत में सबसे पहली रेलगाड़ी कब चली थी?
उत्तर - 16 अप्रैल, 1853

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पढ़े भारत का जनरल नॉलेज 2023 में

प्रश्न - भारत व पाकिस्तान के बीच विभाजन किस योजना के तहत हुआ था
उत्तर - माउंटबेटन योजना

प्रश्न - शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर - 5 सितंबर

प्रश्न - पहला बैंक जिसकी शाखा को आईएसओ 9002 प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है?
उत्तर - केनरा बैंक

प्रश्न - बिहार का शोक किस नदी को कहा जाता है?
उत्तर - कोशी

प्रश्न - किस वर्ष मानव ने पहली बार चन्द्रमा पर चरण रखे थे?
उत्तर - सन् 1969

प्रश्न - चीन असम के किस दिशा में स्थित है?
उत्तर - उत्तर

प्रश्न - जापान पर परमाणु बम कब गिराया गया था?
उत्तर - 1945 में

प्रश्न - राज्यसभा की बैठको की अध्यक्षता कौन करता है ?
उत्तर - उपराष्ट्रपति

प्रश्न - भारत आने वाले सागरीय मार्ग की खोज किसने की थी?
उत्तर - वास्को-दी-गामा

प्रश्न - जीन किससे बनी होती है?
उत्तर - DNA से

प्रश्न - पौधे का प्रजनन अंग कौन सा है?
उत्तर - फूल

प्रश्न - विश्व की सबसे बड़ी दीवार कौन सी है?
उत्तर - ग्रेट वाल ऑफ़ चाईना (चीन की दीवार)

प्रश्न - खजुराहो स्थित है-
उत्तर - मध्य प्रदेश

देखे - Top 100 gk question answer in hindi pdf  (क्लिक करें)

प्रश्न - स्टील को कठोरता प्रदान करने के लिए बढ़ाई जाती है?
उत्तर - क्रोमियम की मात्रा

प्रश्न - भारत मे श्वेत क्राति के जनक किसे कहा जाता है?
उत्तर - वर्गीज कुरियन को

प्रश्न - आइ स्टीन को नोबेल पुरस्कार किसलिए मिला था?
उत्तर - प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या करने के लिए

प्रश्न - भारत के किस राज्य सर्वाधिक चावल उत्पादन होता है –
उत्तर - पश्चिम बंगाल

प्रश्न - भारत का राष्ट्रीय पशु है?
उत्तर - बाघ

प्रश्न - भारत का कौन सा राज्य चाय उत्पादन के लिए जाना जाता है।
उत्तर - असम

उत्तर - उत्तर पूर्व सीमान्त रेलवे में सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है? उत्तर - मालीगांव

प्रश्न - रविन्द्रनाथ टैगोर ने भारत के राष्ट्रीय गान के अलावा किस एक और देश का राष्ट्रीय गान लिखा
उत्तर - बांग्ला देश

प्रश्न - भारत के संविधान को बनाने के लिए गठित संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर - राजेंद्र प्रसाद

प्रश्न - भारत में सबसे अधिक ठंड किस स्थान पर पड़ती हैं?
उत्तर - लेह

प्रश्न - सूर्य से सबसे नजदीक गृह है-
उत्तर - बुध

प्रश्न - कौन सा शहर जापान की राजधानी है?
उत्तर - टोकियो

प्रश्न - सुभाष चंद्र बोस को किसने सबसे पहले “नेताजी” कह कर सम्बोधित किया था ?
उत्तर - एडोल्फ हिटलर

प्रश्न - पौधो द्वारा नाइट्रोजन किस रूप मे प्रयोग किया जाता है?
उत्तर - नाइट्रेट के रूप मे

प्रश्न - इलेक्ट्रान के खोज कर्त्ता कौन थे ?
उत्तर - थॉमसन

प्रश्न - विश्व मे प्राकृतिक रबड़ का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौनसा है?
उत्तर - थाईलैड

प्रश्न - एक अश्व शक्ति किसके समान है?
उत्तर - 746 वाट के

प्रश्न - अमीबा में कुल कितने शैल (कोशिका) होते है?
उत्तर - 1 (एक)

प्रश्न - भारत के किस शहर में जंतर-मंतर स्थित है?
उत्तर - दिल्ली

प्रश्न - आर एन ए का मुख्य कार्य है?
उत्तर - प्रोटीन का सश्लेषण

प्रश्न - कौन सा मुगल राजा अनपढ़ था?
उत्तर - अकबर

प्रश्न - जब कोई व्यक्ति सोता तो उसका क्या घटता है?
उत्तर - उसका रक्तचाप घटता है

प्रश्न - प्रार्थना समाज की स्थापना किसने की?
उत्तर - आत्माराम पांडुरंग

प्रश्न - एपीकल्चर किससे सबधित है?
उत्तर - मधुमक्खी पालन

प्रश्न - कौन सा शहर भारत का सबसे महँगा शहर है?
उत्तर - मुम्बई

प्रश्न - भारत मे हरित क्राति के जन्मदाता कौन है?
उत्तर - एमएस स्वामीनाथन

प्रश्न - भारत में सबसे लम्बी सड़क है?
उत्तर - रोड

प्रश्न - एम (ATM) का पूर्ण विस्तार नाम क्या है?
उत्तर - ऑटोमैटिक टेलर मशीन

प्रश्न - स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु है?
उत्तर - लोहा और क्रोमियम की

प्रश्न - अंजू बॉबी जार्ज सम्बंधित है?
उत्तर - एथलेटि र्शन

प्रश्न - रेड रॉट रोग किस फसल का रोग है?
उत्तर - गन्ना का

प्रश्न - भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री कौन सी थी ?
उत्तर - राजकुमारी अमृत कौर

प्रश्न - चेतक घोड़ा किससे संबंधित है ?
उत्तर - महा राणा प्रताप

पुरे भारत का सामान्य ज्ञान (General Knowledge)

प्रश्न - सबसे बड़े पुष्प होते है?
उत्तर - रेफ्लेशिया के

प्रश्न - अंजू बॉबी जार्ज सम्बंधित है-
उत्तर - एथलेटिक्स से

प्रश्न - कोयना बांध किस राज्य मे स्थित है?
उत्तर - महाराष्ट्र

प्रश्न - कौन सा तत्व स्वतन्त्र अवस्था में पाया जाता है?
उत्तर - सल्फर

प्रश्न - अलीगढ़ किस उत्पाद के लिए मसहूर है?
उत्तर - ताले बनाने के लिए

प्रश्न - प्रकृति मे कार्बन का विशुद्ध रूप घटता है?
उत्तर - हीरा

प्रश्न - ट्विकल रोग किस फल मे होता है?
उत्तर - नीबू मे

प्रश्न - उदय शंकर किससे सम्बंधित है?
उत्तर - नृत्य

प्रश्न - ऊर्जा का पिरामिड होता है?
उत्तर - हमेशा सीधा

प्रश्न - भारत मे सर्वाधिक दूध देने वाली बकरी की नस्ल है?
उत्तर - जमुनापारी

प्रश्न - स्वतंत्र भारत का प्रथम भारतीय गर्वनर जनरल कौन था?
उत्तर - राजगोपालाचारी

साइंस >> विज्ञान के प्रश्न उत्तर

प्रश्न - रेफ्रिजरेटर में कौन सी गैस प्रयुक्त की जाती है?
उत्तर - फ्रीआन

प्रश्न - प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?

प्रश्न - कारगिल कस्बा किस राज्य में है-
उत्तर - जम्मू एवं कश्मीर

प्रश्न - ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का नारा सर्वप्रथम किसने दिया था?
उत्तर - सरदार भगत सिंह

प्रश्न - विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत शिखर है-
उत्तर - एवरेस्ट

प्रश्न - पौधे का कौन सा भाग शोषण करता है?
उत्तर - पत्ती

प्रश्न - पिट्यूटरी ग्रथि कहा स्थित होती है?
उत्तर - मस्तिष्क मे

प्रश्न - भगवान बुद्ध का कुल क्या था?
उत्तर - शाक्य कुल

प्रश्न - स्याही सोखता किस सिद्धात पर कार्य करता है?
उत्तर - पृष्ठ तनाव

प्रश्न - विदेश में शाखा खोलने वाला पहला बैंक?
उत्तर - बैंक ऑफ इंडिया, लंदन, (1946)

प्रश्न - प्रकाश सश्लेषण किस प्रकाश मे सबसे ज्यादा तेज होता है?
उत्तर - लाल प्रकाश मे

प्रश्न - प्लासी का युद्ध कब हुआ था ?
उत्तर - 1757

प्रश्न - खट्टे फलों में कौन सा एसिड होता है?
उत्तर - साइट्रिक एसिड

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प्रश्न - सम्राट अशोक किसका उत्तराधिकारी  था?
उत्तर - बिंदुसार

प्रश्न - भारतीय संविधान को पहली बार कब संशोधित किया गया?
उत्तर - 1950

प्रश्न - रौलेट एक्ट को किस वर्ष लागू किया गया था? 
उत्तर - 1919

प्रश्न - महाराणा प्रताप ‘बुलबुल’ किसे कहते थे? 
उत्तर - अपने घोड़े को

प्रश्न - सिंधु घाटी सभ्यता का बन्दरगाह कहाँ पर था?
उत्तर - लोथल

प्रश्न - मगध के उत्थान के लिए निम्न मे से कौन सा शासक उत्तरदायी है?
उत्तर - बिंबिसार

प्रश्न - ISRO के हेड्क्वॉर्टर्स कहा है?
उत्तर - बैंगलोर

प्रश्न - भारत का सबसे छोटा राज्य कौन सा है?
उत्तर - गोवा

प्रश्न - रामायण के लेखक कौन थे?
उत्तर - वाल्मीकि

प्रश्न - भारत में ब्लू सिटी के नाम से किस शहर को जाना जाता है?
उत्तर - जोधपुर

प्रश्न - भारतीय संविधान में कितनी भाषाएं है?
उत्तर - 22

प्रश्न - मिल्खा सिंह को क्या कहा जाता है?
उत्तर - फ़्लाइइंग सिख ऑफ़ इंडिया

प्रश्न - भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?
उत्तर - राजस्थान

प्रश्न - भारत के 14th  प्रधानमंत्री कौन है?
उत्तर - नरेंद्र मोदी

प्रश्न - गुप्त काल में कौन सी गुफाएँ निर्मित की गयी थी?
उत्तर - अजंता गूफ़ाए

प्रश्न - 7 अजूबों में से कौन सा अजूबा आगरा में स्थित है?
उत्तर - ताजमहल

प्रश्न - भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला कौन सी है?
उत्तर - अरावली पर्वत

प्रश्न - भारत के राष्ट्र पिता कौन है?
उत्तर - महात्मा गांधी

प्रश्न - हमारा राष्ट्रगान किसने लिखा था?
उत्तर - रविंद्र नाथ टागोर

प्रश्न - फादर ऑफ द इंदीयन कॉन्स्टिटूशन किसे कहा जाता है?
उत्तर - अम्बेडकर

प्रश्न - भारत का गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
उत्तर - 26 जनवरी

प्रश्न - आंध्र प्रदेश का लोक नृत्य क्या है ?
उत्तर - कुचिपूडी

प्रश्न - फेसबुक के संस्थापक कौन है?
उत्तर - मार्क जुकरबर्ग

प्रश्न - भारत में पहला फोन कब लॉन्च किया गया था?
उत्तर - 1995

प्रश्न - CA का फ़ुल फ़ॉर्म क्या है?
उत्तर - चार्टर्ड अकाउंटंट

प्रश्न - भारत में लाइसेंस प्राप्त करने की आयु क्या है?
उत्तर - 18 साल

प्रश्न - महात्मा गांधी की हत्या कब हुई थी ?
उत्तर - 30 जनवरी, 1948

प्रश्न - वह प्राचीन नाम क्या है, जिससे पटना नगर को जाना जाता था ?
उत्तर - पाटलिपुत्र

प्रश्न - फतेहपुर सीकरी की स्थापना का श्रेय किसे जाता है ?
उत्तर - अकबर

प्रश्न - राज्य सभा के सदस्य का कार्यकाल होता है?
उत्तर - 6 वर्ष

इस पोस्ट में हमने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्नों का संग्रह दिया है जिसके आगे आने वाले परीक्षाओं में भी पूछे जाने की संभावना है।

आशा करता हूँ कि 100+ जनरल नॉलेज प्रश्न उत्तर की यह पोस्ट आपके लिए उपयोगी साबित होगी अगर आपको पोस्ट अच्छा लगे तो पोस्ट को शेयर जरुर करें।

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छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी (Tribes and Tribals of Chhattisgarh in Hindi)

छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी (Tribes and Tribals of Chhattisgarh)

नमस्कार आंसर दुनिया में आपका स्वागत है। इस आर्टिकल में हम छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी (Tribes and Tribals of Chhattisgarh in Hindi) के बारे में जानेंगे। जनगणना 2011 के अनुसार छत्तीसगढ़ जनजाति की कुल जनसंख्या 7822902 है जो कुल जनसंख्या का 30.6 % है जनजाति में लिंगानुपात 1020 है इनकी साक्षरता दर 50.11% है।

देश में कई प्रकार की कला संस्कृति  इतिहास पुरातत्ववेत्ता प्राक्रतिक  स्तिथि  प्राक्रतिक  आपदाये जलवायु विद्यमान है । ठीक उसी प्रकार से छत्तीसगढ़ की भी अपनी कला संस्कृति इतिहास प्राक्रतिक आपदाये जलवायु और कई प्रकार की जनजातियाँ  भी विद्यमान है, यहाँ की लोककला संस्कृति के भी विभिन्न स्वरुप देखने को मिलते है छत्तीसगढ़ की जनजातियों को छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा अनेको प्रावधान दिए गये है , इस प्रावधान के स्वरूप जनजातियों को कुछ भागो में विभक्त किया गया है जैसे कुछ विषेश प्रावधान की जनजातियाँ है-बैगा,भतरा, गोंड़, नागेसियाँ इत्यादि। इन विशेष जनजातियों की ओर छत्तीसगढ़ सरकार ने बहुत ही ध्यान दिया है छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ अपने आप में एक अलग ही महत्व है। 

Tribes and Tribals of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ की जनजातियो की छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा संविधान के अनुसार  342 के तहत भारत सरकार द्वारा जनजातियों की सूचि में 42 जनजातियों को शामिल किया गया है छत्तीसगढ़ 1 नवम्बर सन 2000 को अस्तित्व में आया जहा पर छत्तीसगढ़ की जनसँख्या की बात करे तो 2011 में इसकी  कुल जनसंख्या 2,55,45,198 थी जिसमे अनुसूचित जन जातियों की जनसंख्या 78,22,902 थी.अर्थात राज्य की कुल जनसंक्या का 30.60 प्रतिशत  अनुसूचित जनसंख्या की थी।

ऐतिहासिक महत्व :

छत्तीसगढ़ की जनजातियों में बहुत सारे ऐतिहासिक महत्व है जैसे की पुरातात्वत्विक स्थल है जो की छत्तीसगढ़ की जनजातियों को अपनी धरोहर में संजोये हुए है सिंघनपुर की गुफाये, एक जनजातियों का ही पुराना स्थल है जहां एक ओर है जोगीमारा की गुफाये, जिसमे छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति का वर्णन है इस प्रकार से अनेको जनजातीय कलाए है जो की अपने एक अलग ही, महत्त्व रखती है . जहाँ उत्तर कोशल की सरयू तट पर विद्यमान है जिसकी राजधानी अयोध्या थी दक्षिण कोशल विन्द्याचल पर्वत माला के तट पर फैला हुआ था तो उत्तर में परजा जनजाति तो दक्षिण बस्तर में मुंडा, बैगा की जनजाति पायी जाती है | 

हमने छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक महत्व के बारे मैं पढ़ा , आगे हम छत्तीसगढ़ के विभिन्न जातियों एवं उसको कितने भागो मैं बांटा गया हैं उसके बारे मैं पढेंगे |

इन्हें भी पढ़े विषाणु क्या है? संरचना का वर्णन 

छत्तीसगढ़ की जनजातियों को कई भागो में बांटा गया है- 

  • सामाजिक 
  • आर्थिक
  • भोगोलिक 
  • भाषा 
  • जनसंख्या  

(1)सामाजिक :–  सामाजिक के आधार पर छत्तीसगढ़ की जनजातियों के बहुत सारे आधार है जहाँ पर वे अपना सामाजिक कार्य करते है जैसे शादी, मृत्यु, सामाजिक क्रियाकलाप, गोत्र, परिवार, लोक कला, लोक संस्कृति, युवा, गृह, शिशु जन्म, वहाँ के रहन-सहन, वेशभूषा, वातावरण सामाजिक परिवेश इस प्रकार से छत्तीसगढ़ के सामाजिक परिदृश्य का वर्णन किया  गया है।

हमने छत्तीसगढ़ के जनजातियों का सामाजिक आधार एवं संस्कृति के बारे में पढ़ा, आगे हम छत्तीसगढ़ के जनजातियों के आर्थिक परिवेश के बारे में जानेंगे। 


(2)आर्थिक :-  आर्थिक परिवेश की बात करे तो छत्तीसगढ़ की जनजातियों आर्थिक रूप से अपने आप में पिछड़ी हुयी है जैसे की –आय ,रोजगार ,खान-पान , शिक्षा के क्षेत्र में , रोजगार की दृष्टी से देखा जाए तो छत्तीसगढ़ की जनजातियों को कुछ ख़ास रोजगार नहीं मिल पाते जिससे की वे अपने आजीविका ठीक ढंग से चला नहीं पाते और प्राक्रतिक संसाधनों पर ही निर्भर रहते है छत्तीसगढ़ की सरकार ने जनजातियों के रोजगार में वृद्धि किया है जैसे –महुवा बीज संग्रहण ,तेंदू पत्ता संग्रहण, पशुपालन, मछली पालन , कूकूट पालन, आदि पर रोजगार के अवसर बढाये है |


हमने छतीसगढ़ के जनजातीय की आर्थिक परिस्थिति सरकारी रोजगार योजना के बारे में पढ़ा आगे हम छत्तीसगढ़ के भोगोलिक आधार के बारे में जानेगें |


(3)भोगोलिक :–  भोगोलिक आधार की बात करे तो उत्तर में सरगुजिहा, कामार, धूरवा, परजा, बैगा, इन सभी जनजातियाँ पायी जाती है सरगुजा अंबिकापुर की पहाड़ी, बलरामपुर इन सभी स्थानों पर पाए जाते है, और अगर छत्तीसगढ़ के मध्य क्षेत्रों की बात करे तो यहाँ पर रायपुर , दुर्ग बिलासपुर, मुंगेली, रायगढ़, कोरबा, जैसे क्षेत्रों में हल्बा, कमार भुंजिया, अगार, बैगा कोंध ,कंवर ,बिंझवार धनवार जैसी जनजातियाँ पायी जाती है और इसके दक्षिणी क्षेत्र की बात करे तो बस्तर नारायणपुर सुकमा बीजापुर में गदबा दोरला सिंघा आदि जनजातियाँ पायी जाती है।  

हमने छत्तीसगढ़ के जनजातीय के भौगोलिक आधार कहा – कहा पर कौन –कौन से जातियाँ पायी जाती है इसके बारे में पढ़ा आगे हम छत्तीसगढ़ के विभिन्न भाषाओं के बारे में पढेंगे |

(4)भाषा -  छत्तीसगढ़ की जनजातियों में भाषाओँ का भी अपना अलग योगदान है छत्तीसगढ़ की जनजातियों में 93 प्रकार की बोलियों का वर्णन है छत्तीसगढ़ की जनजातियों को बोलियों के आधार पर 3 वर्गों में बंटा गया है आर्य ,मुंडा और द्रविन भाषा परिवार मुंडा भाषा परिवार में –कोरवा ,गदबा, मांझी, कोरकू ,निहाल पंडो आदि मुंडा भाषा परिवार में बनता गया है । द्रविन भाषा परिवार में अबुझमारिया, भुंजिया दोरला दंडामी मारिया उरानो कुरुख आदि भाषा बोली जाती है। आर्य भाषा परिवार में हल्बी ,सदरी ,भतरी ओडिया मागधी बोली बोली जाती है । 

हमने छत्तीसगढ़ के जनजातियों के 93 प्रकार के बोलियों के बारे मैं पढ़ा आगे हम छत्तीसगढ़ के जनसंख्या का वर्णन करेंगे

इन्हें भी पढ़े - छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम GK

(5)जनसँख्या :-  छत्तीसगढ़ की जनजातियों में  राज्य की कुल जनसंख्या 2,08,33,803 है। राज्य में कुल 44 अनुसूचित जातियाँ निवास करती है और इस प्रकार राज्य की कुल जनसंख्या का 11.6 प्रतिशत हिस्सा अनुसूचित जाति का है। छत्तीसगढ़ राज्य में सर्वाधिक अनुसूचित जाति वाला जिला रायपुर एवं सबसे कम अनुसूचित जाति वाला जिला दंतेवाड़ा है।नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य की कुल जनसंख्या 2001 के जनगणना के अनुसार 20833803 थी । जिनमें अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 6616596 है जो राज्य की कुल जनसंख्या का 31.76% है। देश के कुल अनुसूचित जनजातियों का 8.44 % जनसंख्या छत्तीसगढ़ राज्य में निवासरत है।


छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी की पूरी जानकारी 

1) बैगा

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - बैगा छत्तीसगढ़ की एक विशेष पिछड़ी जनजाति हैछत्तीसगढ़ में इनकी जनसंख्या वर्ष 1981 में 43359 आंकी गई थी जो राज्य की जनजातीय जनसंख्या का 0.93 प्रतिशत थीराज्य में बैगा जनजाति के लोग मुख्यत : बिलासपुर और कवर्धा जिले में पाये जाते हैं। 

2. उत्पत्ति - बैगा जनजाति के उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैरसेल, ग्रियर्सन आदि ने इन्हें भूमिया, भूईया का एक अलग हुआ समूह माना है। किवदन्तियों के अनुसार ब्रम्हाजी ने सृष्टि की रचना की तब दो व्यक्ति उत्पन्न किये। एक को ब्रम्हाजी ने नागर (हल) पकड़ाया यह नागर लेकर खेती करने लगा गोंड कहलाया। दूसरे को ब्रम्हाजी ने टंगिया (कुल्हाड़ी) दिया। यह कुल्हाड़ी लेकर जंगल काटने चला गया, चूंकि उस समय वस्त्र नहीं था, अत : यह नंगा बैगा कहलाया। इनके वंशज बैगा कहलाए।

3. भौतिक संस्कृति - बैगा जनजाति के लोग पहाड़ी व जंगली क्षेत्र के दुर्गम स्थानों में गोंड, भूमिया, आदि के साथ निवास करते हैं। इनके घर मिट्टी के होते हैं, जिस पर घासफूस या देशी खपरैल की छप्पर होती है। दीवाल की पुताई सफेद या पीली मिट्टी से करते हैंघर की फर्स महिलाएं गोबर और मिट्टी से लीपती है। इनके घर में अनाज रखने की मिट्टी की कोठी, धान कुटने का मूसल, बाहना, अनाज पीसने का जांता, बांस के टोकरी, सूपा, रसोई में मिट्टी एल्युमिनियम, पीतल के कुछ बर्तन, ओढ़ने बिछाने के कपड़े, तीर-धनुष, टंगिया, मछली पकड़ने की कुमनी, ढुट्टी, वाद्य यंत्र में ढोल, नगाड़ा, टिसकी आदि होते हैं।

4. लोक कलाएँ - इनके प्रमुख लोक नृत्य करमा, विवाह में बिलमा नाच, दशहरा में झटपट नाचते हैं। छेरता इनका नृत्य नाटिका है। इनके प्रमुख लोक गीत करमा गीत, ददरिया, सुआगीत, विवाह गीत, माता सेवा, फाग आदि है। इनके प्रमुख वाद्य यंत्र, मांदर, ढोल, टिमकी, नगाड़ा, किन्नरी, टिसकी आदि हैं।

2) भूमिया/ भुइहर/ भारिया

जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - भूमिया, भूइंहर छत्तीसगढ़ की एक जनजाति हैअलग-अलग क्षेत्र में स्थानीय बोली में अंतर के कारण अलग अलग उपजाति के रूप में पहचाने जाते हैं। म.प्र. के छिंदवाड़ा, सिवनी जिले में भारिया या भरिया जबलपुर, मंडला, बिलासपुर, शहड़ोल में भूमिया, सरगुजा रायगढ, बिलासपुर के कुछ क्षेत्र में भूइयाँ, भूइंहर कहलाते हैं। इस जनजाति की एक आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक रूप में पिछड़ी हुई उपजाति पांडों के नाम से सरगुजा और बिलासपुर जिले में निवामरत है। छत्तीसगढ़ में भूमिया, भूइहर, पांडों आदि को जनसंख्या वर्ष 1981 की जनगणना में 73289 आंकी गई थी जो जनजातीय जनसंख्या का 1.58 प्रतिशत है। भूमिया, भुईयाँ, पाण्डों के अलग-अलग उपजाति नाम से सरगुजा, जशपुर, रायगढ़ आदि जिले में पाये जाते हैं। छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट घाटी में निवासरत भारिया परिवारों को भारत सरकार द्वारा विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया गया है।

2 उत्पत्ति - * भूमिया, भुइंहर, भारिया, पांडो, जनजाति के उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं। किवदंतियों के आधार पर ये अपनी उत्पत्ति पांडवों से मानते हैं। अर्जुन ने "भरू" घास को मंत्र शक्ति से सैनिक बनाया था। इन्हीं को भारिया तथा पांडो लोग अपना पूर्वज मानते हैं। भूमिया उपजाति के अनुसार सर्वप्रथम भगवान महादेव ने भूमि का निमार्ण किया फिर इसमें अपने त्रिशूल से नदी, पहाड़, वृक्ष व पशु पक्षी बनाये बाद में इस भूमि के उपयोग हेतु एक पुरुष तथा एक स्त्री बनाई। इनके पुत्र हुए एक पुत्र भूमि पूजन तथा देवी-देवता की पूजा का कार्य करने लगा भूमिया कहलाया। अन्य पुत्र खेती, शिकार आदि करने लगे वेड, कोल, आदि हुए। भूमिया को संताने विंध्याचल मे जबलपुर, सिवनी, मंडला, शहडोल, सरगुजा, छिंदवाड़ा से तरफ गये यह माना जाता

3) भुंजिया

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - भुंजिया छत्तीसगढ़ की एक अल्प जनसंख्या वाली जनजाति है राज्य में इनकी आबादी वर्ष 1981 के जनगणना के अनुसार 8524 आंकी गई थी जो प्रदेश की जनजातीय जनसंख्या 0.18 प्रतिशत थी। भुंजिया जनजाति छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के गरियाबंद तहसील में पाई जाती हैइनकी जनसंख्या उड़ीसा के कालाहांडी जिले में भी है। 

2. उत्पत्ति - भुंजिया जनजाति के उत्पत्ति का ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैदंतकथा अनुसार चौखुटिया भुंजिया जनजाति की उत्पत्ति हल्बा पुरुष और गोंड महिला के विवाह से उत्पन्न माना जाता हैरिजले ने चिन्दा भुंजिया की उत्पत्ति विंझवार व गोंड जाति के विवाह से माना है।

3.समस्याएं - इनकी प्रमुख समस्या आर्थिक है। कृषि भूमि असिंचित होने के कारण उत्पादन कम होता है अतः अभावग्रस्त जीवन जीते हैंशिक्षण की कमी, अंधविश्वास, कुपोषण आदि समस्याएं भी इनमें व्याप्त है।

इन्हें भी पढ़े - चाय एवं कॉफी के उत्पादन एवम् उसका महत्त्व

4) बिंझवार

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - बिंझवार छत्तीसगढ़ की एक जनजाति हैराज्य में इनकी आबादी वर्ष 1981 के जनगणना अनुसार 82080 आंकी गई थी जो कुल जनजातीय जनसंख्या का 1.77 प्रतिशत थी। बिंझवार जनजाति प्रदेश में मुख्यत : महासमुंद, रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ जिले में पाई जाती है। 

2. उत्पत्ति - बिंझवार जनजाति के उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक अभिलेख नहीं है। दंतकथाओं के आधार पर ये अपनी उत्पत्ति विन्धयाचल पर्वत से मानते हैं ये विन्धयकूप से लंबा प्रवासित होकर आये। लंबा का अर्थ या तो बालाघाट स्थित लंबा या बिलासपुर के लाफागढ़ से लगाया जा सकता हैकुछ विद्वान इन्हें बैगा जनजाति से अलग हुआ एक भूस्वामी समूह मानते हैं जो स्थाई कृषि करने लगे। किवदंती के अनुसार ये अपनी उत्पत्ति बारह भाई बेतकार से भी मानते हैं। विंध्यवासिनी के बारह पुत्र बेतकार धनुविद्या का अभ्यास कर रहे थे। छोटे भाई का एक तीर पुरी के जगन्नाथ मंदिर के दरवाजे में जा लगा। दरवाजा बंद हो गया। जिसे कोई भी खोल न सका। बारह भाई बेतकार वहाँ आये, छोटे भाई ने अपने हाथों से खींचकर तीर निकाल दिया। इससे वहाँ का राजा प्रसन्न हुआ और उन्हें जमीन प्रदान किये। बिंझवार जनजाति इसी को अपना पूर्वज मानते हैं।

5) धनवार

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - धनवार जनजाति के लोग छत्तीसगढ़ के कोरबा, बिलासपुर, सरगुजारायपुर एवं रायगढ़ जिले में निवास करते हैं। वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार इनकी जनसंख्या 33886 थी, जो प्रदेश के जनजातीय जनसंख्या का 0.73 प्रतिशत थी। 

2. उत्पत्ति - धनवार जनजाति की उत्पत्ति के संबंध में कोई ऐतिहासिक प्रमाण उपलब्ध नहीं हैदंतकथाओं के अनुसार पुराने जमाने में युद्ध में धनुष बाणों का उपयोग किया जाता था, जो आदिवासियों द्वारा तैयार किये जाते थे। धनुष में "धनु" में एवं बाण के "वार" शब्द से ही धनवार शब्द का प्रचलन हुआ है और धनुष बाण तैयार करने वाले आदिवासी धनवार कहलाने लगे।

6) गोड

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - गोंड जनजाति छत्तीसगढ़ में ही नहीं वरन् भारत की सबसे बड़ी जनजाति समूह है। छत्तीसगढ़ के अतिरिक्त ये मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, बिहार, उड़िसा, कर्नाटक, पश्चिमी बंगाल, गुजरात तथा उत्तरप्रदेश में पाये जाते हैंछत्तीसगढ़ में इनकी जनसंख्या वर्ष 1981 की जनगणना में 25, 55, 208 आंकी गई थी जो राज्य की कुल जनजातीय जनसंख्या का 55.05 प्रतिशत थीइनका प्रमुख निवास क्षेत्र बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा, धमतरी, बिलासपुर, कोरबा, सरगुजा, कोरिया, कवर्धा, आदि जिले हैं। प्रदेश के अन्य जिले में इनकी जनसंख्या कम है। 

2. उत्पत्ति - गोंड जनजाति की उत्पत्ति के संबंध में कोई ऐतिहासिक अभिलेख नहीं हैगोंड शब्द की व्युत्पत्ति तेलगु (द्रविड़) भाषा के "कोण्ड" अर्थात् पर्वत से हुई अत : कोण्ड (पर्वत) के निवासी गोंड कहलायें, दूसरी अवधारणा यह है कि गोंड शब्द की उत्पत्ति “गोढ” शब्द से हुई। बिहार एवं पश्चिमी बंगाल का क्षेत्र के "गोढ" कहलाता हैसंभवत : यहां के रहवासी गोड कहलाये। अत : यह भी कहा जा सकता है कि गोंड जनजाति पूर्वी क्षेत्र से मध्य क्षेत्र की ओर घने जंगलों, पर्वतों एवं कुछ मैदानों क्षेत्र की ओर बढ़ती गई. भाषा वैज्ञानिक साक्ष्य इनके दक्षिण भारत से मध्य क्षेत्र में आने का संकेत देती हैं। "गोंड" जनजाति का मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक महत्व है मध्यप्रदेश के गोंडवाना क्षेत्र में इस जनजाति का शासन एवं आधिपत्य था। रानी दुर्गावती इस जनजाति की वीर महिला शासक थागोंड जनजाति द्रविड़ भाषा परिवार की गोंडी बोली बोलते हैं।

7) हलबा

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - हलवा जनजाति छत्तीसगढ़ की एक प्रमुख जनजाति है। प्रदेश में इनकी जनसंख्या वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार 225376 श्री जो राज्य की कुल जनजातीय जनसंख्या का 4.86 प्रतिशत थी। हल्वा जनजाति प्रदेश में मुख्यतः बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा, दुर्ग, धमतरी, राजनांदगांव जिले में निवासरत हैं। 

2. उत्पत्ति - हलबा जनजाति की उत्पत्ति के संबंध में ठोस प्रमाण नहीं है, किंतु कुछ विद्वानों और दंतकथाओं के अनुसार हल्बा जनजाति की उत्पत्ति से संबंधित निम्न अवधारणा में पाई जाती है। 

1. पं.गंगाधर सामन्त शर्मा समाजशास्त्री अनुसार हल्बा जनजाति को हल से कृषि कला में निपुण होने के कारण कालान्तर में हलबा (हल वाहक) कहलायें। इन शब्दों का समर्थन डा. गियर्सन ने भी किया 

2. इस जनजाति के लोगों में किवंदति पाई जाती है, कि हलबा जाति का उत्पत्ति का संबंध महाभारत काल के रूक्मिणी हरण के प्रसंग से जोड़ते हैहरण के समय बलराम ने बल और पराक्रम मे शत्रुक्षों को रोक दिया था, मे बलराम के पराक्रम से प्रभावित होकर हरण में शामिल सिपाहियों ने उनके अस्त्र हल एवं मूसल को अपना लिया, उन्हीं निपाहियों की संतानें कालान्तर में ये हल ने धान की खेती करके प्राप्त धान को मुसल से "बहाना" में कूद का ‘‘चिवड़ा’ बनाने लगे। हल बाहना और मूमल से संलग्न कार्यों के कारण इनकी की व्युत्पत्ति में हल+बा में हलबा कहलाये 

8) कंवर

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - कंवर छत्तीसगढ़ की एक मुख्य जनजाति है। वर्ष 1981 की जनगणनानुसार कंवर जनजाति की कुल जनसंख्या 552199 आंकी गई थी जो राज्य की कुल जनजातीय जनसंख्या का 11.90 प्रतिशत थीये मुख्यतः, रायगढ़, कोरिया, सरगुजा, रायपुर, महासमुंद एवं राजनांदगांव जिले में पाई जाती है। बिलासपुर संभाग में "कंवर जनजाति" की बसाहट सर्वाधिक है। 

2. उत्पत्ति - कंवर जनजाति की उत्पत्ति के संबंध में ऐतिहासिक अभिलेख नहीं हैकिवदन्तियों के आधार पर कंवर की उत्पत्ति महाभारत के कौरववंशी राजा दुर्योधन से बताते हैंकुरुक्षेत्र में महासंग्राम के बाद शेष बचे कौरव स्वयं को बचाने के प्रयास में इधर उधर, जंगलों में प्राणों की रक्षा हेतु जा छिपे और जंगलों में ही अपना जीवन यापन करने लगे। ये कौरव ही कालांतर में "कं वर" कहलाये। इस प्रकार से स्वयं को कुरुवंशी एवं चंद्रवंशी कहते हैं। कंवर की एक उपजाति तंवर जो छत्तरी भी कहलाते हैं, बिलासपुर जिले में इनकी 7 जमींदारियां भी थी, जो रतनपुर राज्य के अधीन थी ये हैं, कोरबा, छुरी, चांदा, लाफा, उपरोड़ा, मतिन ओर पेंड्रा।

9) खैरवार

1. जनसंख्या एवं भौगोलिक वितरण - में खैरवार छत्तीसगढ़ की एक अल्पसंख्यक जनजाति है। इनकी अधिकांश जनसंख्या बिहार व म.प्र. में पाई जाती है। उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश में भी इनकी जनसंख्या निवासरत हैछत्तीसगढ़ में वर्ष 1981 की जनगणना के अनुसार इनकी जनसंख्या 8375 आंकी गई थी। इनकी जनसंख्या मुख्यतः सरगुजा, कोरिया, बिलासपुर, जशपुर आदि जिले में निवास करते हैं। म.प्र. के पन्ना, छतरपुर मे ये "कोन्दर" कहलाते हैं। 

2. उत्पत्ति - खैरवार जनजाति के उत्पत्ति संबंधी ऐतिहासिक प्रमाण का अभाव है। कालोनिल डाल्टन के अनुसार खैरवार शब्द खैर वृक्ष से बना है। गोंड जाति के व्यक्ति जो खैर वृक्ष से कत्था बनाते थे, खैरवार कहलाये। रसेल ने छोटा नागपुर (बिहार) के खैरवारों की उत्पत्ति चेरो और संथाल जो कत्था बनाते थे से माना है। किवदंती के अनुसार खैरवार जनजाति के लोग अपनी उत्पत्ति सूर्यवंश के महाराज हरिशचंद्र के पुत्र रोहिताश्व से मानते हैं।

उपसंहार :–  इस प्रकार से हमने छत्तीसगढ़ की जनजातियों को इस पोस्ट के माध्यम से बताया है कि हमारे छत्तीसगढ़ की जनजातियों में किस प्रकार से विभिन्नताए पाए जाती है और जनजातियाँ छत्तीसगढ़ की पहचान व अमूल्य धरोहर है। छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ अपने आप में एक अलग पहचान बनाये हुए है।

हमने सीखा :-

इस आर्टिकल में हमने छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी (Tribes and Tribals of Chhattisgarh in Hindi) के बारे में विस्तार से जाना। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ की जनजातियाँ और आदिवासी (Tribes and Tribals of Chhattisgarh in Hindi) से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

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छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम GK (First in Chhattisgarh State GK in Hindi)

छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम GK (First in Chhattisgarh State GK)

छत्तीसगढ़ का निर्माण 1 नवम्बर सन् 2000 को हुआ और इसके बाद छत्तीसगढ़ में जो भी प्रथम पदनियुक्ति, प्रथम पुरस्कार, प्रथम स्कूल, कॉलेज आदि हुए। इन सभी के बारे में आज हम इस पोस्ट के मध्यम से जानेंगे। छत्तीसगढ़ की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- CGPSC, CGVYAPAM, CGTET, CGSI,CGPATWARI,CGRI, CGSET इत्यादि में छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं।

छत्तीसगढ़ प्राचीनकाल के दक्षिण कौशल का एक हिस्सा है और इसका इतिहास पौराणिक काल तक पीछे की ओर चला जाता है। छत्तीसगढ़ के जितने भी प्रथम है जैसे मुख्यमंत्री, स्कूल, कॉलेज, अध्यक्ष, न्यायाधीश, राज्यपाल, मंत्री इन्हें से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उसके उत्तर दिया गया है.

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छतीसगढ़ के प्रथम वन लाइनर GK

छत्तीसगढ़ इतिहास में प्रथम व्यक्ति विशेष का नाम

  • अनु सूचित जाति जनजाति के अध्यक्ष --- राजेंद्र पामभोई 
  • उच्च न्यायालय के प्रथम कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश --- श्री आर.एस गर्ग 
  • उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश ---डब्ल्यू ए  शशांक 
  • किसान आयोग के प्रथम अध्यक्ष --- घनाराम साहू  
  • छ.ग. राज्य विद्युत् नियामक आयोग के अध्यक्ष --- सुयोग्य मिश्र 
  • छत्तीसगढ़  की प्रथम महिला सांसद ---मिनीमाता (मीनाक्षी देवी )
  • छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला राज्यपाल - आनंदी बेन पटेल (छत्तीसगढ़ का अतिरिक्त प्रभार)
  • प्रथम  लोक आयुक्त ----- न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी अग्रवाल 
  • प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री --डॉ रमन सिंह
  • प्रथम पुलिस महा निदेशक --- श्री  मोहन शुक्ल 
  • प्रथम मुख्य वन संरक्षक --- श्री रमेशचंद्र शर्मा   
  • प्रथम मुख्य सूचना आयुक्त --- A . k  विजयवर्गी 
  • प्रथम मुख्यमंत्री ---   श्री अजीत  प्रमोद कुमार जोगी (मनोनित )
  • प्रथम राज्य निर्वाचन अधिकारी --- श्री अजय कुमार सिंह 
  • प्रथम राज्य मुख्य सचिव --- श्री अरुण कुमार 
  • प्रथम विधानसभा अध्यक्ष --- राजेंद्र प्रसाद शुक्ल 
  • प्रथम सामयिक विधानसभा अध्यक्ष --- श्री महेंद्र बहादुर सिहं 
  • प्रथम राज्यपाल --- श्री दिनेश  नंदन सहाय
  • महिला आयोग के प्रथम अध्यक्ष --- हेमवंत पोरते 
  • युवा आयोग के प्रथम अध्यक्ष ---अरुण वोरा 
  • राज्य के प्रथम  राज्य नेता जी किसी राज्य के मुख्य मंत्री बने --- रविशंकर शुक्ल 
  • राज्य पत्रकारिता के  जनक --- माधवराव सप्रे 
  • राज्य में नियुक्त  प्रथम महिला मंत्री --- पदमावती  देवी 
  • राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष --- श्री मोहन शुक्ल 
  • राज्य लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष  --- मोहन शुक्ल 
  • विधानसभा में अंतिम शपथ लेने वाले विधायक --- बृजमोहन अग्रवाल 
  • विधानसभा में प्रथम प्रति पक्ष के नेता --- श्री नंदकुमार साय 
  • विधायक पद से इस्तीफा देने वाला विधायक --- रामदयाल उइके (मरवाही
  • सहकारिता के जनक --- पं.वामन राव लखे 

छत्तीसगढ़ में विविध प्रथम :- 

छत्तीसगढ़ के प्रथम में  विविध समाचार पत्र , विश्वविद्यालय  ,शहीद सेनानी ,उल्लेख , स्वतंत्रता  संग्राम आदि विविध छत्तीसगढ़ राज्य के प्रथम GK की जानकारी नीचे विस्तार से दिया गया है 

  • छत्तीसगढ़  का प्रथम दैनिक समाचार पत्र --- महाकौशल 
  • छत्तीसगढ़ का पहली बार उल्लेख किया --- दलपत राव
  • छत्तीसगढ़ का प्रथम विश्वविद्यालय --इंदिरा गंधी संगीत कला विष्वविधालय खैरागढ़ (राजनांदगांव )
  • छत्तीसगढ़ का प्रथम समाचारपत्र --- छत्तीसगढ़ मित्र (1900 ) पेंड्रा बिलासपुर 
  • छत्तीसगढ़ का साहित्य में पहली बार उल्लेख किया --- गोपाल मिश्र (खूबतमाशा )
  • छत्तीसगढ़ की प्रथम आकाशवाणी --- रायपुर1963 
  • छत्तीसगढ़ की प्रथम महाविद्यालय --- छत्तीसगढ़ महाविद्यालय रायपुर 
  • छत्तीसगढ़ की प्रथम सेनानी शहीद --- हनुमान सिंह 
  • छत्तीसगढ़ की संकल्पना  करने वाले  व्यक्ति --- पंडित सुन्दर लाल शर्मा 
  • छत्तीसगढ़ के  स्वतंत्रता  संग्राम में प्रथम शहीद --- वीर नारायण सिंह (10 दिसंबर 1857 )गाँधी चौक रायपुर
  • छत्तीसगढ़ के पहले जान कवि --- कोदूराम दलित 
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम कवयित्री --- डॉ  निरुपमा शर्मा (सोनाबाई )
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम कहानी --- हीरु के कहनी 
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम कहानी कार --- बंशी धार पांडे 
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम निबंधकार --- केयर भूषण 
  • छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद --- गेंद सिंह(1825 परलकोट विद्रोह )
  • छत्तीसगढ़ में  सहकारिता के जनक ---- वामन राव लाखे (लोकप्रिय )
  • छत्तीसगढ़ में प्रथम पद्म श्री विजेता --- मुकुटधर पांडे 
  • छत्तीस गढ़ी  के पहले कवि--- नरसिंह दास(शिवायन 1704 )
  • छत्तीस गढ़ी का पहला अंग्रेजी ग्रामर --- जार्ज ग्रियर्सन (ए  ग्रामर ऑफ़ छत्तीसगढ़ डायलाफ्ट )
  • छत्तीस गढ़ी के प्रथम नाटक --- कलिकाल (1905 )
  • छत्तीस गढ़ी के प्रथम निबंध --- राडी बम्हनिन के दुर्दशा (1968 )
  • छत्तीस गढ़ी प्रथम नाटककार --- लोचन प्रसाद पाण्डे
  • छत्तीस गढ़ी भाषा का  व्याकरण --- छत्तीसगढ़ी बोली का व्याकरण (लेखक :- हीरालाल  काव्योपाध्याय  (पाणिनि)1890 )
  • प्रथम उपन्यासकार --- शिवशंकर शुक्ल 
  • प्रथम छत्तीस गढ़ी उपन्यास --- मोंगरा 
  • प्रदेश में पहले सीमेंट कारखाना --- जामुल दुर्ग 
  • राज्य मांग के लिए गठित पहला संगठन --- छ. ग. शोषण विरोधी मंच  
  • विधान सभा में पृथक छत्तीसगढ़  मांग करने वाले व्यक्ति --- रामकृष्ण सिंह 
  • सबसे प्राचीन मंदिर --- देवरानी -जेठानी (तलगांव बिलासपुर )
  • सबसे प्राचीन मूर्ति --- चतुर्भुज विष्णु मंदिर (बूढ़ीखार मल्हार )

दोस्तों अगर आप पहली बार हमारी वेबसाइट answerduniya.com में आये है तो  छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम GK के अलावा हिंदी, विज्ञान, बायोलॉजी, zoology, गणित इस सब के ऊपर पहले से पोस्ट किया गया है जिस विषय में रुचि हो उस पर क्लिक करते ही आप उस टॉपिक में पहुच सकते हैं।.

छत्तीसगढ़ राज्य में प्रथम GK से जुड़ा FAQs

1.छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला मंत्री कौन थी?

उत्तर-छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण उपरान्त राज्य की प्रथम महिला मंत्री श्रीमती गीता देवी सिंह थी।

2.छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री कौन थे?

उत्तर – छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री श्री अजित प्रमोद कुमार जोगी थे।

3.छत्तीसगढ़ के प्रथम गृह मंत्री कौन थे ?

उत्तर – छत्तीसगढ़ के प्रथम गृहमंत्री नंद कुमार पटेल थे।

4.छत्तीसगढ़ के प्रथम शिक्षा मंत्री कौन थे ?

उत्तर – छत्तीसगढ़ के प्रथम शिक्षा मंत्री सत्यनारायण शर्मा थे।

5.छत्तीसगढ़ के प्रथम कहानीकार कौन हैं ?

उत्तर – छत्तीसगढ़ के प्रथम कहानीकार पं सीताराम मिश्र हैं |


इस पोस्ट में हमने छत्तीसगढ़ के प्रथम के बारे में जाना। छत्तीसगढ़ का निर्माण 1 नवम्बर सन् 2000 को हुआ और इसके बाद छत्तीसगढ़ में जो भी प्रथम पदनियुक्ति, प्रथम पुरस्कार, प्रथम स्कूल, कॉलेज आदि हुए । इन सभी की जानकारी इस पोस्ट में संग्रहित किया गया है।

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